पुखराज रत्न के उपयोग – Pukhraj Ratna
Ke Upyog
पुखराज रत्न (pukhraj ratna ka upyog kaise karen) के उपयोग अनगिनत होने से यह रत्न बहुत प्रचलित है, यह एक लोकप्रिय रत्न है, जिसकी शक्तियां असीम है, इसमें अद्वैत भौतिक गुणों का समावेशन होता है, पुखराज रत्न देखने में पीला रंग का होता है, बिल्कुल स्वर्ण के समानl इसका रंग हमारे मन, मस्तिष्क को ताजा कर देता है, तथा हमारी आंखों को ठंडक पहुंचाता है, वैदिक ज्योतिष विज्ञान में गुरु ग्रह को सभी ग्रहों का गुरु के रूप में अलंकृत किया जाता है, लोग इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए अनगिनत उपाय अपनाते हैं।
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उन उपायों में से एक उपाय यह भी है, कि पुखराज रत्न (pukhraj ratna ka upyog kaise kare) को धारण करना कभी कभी किसी किसी की कुंडली में अल्प गति से यह ग्रह अपना प्रभाव दिखाता है, जिसकी वजह से उसके जीवन में बहुत से काम अटके पड़े हुए रहते हैं, ऐसी परिस्थिति में उसके द्वारा यदि पुखराज रत्न धारण किया जाता है, तो उसका गुरु ग्रह मजबूत होने लगता है, तथा उसके रुके हुए सारे कार्यों का समापन भी शुरू हो जाता है, उसके सारे कार्य बनने लगते हैं, तथा विभिन्न प्रकार की महत्वाकांक्षाओं की भी पूर्ति होती है, पुखराज रत्न के और भी रंग मिलते हैं, गुलाबी ,पीला ,नीला, सफेद आदि किंतु इन सभी में से केवल पीला वर्ण का ही पुखराज रत्न गुरु बृहस्पति को मजबूत बनाने के लिए या उनकी कृपा प्राप्ति के लिए यह रत्न धारण किया जाता हैl
पुखराज रत्न (pukhraj ratna ke kya upyog hote hai) मुख्यता हमें ब्राजील, मेक्सिको, रूस ,श्रीलंका ,जापान आदि जैसे देशों से प्राप्त होता हैl भारत का पड़ोसी राज्य म्यानमार से भी विस्तृत रूप में प्राप्त होता है lभारत के बहुत से पड़ोसी राज्यों में भी पुखराज रत्न के खान पाए जाते हैं, जहां से इसका खनन किया जाता है, सबसे अधिक पुखराज रत्न म्यानमार तथा ब्राजील के उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले होते हैं lब्राजील में पाए जाने वाले पुखराज रत्न का रंग और जगहों से पाए जाने वाले पुखराज रत्न के रंग से अधिक गहरा होता है, जिसकी वजह से इस जगह का पुखराज रत्न विश्व प्रसिद्ध होता है।
पूरे विश्व में इस जगह का पुखराज की बहुत अधिक मांग होती है, किंतु मांग अधिक तथा खनन कम होने की वजह से लोग इसे दूसरे देशों से भी मंगवा कर धारण करते हैंl अधिकतर पुखराज रत्न का रूपांतरण ग्रेनाइट की चट्टानों से होता है, तथा यह ज्वालामुखी के पर्वतों के दरारों में भी अवस्थित होते हैं, जिन्हें विभिन्न प्रकार की प्रक्रिया से गुजर कर यह रत्न हमें प्राप्त होता है, पुखराज रत्न (pukhraj ratna ke kya upyog kiya jata hai) को विभिन्न प्रकार के आकारों में बदलकर तथा इसकी अच्छे से पॉलिशिंग वगैरा करने के पश्चात ही हमें इसका सर्वोत्तम स्वरूप देखने को मिलता है।
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पुखराज रत्न का संयोजक एलुमिनियम क्लोरीन तथा सिलिकेट का खनिज होता हैl यह एक विश्व प्रसिद्ध रत्न है, जिसे पाश्चात्य ज्योतिष विज्ञान तथा भारतीय ज्योतिष विज्ञान में भी इसकी महत्ता को बहुत अधिक बताया गया है, किंतु आजकल के जमाने में प्राकृतिक रूप से निर्मित पुखराज रत्न खरीद पाना एक मुश्किल का कार्य है, क्योंकि पहला कारण तो यह है, कि यह एक बहुत महंगा रत्न होता हैl दूसरा कारण यह है, कि आपके द्वारा यदि उतने पैसे दे भी दिए जाते हैं, तब भी यह संशय बना रहता है कि आपको प्राप्त पुखराज रत्न (pukhraj ratna ka upyog) असली है, या नकली है lआप निम्नलिखित विभिन्न मापदंडों या पैमानों को जांच कर पता लगा सकते हैं, कि आपके द्वारा खरीदा गया या पहना गया पुखराज रत्न उत्कृष्ट गुणवत्ता वाला है, या निम्न गुणवत्ता वाला है, असली पुखराज रत्न को जब दूध में छोड़ दिया जाता है l
