नीलम रत्न को किस धातु में पहना जाता है – Neelam Ratna Ko Kis Dhatu Me Pahna Jata Hai

नीलम रत्न को किस धातु में पहना जाता है – Neelam Ratna Ko Kis Dhatu Me Pahna Jata Hai

 

 नीलम रत्न को किस धातु में पहना जाता है – Neelam Ratna

 Ko Kis Dhatu Me Pahna Jata Hai

नीलम रत्न (Neelam ratna kis dhatu me pahanna chahiye) को किस धातु में पहना जाता हैl बहुत से लोगों को इस विषय में बहुत सी उलझाने बनी रहती हैl वह हमेशा इस बात को लेकर संशय में रहते हैं, कि आखिर नीलम रत्न को किस धातु में पहने जिससे उस रत्न का उस धातु के साथ सही एकीकरण हो सके तथा उसका लाभ हमें अप्रतिम रूप से प्राप्त हो।

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नीलम एक रत्न होता है, जो देखने में नीला वर्ण का होता है, जिसकी आभा बहुत ही मनभावन मन को लुभाने वाली होती है। नीलम रत्न शनि ग्रह से संबंधित होता है lशनि ग्रह जिन्हें पूरे ब्रह्मांड का दंडाधिकारी एवं न्यायधीश होने का वरदान स्वयं शिव शंभू के द्वारा प्राप्त हुआ थाl नीलम रत्न (Neelam ratna kis dhatu me pahanna chahiye in hindi) न्याय के देवता शनि ग्रह को निरूपित करता है lशनि ग्रह जो गरीब वर्ग मजदूर वर्ग लाचार वर्ग समाज समिति आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं, तथा नीलम रत्न इन्हीं को समर्पित होता हैl

सृष्टि को जब सृजित किया गया तब ईश्वर के द्वारा हमारे लिए विभिन्न प्रकार के संसाधन प्रदान किए गए, सभी संसाधनों में से सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है- रत्न, जो विभिन्न प्रकार के आकाशीय पिंडों से संबंधित होते हैं, तथा जिस प्रकार हमारी उंगलियां इन विभिन्न प्रकार के ग्रहों तथा उपग्रहों के शक्तियों को अपने अंदर समाहित रखती है, उसी प्रकार इन रत्नों में भी विभिन्न ग्रहों के ऊर्जा विद्यमान रहते हैं।

उनकी ऊर्जा समाहित रहती है, और जब हमारे द्वारा अभिमंत्रित की हुई या पूरी तरह से जागृत ऊर्जा वाला रत्न जब हमारे द्वारा हमारे हाथों की विशिष्ट उंगली में धारण की जाती है, तब नीलम रत्न (Neelam Ratna Ko Kis Dhatu Me Pahna Jata Hai) हमारे अंदर जो गुप्त शक्ति सुप्त अवस्था में स्थित होती है lवह धीरे-धीरे जागृत होने लगती है, तब जाकर हमें जिस ग्रह से संबंधित हमने रत्न धारण किया हैl

उस रत्न का हमें कृपा प्राप्त होने लगता है, तथा उससे संबंधित विभिन्न प्रकार के सकारात्मक परिणाम हमारे जीवन में देखने को मिलने लगते हैं, जिन जटिल या विषम परिस्थितियों में हम फंसे हुए होते हैं। जिन्हें अब तक हमें यह समझ नहीं आ रहा था कि उस परेशानी से हम कैसे बाहर निकले तथा हम विचलित हो उठे थे कि अब हमारा क्या होगा हम आगे क्या करेंगे? ऐसे में नीलम रत्न (neelam kis dhatu me pahne) हमें सही बुद्धि एवं सही विवेक प्रदान कर हमारे अंदर ऐसी क्षमता का निर्माण करता है।

जिससे हम इन परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हो या इन परिस्थितियों को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में लाने में सक्षम हो जाते हैं, या इन विषम परिस्थितियों को हमारे द्वारा पूरी तरह से समाप्त करने की क्षमता का उद्गम हमारे अंदर होने लगता है, तथा जीवन के विभिन्न पहलुओं पर भी हमें अनुकूल प्रभाव देखने को मिलने लगते हैं, जिससे हम अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं तथा सफलता को प्राप्त करने की अद्भुत क्षमता रखते हैंl

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नीलम रत्न धारण करने से हमें निम्नलिखित लाभ प्राप्त होता है-

