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नीलम रत्न क्या है- Neelam Ratna Kya Hai
नीलम रत्न क्या है– (neelam stone kya hai) रत्न शास्त्र के अनुसार नीलम एक बहुमूल्य, दुर्लभ ,आकर्षण युक्त रत्न है, जो शनि देव को समर्पित होता हैl सौर मंडल के जितने भी ग्रह है वे सभी किसी न किसी प्रकार से हमारे जीवन पर अपना प्रभाव डालते हैं, तथा प्रकृति के द्वारा इन ग्रहो की दशा को मजबूत स्थिति में लाने के लिए विभिन्न प्रकार के रत्नो को हमें वरदान स्वरुप प्रदान किया गया हैl विशिष्ट अलौकिक शक्ति से अलंकृत नीलम रत्न जीवन के विभिन्न पहलुओं पर हमें विविध प्रकार से लाभ पहुंचाने का कार्य करता है।
नीलम रत्न (neelam stone kaisa hota hai) मुख्यता एक खनिज पदार्थ है, इसे एलुमिनियम भस्म कहा जाता हैl इसका रंग लाल के सिवाय कुछ भी हो सकता हैl नीलम रत्न शनि ग्रह के दुष्प्रभाव से बचाता हैl शनि ग्रह जिन्हें स्वयं महादेव के द्वारा पूरे त्रिलोक का दंडाधिकारी तथा मुख्य न्यायधीश होने का वरदान प्राप्त है lइनके प्रकोप से देवता हो या गन हो राक्षस हो या कोई मनुष्य हो कोई भी नहीं बच सकता है।
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शनि देव को सूर्यपुत्र तथा छाया पुत्र की उपाधि प्राप्त है, किंतु पितृ शत्रु होने की वजह से इनके और सूर्य देव के बीच अच्छे संबंध नहीं है, जहां तक सूर्य के प्रकाश का परिधि होता है, वहां पर शनि देव विराजमान नहीं होते हैं, किंतु जैसे ही सूर्य कि किरणों की सीमा समाप्त होती है, वहीं से शनि देव के साम्राज्य की शुरुआत होती है।
नीलम रत्न एक चमत्कारी रत्न है, इसे धारण करने से जातक के जीवन में बहुत से परिणाम देखने को मिलते हैं, किंतु यह जातक की कुंडली की गननाओ पर निर्भर करता है, कि नीलम रत्न उसे सकारात्मक परिणाम देगा अथवा नकारात्मक परिणाम देगाl शनि द्वारा दिए जा रहे विभिन्न कष्टों को इसके द्वारा दूर किया जा सकता है, नीलम रत्न (neelam pathar kaisa hota hai) में शनि से संबंधित बहुत ही अलौकिक शक्तियां विद्यमान है।
शनि ग्रह एक ऐसा ग्रह है, जिसे पाश्चात्य ज्योतिष शास्त्र हो या भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इनके द्वारा जब हमारी कुंडली में गोचर होता है, तब हमें बहुत से कष्टों का सामना करना पड़ता है, बहुत से लोगों के द्वारा मानना है, कि यह एक मारक ग्रह है, दुख पीड़ा कष्ट व्याधि आदि का कारक भी शनि ग्रह को माना जाता हैl इनकी दृष्टि एवं वक्री चाल की वजह से जातक को अनेक पीड़ाओ का सामना करना पड़ता है, किंतु इनकी रचना सृष्टि में संतुलन स्थापित करने हेतु की गई थी, यदि ऐसा नहीं किया गया होता तो पूरी सृष्टि में पाप ,लोभ, काम आदि जैसे चीजें अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच जाती तथा सृष्टि विनाश के कगार पर पहुंच जाती। (neelam ratna pahanne se kya fayda hai)
ऐसी परिस्थिति में किसी ऐसी चीज का निर्माण आवश्यक था जो लोगों को कर्मों के आधार पर दंड अथवा पुरस्कार दें इसीलिए शनिदेव का उद्गम हुआ और उन्हें यह वह वरदान प्राप्त हुआ कि वह त्रिलोक के दंडाधिकारी तथा मुख्य न्यायाधीश होंगे, जब शनि देव न्याय करने पर आते हैं, तब आपकी छोटी से छोटी की गई गलतियां अथवा उपकार को वह दंड या पुरस्कार के रूप में आपको प्रदान करते हैं, किंतु मानव की प्रवृत्ति हमेशा यही रही है, कि वह खुद को सर्वश्रेष्ठ समझता है, तथा हमेशा से ही यह चाह रही है, कि सबसे अधिक बलवान वही है, ऐसी परिस्थिति में उसके द्वारा बहुत से गलत काम किए जाने लगते हैंl वह घमंड में चूर हो जाता है, तब उसे नियंत्रित करने के लिए शनि ग्रह अपना प्रभाव दिखाने लगते हैं, और उसे उसके कर्मों के फल उसे देने लगते हैं, और उसकी जीवन की गाड़ी जैसे -तैसे हो जाती हैl लोगों के बीच उसका उपहास उड़ने लगता है।
