मोती रत्न के नुकसान – Moti Ratna Ke
Nuksan
मोती रत्न के निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं यदि यह रत्न आपको नहीं धारता है-
1.( Moti ratna dharan karne ke fayde our nuksan) जब हम कोई भी रत्न अपने कुंडली के अनुसार नहीं धारण करते हैं, या अपनी कुंडली के गणनाओ के , बिना विस्तृत जानकारी के किसी भी रत्न को यूं ही बस धारण कर लेते हैं, तो उसके दुष्परिणाम भी हमारे जीवन पर काफी व्यापक असर पर पड़ता है, जिससे हमारी अच्छी खासी जिंदगी में बहुत सी परेशानियां आ जाती है।
विभिन्न प्रकार के मानसिक उलझनों में हम उलझ कर रह जाते हैं, हमारे जीवन से सुख शांति कोसों दूर चली जाती है lअतः किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व अपने कुंडली का व्यापक जानकारी रखना बहुत आवश्यक है lआप अपनी कुंडली की विशिष्ट गणना के आधार पर ही मोती रत्न (Moti ratna ke labh)धारण करें, अन्यथा यह आपकी स्थिति दयनीय बनाने में तथा दिन में तारे दिखाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ेगा।
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2. कभी-कभी ऐसा भी होता है, कि विभिन्न प्रकार के ग्रहों के राशि रत्न हम एक साथ धारण कर लेते हैं, जिससे हमारे ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है lहम उसे धारण इसलिए करते हैं, ताकि हमारे जीवन पर अच्छे प्रभाव देखें सकारात्मक प्रभाव दिखे किंतु इसके उलट जो पहले से रत्न धारण किए हुए रहते हैं।
उसकी वजह से बहुत से ग्रह आपस में ही एक दूसरे के विपरीत कार्य करने लगते हैं, जिसका प्रभाव हमारे वास्तविक जीवन पर पड़ता है, और हमें समझ ही नहीं आता है, कि आखिर हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है, इसलिए हमेशा इस बात को ध्यान में रखें की मोती रत्न (Moti ratna ke fayde) के साथ कभी भी हीरा रत्न ,पन्ना रत्न ,नीलम रत्न तथा गोमेद के साथ कभी भी इसे धारण नहीं करना चाहिए, अन्यथा लाभ प्राप्त करने की जगह आपको विभिन्न जगहों पर केवल हानि ही होगीl चाहे वह हानि धन की हो, मान सम्मान की हानि हो या स्वास्थ्य संबंधित हानि हो या पद प्रतिष्ठा की हो या किसी भी प्रकार की हानि हो सकती हैl
3. मोती रत्न (Moti ratna pehne ke fayde) को लोग शांति प्राप्ति के लिए मन में शीतलता प्राप्त करने के लिए धारण करते हैं, किंतु जब यह रत्न किसी को नहीं सूट करता है, उसे नहीं धारता है, तो ऐसी परिस्थिति में उसकी मानसिक स्थिति को वह दयनीय बना देता है lउसके दिमाग हमेशा उलझनों से भरा रहता है lवह अपने कार्य से विमुख हो जाता है।
उसका मन किसी भी कार्य को करने में नहीं लगता है, हमेशा केवल किसी ना किसी उलझन में वह खुद को फंसा कर रखता है, जिसकी वजह से उसमें मानसिक अवसाद जैसे लक्षण भी प्रतीत होने लगते हैं। अनिद्रा ,डरावने सपने आना ,चिल्लाना यह सारी चीजें उसकी प्रवृत्ति में शामिल होने लगती है, जिससे उसका आचरण बदलने लगता है, और वह एक आक्रामक व्यक्तित्व वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाने लगता है, और लोग उससे अपने संबंध तोड़ने लगते हैं l
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वह पूरी तरह से रिश्तो के मामले में भी क्षत-विक्षत हो जाता है। स्वयं अपने लोग भी उसकी भावनाओं को या उसके दिमाग में क्या चल रहा है, कुछ भी चीज समझ नहीं पाते हैं, जिसकी वजह से वह भावनात्मक स्तर पर भी खुद को बहुत कमजोर पाता है,एवं उसे हर वक्त अलगाव जैसी स्थिति महसूस होती है, चाह कर भी वह इन सभी चीजों से बाहर नहीं निकल पाता है। (Moti ratna dharan karne ke labh)
