नीलम रत्न के उपरत्न – Neelam Ratna Ke Upratna

नीलम रत्न के उपरत्न – Neelam Ratna Ke Upratna

 

नीलम रत्न के उपरत्न – Neelam Ratna Ke

 Upratna

नीलम रत्न के उप रत्न – आज का हमारा विषय है l नमस्कार मित्रों जय बाबा भैरव आज का विषय है, नीलम रत्न के उपरत्न कितने प्रकार के होते हैं, हम यह जानने का प्रयास करेंगे-

 

 

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नीलम रत्न जो कि एक बहुत ही चमत्कारी बहुमूल्य रत्न है, जो प्रकृति के द्वारा शनि ग्रह के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए दिया गया वरदान है। शनि ग्रह को दुख , पीड़ा ,कलह ,मारगी आदि चीजों से संबंधित ग्रह समझा जाता है lपाश्चात्य ज्योतिष विज्ञान से लेकर भारतीय ज्योतिष विज्ञान तक इस ग्रह को कष्टों का ग्रह माना जाता है, तथा ऐसा माना जाता है, कि यह ग्रह किसी के जीवन में भूचाल लेकर आता है, तथा किसी की भी जिंदगी में उथल पुथल मच आकर रख देता है, किंतु ज्योतिष विज्ञान ही हमें इसके काट को भी बताता है, और उसी के संदर्भ में हमें नीलम रत्न (neelam ratna ka upratna kya hai) धारण करने का सुझाव देता है।

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हमारे ज्योतिष विज्ञान की सबसे उन्नत विशेषता यही है, कि आपको इस विज्ञान में हर प्रकार के समस्याओं का समाधान अवश्य प्राप्त होता हैl बशर्ते की आप किसी विद्वान ज्योतिष के पास अपनी समस्या को लेकर गए हो, तभी आपको वह सटीक उपाय बता ने में सक्षम होगे। शनि ग्रह प्रकृति की एक अद्भुत अद्वितीय संरचना है, जिसे प्रकृति में सृष्टि ने संतुलन स्थापित करने के लिए रचा है, ऐसा माना जाता है, कि शनि ग्रह सभी के साथ उचित न्याय करते हैं, तथा गरीब तब के के लोगों मजदूर वर्ग के लोग आशाहाय लोग समाज संगठन समिति आदि को इनके द्वारा ही प्रतिनिधित्व किया जाता है।

(neelam ratna ka upratna ke fayde)

गुरु ग्रह यानि बृहस्पति ग्रह के बाद हमारे शौर्य मंडल में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह शनि ग्रह ही है, तथा यह एक विशिष्ट वलय प्रणाली के द्वारा घिरा हुआ है, जोकि चट्टान छोटी छोटी धूल कण के साथ साथ बर्फ के कण के साथ मिलकर बना हुआ हैl पृथ्वी की तरह ही इसका भी अपना उपग्रह है किंतु पृथ्वी की केवल एक अपना उप ग्रह है, वह है, चंद्रमा जबकि शनि ग्रह के 62 चंद्रमा इस ग्रह की परिक्रमा करते हैंl इस ग्रह का नाम सुनकर ही अच्छे अच्छे लोगों में मन में डर बैठ जाता है, क्योंकि शनि जब किसी को कुछ देने पर आए तब उसे दुनिया का सबसे सफल व्यक्ति के रुप में परिवर्तित कर देता है, किंतु यदि यह अपनी कुदृष्टि दिखाएं तो स्थिति को बद से बदतर बनाकर छोड़ता है।

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शनि ग्रह से पीड़ित व्यक्ति मानसिक अवसाद के शिकार हो जाते हैं, तथा उनके सोचने समझने की शक्ति छीन हो जाती हैl उनकी शारीरिक तथा मानसिक स्थिति दयनीय हो जाती है। वह समाज से खुद को अलग पाते हैं, तथा समाज के लोगों के साथ तालमेल बिठाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आर्थिक स्थिति भी उसकी बहुत ही दयनीय हो जाती है, निर्णय लेने की क्षमता छिन हो जाने की वजह से वह अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं, तथा उनकी जिंदगी निराशा भरी हो जाती है lउसके जीवन से शांति कोसों दूर चली जाती है, हर वक्त उसका दिमाग बस उलझन ओं से भरा रहता है, जिससे वह खुद को निकाल पाने में असक्षम होता है। (neelam ratna ke upratna ki jankari)

