पन्ना रत्न को कैसे धारण करें – Panna Ratna Ko Kaise Dharan Karen

पन्ना रत्न को कैसे धारण करें – Panna Ratna Ko Kaise Dharan Karen

 

पन्ना रत्न को कैसे धारण करें – Panna Ratna

 Ko Kaise Dharan Karen

पन्ना रत्न को कैसे धारण करें – (panna pathar ko kaise pahna jata hai) किस विधि या पद्धति को अपनाएं जिससे हमें उत्तम लाभ प्राप्त हो सके-

पन्ना सृष्टि में उपलब्ध विभिन्न संसाधनों में से एक है, जिससे ज्योतिषीय महत्व बहुत अधिक बताया गया है, पन्ना रत्न मुख्यतः हरे रंग का होता है, हरे रंग के विभिन्न प्रकार के ग्रैफिक्स के रंगों में पन्ना रत्न पाया जाता है, पन्ना रत्न (panna kaise dharan kiya jata hai) हमारे जीवन के ऊपर बहुत प्रभाव डालता है, क्योंकि यह हमारे बुद्धि को नियंत्रण करता है, यदि हमारे पास बुद्धि ही नहीं होगी तो हमारे विभिन्न संसाधनों का क्या उपयोग उसकी क्या उपयोगिता रह जाएगी ?यह हमारी बुद्धि ही तो है, जो हमें फर्श से अर्श तक पहुंचाती है lबुध ग्रह बुद्धि का कारक होता है, यह हमारे संचार प्रणाली को सुचारित रूप से प्रसार करने में मदद करता है, इसके बिना व्यक्ति किसी से भी किसी तरह का कोई भी संबंध स्थापित नहीं कर सकता है, यह हमारी वाणी को नियंत्रित करता है।

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Panna ratna ko kaise dharan kare

 

 

बेरिल एक महत्वपूर्ण खनिज है, जिसके पारदर्शक किस्म को पन्ना कहते हैंl भारत में बेरिल खनिज राजस्थान ,झारखंड तथा नेल्लोर की पैग्नेटाइट सिलाओ से प्राप्त किया जाता है lविश्व में बेरिल उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान माना जाता है, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, कि इसका परमाणवीय महत्व भी बहुत अधिक होता है, जिसकी वजह से इसके आंकड़ों को गुप्त तरीके से रखा जाता है, ताकि किसी प्रकार की यह जानकारी किसी गलत हाथों में ना पड़े।

पन्ना रत्न (panna pathar kaise dharan karte hai) का खनन कोयले की खदानों से किया जाता है, जब यह प्रारंभिक अवस्था में रहता है, तो इसे पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है, कि यह वास्तव में पन्ना रत्न हीं है, इसी वजह से बहुत से परीक्षण किए जाते हैं, तब यह निर्धारित किया जाता है, कि मिला हुआ कोयले का टुकड़ा पन्ना रत्न है, या केवल एक पत्थर का टुकड़ा, इससे बहुत ही बारीकी से जांच के पश्चात पता लग पाता है कि यह एक पन्ना रत्न है lयह एक दुर्लभ संसाधन है, जिसका मूल्य बहुत अधिक होता है lविश्व में सबसे उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले पन्ना रत्न कोलंबिया में स्थित खानों से प्राप्त होता हैl कोलंबिया के मुख्यतः तीन पन्ने के खनन के क्षेत्र है।

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मूजो कॉस्कोएज चीबोर सबसे दुर्लभ प्रकार का पन्ना ट्रॉफीज पन्ना होता है, जो कि एक तारांकित प्रतिरूप को प्रदर्शित करता है, तथा इसमें मौजूद कार्बन की अशुद्धियां की वजह से विभिन्न प्रकार के प्रतिरूप पाए जाते हैं, वैसे विश्व के विभिन्न देशों में भी पन्ना रत्न (panna stone kaise pehne) के खदान पाए जाते हैं, जैसे -अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया ,ब्रासिल कजाकिस्तान ,भारत जर्मनी फ्रांस इटली, इथोपिया, सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका ,जिंबाब्वे ,जांबिया संयुक्त राज्य अमेरिका आदि।

विभिन्न स्रोतों के माध्यम से पता चला है, कि गचाला पन्ना रत्न (Panna Ratna Ko Kaise Dharan Karen) दुनिया के सबसे बड़े एवं महंगे महा रत्नों में से एक है, जिसे सन 1967 में कोलंबिया के गजाला के खान से प्राप्त किया गया था, इसे डीसी के वॉशिंगटन के स्मिथ सोनियन इंस्टिट्यूशन के राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में रखा गया है।