उसकी स्थिति दिन प्रतिदिन गिरती चली जाती है, बिल्कुल पागलों जैसी स्थिति उसकी बन जाती है, उसे किसी भी चीज में सफलता प्राप्त नहीं होता है, उसे बहुत ही दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता हैl अतः इसे धारण करने के कुछ दिनों के अंदर आप इसके द्वारा दिए जा रहे प्रभाव को अवश्य बारीकी से देखें जिससे आप इसके विध्वंसक परिणाम से खुद को बचा सकेl
4. बहुत से विद्यार्थियों के द्वारा यह सोचकर मोती रत्न को धारण किया जाता है, कि उसकी एकाग्रता में वृद्धि होगी lउसे पठन-पाठन या विद्या अध्ययन संबंधित समस्याओं में मोती रत्न (Moti ratna ke fayde in hindi) काफी लाभ देगा किंतु यदि उन्हें मोती रत्न नहीं धारेगा तो उनकी मानसिक स्थिति को बिगाड़ देगा lउनकी एकाग्र शक्ति को यह बहुत क्षति पहुंचा सकता है, तथा एकाग्रता की शक्ति क्षीण होने की वजह से उसे पठन-पाठन संबंधित या विद्या अध्ययन संबंधित या किसी भी तरह के प्रतिस्पर्धा में उसका प्रदर्शन गिरने लगेगा।
जिससे उसका मनोबल और अधिक गिर जाता है lकभी-कभी ऐसा भी होता है, कि वह अपनी दैनिक क्रियाकलाप से पूरी तरह से विमुख हो जाए lपढ़ाई लिखाई में उसका मन बिल्कुल भी ना लगे या याद किया हुआ चीज उसे भूलने जैसी बीमारी का शिकार हो जाए, जिससे उसका प्रदर्शन दिन प्रतिदिन धूमिल होता चला जाए।
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5. मोती रत्न (Moti ratna pahanne ke labh) यदि किसी को नहीं धारता है, तो ऐसी स्थिति में उसे प्रतिकूल प्रभाव इसके बहुत से देखने पड़ते हैं lइसका प्रभाव केवल मन पर ही नहीं बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता हैl यह हमें विभिन्न प्रकार की शारीरिक रोग देने लगता है, जैसे- आंखों संबंधित बीमारियां, खासकर बाई आंख संबंधित बीमारियां होने लगती है।
फेफड़ा संबंधित बीमारियां जिसमें सर्दी, जुकाम, टॉन्सिल आदि चीजें बहुत ही जल्दी-जल्दी लोगों को होने लगती है, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता नष्ट होने लगती हैl वह आए दिन बीमार रहने लगते हैंl शारीरिक एवं मानसिक दोनों प्रकार की क्षति उन्हें होने लगती है, जिससे उन्हें बहुत से शारीरिक कष्टों तथा मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।
6. यदि मोती रत्न (Moti pahanne ke fayde aur nuksan) किसी को रास ना आए तो उसे आर्थिक क्षति भी बहुत होने लगती है, उसका धन किसी न किसी प्रकार से व्यय होने लगता है, उसके जीवन में रुपए पैसों संबंधित परेशानियां बढ़ने लगती है, जिससे आर्थिक स्थिति चरमरा जाती है, आर्थिक स्थिति डामाडोल हो जाती है।
7. मोती रत्न को प्रायः लोगों के साथ अपने रिश्ते सुधारने के लिए भी धारण किया जाता है, खासकर अपनी माता जी एवं अपनी पत्नी या अपने सास के साथ किंतु यदि मोती रत्न (Moti ratna ke fayde our nuksan) प्रतिकूल प्रभाव दिखाएगा तो आपको इन तीनों से हमेशा मतभेद ही प्राप्त होगा, जिससे आपको मानसिक परेशानियां होने लगेगी एवं इन लोगों से विवाद बहुत अधिक होने लगेगा, इसके साथ ही दांपत्य जीवन भी बहुत ही उलझनो से भरा रहेगा, जिससे आपको आजीविका आदि चलाने में तथा अपने कार्यस्थल एवं घर गृहस्ती में अच्छा तालमेल बैठाने में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
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