सभी रत्नों के नाम – Sabhi Ratno Ke Naam

सभी रत्नों के नाम – Sabhi Ratno Ke Naam

 

सभी रत्नों के नाम – Sabhi Ratno Ke Naam

रत्नों की उत्पत्ति के विषय में विस्तृत जानकारी हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी उपलब्ध है। विभिन्न आकाशीय पिंडों का संबंध पृथ्वी पर उपलब्ध इन पत्थरों से बहुत गहरा होता है, तथा इन रत्न रूपी पत्थरों का उपयोग कर लोग विभिन्न प्रकार के ग्रह का अनुकूल प्रभाव प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। इसके साथ-साथ इन ग्रहों की कृपा से जातक ऐसे स्वर्णिम स्तर तक पहुंचता है, जिसकी परिकल्पना की पृष्ठभूमि शायद उसने कभी स्वप्न में भी नहीं किया हो। रत्न हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्थिति में अनुकूल परिवर्तन लाने में सक्षम होते हैं।

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रत्नों को धारण कर हम इनकी विशिष्ट ऊर्जाओ एवं शक्तियों को अवशोषित कर ऐसे बहुत से कार्यों को पूर्ण करते हैं, जो इन ग्रहों की कृपा के बिना संभव नहीं है, या इन चीजों की प्राप्ति इन ग्रहों की कृपा दृष्टि के बिना प्राप्त करना संभव नहीं है। रत्न हमारे अंदर अविश्वसनीय प्रतिभा का निर्माण करते हैं। इसके साथ-साथ यह हमारे अंदर अविश्वसनीय कौशलों का निर्माण करते हैं, जिससे हम दक्ष होते हैं। हमारे अंदर नेतृत्व क्षमता का निर्माण होता है। हमारे अंदर धैर्य की भावना उत्पन्न होती हैl हमारी बुद्धि कुशाग्र होती है। हमारे अंदर वाकपटुता जैसे कौशलों का निर्माण होता हैl यह हमें स्पष्ट वक्ता बनाने में सक्षम होते हैं।

रत्न हमें विभिन्न प्रकार से ख्याति, प्रसिद्धि ,नाम ,शोहरत दिलाने में हमारी बहुत मदद करते हैं, रत्न हमें सौभाग्यशाली बनाते हैं, एवं हमारे भाग्य में वृद्धि करते हैं, रत्न के प्रभाव से हम शक्तिशाली, निर्भीक, साहसी बनते हैं lइन रत्नों का उपयोग कर हम अपने संचार तंत्र को भी मजबूत कर सकते हैंl इसके साथ-साथ रत्न हमें स्वस्थ मानसिक एवं शारीरिक काया प्रदान करते हैंl यह रत्न हमें असीम शांति एवं सुख प्रदान करने की भी क्षमता रखते हैंl इनमें ऐसी भौतिक ऊर्जाओं का समावेशन होता है, जो हमें एक अध्यात्मिक स्तर के उच्चतम आयाम तक ले जाने की क्षमता रखते हैं, हालांकि उपर्युक्त विद्यमान सभी क्षमताएं हमें तभी प्राप्त होती है, जब हमारे द्वारा सटीक एवं उपयुक्त रत्न हमारे लग्न कुंडली के अनुसार धारण किया गया हो, अन्यथा इन रत्नों में विध्वंसक शक्तियां भी विद्यमान होती है, जो यदि किसी जातक को नहीं धारती है, तो उसे दिन में तारे दिखाने की क्षमता रखती है।

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इसके साथ-साथ उसकी स्थिति भी दयनीय बनाने की क्षमता इन में विद्यमान रहती है। कभी-कभी कोई कोई रत्न तो इतना प्रतिकूल प्रभाव दिखाता है, कि जातक अपना सुध बुध खो बैठता है, एवं पागलपन की स्थिति में पहुंच जाता है lवह मानसिक अवसाद के अंतिम चरण में पहुंच जाता है, जहां पर वह आत्महत्या जैसे जघन्य अपराध को भी अंजाम दे सकता हैl उसे आर्थिक क्षति के साथ-साथ सामाजिक क्षति तथा मानहानि संबंधित क्षति भी बहुत बड़े स्तर पर होने लगती है। विभिन्न प्रकार के रंगों वाले रत्न हमारे शरीर में व्याप्त सातों चक्रों को संतुलन में रखने का कार्य करते हैं, आइए जानते हैं, कौन कौन से रत्न होते हैं-

1. पुखराज रत्न- पुखराज रत्न (sabhi ratno ke labh) गुरु ग्रह से संबंधित रत्न होता है। देव के गुरु के रूप में इन्हें अलंकृत किया जाता है। इनके द्वारा ही जातक के पिछले जन्म के कर्म के आधार पर वर्तमान के जीवन में धन -संपदा, मान -सम्मान, पद- प्रतिष्ठा सामाजिक प्रतिष्ठा आदि निर्धारित किया जाता है। हमारे अंदर विवेक शीलता महत्वकांक्षी एवं नेतृत्व की क्षमता का कारक भी बृहस्पति ग्रह को माना जाता है। शिक्षण से संबंधित क्षेत्र गुरु जन, जेष्ठ भ्राता, संतान ,मित्र आदि के कारक भी गुरु ग्रह बृहस्पति को ही माना जाता है।