भावनात्मक स्तर पर भी ऐसे लोग खुद को बहुत अकेला पाते हैं, जिससे रिश्तो में से भी उनका विश्वास उठ जाता है। विविध प्रकार की शारीरिक बीमारियों से भी वे लोग ग्रसित हो जाते हैं, फिर बिना मतलब के फिजूलखर्ची भी बढ़ जाते हैं lउनके चेहरे का हाव भाव बदल जाता है, तथा जिंदगी में अजीब सा एक सूनापन रहता है, किंतु ऐसा नहीं है, कि यह केवल शनि ग्रह का प्रकोप है, बल्कि यह भी हो सकता है कि उनके द्वारा किए गए कर्मों का हिसाब शनि देव कर रहे हो क्योंकि शनि देव कभी भी न्याय करने में किसी के साथ भी देरी नहीं करते हैं, चाहे वह आप को उपहार दे या दर्द दे आपके कर्म यह निर्धारित करेंगे कि आप कृपा के पात्र होंगे या कुदृष्टि के पात्र होंगेl तो आइए चलिए जानते हैं, कि शनि ग्रह के रत्न नीलम रत्न (neelam ka upratna) के उपरत्न कौन-कौन से होते हैं –

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नीलम रत्न के उपरत्न-
नीलम रत्न बहुत ही महंगा मिलता है, ऐसे में बहुत से लोगों के पहुंच से बाहर होता है, इसलिए उन लोगों के द्वारा नीलम रत्न के उप रत्न धारण किए जाते हैंl उपरत्नो के द्वारा भी अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं, अतः जो लोग नीलम रत्न की शुद्धता को लेकर कशमकश में रहते हैं, उनके द्वारा उपरत्न धारण किया जाता है। नीलम रत्न (neelam ka upratna konsa hai) की जगह लोगों के द्वारा नीलीया , कटेला, जमुनिया, फिरोजा ,सोडा लाइट आदि को धारण किया जाता है, किंतु नीलम का सबसे अच्छा उपरत्न तंज नाईट को माना जाता है, जिसे लोगों की द्वारा चांदी में धारण किया जाता है, क्योंकि शनि ग्रह एक गर्म स्वभाव का ग्रह होता है, और चांदी हमें शीतलता प्रदान करती है, जिसकी वजह से हमारा मन और मस्तिष्क काफी शांत रहता है, इसलिए शनि ग्रह के विभिन्न उपरत्न को चांदी या प्लेटिनम में धारण किया जाता है।

उपरत्न कोई भी हो, किंतु सब अपनी जगह कोई न कोई खासियत लिए हुए रहते हैं, इसलिए नीलम रत्न (neelam ka upratna kaun sa hai) के जितने भी उपरत्न है lसभी बहुत कारगर है, और यह नीलम रत्न की ही तरह ही अनुकूल प्रभाव देते हैं, तथा लोगों को विभिन्न परेशानियों से भी निजात दिलाने में सक्षम होते हैं। बशर्ते की जो भी उपरत्न वह वह पूड़ी तरह शुद्ध हो एवं त्रुटि हिन हो, इनको इसलिए बिना जांचें परखे कभी भी ना खरीदेंl यदि आप के द्वारा दूषित उपरत्न धारण किया गया तो आपको बहुत से प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, एवं परिणाम इसके बहुत ही भयंकर हो सकते हैं lअतः बिना सोचे समझे किसी भी तरह का उपरत्न ना ले।

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ज्योतिष विज्ञान के अनुसार रत्न हो या उपरत्न हो जब भी आप पर कोई बहुत बड़ी विपदा आने वाली रहती है, तब यह रत्न या उप रत्न अपने ऊपर से सारी विपदा को ले लेते हैं और चटक जाते हैं, इसका अर्थ है, कि आप अब मुसीबत से बाहर हैl इस प्रकार रत्न हो या उपरत्न धारक की रक्षा करते हैंl इन उपरत्नों के बहुत से लाभ है, जैसे- यह आपको धैर्यवान बनाते हैं, तथा मन में असीम शांति की भावना प्रदान करते हैं, और भी विभिन्न प्रकार से आपको लाभ इन रत्नों या उप रत्नों को धारण करने से मिलता है, जो आपको समय के साथ देखने को मिलता है।

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