पुखराज क्या होता है – Pukhraj Kya Hota Hai

पुखराज क्या होता है – Pukhraj Kya Hota Hai

 

 पुखराज क्या होता है – Pukhraj Kya Hota

 Hai

पुखराज क्या होता है (Pukhraj stone Pahanne ke Fayde) जब कभी भी लोगों को किसी के द्वारा सलाह दी जाती है, कि आप पुखराज रत्न धारण कीजिए या उनके मन में किसी के बातों से प्रभावित होकर यह बात आती है, कि क्यों ना मैं भी पुखराज धारण करूं, जिससे मेरी भी सारी समस्याओं का निदान हो और मैं भी अपने जीवन में एक सफल एवं सक्षम व्यक्ति बन शकु या कभी-कभी उन्हें उपहार स्वरूप किसी के द्वारा आभूषण के तौर पर पुखराज रत्न से बने विभिन्न आभूषण प्राप्त होते हैं, जिसका फल वह अधिक से अधिक लेना चाहते हैं, तब उनके मन में यह प्रश्न उठता है, कि पुखराज क्या है, तो आइए जानते हैं, पुखराज क्या क्या है, इसकी उपयोगिता-

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पुखराज एक सृष्टि में मौजूद संसाधन है, जिसे हम रत्न के रूप में उपयोग में लाते हैंl उसके लिए विभिन्न प्रकार के मंत्रों से इसे अभिमंत्रित करना पड़ता है, जिससे इसकी ऊर्जा जागृत होती है, इसकी शक्तियां अपने सर्वोत्तम स्तर पर पहुंचती है lउसके पूर्व केवल यह एक पत्थर रहता हैl पुखराज रत्न (pukhraj stone se kya labh hota hai)  गुरु बृहस्पति ग्रह से संबंधित होता हैl इसमें गुरु ग्रह से संबंधित विभिन्न प्रकार की शक्तियां मौजूद रहती है, इसमें अनेक भौतिक गुण मौजूद रहते हैं, जो गुरु ग्रह बृहस्पति के गुप्त शक्तियों को अवशोषित करने की क्षमता रखते हैं, यह मुख्यतः देखने में पीला वर्ण का होता है, बिल्कुल स्वर्ण के आभा के समान पीला होता है, इस कारण इसके रंग के आपको विभिन्न ग्रैफिक्स भी देखने को मिल सकते हैं, किंतु पीला पुखराज हल्का पीला हो या गहरा पीला हो सभी का संबंध गुरु ग्रह बृहस्पति से होता है।

पुखराज रत्न (pukhraj stone kya hai) एक विश्व प्रसिद्ध रत्न है lयह एक लोकप्रिय रत्न है, जिसे विभिन्न भाषाओं में इसके गुणों के कारण अलग-अलग नाम प्रदान किए गए हैं, जैसे -संस्कृत में इसे पुष्पराग ,पीतमनी, तथा म्यानमार के लोगों के द्वारा इसे आउटफिया से अलंकृत किया गया हैl अंग्रेजी में इसे येलो सफायर के नाम से जाना जाता है।

रखना मुख्यतः ग्रेनाइट चट्टानों का रूपांतरण होता है, जिसमें एलुमिनियम, सिलिकेट जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जिसकी अधिकतम मात्रा इसके रंग को निर्धारित करती है, तथा इसके गुणवत्ता को भी निर्धारित करती है, पुखराज रत्न (pukhraj stone se kya hota hai) विश्व के बहुत से देशों से हमें प्राप्त होता हैl मैक्सिको, ब्राजील , जापान, म्यानमार ,श्रीलंका एवं भारत आदि जैसे देशों में यह रत्न पाया जाता हैl भारत के पूर्वोत्तर देशों तथा उसके और भी पड़ोसी राज्यों में भी इस रत्न का खान मौजूद है।

भारत में पाए जाने वाले पुखराज रत्न की गुणवत्ता उतनी अधिक उत्कृष्ट नहीं होती, जितनी होनी चाहिए तथा उसका रंग भी हल्का पीला होता है, सबसे उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले पुखराज रत्न ब्राजील तथा म्यानमार के खानों से प्राप्त होता है, इसलिए यहां से प्राप्त पुखराज रत्नों का मूल्य बहुत अधिक होता है, जिसकी वजह से हर कोई यहां के पुखराज रत्न (pukhraj stone kaisa hota hai) को धारण नहीं कर सकता है, श्रेष्ठतम गुणवत्ता वाले पुखराज रत्न सफेद या पीले रंग के हो सकते हैं।

