मूंगा रत्न के फायदे और नुकसान – Munga Ratna Ke Fayde Or Nuksan

मूंगा रत्न के फायदे और नुकसान – Munga Ratna Ke Fayde Or Nuksan

 

 मूंगा रत्न के फायदे और नुकसान – Munga

 Ratna Ke Fayde Or Nuksan

मूंगा रत्न (munga ratna ke labh or hani) एक विशिष्ट प्रकार के जंतुओं के द्वारा समुद्र के गहराई में बनाया जाता हैl इसका निर्माण असंख्य की संख्या में समुद्री जंतुओं के द्वारा एकत्रित होकर किया जाता हैl यह एक प्रकार का वनस्पति होता है, जिसे बाहर निकालकर एवं विभिन्न प्रकार के चरणों से गुजार कर मूंगा रत्न की संगठित संरचना का निर्माण किया जाता है, क्योंकि इसका निर्माण जंतुओं द्वारा होता है, इसलिए इसे जैविक रत्न की उपाधि से भी अलंकृत किया जाता है।

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मूंगा रत्न (munga ratna ke labh or hani in hindi) का संयोजक कैल्शियम कार्बोनेट होता है lयह मुख्यता लाल रंग का होता है, या फिर इसका रंग भगवा हो सकता है, किंतु इसका रंग इतना अधिक प्रभावशाली होगाl यह इस बात पर निर्भर करता है, कि इसका निर्माण छिछले पानी में हुआ है, या फिर समुद्र की गहराई में हुआ हैl यह और भी दूसरे रंगों में पाया जाता है, जैसे -गेरुआ, सफेद अथवा काले रंग काl इसका निर्माण समुद्री क्षेत्र वाले जगहों पर अधिकतम होता है, जैसे -हिंद महासागर भूमध्य सागर आदिl इस रत्न की प्राप्ति हमें विभिन्न जगहो से होती है, किंतु सबसे उत्तम गुणवत्ता वाले मूंगा रत्न श्रीलंका से पाए जाते हैंl भारत में भी पाए जाने वाले मूंगा रत्न की गुणवत्ता उत्कृष्ट होती है एल

मूंगा रत्न (munga ratna dharan karne se kya hota hai) का स्वामी ग्रह मंगल ग्रह को माना जाता है, तथा इस ग्रह को निरूपित करने वाला यह रत्न मंगल से संबंधित विभिन्न प्रकार के योगों में धारण किया जाता हैl मंगल जीसे प्रशासनिक विभाग हो या सेना, पुलिस ,मकान या भवन निर्माण या ऊर्जा या रक्त इन सभी का प्रतिनिधित्व मंगल ग्रह के द्वारा किया जाता है, व्यक्ति के अंदर के साहस पराक्रम निडरता शौर्य वान आदि चीजों का भी प्रतिनिधित्व मंगल ग्रह के द्वारा किया जाता है।

मंगल ग्रह से संबंधित मूंगा रत्न (munga dharan karne se kya hota hai) को इसके सकारात्मक एवं अनुकूल पहलुओं को प्राप्त करने के लिए जातक के द्वारा इसे धारण किया जाता है, किंतु कभी-कभी ऐसी भी स्थिति होती है, कि रत्न अनुकूल एवं सकारात्मक प्रभाव देने की जगह नकारात्मक एवं विध्वंसक परिणाम देने लगते हैं, इसलिए किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व अपने लग्न कुंडली का अच्छे से विश्लेषण करवाना चाहिएl सटीक एवं उपयुक्त विश्लेषण के आधार पर ही विद्वान पंडितों की सलाह पर कोई भी रत्न धारण किया जाना चाहिए।

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मूंगा रत्न धारण करने से जातक को निम्नलिखित फायदे प्राप्त हो सकते हैं-

1.मूंगा रत्न (munga ratna dharan karne se kya hota hai) का उपयोग मांगलिक दोष के निवारण के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है lमंगल से संबंधित यह एक बहुत घातक योग होता है, जिसमें जातक का वैवाहिक जीवन किन परिस्थितियों से होकर गुजरेगा एवं कैसी-कैसी कठिन परिस्थितियां उसके जीवन में उत्पन्न हो सकती हैl इसके माध्यम से यह पता लगाया जाता हैl मंगल ग्रह ही किसी भी दंपत्ति के वैवाहिक जीवन को सुखी बना सकता है, एवं मंगल ग्रह ही उसके सुखी संसार को उजाड़ सकता है, या उसके वैवाहिक जीवन को पूरी तरह से नष्ट कर सकता है।

