मोती किसे कहते हैं – Moti Kise Kahte Hain

मोती किसे कहते हैं – Moti Kise Kahte Hain

 

 मोती किसे कहते हैं – Moti Kise Kahte

 Hain

मोती एक कठोर पदार्थ होता है, जिसे जैविक रत्न भी कह कर संबोधित किया जाता हैl इस रत्न का संयोजक केल्सियम कार्बोनेट होता है, बाकी सभी पत्थर से मोती रत्न (moti ratna kise kahte hai in hindi) इसलिए भी भिन्न है, क्योंकि इसकी रचना मोलास्क जीवो के द्वारा किया जाता हैl इन जीवो के द्वारा अपने शरीर से निकलने वाले चिकने पदार्थ से यह लोग अपने घर का निर्माण करते हैं, जिसे सीपी कहा जाता है, जिसके अंदर यह खुद को अपने दुश्मनों से छुपाने के लिए सबसे उत्तम व्यवस्था रखते हैंl इसी सीपी के अंदर मोती रत्न का जैविक तरीके से निर्माण पूर्ण होता है, सबसे अधिक मोती बनाने वाले मौलास्का ओएस्टर होता है।

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विश्व के कई देशों में यह रत्न बहुत लोकप्रिय हैl इसका उपयोग लोग कई प्रकार के आभूषण बनाने के साथ-साथ इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की औषधियां बनाने में भी उपयोग करते हैंl विश्व में सबसे अधिक मांग ईरान देश के बसरा की खाड़ी के मोती के हैं, जहां से हल्की पीली रंग की मोती रत्न (moti ratna kya hai) प्राप्त होते हैं।

श्रीलंका से प्राप्त मोतियों को बसरा मोती के नाम से जाना जाता है lयह वजन में हल्का किंतु देखने में बहुत आकर्षक होता हैl वेनेजुएला देश से भी मोती रत्न हमें प्राप्त होता है, जिसका वर्ण श्वेत होता है। भारत के बंगाल की खाड़ी से प्राप्त मोती रत्न (moti ratna kaisa hota hai) का रंग हल्का गुलाबी होता हैl ऑस्ट्रेलिया से भी हमें श्वेत वर्ण के मोती प्राप्त होते हैंl मेक्सिको की खाड़ी से काले रंग के सुंदर एवं आकर्षक मोती प्राप्त होते हैं, जिनका मूल्य बहुत अधिक होता है, तथा इनकी गुणवत्ता भी बहुत उत्तम होती हैl भारत में दिन प्रतिदिन मोती रत्न की मांग बढ़ने से भारत को मोती रत्न को आयात करना पड़ता है l भारत अपनी मांग को पूरी करने के लिए पूरी तरह से दूसरे देशों पर मोती रत्न को आयात करने के लिए निर्भर रहता है।

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मोती रत्न (moti ratna se kya hota hai) हमें यूं तो समुद्री जीवो से प्राप्त होता ही है lउसके साथ-साथ कुछ दुर्लभ किस्म की मुक्ताए भी हमें विभिन्न जीवो के माध्यम से पाए जाते हैं, जो कि किसी चमत्कार से कम नहीं होते हैंl यह प्रकृति द्वारा चुने गए कुछ खास कुछ विशिष्ट लोगों को ही मोती रत्न की प्राप्ति होती है, जो कि बहुत अधिक सौभाग्यशाली होते हैं, और जिन लोगों को यह दुर्लभ मुक्ताए प्राप्त होते हैंl वह भाग्य से बहुत तेज होते हैंl गजमुक्ता ,सर्प मोती, वराह मोती बांस मुक्ता, आकाश मुक्ता, मीन मुक्ता, मेघ मुक्ता ,शिप मुक्ता यह सभी बहुत ही दुर्लभ एवं अद्भुत किस्म की मुक्ता है।

