नीलम रत्न किसे पहनना चाहिए – Neelam Ratna Kise Pahanna Chahiye

नीलम रत्न किसे पहनना चाहिए – Neelam Ratna Kise Pahanna Chahiye

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नीलम रत्न किसे पहनना चाहिए – Neelam

 Ratna Kise Pahanna Chahiye

नीलम रत्न किसे पहनना चाहिए- (neelam ratna dharan karne ke labh) आज का हमारा विषय हैl इस लेख के माध्यम से हम जानने का प्रयास करेंगे कि नीलम रत्न किसे धारण करना चाहिए-

प्रकृति ने मनुष्य को विभिन्न प्रकार के संसाधनों को प्रदान कर उसके जीवन को हर चीज से परिपूर्ण बना दिया है, किंतु अत्यधिक लोभ ,लालच ,तृष्णा, द्वेष आदि में पड़ कर लोग मानवता क्या होता है, इस शब्द को भूलते ही जा रहे हैं, केवल लालच में आकर विभिन्न प्रकार के संसाधनों का अत्यधिक उपयोग कर उनका क्षरण कर रहे हैं, जिससे बहुत से संसाधन विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैंl बहुत से जीव जंतु भी मनुष्य के लालच की बलि चढ़ गए हैं lउनका अस्तित्व पृथ्वी पर से पूरी तरह समाप्त हो चुका हैl लेकिन प्रकृति शायद हमारे इस बर्ताव को समझती है, इसी वजह से उसने शनि ग्रह जैसे ग्रह का निर्माण कियाl जो पूरी सृष्टि में संतुलन स्थापित करने के लिए सृजित किया गया है, जो आपको, हम हो या कोई और हो उसे उसके कर्मों का हिसाब पूरी तरह से चुकाना पड़ता है।

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शनि किसी पर भी दया दृष्टि नहीं दिखाता है, ना यह किसी का दोस्त होता है, ना यह किसी का दुश्मन होता हैl यह केवल आपके कर्म निर्धारित करते हैं, कि इसकी दृष्टि आप पर कैसी रहेगी?? अच्छी रहेगी या बुरी रहेगी! पाश्चात्य ज्योतिष विज्ञान हो या भारतीय ज्योतिष विज्ञान सभी की नजरों में शनि ग्रह एक ऐसा ग्रह है, जो पीड़ा, दुख आदि को संबोधित करता है, लेकिन प्रकृति बहुत दयावान है शायद यही वजह है, कि इस क्रूर ग्रह की कुदृष्टि से बचने के लिए भी हमें प्रकृति के गर्भ से ही इसका समाधान प्राप्त होता हैl वह समाधान है, नीलम रत्न (neelam ratna kise dharan karna chahiye) जो शनि ग्रह के विभिन्न प्रभाव को नष्ट करने में सक्षम होता है।

प्राकृतिक नीलम रत्न (neelam ratna kaun dharan kar sakta hai) में बहुत सी शक्तियां विद्यमान रहती हैं, एवं जिस जातक के द्वारा इसे धारण किया जाता है यदि यह उसके अनुकूल परिणाम देने लगे, तब उसके जीवन पर विभिन्न प्रकार से सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं lचाहे उसका व्यक्तित्व हो या फिर मानसिक शक्ति हो lयह एक चमत्कारी रत्न है, जो भारत के कुछ ही दुर्लभ जगहों पर से इसकी प्राप्ति होती हैl उसमें से एक जगह है, जम्मू-कश्मीर जहां इसके खदान है, किंतु उस खदान में भी बहुत मुश्किल से नीलम रत्न की प्राप्ति होती है, तथा इस खदान का नीलम रत्न बहुत ही ज्यादा उत्कृष्ट होता है, तथा यह बहुत अधिक मूल्यवान भी होता है, इसलिए केवल कुछ लोगों के ही द्वारा इसकी प्राप्ति हो सकती है lइसलिए नीलम रत्न की पूर्ति मुख्यतः श्रीलंका में पाए जाने वाले नीलम से ही की जाती है।

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श्रीलंका की नीलम भी उत्कृष्ट प्रवृत्ति के होते हैंl इसके परिणाम भी बहुत ही सकारात्मक देखने को मिलते हैं इसलिए बहुत से लोगों के द्वारा उसे धारण किया जाता हैl नीलम रत्न देखने में नीला वर्ण का होता हैl बहुत ही मनमोहक नीली प्रकाश इस से निकलती है, बिल्कुल मोर के पंख के समानl प्राकृतिक नीलम रत्न (neelam ratna kaun pahan sakta hai) का घनत्व बहुत अधिक होता है, इसलिए जब की कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न के साथ इसकी प्रतिस्पर्धा की जाती है, तब आपको भले ही देखने में कृत्रिम नीलम रत्न बड़ा लगे किंतु जब उसका वजन किया जाएगा तो प्राकृतिक नीलम रत्न से उसका वजन बहुत ही कम होगा। प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले नीलम रत्न में दो समानांतर रेखाएं अद्भुत तरीके से किसी संरचना का निर्माण करती है, तथा जब उस पर सूर्य की रोशनी या चंद्र की रोशनी पड़ती है, तब इससे बहुत ही अद्भुत प्रकाश निकलता है।