यह एक ऐसा योग है, जिसमें कभी-कभी दंपतियों में से एक की मृत्यु तक हो जाती है, इसलिए विवाह संपन्न होने से पूर्व जातक के लग्न कुंडली में मंगल की स्थिति का आकलन किया जाता है, जिससे उसके सुखी वैवाहिक जीवन या दांपत्य जीवन की परिकल्पना कैसी होगी देखा जाता है, तथा इस योग से संबंधित विभिन्न प्रकार के परिणामों को दूर करने के लिए पूजा पाठ के साथ-साथ मूंगा रत्न (munga ratna dharan ke fayde) को धारण किया जाता है, जिससे इसके प्रभाव को निष्फल किया जा सके या फिर इसके दुष्प्रभाव को पूरी तरह से नष्ट किया जा सके एल

2. हमारे अंदर शक्ति का प्रदर्शन भी मंगल ग्रह के द्वारा किया जाता है, मूंगा रत्न धारण करने से जाकर निडर एवं निर्भीक होता है lअपने अदम्य साहस का परिचय वह विषम परिस्थितियों में भी देता है, किसी भी परिस्थिति में अपने आपको वह नहीं होने देता है, तथा परिस्थितियों को कभी भी खुद के ऊपर नियंत्रण स्थापित नहीं करने देता है, मूंगा रत्न (munga ratna pahnane ke fayde) उसे कभी भी टूटने नहीं देता है।

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3. मंगल ग्रह जातक के लग्न कुंडली में किस भाव में स्थित हैl उसी के अनुसार जातक को शारीरिक परेशानियां जैसे खून की कमी, पीलिया, मिर्गी ,पाइल्स, अल्सर, चेहरे में दाग धब्बे या आलसीपन जैसी चीजों से जातक बहुत परेशान होने लगता है, ऐसे में मूंगा रत्न (munga ratna ke fayde) बहुत प्रभावशाली सिद्ध होता है, तथा जातक को स्वास्थ्य सुधार भी करता है एल

4. मंगल ग्रह नीच का होने से जातक बहुत ही अहंकारी एवं गुस्सैल किस्म का हो जाता हैl उसे अपने गुस्से पर नियंत्रण नहीं रहता है, जिसकी वजह से अनेक विकट परिस्थितियों में स्वयं ही वह फस जाता है, ऐसे में जातक को यह घटना अवश्य धारण करना चाहिए, जिससे उसके दंभी स्वभाव में परिवर्तन आए एवं गुस्से पर नियंत्रण रखें।

मूंगा रत्न के नुकसान-

5. बिना किसी ज्योतिषीय सलाह के मूंगा रत्न (munga ratna ke nuksan kya hai) यदि धारण कर लिया जाता है, तो ऐसी परिस्थिति में जातक किसी आकस्मिक दुर्घटना का शिकार हो सकता है lआग से जलने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है, इसके साथ-साथ उसे जान का भी खतरा हो सकता है, बात-बात पर किसी से लड़ाई झगड़े हो सकते हैं, जिसमें उसे विध्वंसक परिणाम झेलना पड़ सकता है।

6. मूंगा रत्न (munga ratna ke nuksan) के दुष्परिणाम से जातक को रक्त संबंधित परेशानियां भी हो सकती है, एवं और भी विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हो सकता है, जिससे उसके नौकरी पेशा व्यापार आदि में भी व्याधि उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है।

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7. उसके विवाहित जीवन में बहुत से परेशानियां वैचारिक मतभेद मनमुटाव जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है, उसका गुस्सा बहुत अधिक बढ़ने लगता है, तथा वह स्वयं पर नियंत्रण नहीं रख पाता है। परिवारिक कलह से कभी-कभी परिस्थितियां इतनी अधिक खराब हो जाती है, कि उसके वैवाहिक संबंध तक टूट जाते हैं।

 

 

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8. जातक के जीवन में मूंगा रत्न (munga ratna ke nuksan kya hai jaaniye) के दुष्प्रभाव से संघर्ष की संभावनाएं बहुत अधिक बढ़ जाती है,उसकी बोली में भी परिवर्तन आने लगता है, उसकी आवाज कर्कश पूर्ण हो जाती है, जिसकी वजह से वह सामाजिक तौर पर भी बहिष्कृत होने लगता हैl लोग उसके इस व्यवहार की वजह से दूर होने लगते हैं, एवं उससे जितना हो सके उतना अधिक दूरी बनाकर रखते हैंl जातक बिना मतलब के चीजों में अपनी ऊर्जा को बर्बाद करने लगता है, तथा गलत संगत में पड़ कर अपना एवं अपने परिवार का सुख शांति भंग कर देता है।

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