पन्ना रत्न के प्रकार – Panna Ratna Ke Prakar

पन्ना रत्न के प्रकार – Panna Ratna Ke Prakar

 

पन्ना रत्न के प्रकार – Panna Ratna Ke

 Prakar

पन्ना रत्न (panna stone benefits in hindi) के प्रकार मुख्यता उसके अंदर के संयोजक के ऊपर निर्भर करता है। उसका रंग कैसा होगा यह भी उसके अंदर मौजूद तत्वों के द्वारा निर्धारित किया जाता है। पन्ना रत्न एक अलौकिक रत्न है, जो बुध ग्रह से संबंधित होता है, बुध ग्रह जिसे नौ ग्रहों में से राजकुमार होने की पदवी प्राप्त हैl यह रत्न बुध ग्रह के गुप्त शक्तियों को अवशोषित करने की क्षमता रखता है, तथा हमारे भाग्य को उदित करने की भी इसमें क्षमता होती है। शुद्ध पन्ना रत्न देखने में बहुत आकर्षक, चमकदार, लोचदार, स्वच्छ, पारदर्शक, चिकना आदि होते हैं।

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पन्ना रत्न (panna stone ke prakar) बेरील नामक खनिज के रूपांतरण से प्राप्त होता है। प्रारंभिक अवस्था में यह बिल्कुल पत्थर के समान होता है lकोयले की खदान से हमें पन्ना रत्न की प्राप्ति होती है। विभिन्न उपकरणों के द्वारा जांच पड़ताल परीक्षण किया जाता है। उसके पश्चात निष्कर्षण के बाद ही हमें पन्ना रत्न प्राप्त होता है। विभिन्न प्रकार की प्रक्रिया से गुजरने के पश्चात हमें सुंदर एवं आकर्षक पन्ना रत्न उपलब्ध होता है।

पन्ना रत्न (panna ke prakar) का सबसे दुर्लभ प्रकार ट्रेपीज पन्ना को माना जाता है, जिसका उद्गम स्थल कोलंबिया के खानों में पाया जाता है। इस पर प्राकृतिक रूप से तारांकित रहता है। विश्व के और भी देशों से यह रत्न प्राप्त होता है। अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ब्राज़ील, बुलगारीआ, कजाकिस्तान, भारत, इटली जर्मनी ,फ्रांस, लुधियाना इत्यादि अमेरिका के पन्ना रत्न भी उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले होते हैं।

पन्ना रत्न (panna kitne prakar ke hote hain) धारण करने से हमें विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं, बशर्ते कि हमारे द्वारा धारण किया जा रहा पन्ना रत्न उत्कृष्ट गुणवत्ता वाला हो इसकी जांचने की विभिन्न पैमाने है, जो निम्न प्रकार से हैं-
1. लकड़ी के विरुद्ध रगड़ने पर इसमें और अधिक चमक होगीl यह और अधिक आकर्षक दिखेगा, जबकि नकली पन्ना के साथ ऐसी कोई परिस्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
2. जब आप इसे सूर्य की किरणों में या चंद्र की किरणों में या किसी प्रकार की रोशनी डालेंगे तब नीचे की सतह से हरे रंग की रोशनी प्रदीप्त होती दिखाई देगीl यदि यह रोशनी इंद्रधनुष के रूप में उत्सर्जित हो रही है, तो यह केवल कांच का टुकड़ा है, पन्ना रत्न नहीं है।

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3. कच्ची हल्दी का लेप लगाने से यह रत्न लाल रंग में परिवर्तित हो जाता है, यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह कांच का टुकड़ा है।

4. जब आप इसे ताप पर रखेंगे तब इस में दरार या दरार नहीं पड़ेगा या यह चटके गा नहीं जबकि नकली या कृत्रिम रूप से निर्मित पन्ना रत्न पिघलने जैसा हो जाएगा तथा उसमें आप किसी चीज से खरोच भी लगा सकते हैं, ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि पन्ना रत्न का गलनांक बहुत अधिक होता है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित पन्ना रत्न (panna ke prakar in hindi) का गलनांक बहुत ही कम होता है।

5. यदि इस का वजन इसके रूप के अनुरूप नहीं हुआ तो यह रत्न पन्ना रत्न नहीं होगा क्योंकि पन्ना रत्न की संरचना संगठित होती है। भले ही वह देखने में छोटा लगे पर उसका वजन अधिक होता है।

पन्ना रत्न को धारण करने से निम्नलिखित लाभ हमें प्राप्त होता है-

6. पन्ना रत्न (panna ke prakar kya hai) धारण करने से वाणी से संबंधित विभिन्न प्रकार के दोषों का निवारण होता है। हकलाना, कर्कश बोली ,कठोर बोली या अपने विचारों को अच्छे से व्यक्त न करने जैसी समस्याओं का समाधान पन्ना रत्न को धारण करने से होता है, क्योंकि बुध ग्रह हमारी वाणी को नियंत्रित करता है।

