पुखराज रत्न के उपाय – Pukhraj Ratna Ke
Upay
पुखराज रत्न के उपाय – (pukhraj ratna ki jankari) जानने को बहुत से लोग इच्छुक होते हैं। विश्व प्रसिद्ध लोकप्रिय रत्न के बारे में इतनी विस्तृत तरीके से वर्णन किया गया है तथा इसके गुणों का बखान किया गया है, कि हर कोई इसका लाभ उठाना चाहता है, हर कोई इसके उपायों को अपना कर अपने जीवन को सफल एवं सार्थक बनाना चाहता है।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति ग्रह का किसी जातक की कुंडली में शुभ होने से विभिन्न प्रकार के क्रूर एवं मारक ग्रहों का प्रभाव यह बहुत हद तक निष्फल करने में सक्षम होते हैं, इसलिए जब भी किसी जातक की कुंडली की विवेचना की जाती है, तो सर्वप्रथम पहले गुरु बृहस्पति का अस्तित्व किस भाव में अवस्थित हैl यह जानने के पश्चात ही उनके अगले पृष्ठ की जानकारी देते हैंl इसमें इतनी क्षमता होती है, कि क्रूर ग्रहों या पापी ग्रहों द्वारा दिए जा रहे विभिन्न प्रकार के नकारात्मक या विभिन्न प्रकार के प्रतिकूल परिस्थितियों को भी यह ग्रह विफल करने में सक्षम होते है, और यदि इसका रत्न पुखराज रत्न (pukhraj ratna ke upay in hindi) धारण किया जाए तो इनकी शक्ति और अधिक बढ़ जाती है।
गुरु ग्रह के शक्तियों को जागृत करने के लिए लोगों के द्वारा पुखराज रत्न (pukhraj ratna ke upay kya hai) को धारण किया जाता है। पुखराज रत्न देखने में बिल्कुल पीला वर्ण का होता है, इसके विभिन्न प्रकार के ग्रैफिक्स पीले रंग के आपको देखने के लिए मिल सकते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि विश्व में इसके बहुत से रंगो के पुखराज रत्न पाए जाते हैं, जो कि गुलाबी, पीला ,नीला ,आसमानी आदि होता है, किंतु सबसे सर्वश्रेष्ठ और सबसे उत्तम रंग पीला रंग माना जाता है, क्योंकि गुरु ग्रह बृहस्पति को यह रंग बहुत ही भाता हैl उनसे संबंधित विभिन्न प्रकार की चीजों का रंग भी पीला ही होता है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए लोगों के द्वारा बहुत से उपाय अपनाए जाते हैंl उन उपायों में लोग अधिक से अधिक पीली चीजों का उपयोग करते हैं, जिससे वह गुरु ग्रह की कृपा को प्राप्त कर सकें। इस रत्न को धारण करने से गुरु ग्रह की कृपा दृष्टि सदैव जातक के ऊपर बनी रहती है।
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यह एक अद्भुत रत्न है, जिसमें बहुत सी शक्तियां समाहित रहती है, सृष्टि के विभिन्न संसाधनों में से सबसे सर्वश्रेष्ठ एवं प्रमुख संसाधनों में से एक रत्न है। पुखराज रत्न (pukhraj ratna ke upyog) जो कि गुरु ग्रह से संबंधित होता है। गुरु ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, पूरे ब्रह्मांड में जितने भी आकाशीय पिंड है। उन सभी में से सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति ग्रह ही है, तथा इन्हें गुरु की उपाधि से अलंकृत किया गया है। देवता हो या दानव गन हो या मनुष्य सभी इनके समक्ष नतमस्तक होते हैं, तथा इन्हें बहुत मान सम्मान देते हैं, तथा इन लोग सभी के मन में उनके प्रति आदर भाव की भावना बनी रहती है। कभी भी कोई भी प्राणी इनकी और तिरस्कार की दृष्टि से नहीं देखता है।
यह जहां भी जाते हैं, इनका बहुत स्वागत किया जाता है, एवं दिल से स्वागत किया जाते हैं, बड़े से बड़ा शक्तिशाली व्यक्तित्व वाले देवता भी इनके सामने नतमस्तक होते हैं, क्योंकि गुरु की कृपा होती ही इतनी अनोखी है, जिसकी चर्चा हम शब्दों में केवल बयान नहीं कर सकते हैं, इनकी महिमा को समझना इतना आसान नहीं है, इनकी महिमा बहुत निराली होती है, और इनकी शक्तियां पुखराज रत्न में निरूपित रहती है। पुखराज रत्न (pukhraj ratna ke upyog kaise kare) गुरु ग्रह बृहस्पति के शक्तियों को अवशोषित करता है, तथा इसकी ऊर्जा भंडारण शक्ति का ना कोई अंत है, ना कोई आदि है।
पुखराज रत्न के निम्नलिखित उपाय कर लोगो के जीवन में विभिन्न प्रकार के बदलाव देखने को मिल सकते हैं-
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1. पुखराज रत्न (pukhraj ratna ke pahanane ke fayde) का औषधीय गुण भी कुछ कम नहीं है, उदर संबंधित विभिन्न प्रकार के विकारों में इस रत्न का उपयोग किया जाता हैl यह हमारे कफ पीत आदि को नियंत्रण में रखता है, तथा हमारे पाचन तंत्र प्रणाली को काफी मजबूत बनाता है, जिससे हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है, तथा हम विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचे रहते हैं, जैसे -शुगर ,कब्जियत आदि खतरनाक बीमारियों से हम खुद को सुरक्षित रख पाते हैं।