सर्वश्रेष्ठ नीलम रत्न (neelam ratna kise dharan karen) देखने में बहुत ही चमकीला एवं आकर्षित होता हैl नीलम रत्न को धारण वाले करने वाले व्यक्ति के व्यक्तित्व में चमत्कारी रूप से बदलाव देखने को मिलते हैं lवह व्यक्ति बहुत ही अधिक धैर्यवान होता है, तथा उसमें विभिन्न प्रकार की कौशल क्षमता का निर्माण होता है, जिससे वह समाज में अपनी एक उचित पद प्रतिष्ठा स्थापित करने में सक्षम होता हैl वाकपटुता की कला उसमें कूट-कूट कर भरी रहती है lइसी वजह से लोगों के बीच वह एक आकर्षण का केंद्र रहता हैl उसमें गजब की मानसिक मजबूती देखने को मिलती है, उसकी मानसिक शक्ति जटिल से जटिल परिस्थितियों को भी सुलझाने में सक्षम होती है, तथा उसकी दृढ़ इच्छा हर कार्य को सफल बनाने में भरपूर कोशिश करती है, जिसकी वजह से सफलता उसके कदम चूमती है, किंतु यदि नीलम रत्न किसी को नहीं धारता है, उस स्थिति में उसे बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उसके सारे काम बिगड़ने शुरू हो जाते हैं, तथा विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाओं का शिकार वह हो जाता है।

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प्रतिकूल समाचार सुनने को मिलने लगते हैं, तथा बने बनाए कार्य भी उसके बिगड़ जाते हैं l रात को वह सो नहीं पाता एवं डरावने सपने उसका पीछा नहीं छोड़ते है, नीलम रत्न एक ऐसा रत्न है, जो तीव्रता के साथ अपना परिणाम दिखाता है lइसी वजह से बिना सोचे समझे नीलम रत्न को धारण नहीं करना चाहिए, किसी विद्वान ज्योतिष की सलाह पर ही अपनी कुंडली दिखा कर अच्छे से सूज बुझकर नीलम रत्न (neelam ratna kaun dharan karen) को धारण करना चाहिए, अन्यथा इसके परिणाम कुछ भी हो सकता है, नीलम रत्न को पहनने के लिए कुंडली में किन किन लोगों का होना आवश्यक है, आइए जानते हैं।

1. यदि किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती या शनि की अंतर्दशा या फिर किसी भी प्रकार से मानसिक कष्ट तथा शारीरिक कष्ट शनि ग्रह के द्वारा दिया जा रहा हो तो उस स्थिति में जातक के द्वारा नीलम रत्न धारण किया जा सकता है, जिससे उसे बहुत हद तक उसकी परिस्थिति में सुधार आएगा।

2. यदि जन्म कुंडली के चतुर्थ, दशम और ग्यारहवें भाव में शनि देव स्थित है, तो ऐसी परिस्थिति में भी नीलम रत्न (neelam ratna dharan karne ke fayde) को यदि चांदी में पिरो कर धारण किया जाए तो जातक को सकारात्मक परिणाम देखने को मिलने लगते हैं, तथा उसका जीवन सफल हो जाता है।

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3. यदि जातक की कुंडली में शनि आपने भाव के आठवें स्थान पर स्थित हो, तो ऐसी स्थिति में नीलम धारण किया जा सकता है, इससे अच्छे परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे।

 

 

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4. यदि शनि ग्रह कुंभ तथा मकर राशि के शुभ भाव में स्थित हो तो ऐसी स्थिति में इन दोनों राशियों पर उनकी कृपा दृष्टि बनी हुई रहती है, ऐसे में नीलम रत्न (neelam ratna pahanne ke fayde) धारण करना सोने पर सुहागा साबित हो सकता है।

5. किसी जातक की कुंडली में यदि शनि अपने भाव से छठे या आठवें स्थान पर स्थित हो तो ऐसी परिस्थिति में नीलम रत्न अवश्य धारण करना चाहिए से आपको बहुत लाभ प्राप्त होगा।

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6. यदि किसी की कुंडली में मजबूत ग्रह के साथ शुभ स्थान में शनि ग्रह बैठा हो अथवा जन्म जन्म कुंडली में शनि यदि वाली होता है, उस परिस्थिति में नीलम रत्न (neelam ratna ke fayde) धारण करने से आपको विशिष्ट प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैंl

नीलम रत्न अपने त्वरित प्रभाव देने के लिए जाना जाता है lअतः इसे अच्छे से जांचने परखने के बाद ही धारण करें।

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