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7. पन्ना रत्न (panna ratna dharan karne se kya hota hai) को धारण करने से विद्यार्थियों या किसी भी आयु वर्ग के लोगों में एकाग्रता शक्ति जागृत होती है, तथा वह अधिक केंद्रित होकर अपने कार्यों का समापन करता है, उसके दिमाग में जितनी खराब उलझन है, चलती है, उन सभी का निपटारा होता है।

8. पन्ना रत्न को धारण करने से हमारी बुद्धि विवेक सुचारू रूप से कार्य करते हैं।

9. यह हमारी वाणी को शहद के समान मीठा बनाता है, जिससे लोग हमारी वाणी की ओर आकर्षित होते हैं। हम अपनी वाणी से उनके दिलो-दिमाग में उतर जाते हैं।

10. पन्ना रत्न हमें आकर्षक काया प्रदान करता है।
11. पन्ना रत्न को धारण करने से हमें असीम शांति प्राप्त होती है।

12. पन्ना रत्न (panna ratna dharan karne ke fayde) को धारण करने से रचनात्मक तथा संज्ञानात्मक ज्ञान की वृद्धि होती है।

13. पन्ना रत्न को धारण करने से बौद्धिक विकास की क्षमता बढ़ती है।

14. यह हमारे संचार प्रणाली को सुचारू रूप से चलाती है, जिससे हम लोगों से अच्छे से जुड़ पाते हैं। हम अपनी बातों को उन्हें समझा पाते हैं lहम अपने विचारों को उन तक पहुंचा पाते हैं।

15. पन्ना रत्न (panna ratna ke fayde) हमारे पारिवारिक रितु को भी सुधारने में बहुत मदद करता है। आपसी संबंध प्रगाढ़ होता है, दांपत्य जीवन भी सुखी तथा खुशियों से भरा हुआ रहता है।

16. पन्ना रत्न का औषधीय गुण भी कुछ कम नहीं है। इसे धारण करने से त्वचा संबंधित विभिन्न प्रकार के रोग खत्म होते हैं, तथा त्वचा आकर्षक बनती है। चिरचिरा हट, अवसाद जैसी बीमारियां भी इससे कम होती है।

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पन्ना रत्न (panna ratna pahnane ke fayde) को यदि सही समय पर धारण किया जाए तो इसकी उपयोगिता और भी अधिक बढ़ जाती है। इसे धारण करने का सबसे उपयुक्त समय बुधवार के दिन माना जाता है, और यदि यह बुधवार अश्लेषा नक्षत्र जेष्ठा नक्षत्र आदि के समय हो तो क्या कहने सर्वप्रथम स्नानादि करने के पश्चात इससे गंगाजल से धूलकर बुध ग्रह से संबंधित मंत्रों से इसे अभिमंत्रित करने के पश्चात प्रभु का आशीर्वाद ले तथा घर में बुजुर्गों का आशीर्वाद ले ,पंडित जी का भी आशीर्वाद प्राप्त करने के पश्चात। इसे धारण करें तो इसके सकारात्मक एवं अनुकूल परिणाम आपको बहुत जल्द देखने को मिलने लगेंगे।

ज्योतिषीय गणना के आधार पर वैसे तो इसके बहुत से लाभ बताए गए हैं, किंतु बहुत सी ऐसी अवस्थाएं भी होती है, जब यह रत्न धारण करने से हमारी परेशानियां और अधिक बढ़ जाती है, जैसे –

17. जो लोग मांस मदिरा का सेवन करते हैं, तथा वर्जित चीजों को अधिक करते हैं, ऐसी परिस्थिति में पन्ना रत्न धारण करने से उनकी स्थिति और अधिक दयनीय हो सकती है।

18. बहुत से लोगों को आदत होती है, कि दूसरे के सुखों को देखकर अधिक दुखी होते हैं, तथा द्वेष की भावना अपने अंदर पनपने देते हैं, एवं जलन में आकर वह दूसरों के बारे में अपशब्द भरी बातें कहते हैं। ऐसी परिस्थिति में उनके द्वारा यदि रत्न धारण किया गया तो उनके द्वारा कहे गए अपशब्द उन पर ही भारी हो जाते हैं। विभिन्न प्रकार की आकस्मिक दुर्घटनाएं उनके जीवन में घटने लगती है, इसलिए पन्ना रत्न  (panna ratna ki jankari) धारण ना करें।

19. बहुत से व्यक्ति एक साथ मूंगा मोती पुखराज धारण किए हुए रहते हैं, तो ऐसी परिस्थिति में पन्ना रत्न है lयदि धारण किया जाए तो यह अनुकूल परिस्थितियों को भी प्रतिकूल परिस्थितियों में बदल देता है। अतः इसे धारण करने के पूर्व ज्योतिषीय सलाह आवश्यक है।

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