मोती रत्न (moti ratna ke fayde) को ज्योतिष शास्त्र में नौ रत्नों में से एक रत्न होने का अलंकरण प्राप्त है lइसका उपयोग चंद्र से संबंधित विभिन्न प्रकार की चीजों में किया जाता हैl मोती रत्न में चंद्र ग्रह के बहुत ही शक्तियां विद्यमान रहती है, किंतु आज के जमाने में मोती रत्न का निर्माण धड़ल्ले से प्रयोगशाला में विभिन्न प्रकार के रसायनों के मिश्रण से तैयार किया जाता है, तथा इसकी चमक देखकर कभी-कभी लोग इसे कृतिम मोती कहने या मानने की जगह प्राकृतिक रूप से निर्मित मोती समझने लगते हैं, किंतु जो चीज हमें प्रकृति के द्वारा प्राप्त होती है, उस की भौतिक संरचना बिल्कुल अलग होती है, तथा उसके भौतिक गुण इस प्रकार से विद्यमान होते हैं, कि हम जब उसे धारण करते हैं, तो सूक्ष्म से सूक्ष्म स्तर तक हमारे ऊपर अपना प्रभाव डालते हैं, किंतु यदि यही आपके द्वारा कृत्रिम रूप से निर्मित मोती रत्न (moti ratna dharan karne ke fayde) धारण किया जाएगा तो उसके ना आपको अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं, और ना बुरे परिणाम, कभी-कभी दोष युक्त मुक्ता धारण करने से हमारे जीवन में बर्बादी होने लगती है lहम बर्बाद होने की कगार पर खड़े हो जाते हैं। ऐसे त्रुटि युक्त मोती धारण करने से हमें बचना चाहिएl मोती रत्न को धारण करने से पूर्व इस रत्न की जांच हमें विभिन्न मापदंडों को अपनाकर करने चाहिए।

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1. असली मोती को जब आप अपने दांतों से काटेंगे तो यह दो टुकड़ों में बट जाएगा या इस पर आपके दातों के निशान पूरी तरह से पड़ जाएंगे, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित मोती रत्न (moti ratna pahanne ke fayde)  में यह गुण मौजूद नहीं रहता है।

2. जब मोती रत्न को गाय के शुद्ध जमे हुए घी में रखा जाता है, तो गाय का घी पिघलने लगता है, तथा वह कठोर अवस्था से तरल अवस्था में बदलने लगता है।

3. प्राकृतिक रूप से निर्मित मोती रत्न देखने में भले ही छोटा होता है, किंतु उसका वजन अधिक होता है, आप जब कृत्रिम रूप से निर्मित मोती रत्न को लेंगे तो देखेंगे कि वह देखने में बहुत बड़ा भले ही क्यों न हो किंतु जब उसकी वजन की तुलना प्राकृतिक रूप से निर्मित मुक्ता के साथ करेंगे तो पाएंगे की उसका वजन बहुत कम है, ऐसा इसलिए क्योंकि प्राकृतिक रूप से निर्मित किसी भी पत्थर का घनत्व अधिक होता है।

4. जब मोती रत्न (moti ratna pahanne se kay hota hai) को किसी चीज से रगरा जाता है, तो यदि उसकी चमक और अधिक बढ़ जाएl वह पहले की अपेक्षा और अधिक आकर्षक देखने लगे तो वह एक प्राकृतिक रूप से निर्मित मोती रत्न है, जबकि इसके विपरीत उसका रंग फीका पड़ जाए तथा उसकी परत उतरने लग जाए तो इसका आशय है, कि वह एक नकली होती है।

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5.मोती रत्न (moti ratna pahanne ke fayde) कभी भी प्रकाश को अवशोषित नहीं करता है। वह हमेशा प्रकाश को उत्सर्जित करता है। इसी वजह से जब आप इसके ऊपर ध्यान से देखेंगे तो आप अपना प्रतिबिंब उसके ऊपर बनता हुआ देख सकते हैं, जबकि इसके विपरीत यह गुण आप कृत्रिम रूप से निर्मित मोती में नहीं देख सकते हैं।

मोती रत्न (moti ratna ki jankari) की इतनी अधिक उपयोगिता है, कि यह एक विश्व प्रसिद्ध रत्न है lइसका उपयोग लोगों के द्वारा विभिन्न तरीके से किया जाता है, जिस भी जातक के द्वारा इस रत्न को धारण किया जाता है। उसके जीवन में धन संबंधित कभी भी परेशानियां नहीं आती है, तथा मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि उस पर हमेशा बनी रहती हैl माता की कृपा से धन संचय करने के विभिन्न स्थितियां उत्पन्न होती है lइस रत्न को धारण करने से जातक के जीवन में स्थिरता आती है। यह स्थिरता उसके जीवन के किसी भी आयाम में आ सकती है।

मोती रत्न (moti ratna ka upyog) जिसके द्वारा भी धारण किया जाता है, उसे असीम शांति एवं शीतलता का भाव प्राप्त होता है। उसका एक नवीनतम व्यक्तित्व वाले व्यक्ति का रूपांतरण होता है, जिसकी मस्तिष्क का तेज ,मन का तेज इतना अधिक होता है, कि हर कोई उसके समक्ष नतमस्तक होता है, तथा उसका मान सम्मान करता हैl उस व्यक्ति में धैर्य क्षमता प्रबल रूप से विराजमान रहती है, तथा वह मानसिक तौर पर बहुत मजबूत व्यक्तित्व वाला व्यक्ति होता है।

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