मूंगा रत्न क्या होता है – Munga Ratna Kya
Hota Hai
मूंगा रत्न क्या होता है– (munga ratna kaisa hota hai) विभिन्न प्रकार के उप रत्नों एवं रत्नों में से एक होता है, मूंगा रत्न जिसे जैविक रत्न से भी संबोधित किया जाता हैl मूंगा समुद्र से प्राप्त एक प्रकार का रत्न हैl मूंगा जिसके विशिष्ट गुणों की वजह से उसके विविध नाम प्रदान किए गए हैं, जैसे भौम रत्न ,अंगारक मनी, प्रवाह, कोरल ,मिर्जान ,शांगो, विद्ररूम आदिl यह एक जैविक रत्न है, जो समुद्री जीवो के रूप में लाखों करोड़ों के समूह में रहता है, तथा इनका आबादी का हिस्सा पत्थर के समान दिखाई पड़ता हैl समय के अनुसार यह चट्टानों या श्रृंखलाबद्ध पत्थरों के समान इनका विस्तार होता चला जाता है, जो आगे चलकर एक पेड़ का आकार ले लेता हैl इसे ही हम कोरल कहते हैं, जब यह पानी के अंदर रहता है, तब तक इसकी सतह बहुत मुलायम रहती है, किंतु जैसे ही इसका संपर्क हवा से होता है, इसकी संरचना में बदलाव आने शुरू हो जाते हैं, और यह पूरी तरह से संगठित होकर कठोर होने लगता है।
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मूंगा मंगल ग्रह का राशि रत्न होता है, जिस प्रकार मंगल का रंग लाल होता हैl उसी प्रकार मूंगा का भी रंग रक्त के समान लाल एवं केसरिया होता हैl कहीं-कहीं इसके और भी रंगो वाले मूंगा रत्न (munga ratna kya hai) पाए जाते हैं विभिन्न वातावरण में पनपने की वजह से उनके रंग में यह भिन्नता देखने को मिलता हैl मंगल ग्रह जीते ज्योतिष में क्रूर एवं आक्रामक एवं उपग्रह से संबोधित किया जाता हैl यह एक ऐसा ग्रह है, जिसे नव ग्रहों में सेनापति की उपाधि प्राप्त है, इसे भौम पुत्र से भी अलंकृत किया जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है, कि मंगल ग्रह का एवं पृथ्वी का मां बेटे का संबंध हैl यही कारण है, कि इसका प्रभाव पृथ्वी पर जितने भी प्राणी है, उन सभी पर अपना व्यापक एवं विस्तृत प्रभाव दिखाता है।
मंगल ग्रह की मजबूती से जातक के जीवन में अनेक अच्छे प्रभाव देखने को मिलते हैंl यदि मंगल और शनि की युति शुभ होती है, तो जातक को राहु के द्वारा भी अनुकूल लाभ प्राप्त होता हैl जातक का संचार तंत्र बहुत मजबूत होता है lइसके साथ-साथ उसकी बुद्धि भी बहुत अधिक तीव्र गति से कार्य करती है, दिमाग की तरंगे बहुत तेजी से सोचने समझने की शक्ति रखती हैl जातक दिमागी तौर पर बहुत तेज होता है, तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र या अभियांत्रिकी या इससे संबंधित क्षेत्रों में उसका दबदबा रहता है।
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मंगल ग्रह खराब होने से जातक को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है lलगातार हो रहे रुपए -पैसे की हानि से दरिद्रता का बास उसके घर परिवार में होने लगता हैl आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो जाती है, कि वह व्यक्ति कर्ज में लगातार डूबता चला जाता हैl अचानक से ही उसके जीवन में बहुत बड़ा अशुभ परिवर्तन होना शुरू हो जाता है, जिसे संभल पाना उसके बस की बात नहीं रह जाती है lअचानक आई हुई परेशानियां उसे और अधिक विचलित एवं उग्र बना देती हैl जातक किसी बहुत बड़े कोट कचहरी के मामलों तक पहुंच जाता है, एवं इसमें उसकी आर्थिक स्थिति तो बिगड़ती ही है, इसके साथ-साथ उसकी छवि भी पूरी तरह से धूमिल होने लगती है, खराब मंगल उसे कभी भी केस मुकदमा जैसी चीजों में सफलता हासिल नहीं करने देता है।