कुछ घंटों के पश्चात जब आप उसे बाहर निकालेंगे और उससे उसी प्रकार रोशनी निकल रही हो या उसकी चमक घटने के बजाय और अधिक बढ़ गई हो तो वह एक असली पुखराज रत्न (pukhraj ratna ka upyog kaha kiya jata hai) है, किंतु इसके उलट यदि उसकी रोशनी घट गई हो तथा उससे रोशनी उत्सर्जित हुई नहीं दिखा रही हो तो यह एक कृत्रिम रूप से निर्मित रत्न है, जब आप इसे सूर्य की रोशनी अथवा चंद्र की रोशनी में देखेंगे तो इससे पीली रोशनी निकलती हुई दिखाई देगी, जब आप इसे ताप पर रखेंगे तो यह दड़कने के बजाय या चटकने के बजाय यह और अधिक चमकने लगेगा, जबकि नकली रत्न के साथ ऐसा कुछ भी नहीं होगा, उसके उलट वाह काफी मुलायम होने लगेगा, जिससे आप उसमें किसी भी चीज से छेद करने में सक्षम होंगे।
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पुखराज रत्न के उपयोग निम्नलिखित प्रकार से हैं-
1. पुखराज रत्न (Pukhraj Ratna Ke Upyog) का उपयोग लोगों के द्वारा औषधीय रूप में भी किया जाता है, इसके उपयोग से उदर संबंधित परेशानियां दूर होती है, तथा बहुत से लोगों को गैस संबंधित तथा पीत शुगर जैसी परेशानियां भी होती है, जो पुखराज रत्न को धारण करने से बीमारियों में आराम मिलता है।
2. पुखराज रत्न (pukhraj ratna ka upyog kaha kiya jata hai) को लोग प्राचीन काल से ही अपने धन रखने के स्थान पर तथा पूजा घर में भी इस रत्न को अवस्थित करवाते हैं, जिससे उन पर मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है, तथा इसके साथ साथ उन पर ईश्वरीय कृपा भी बरसती रहती है, अपने आप को हर ओर से मजबूत बनाने के लिए लोग ऐसा करते हैं।
3. गुरु ग्रह को ज्ञान का ग्रह से संबोधित किया जाता है, तथा पुखराज रत्न (pukhraj ratna ke labh) को रत्नों का राजा कहकर संबोधित किया जाता है, क्योंकि इसमें अलौकिक शक्तियां विद्यमान होती है, जो आपके ज्ञान को बढ़ाती है, आपके ज्ञान का प्रसार कर आपका व्यक्तित्व रूपांतरण करती है, तभी तो आप एक विद्वान व्यक्ति एक ज्ञानी व्यक्ति के रूप में समाज में प्रतिष्ठित होते हैं, लोग आपका खूब मान-सम्मान आदर आदि करते हैं।
4. पुखराज रत्न (pukhraj ratna ke fayde) को धारण करने से लड़कियों का सतीत्व बरकरार रहता है lयह विधि प्राचीन काल के लोगों के द्वारा भी अपनाई जाती थीl स्त्रियों का सतीत्व ना टूटे एवं उनमें वह सारी शक्तियां विद्यमान रहे, जिनकी वह हकदार है, इसलिए ऐसा किया जाता था या है।
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5. पुखराज रत्न (pukhraj ratna ke upyog in hindi) को धारण करने से कभी भी धन-संपत्ति की कमी नहीं होती है, और रुपए से संबंधित परेशानियों का समापन होता है, तथा आय के नए नए स्रोत बनने लगते हैं, जिससे आर्थिक स्थिति काफी मजबूत होने लगती है, यह सब कृपा पुखराज रत्न के कारण होती है।
6. शिक्षा क्षेत्र में पुखराज रत्न (pukhraj ratna pahanne ke fayde) का बहुत महत्व हैl यह आपके ज्ञान को बढ़ाता है, तथा आपको विशिष्ट ज्ञानो का अर्जन प्राप्त करने में सहायक होता है।
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