1. नीलम रत्न (neelam ratna kis dhatu me dharan karna chahiye in hindi) को धारण करने से हमारे जीवन में बहुत से बदलाव देखने को मिलते हैं, तथा शनि देव का नीलम रत्न हमें हमारे जीवन में स्थायित्व प्रदान करता है, क्योंकि शनि ग्रह का सबसे प्रमुख गुण होता है, -स्थायित्वl बहुत से लोग होते हैं, जिनकी जिंदगी में परेशानियां एक लंबी सड़क के समान होती है, जो चलते तो जाते हैं, किंतु कभी भी समाप्त होने का नाम नहीं लेते हैं lउनकी स्थिति बिल्कुल एक पानी में तैरते नाव की तरफ होती है, जो चलती कम डगमगाती ज्यादा है, जिससे उनके जीवन में हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है, ऐसे में यह चमत्कारिक रत्न नीलम उनके जीवन में स्थायित्व स्थापित करता है, तथा उनके जीवन की तनावपूर्ण स्थितियों को खत्म करता हैl

2. शनि ग्रह की कृपा दृष्टि से ही हमें नौकरी पेशा या आजीविका के विभिन्न साधन प्राप्त होते हैं, जिन पर इनकी क्रूर दृष्टि होती हैl उन लोगों को नौकरी पेशा में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जो अद्भुत ज्ञान का भंडार अपने अंदर समाहित किए हुए रहते हैं, किंतु शनि ग्रह की कुदृष्टि की वजह से उन्हें नौकरी पेशा या किसी भी प्रकार की आजीविका को पाने में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है lऐसे में यदि नीलम रत्न (neelam ratna kis dhatu me dharan karna chahiye) धारण किया जाए तो नौकरी पेशा या आजीविका से संबंधित विभिन्न परेशानियों का निवारण शीघ्र अति शीघ्र होता हैl

नीलम रत्न (neelam ratna kis dhatu me dharan kare) को धारण करने से और भी अनगिनत एवं अद्भुत लाभ हमें प्राप्त होता है, जिसका अनुभव समय बीतने के साथ आपको होता है, तथा नीलम रत्न आपके जीवन को परिपूर्ण बनाता है, तथा विभिन्न प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति करता है।

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ऐसा हमारे पूर्वजों के द्वारा हमेशा से सिखाया गया है, कि हर कार्य को करने का एक अपना ढंग होता है। उसकी एक पद्धति होती है, जिसको हमें अच्छे से अनुकरण करना होता हैl तभी जाकर हमें अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं lयदि हम उस पद्धति का अनुसरण नहीं करते हैं, तो हमें वह लाभ नहीं प्राप्त होता है, जो हमें प्राप्त होना चाहिए, जैसे सूर्य और चंद्रमा अपनी एक सटीक समय पर ही उदित होते हैं, या अस्त होते हैं lउसी प्रकार किसी भी रत्न हो उपरत्न हो या कोई और कार्य हो, सभी को एक सही नियम अनुसार अनुकरण करते हैं।

 

 

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शनि ग्रह से संबंधित धातु लोहे को माना जाता है, किंतु लोहा एक कठोर धातु होता है, तथा इसमें नीलम रत्न को पिरोना थोड़ा मुश्किल का काम होता हैl इस वजह से नीलम रत्न (Neelam ratna kis dhatu me dharan karen) को यदि सोना या प्लैटिनम या पंचधातु के मिश्रण जो बने हुए होते हैं, रांगा, जस्ता ,लोहा ,चांदी ,सोना इन पांच धातुओं के मिश्रण से पंचधातु निर्माण होता है, और इसमें यदि नीलम रत्न धारण किया जाए तो ऐसा ज्योतिष विद्वानों का मत है, कि इससे हमें शनि ग्रह का चमत्कारिक रूप से कृपा प्राप्त होता है, तथा नीलम रत्न हमारे सफलता के सारे मार्ग को खोल देता है, तथा जीवन में जिन भी परेशानियों का सामना हम कर रहे थे या जिनकी वजह से हमारी स्थिति क्षत-विक्षत हो गई थी।

 उन सभी परेशानियों को नीलम रत्न (Neelam ratna kis dhatu me pahne) समाप्त करने की हमारे अंदर भरपूर क्षमता प्रदान करता है lपंच धातु युक्त अंगूठी में जरित नीलम रत्न को हमें शनिवार के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व या मध्य रात्रि को धारण करना चाहिए, इस समय इसकी सारी ऊर्जाएं अपने सर्वोत्तम स्तर पर होती है, तथा यह बहुत अधिक ऊर्जावान होती है, इसमें बहुत सी शक्तियां इस समय विद्यमान रहती है, तथा नीलम रत्न को धारण करने से हमें शनि ग्रह की कृपा प्राप्त होती है।

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