शालीग्राम माला के लाभ, shaligram mala
ke labh
शालिग्राम माला(shaligram ki mala) से मिलने वाले विविध लाभों को इसे शुभ दिन धारण कर प्राप्त किया जा सकता है ।इसके लाभों को देखते हुए यह सनातन संस्कृति में बहुत अधिक महत्व रखता है।इसे धारण करने वाले व्यक्तियों को अत्यधिक सुरक्षा की अनुभूति होती है, तथा आनंद पूर्ण वातावरण का एहसास होता है। जातक के इर्द-गिर्द का वातावरण शुद्ध एवं शांति युक्त रहता है।शालिग्राम अर्थात स्वयं श्री हरि विष्णु स्वयं जगत के पालनहार जगत जगदीश्वर नारायण का अवतार माना जाता हैl शालिग्राम(shaligram ki mala) (shaligram mala benefits in hindi) को लड्डू गोपाल की अद्भुत मुख मंडल के समतुल्य माना जाता है।
शालिग्राम(shaligram ki mala) (shaligram mala pahanne ke labh) को भगवान के विभिन्न रूपों को चित्रित किया गया है। चक्रपाणि, विश्वम्भर, लक्ष्मीपति, मधुरिपु श्री हरि की खास कृपा इसके ऊपर बनी रहती है।यह एक ऐसा जैविक पत्थर होता है, जिसका निर्माण विभिन्न प्रकार के जीवाश्म के द्वारा होता है।खासकर यह नेपाल के गंडक नदी में पाया जाता है ।इसकी सबसे बड़ी मुख्य विशेषता यह होती है, कि इन जैविकमनके के ऊपर भगवान केशव के सुदर्शन चक्र की आकृति इंगित रहती है। वैष्णव संप्रदाय के साथ-साथ विभिन्न वर्ग के लोगों के लिए इस माला की महत्ता बहुत ही उत्तम, बहुत ही कृपा युक्त मानी जाती है ।यही कारण है, कि भगवान के साक्षात स्वरूप के इस दिव्य वस्तु से प्राप्त होने वाले लब्धि को देखते हुए इसका प्रयोग लोग भिन्न भिन्न प्रकार से करते हैं।
शालिग्राम माला को धारण करने से मिलने वाले लाभों के बारे में आज हम चर्चा करेंगे-
शालीग्राम माला के लाभ, shaligram mala ke labh
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1) आध्यात्मिक दृष्टिकोण में प्रगति की इच्छा हो या सांसारिक सुखों को प्राप्त करने की इच्छा हो सभी में यह अच्छे लाभ प्रदान करने की गुणवत्ता रखता है। यही कारण है, कि लोग इसे विविध प्रकार से प्रयोग में लाते हैं। ऐसे लोग जो नौ ग्रहों के द्वारा दिए जा रहे परेशानियों से पीड़ित रहते हैंl नौ ग्रहों की प्रतिकूल चाल से उनका जीवन क्षयप्राप्त होने लगता है।जीवन में इतने अधिक उतार-चढ़ाव से व्यक्ति गुजरने लगता है, कि उसे समझ ही नहीं आता कि वह वास्तविक जीवन की किस पड़ाव से गुजर रहा है, या वह किसी स्वप्न में खो सा गया है, या किसी भूलभुलैया के रास्तों में अपनी वास्तविक पहचान ही खो बैठा है।
ऐसी दृष्ट परिस्थितियों से गुजरने वाले जातकों के लिए शालिग्राम(shaligram ki mala) (shaligram mala pahanne ke fayde) वाला विधिवत रूप से धारण करना उनके जीवन के कई समस्याओं का समाधान दिला सकता है।उन्हें यह कई प्रकार से लाभ प्रदान कर सकता है।जीवन में आने वाले ब्रह्मांडिय ग्रह नक्षत्र के द्वारा निर्मित की गई कई संदेहास्पद दशा में भी जातक विचलित होने के बजाय अपनी सूझबूझ की प्रस्तुतीकरण से सभी चीजों पर अंकुश लगाने में सफल रहता है तथा ईश्वर की कृपा भी उसे प्राप्त होती रहती है।
2) गले में शालिग्राम माला(shaligram ki mala) (shaligram ki mala se kya labh hota hai) को धारण करने से मिलने वाले लाभों से व्यक्ति विशेष आश्चर्य चकित हो जाता है।यह माला उसे ना केवल मानसिक रूप से सक्रिय बना देता है।उसकी चेतना में एक नई प्राणशक्ति डाल देता है, बल्कि उसे विविध प्रकार के शारीरिक अक्षमताओ की सूची से भी बाहर निकालने में मदद करता है ।यह माला धारण करने से व्यक्ति को मानसिक दबाव जैसी स्थिति में अनुकूल परिणाम देखने को मिलते हैं, व्यक्ति जीवन में आने वाले घोर दबाव पर भी विचलित नहीं होता है ।यह आध्यात्मिक चरणों में सफलता प्राप्त करने में भी मदद करता है।धार्मिक प्रवृत्ति में और अधिक शुद्धता एवं प्रगाढ़ता लाने का एक सर्वोत्तम मार्ग के रूप में भी शालिग्राम माला का उपयोग किया जा सकता है, तथा धार्मिक चीजों में सफलता प्राप्त करने के लिए भी शालिग्राम के माला को प्रयोग में लाया जा सकता है ।
शालीग्राम माला के लाभ, shaligram mala ke labh