2. पौराणिक काल में पुखराज रत्न (pukhraj ratna dharan karne ke fayde) को लोगों के द्वारा प्रतिष्ठित कर भगवान के मंदिर या पूजा घर में स्थापित किया जाता था, जिससे इनकी कृपा हमेशा बरसती रहे तथा देवी शक्ति की भी कृपा हमारे ऊपर बनी रहे जीवन के किसी भी आयाम में हम लोग हो हमारे समक्ष कितनी भी परेशानी क्यों ना हो लेकिन गुरु ग्रह की कृपा तथा दिव्य शक्ति की कृपा से हम विचलित ना हो तथा विभिन्न प्रकार के समस्याओं से खुद को निकालने में सक्षम हो lअपना धैर्य ना खोए इसलिए इस रत्न को प्रतिष्ठित किया जाता था इस पद्धति को आज भी बहुत से लोगों के द्वारा अपनाया जाता है, तथा गुरु ग्रह की शक्ति को और अधिक जागृत किया जाता है, और उनकी कृपा को प्राप्त किया जाता है।
3. पुखराज रत्न (pukhraj ke fayde) को धारण करने से पठन-पाठन या विद्या अध्ययन करने में लोगों को बहुत सहायता मिलती है। बच्चों के लिए तो यह रत्न वरदान से कम नहीं है, बहुत से परीक्षार्थियों के द्वारा परीक्षा में सफलता की संभावना को बढ़ाने के लिए यह रत्न धारण किया जाता है, विभिन्न प्रकार के उलझन में से पुखराज रत्न आपको बाहर निकाल कर किसी भी तरीके से आपको विमुख नहीं होने देता हैl यह आपको पूरी तरह से अपने लक्ष्य के प्रति केंद्रित रखता है, जिससे आप अपने लक्ष्य के प्रति सहस्त्र रूप से कर्मठ होकर मेहनत करें तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।
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4. पौराणिक काल से ही यह पद्धति चली आ रही है, कि बहुत से लोगों के द्वारा दीपावली के दिन जब हम लक्ष्मी पूजन आदि करते हैं, तब उस दिन पुखराज रत्न (pukhraj ke upay,) को प्रतिष्ठित कर गुरु ग्रह बृहस्पति के मंत्रों से अभिमंत्रित कर हम अपने तिजोरी या रुपयों पैसे रखने या जहां गहने आदि रखते हैं, वहां प्रतिष्ठित करते हैं, क्योंकि लोगों का ऐसा मानना होता है, कि ऐसा करने से गुरु ग्रह की कृपा से उन्हें धन संबंधित किसी भी तरह की परेशानी का सामना कभी भी नहीं करना पड़ता है। यदि आती भी है, तो उसका हल भी स्वयं ही गुरु कृपा से प्राप्त हो जाता है lगुरु की कृपा दृष्टि से उनकी आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत रहती है, तथा उनकी कृपा उनके पूरे परिवार पर यूं ही बरसती रहती है, तथा घर परिवार में संपन्नता छाई रहती है।
5. पुखराज रत्न को धारण करने से हमारे सौभाग्य में वृद्धि होती है। हमारा भाग्य बहुत बलवान होता है।
6. पुखराज रत्न (pukhraj pahanne se kya hota hai) को शिक्षा संबंधित विविध क्षेत्र के लोगों के द्वारा यदि धारण किया जाता है, तो उनके ज्ञान में वृद्धि होती है। उनके सोचने समझने की शक्ति में रूपांतरण होता है, तथा उनके विचारों उनका ज्ञान का प्रसार बढ़ता है। बड़े से बड़ा अमीर व्यक्ति या बड़े से बड़ा प्रभावशाली व्यक्तित्व वाला व्यक्ति भी उनके समक्ष नतमस्तक होता है lउनके ज्ञान के समक्ष नतमस्तक होता है lउनके प्रभावशाली व्यक्तित्व तथा ज्ञान से शायद ही कोई व्यक्ति हो जो प्रभावित ना हो अन्यथा उनका समाज में काफी नाम होता है? वह शख्स बहुत पूजनीय होता है, लोगों के द्वारा उसे काफी मान सम्मान दिया जाता है तथा लोगों के मन में उसे लेकर काफी श्रद्धा भाव की भावना बनी रहती है।
7. पुखराज रत्न को धारण करने वाले जातक के जीवन में वैभव ऐश्वर्य धन-धान्य संपत्ति घर आदि किसी भी चीज की कमी नहीं रहती है, गुरु की कृपा दृष्टि और भी उसके सुखी जीवन को सुखमय बना देती है।
8.पुखराज रत्न (pukhraj ratna kaisa hota hai) को धारण करने से विभिन्न प्रकार की कलात्मक गुणों में वृद्धि होती है, जिससे लोगों को धन उपार्जन या जीविकोपार्जन में आसानी होती है। विभिन्न प्रकार के कलात्मक कौशल जैसे एक्टिंग, सिंगिंग, डांसिंग ,राइटिंग इन सभी चीजों में उसकी पकड़ बहुत मजबूत होती है, तथा वह कलात्मक गुणों से परिपूर्ण व्यक्तित्व वाला व्यक्ति होता है।
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