झागरा कोई व्यक्ति विशेष से हो या वाद-विवाद या जमीन से संबंधित कोई भी विवाद किसी में भी उसे विजय प्राप्त नहीं होती हैl इसके साथ साथ उसकी ऊर्जा शक्ति का भी क्षरण होने लगता है, जिसकी वजह से आलस्य जैसी बीमारी उसे घेरे रहती है, जिसकी वजह से चीजें और अधिक अव्यवस्थित हो जाती हैl इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के दोष अन्य ग्रहों के साथ मिलकर बनाया जाता है, जिससे जातक के जीवन में भिन्न-भिन्न प्रकार से परेशानियां दस्तक देती रहती हैं।
मंगल की शुभता को प्राप्त करने के लिए एवं मंगल की कृपा दृष्टि प्राप्त करने के लिए जातकों के द्वारा विधिवत पूर्वक मूंगा रत्न (munga ratna se kya hota hai) को विशिष्ट समय पर धारण किया जाता हैl इसकी यह गुणवत्ता होती है, कि यह मंगल ग्रह के ऊर्जा को अवशोषित करता है, जिसकी वजह से जिस भी जातक के द्वारा मूंगा रत्न को धारण किया जाता है, तो उसके जीवन में मंगल से संबंधित अनेक प्रकार के कार्य संपन्न होने शुरू हो जाते हैंl मंगल की स्थिति को मूंगा रत्न बहुत मजबूत बनाता है, जिस प्रकार मंगल ग्रह की नेतृत्व क्षमता अद्वितीय होती है, उसी प्रकार मूंगा रत्न को धारण करने से जातक की नेतृत्व क्षमता में बहुत अधिक वृद्धि होती है।
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मंगल की मजबूती जातक के विवाहित जीवन को हर खुशियों से परिपूर्ण बना देती हैl उसका दांपत्य जीवन सुख एवं संपन्न रहता हैl कमजोर व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों को यह एक साहसिक एवं निडर व्यक्तित्व का स्वामी बनाता है, तथा दब्बू जैसी प्रवृत्ति को पूरी तरह से बदल देता हैl मंगल ग्रह अग्नि तत्व को निरूपित करता है, और जिस भी जातक के जन्मपत्रिका में इसकी स्थिति मजबूत रहती है, या फिर मूंगा रत्न (munga ratna dharan karne ke fayde) धारण करने से जब इसे बल प्राप्त होता है, तो सबसे पहले जातक की ऊर्जा शक्ति को यह पूरी तरह से बदल कर रख देता है, जातक का शरीर बलिष्ठ होता है।
इसके साथ-साथ उसके अंदर किसी कार्य को पूर्ण करने की प्रबल इच्छा जागृत होती हैl उसकी उत्साह उसके जीवन में आने वाली कठिनाइयों पर भारी पड़ती है, इसलिए उसके लक्ष्य में बाधा डालने वाले कारक भी उसके हौसले को तोड़ नहीं पाते हैंl मेष ,वृश्चिक तथा मकर राशि वाले जातकों के लिए अधिकतर मंगल अच्छे एवं शुभ परिणाम देता है, इसलिए इन जातकों के द्वारा मूंगा रत्न (munga ratna ki jankari) को धारण किया जा सकता है।
निम्नलिखित परिस्थितियों में मूंगा रत्न धारण करने से बचना चाहिए-
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1. मिथुन राशि वाले जातकों को बिना विद्वान पंडित की सलाह पर इसे धारण करने से बचना चाहिए अन्यथा मंगल के द्वारा ऐसी विघ्न बाधाएं उत्पन्न की जाती है, जिसका समाधान ढूंढ पाना नामुमकिन हो जाता है, एवं जीवन पूरी तरह से संघर्षपूर्ण बन जाता है।
2. तुला राशि वाले जातकों के लिए भी मूंगा कुछ खास लाभप्रद नहीं होता है, क्योंकि मंगल द्वितीय तथा सप्तम भाव का स्वामी होता है, जिसकी वजह से जातक के जीवन में भाग्य को छीन्न कर देता है। दुर्भाग्य उनके जीवन का एक अभिन्न अंग बन जाता है, जिससे उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों में अनेकों अर्चने आनी शुरू हो जाती है।
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