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सात्विक कार्यों की पूर्ति के लिए भी यह माला सर्वोत्तम मानी गई है। साक्षात भगवान पितांबर का आशीर्वाद जिसके ऊपर बना रहे उसे जीवन के किसी भी चरणों में कभी भी कोई परेशानी उसके अडिग पथ से विचलित नहीं कर पाती है। इसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार के मानसिक पातकों का शमन होता है। उसके विचारों में उसके व्यक्तित्व में निर्मलता एवं सतोगुणी, सत्य निष्ठा जैसे उच्च कोटि के गुण समाहित होते हैं, तथा विध्वंस कारी एवं कलंकित छवि कि खराब युक्ति नष्ट होती है ।
शालिग्राम की माला(shaligram ki mala) (shaligram ki mala dharan karne ke labh) धारण करने से मिलने वाले लाभों के कारण आंगिक दोष हो या वाचिक दोष हो या विखंडितमानसिकता या द्विध्रुवी विकार जैसी चीजें हो सभी में इसके प्रवीण प्रभाव के कारण उपयुक्त लाभ देखने को मिलते हैं, तथा व्यक्ति जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाता हैl वह अपने आराध्य के सानिध्य में पूर्ण रूप से डूब जाता है, तथा भक्ति भाव से अपने आराध्य को स्वयं के अंदर समाहित कर लेता है।
3)• जिन लोगों के घर में आर्थिक स्थिरता लगातार बनी रहती है।उनके द्वारा कितना भी कर्मठ होकर कार्य किया जाए किंतु उन्हें उसके अनुसार फल प्राप्त नहीं होता है, जितनी वह मेहनत करते हैं, उनके अनुसार उनका फल प्राप्त करने से वह वंचित रह जाते हैं। ऐसी स्थिति में धन संबंधी दिक्कतें गृह में प्रवेश करने लगती है, तथा भवन में निवास करने वाले परिवार के सदस्य हो या अपने परिजन सभी के बीच छिद्र बनाकर दीमक के समान अंदर से खोखला बना देती है, जिसके कारण अपने ही घर परिवार के अंदर मध्यांतर का अभाव देखने को मिलने लगता है।आपसी फूट पड़ने के कारण घर की नींव तक टूट जाती है।हंसते खेलते परिवार को जैसे किसी की बुरी नजर लग गई हो वैसे उस भवन की एक ही सड़क पर आ गिरती है।
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ऐसे में यदि कोई युक्ति उन्हें नहीं सोच रही है।तो उन्हें इस स्थिति के परिपेक्ष्य में शालिग्राम माला(shaligram ki mala) (shaligram ki mala ki jankari) को विधिवत रूप से भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने में प्रयोग में लाना चाहिए।उस व्यक्ति विशेष को ओम नमो भगवते नारायण मंत्र का जाप प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही विष्णु भगवान के समक्ष मीठी खीर तथा तुलसी के कुछ पत्ते भोग के रूप में अर्पित करनी चाहिए।इससे न केवल उसकी आर्थिक तंगी दूर होगी, बल्कि पारिवारिक संरचना भी मजबूत होगी उसके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर भी इसका उत्तम प्रभाव देखने को मिलेगा ।धन संबंधित सभी तरह की परेशानियां समाप्त होंगी ।व्यक्ति के जीवन में सुख ,शांति ,समृद्धि प्रविष्ट होने लगेंगे।सभी तरह की सांसारिक समस्याओं का निदान उसे जल्द ही प्राप्त होने लगेगा। इसके साथ-साथ ईश्वरीय शक्ति का तेज उसे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने में भी मदद करेगा।
शालीग्राम माला के लाभ, shaligram mala ke labh
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4) शालिग्राम माला(shaligram ki mala) (shaligram ki mala dharan karne ke labh in hindi) को धारण करने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है, तथा पद प्रतिष्ठा में भी उन्नति देखने को मिलते हैं। इसे धारण करने से पितृ दोष संबंधित चीजों में भी अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। साक्षात विष्णु भगवान की कृपा से युक्त यह माला विभिन्न प्रकार की विघ्न बाधाओं की शांति के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है, किसी अन्य विशिष्ट कार्य की सिद्धि के लिए भी आप इसका प्रयोग कर सकते हैं ।श्री हरि विष्णु का सबसे कल्याणकारी स्वरूप के रूप में शालिग्राम को जाना जाता है ।इसे विधिवत रूप से पूजन करने से व्यक्ति जन्म जन्मांतर के जन्म मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है।सभी तरह के दुख संताप कष्ट इस माला के प्रभाव से नष्ट होने लगते हैं ।यह माला बहुत ही अलौकिक शक्तियों से युक्त मानी जाती है।
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