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2. हीरा- हीरा (sabhi ratno ke naam in hindi) शुक्र ग्रह ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, तथा यह प्रेम, सौंदर्य भौतिक सुख साधनों को निरूपित करता है। विभिन्न प्रकार के अविश्वसनीय कलाओं का राजसी ठाठ बाट ,किसी भी प्रकार का सुगंध एवं काम के प्रति आकर्षण या विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण इन सभी को शुक्र देव का कारक माना जाता है।

3. नीलम रत्न- नीलम रत्न (sabhi ratno ke naam kya hai) का स्वामी ग्रह शनि ग्रह को माना जाता है। शनि ग्रह गरीब ,असहाय, समाज आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनका सबसे प्रधान गुण होता है, जीवन में स्थायित्व का बोध स्थापित करना तथा आजीविका से संबंधित परेशानियों को दूर करनाl इनकी विशेषता होती है, मोक्ष की प्राप्ति, तथा यह रहस्यमई विद्याओं के ज्ञाता होते हैं।

4. पन्ना रत्न- पन्ना रत्न (sabhi ratno ke labh kya hai) का स्वामी ग्रह बुध ग्रह होता है, जो देखने में प्रकृति के रंग के समान हरा होता है, जिसकी वजह से इसमें हीलिंग पावर अप्रतिम रूप से व्याप्त होता हैl बुध को ज्योतिष विद्या में नवग्रहों में राजकुमार की उपाधि प्रदान की गई हैl बुध जो हमारे बुद्धि का कारक होता है, जो हमारे संचार तंत्र का मालिक होता है। हमारे विवेक का मालिक भी बुद्ध होता है, आपकी जीवा पर बुध ग्रह वास करता है, तथा छोटी कन्याओं को निरूपित करने वाला ग्रह भी बुध है lइसी वजह से छोटी कन्याओं को उचित मान-सम्मान प्यार दुलार देने से किसी भी जातक का बुध ग्रह मजबूत होता है, एवं अच्छे परिणाम उसे देखने को मिलते हैं।

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5.मूंगा रत्न -मूंगा रत्न (sabhi ratno ke fayde kya hai) मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल जो आपके अंदर का उत्साह को बढ़ाता है, किसी कार्य को करने के लिए आपके अंदर जुनून को पैदा करता हैl वही है- मंगल ग्रह, मंगल ग्रह आपको किसी कार्य को करने के लिए उपयुक्त ऊर्जावान बनाता हैl गुप्त शत्रु पर विजय दिलाने में भी मूंगा रत्न बहुत कारगर होता है। मंगल ग्रह, भूमि मकान ,भवन निर्माण, प्रशासनिक विभाग आदि जैसी चीजों का कारक होता है।

6. मोती रत्न- मोती रत्न चंद्रदेव का प्रतिनिधित्व करता है lचंद्रदेव जो हमारे मन -मस्तिष्क विचारों के कारक होते हैंl हमारे भाग्य के निर्माता भी चंद्रदेव ही होते हैंl हमारी माताजी वास्तविक जीवन में चंद्र को ही निरूपित करती है एवं जिस प्रकार का संबंध आपकी माता का आप से होगा उसी प्रकार चंद्रमा आप के मन मस्तिष्क को नियंत्रित करेगा एवं उसी प्रकार आपके भाग्य उन्नति भी करेगाl आपके अंदर की चंचलता का कारक भी चंद्र ही होता है।

7. माणिक्य रत्न- माणिक्य रत्न (sabhi ratno ki jankari) सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य जो हमारे अंदर की शौर्य, शक्ति ,ऊर्जा ,निष्ठा ,नेतृत्व क्षमता का कारक होता है। शक्ति एवं पिता का कारक भी सूर्य देव को माना जाता है। सूर्य देव जिन्हें राजा की उपाधि से अलंकृत किया गया है, जिनके बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है।

8. गोमेद -गोमेद को राहु का रत्न माना जाता है। राहु एक ऐसा ग्रह है, जिसका कोई स्पष्ट विवरण नहीं है। यह एक आकस्मिक ग्रह है तथा यह अचानक से घटने वाली घटनाओं से संबंधित होता है, चाहे वह घटना अनुकूल हो या प्रतिकूल हो वैचारिक बाधाएं राजनीति में सफलता पारिवारिक क्लेश एवं दांपत्य जीवन में अलगाव का कारक भी राहु को माना जाता है। राहु एक ऐसा ग्रह है, जिसके सामने बुध भी चुप्पी साध लेता है। आपकी तीव्र गति से उत्तम जवाब राहु है, आपकी अध्यात्म शक्ति का कारक भी राहु है, हमारी विभिन्न प्रकार की कल्पनाओं का कारक भी राहु है।

9. लहसुनिया -लहसुनिया (sabhi ratno ke chamatkar) को केतु का प्रतिनिधित्व करने वाला रत्न माना जाता है। आपके अंदर की गुप्त शक्तियों का कारक केतु ग्रह होता है। गुप्त शत्रु संबंधित पीरा, एकाग्रता, उपवास, मोक्ष की प्राप्ति ,मंत्र साधना ,ध्यान तीर्थ यात्रा सभी का कारक केतु को माना जाता है, यह एक छाया ग्रह है।

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