पन्ना रत्न बहुत महंगा होता है, ऐसी परिस्थिति में बहुत से लोगों के द्वारा इसके उपरत्न धारण किए जाते हैं, जिससे उन्हें जो विशिष्ट कार्य को पूर्ण करना है lवह पूरा हो सके इसलिए वह लोग पन्ना रत्न (panna kaise dharan karna chahie) के उपरत्न धारण करते हैं, इसके कुछ उपरत्न है, हरा बैरुच, ओनेक्स, मरगज आदि, इन उपरत्नो में से सबसे अधिक प्रभावशाली एवं शक्तिशाली उपरत्न मरगज को माना जाता है, तथा इसकी कीमत भी सभी लोगों के बजट में भी आ जाता है, रत्न और उपरत्न में बस यही अंतर है, कि रत्न की ऊर्जा का क्षय धीरे-धीरे होता है, जबकि उपरत्न की ऊर्जा कुछ विशिष्ट समय के पश्चात कार्य करना बंद कर देती है, इसलिए उपरत्न को कुछ दिनों के पश्चात अवश्य बदल देना चाहिए, जिससे आपको इसके निरंतर लाभ प्राप्त हो सके।

पन्ना रत्न (panna ratna kaise dharan karna chahiye) को वैसे तो धारण करने से विभिन्न प्रकार के लाभ होते हैं, किंतु यदि यह किसी के द्वारा धारण किया गया और उसे यह नहीं धारा तो ऐसी परिस्थिति में निम्नलिखित चीजों का सामना करना पड़ सकता है-
1. जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति अच्छी नहीं होती है, ऐसे में उन्हें पन्ना रत्न धारण करने से और भी हानी होना शुरू हो जाता है।
2. जो लोग गलत कामों में या जिनके मन में ईर्ष्या की भावना रहती है, या जो मांस मदिरा या वर्जित चीजों का सेवन करते हैं, ऐसी परिस्थिति में उनके द्वारा यदि पन्ना रत्न धारण किया गया तो उसके बहुत से दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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3. बुध ग्रह यदि आठवें भाव या 12वीं भाव में स्थित हो तो पन्ना रत्न धारण करने से आपकी समस्याएं और जटिल हो जाएंगे उनका समाधान ढूंढ पाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।

4. ज्योतिष विद्या के अनुसार यदि बुध ग्रह षष्टम अष्टम द्वादश का स्वामी बुध ग्रह हो तो ऐसे में पन्ना रत्न (panna ratna kaise dharan karen) धारण करने से आपके जीवन में आकस्मिक दुर्घटनाएं तेजी के साथ घटने लगेगी, आपको संभलने तक का मौका नहीं मिलेगा परिस्थिति दयनीय हो जाएगी।

5. बुध ग्रह यदि तृतीय भाव या द्वादश भाव में अवस्थित हो तो पन्ना रत्न (panna ratna kis tarah se pahne) धारण करने से परहेज करना चाहिए, अन्यथा आप चारों ओर से परेशानियों से गिर जाएंगे आप स्वयं ही परेशानियों को नेवता देंगेl मानसिक चिंताएं बढ़ने के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य भी गिर सकता है, इसे धारण करने से पूर्व किसी ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें अन्यथा धारण करने से बचें।

कोई भी रत्न तभी अपना प्रभाव दिखाता है, जब उसे हम उत्तम मात्रा एवं उत्तम स्थिति में धारण करते हैंl पन्ना रत्न को बुधवार के दिन अश्लेषा, जेष्ठा, रेवती नक्षत्र में धारण करने का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है, जिस भी जातक के द्वारा यह रत्न धारण किया जा रहा है, तो उसे यह ध्यान रखना चाहिए कि पन्ना रत्न (panna ratna kis tarah pahanna chahiye) का वजन 5 रत्ती से कम ना हो तथा इसे आप सोना या चांदी में जरवा कर पहन सकते हैं, पहनने के पूर्व इसे आप गंगाजल से धूल लें तथा पंचामृत से इसका अभिषेक करें, तत्पश्चात बुध के महा मंत्रों से इसे अभिमंत्रित कर किसी मंदिर में स्थापित देवी देवताओं की मूर्ति के समक्ष इसे और अधिक ऊर्जावान होने के लिए कुछ देर के लिए छोड़ दें, उसके पश्चात भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद आप इसे अपनी दाएं हाथ की या फिर बाएं हाथ की कनिष्ठा अंगुली में धारण करें तथा किसी जरूरतमंद व्यक्ति को कुछ सहायता अवश्य करें या भूखे को भोजन अवश्य खिलाएं, किसी पंडित जी को भी आप अपनी क्षमता अनुसार दान दक्षिणा अवश्य दें एवं उनका आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें।

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