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पुखराज रत्न को पहचानने के लिए कुछ मापदंडों कुछ पैमानों को निर्धारित किया गया है, जिन को ध्यान में रखकर आप किया जान सकते हैं, कि आप जो पुखराज खरीदने वाले हैं, वह असली है या नकली है-

1. असली पुखराज रत्न (pukhraj ratna ke fayde) पर जब कच्ची हल्दी का लेप लगाया जाता है, तब वह लाल रंग का हो जाता है, उस पर लाल रंग के तरल पदार्थ दिखने लगते हैं, जबकि इसके विपरीत कृत्रिम रूप से निर्मित पुखराज रत्न पर ऐसी कोई चीज देखने को नहीं मिलती है।

2. असली पुखराज रत्न (pukhraj ratna kaisa hota hai in hindi) के ऊपर जब लकड़ी के टुकड़े से रगड़ा जाता है, तब उसकी चमक और अधिक बढ़ जाती है, जबकि जो नकली पुखराज रत्न होता है, उस पर स्क्रैच के निशान बन जाते हैं, तथा अपनी चमक को खो देता है।

 

 

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3. असली पुखराज रत्न (Pukhraj Kya Hota Hai) को जब आप ताप पर रखेंगे तो देखेंगे कि इसकी सौंदर्य शक्ति और अधिक बढ़ गई है, यह और अधिक पहले से आकर्षण पूर्ण दिखने लगा है, जबकि जो कृत्रिम रूप से निर्मित पुखराज रत्न होगा lउसका आकार बदलने लगेगा तथा उसमें आप किसी भी चीज की मदद से विभिन्न प्रकार की आकृति बनाने में सक्षम होंगे क्योंकि रत्नों का गलनांक बहुत अधिक होता है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित रत्ना का गलनांक कम होता है।

4. प्राकृतिक रूप से निर्मित पुखराज रत्न (Pukhraj ratna kya hota hai)  का घनत्व बहुत अधिक होता है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित रत्न का घनत्व बहुत कम होता है, जिसकी वजह से कृत्रिम रूप से निर्मित पुखराज रत्न देखने में भले ही बड़ा हो किंतु उसका वजन हमेशा प्राकृतिक रूप से निर्मित पुखराज रत्न से कम ही रहेगा भले ही असली पुखराज देखने में छोटा क्यों ना रहे।

5. असली पुखराज रत्न (pukhraj ratna kaisa hota hai) को जब आप सूर्य की किरणों या चंद्र की किरणों में रखेंगे तो देखेंगे कि इससे पीली रोशनी उत्सर्जित होती हुई दिखाई पड़ रही है, जबकि यदि इंद्रधनुष के रंग प्रदीप्त हो रहे हैं, तो उसका तात्पर्य है, कि वह कृत्रिम रूप से निर्मित एक रत्न है, पर वह असली रत्न नहीं है।

6. प्राकृतिक रूप से निर्मित रत्न काफी चिकने होते हैं, इसलिए जब आप उस पर अपने हाथ को ना करेंगे तो ऐसा लगेगा जैसे वह रत्न आपके हाथ से छूट कर गिर जाएगा जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित रत्नों में ऐसा कोई गुण मौजूद नहीं होता है।

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गुरु ग्रह की कृपा से ही हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार के मांगलिक कार्यों का समापन होता है lइनकी कृपा से ही हमारे ज्ञान का प्रसार बढ़ता है, हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे शादी विवाह या बच्चे का जन्म होना या किसी की सरकारी नौकरी में उच्च पद पर प्रतिष्ठित होना या किसी में असीम ज्ञान की झलक देखना या जिसका मस्तिष्क रेखा का तेज होना या हमारे अंदर संस्कारों का समावेशन होगा, यह सभी चीजें गुरु ग्रह से संबंधित होती है, तथा उन्हीं की कृपा से हमें इन सभी की प्राप्ति होती हैl इन के माध्यम से कभी भी हमें धन से जुड़ी हुई ज्ञान से जुड़ी हुई समस्या नहीं होती है, इनकी कृपा से जीवन हमारा सफल हो जाता है।

पुखराज रत्न (pukhraj ratna kaisa hota hai bataiye) के कई वर्ण हो सकते हैं lगुलाबी ,नीला ,पीला सफेद आदि किंतु केवल पीला वर्ण का पुखराज रत्न ही गुरु बृहस्पति से संबंधित होता है, क्योंकि गुरु ग्रह से संबंधित चीजों का रत्न पीला होता है, तथा लोग पीली चीजों का उपयोग भी अधिक करते हैं, जिससे उनका गुरु ग्रह मजबूत हो सके एवं गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त हो सके।

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