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मान सम्मान जैसी चीजें बिल्कुल धूमिल होने लगती है, उसे बहुत से आर्थिक नुकसान होने लगता हैl उसमें धैर्य जरा भी नहीं रहता है, हर वक्त वह गुस्से में रहता है, या फिर उसका मन किसी चीज को लेकर विचलित अवस्था में रहता हैl कभी भी उसके जीवन में शांति का वास नहीं होता हैl घर- परिवार में भी उसके कलह का माहौल बना रहता है, दांपत्य जीवन कष्टों से भर जाता है lकभी-कभी तो यह स्थिति इतनी दयनीय हो जाती है, कि जातक आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेता है, किंतु यह सारी चीजें यदि उसके जीवन में घट रहे हैं, तो उसका अर्थ है, कि उसका कर्म ऐसा था जिसके वजह से उसे इतना कुछ भोगना पड़ रहा है, ऐसी भयावह परिस्थिति से बचने हेतु नीलम रत्न (neelam pathar pahnane se kya hota hai) को उत्सर्जित किया गया क्योंकि प्रकृति हमें कभी भी किसी भी परिस्थिति में दुखी नहीं देख सकती है।
अतः नीलम रत्न (neelam ka pathar kaisa hota hai) हमें पृथ्वी के गर्भ से प्राप्त होता है, जो शनि ग्रह के दुष्प्रभाव को कम करने में सक्षम हैl शनि ग्रह के द्वारा हमें विभिन्न प्रकार के कष्ट, रोग ,बीमारी आदि दिए जाते हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह केवल हमें कष्ट ही देते हैं, बल्कि जब शनि ग्रह किसी को देने पर आते हैं, तो उसे रंग से राजा बनाने में ज्यादा समय नहीं लगाते और यदि उस वक्त किसी के द्वारा नीलम रत्न (Neelam Ratna Kya Hai) धारण कर लिया जाता है, तो सोने पर सुहागा जैसा कार्य करता हैl नीलम रत्न शनि ग्रह के प्रभाव और भी सकारात्मक बना कर विभिन्न पहलुओं पर जातक को सफलता प्रदान करता है, उसे असीम शांति की प्राप्ति होती है, वह एक धनवान व्यक्ति के रूप में जाने जाना लगता है।
शायद ही कोई ऐसा कार्य हो जो जिसको वह करने में सक्षम नहीं हो, उसके व्यक्तित्व में एक चमत्कारी गुण रहता है, जिसकी और सभी खींचे चले जाते हैंl उसका व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली होता है, जिससे वह एक आकर्षण का केंद्र बन जाता है।
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शायद ही कोई ऐसा कार्य हो जो जिसको वह करने में सक्षम नहीं हो, उसके व्यक्तित्व में एक चमत्कारी गुण रहता है, जिसकी और सभी खींचे चले जाते हैंl उसका व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली होता है, जिससे वह एक आकर्षण का केंद्र बन जाता है,उसके मन मस्तिष्क में एकाग्रता बनी रहती है, जिससे उसे कार्य करने में आसानी होती है, अपनी दृढ़ शक्ति तथा कर्मठता की वजह से असंभव को भी संभव करने में वह सक्षम होता है, विषम से विषम परिस्थिति में भी वह अपना धैर्य नहीं खोता है।
हमेशा उसके मुख पर प्रसन्नता के भाव छाए रहते हैंl घर -परिवार एवं कार्यस्थल में सही से सामंजस्य बैठाने की गजब की क्षमता इनमें होती हैl प्रायः यह लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध होते हैं, वाकपटुता जैसी चीजों में तो इन्हें महारत हासिल होती है,लोग इनकी और बहुत जल्दी आकर्षित हो जाते हैंl प्रकृति के द्वारा दिया गया नीलम रत्न (neelam ratna pahanne se kya hota hai) किसी करिश्मा से कम नहीं है।
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