स्फटिक माला कहां मिलेगी – Sphatik Mala Kahan Milegi

स्फटिक माला कहां मिलेगी – Sphatik Mala Kahan Milegi

 

 स्फटिक माला कहां मिलेगी – Sphatik Mala

 Kahan Milegi

स्फटिक माला कहां मिलेगी- (sphatik stone ki mala ke fayde) स्फटिक एक प्रकार का खनिज होता है, जिसकी आभा कांच के समान प्रतीत होती है, किंतु आज के सामान अल्पायु नहीं होता बल्कि इसकी संरचना बहुत अधिक कठोर होती है। सल्फर डाइऑक्साइड इस उपरत्न के संयोजक होते हैंl यह उपरत्न देखने में बिल्कुल रंगहीन पारदर्शी निर्मल होता है, तथा इसके अनेक गुणवत्ता के कारण इसके नाम भी अलग-अलग है, जैसे बिल्लौर ,शिव प्रिय ,कांचमणि आदिl यह देखने में बहुत ही सुंदर एवं चमकदार होता है, इसका कार यह देखने में बहुत ही सुंदर एवं चमकदार होता है। बहुत ही ठंडे स्थलों से स्फटिक रत्न की प्राप्ति होती है, ऐसा माना जाता है, कि बर्फ के टुकड़े जब बहुत अधिक उच्चतम ठंड में अनेक विविध एवं जटिल परिस्थितियों से गुजरते हैं, जिसमें स्फटिक जैसे दिव्य रत्न में रूपांतरित होते हैं।

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स्फटिक की प्रवृत्ति बहुत ठंडी होती है, इसलिए मौसम कोई भी हो यह छूने में बहुत ही ठंडा लगता है, तथा जब इसके मनके को आपस में रगड़ आ जाता है, तब उससे चिंगारी निकलती हुई प्रतीत होती है, सबसे अधिक एवं आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है, कि स्फटिक माला (sphatik stone ki mala pahanne ke fayde) कितना भी पुराना हो जाए किंतु फिर भी इस की चमक कभी भी नहीं घटती हैl यह सालों साल बाद भी देखने में बिल्कुल बर्फ के समान चमकीला दिखता है, इसकी आभा में या कांति में कोई भी परिवर्तन नहीं आता चाहे आप कितना भी अधिक पुराना क्यों ना हो जाए जब प्रकाश की किरणें इस पर गिरती है, तब इसकी सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है, इसके मन के कभी भी पूरी तरह से गोल नहीं होते हैंl उनमें किसी न किसी प्रकार की आंतरिक त्रुटि देखने को मिलती है, किंतु वास्तव में वह त्रुटि नहीं होती है। बल्कि वह प्राकृतिक तौर पर निर्माण के समय होने वाले विभिन्न प्रकार के घटनाओं की वजह से बने हुए रेशे होते हैं, या बिंदु या किसी भी प्रकार की रेखा होती है, जो उसके शुद्धता का भी प्रमाण होता है।

स्फटिक के अनगिनत लाभों के कारण स्फटिक माला (sphatki mala dharan karne ke fayde) बहुत ही लोगों में प्रचलित है lऐसा माना जाता है, कि स्फटिक माला को धारण करने वाले जातक को कभी भी आर्थिक समस्या उत्पन्न नहीं होती है lउसके जीवन में कभी भी रूपए पैसे संबंधित समस्याएं उत्पन्न नहीं होती है, तथा जातक के जीवन में कभी भी उसकी बुनियादी जरूरतों को पूर्ण करने के लिए धन की कमी नहीं होती हैl इसके साथ ही स्फटिक रत्न उसे विभिन्न प्रकार के भौतिक सुख -संपदा को भी प्रदान करता है। माता लक्ष्मी की कृपा से जातक के जीवन में हर सांसारिक सुख सुविधा का प्रबंध होता है, जिसका आनंद वह सहरस आजीवन प्राप्त करता है।

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औषधीय गुणों से परिपूर्ण स्फटिक रत्न का भस्म का प्रयोग बहुत सी बीमारियों को दूर करने में विद्वान बैध के द्वारा किया जाता रहा है, ज्वार हो या पित्त विकार या फिर किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक दुर्बलता इन सभी विकारों में स्फटिक रत्न (sphatki mala kahan se kharede) के भस्म को प्रयोग कर इन सभी बीमारियों से निजात प्राप्त की जा सकती हैl इसके साथ-साथ नेत्र से संबंधित विकार हो या रक्त से संबंधित बीमारी इन सभी बीमारियों में भी यह काफी लाभप्रद होता है, ऐसा माना जाता है, कि इस दिव्य रत्न में ऐसी ऊर्जाओं का वास होता है, जो ब्रह्मांड के अनेक नकारात्मक ऊर्जा से किसी व्यक्ति विशेष को सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता रखती है, ऐसी ऊर्जा जो कि हर नकारात्मक पहलू को तोड़ने की क्षमता रखती हो।

यह एक संरक्षक के रूप में किसी भी जातक की रक्षा करता है, ऐसा माना जाता है, कि स्फटिक की माला (sphatki mala dharan karne se kya hota hai) धारण करने से भूत प्रेत जैसे व्याधि से या ऊपरी व्याधि हो या नजर दोष तंत्र मंत्र जादू टोना जैसी चीजें भी जातक के ऊपर कुछ भी अपना दुष्प्रभाव नहीं दिखा पाती हैंl स्फटिक रत्न इन सभी के दुष्प्रभाव को नष्ट करने की क्षमता रखता है, ऐसे जातक जो किसी भी प्रकार के राहु या केतु के दोस से पीड़ित है, एवं इस प्रकार की समस्या से ग्रसित है, ऐसे जातकों को स्फटिक माला का अवश्य प्रयोग करना चाहिए, किसी भी आयु विशेष के लिए यह माला काफी चमत्कारिक सिद्ध हो सकता है।

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छोटे बच्चे जब जन्म लेते हैं, तो उनमें सातों चक्र जागृत होती है lयही कारण है, कि वे ऐसी चीजों का भी आभास कर सकते हैं, जिन चीजों को हम अपने नेत्रों से नहीं देख सकते हैं, एवं ऐसी सूक्ष्म ऊर्जाओ को महसूस नहीं कर सकते हैं, किंतु बच्चे बहुत संवेदनशील होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें हर चीज दिखाई पड़ती है lचाहे वह सकारात्मक शक्ति हो या नकारात्मक शक्ति हो यदि बच्चे नकारात्मक शक्ति के प्रभाव में आ जाते हैं, तो बहुत जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं, इसके साथ ही बच्चे चिड़चिड़ा होने लगते हैं, लगातार बिना वजह रोते रहते हैं, या फिर किसी न किसी बीमारी से ग्रसित रहते हैंl इन सभी के पीछे का कारण नकारात्मक लोगों के द्वारा दिए जा रहे खराब विचार भी हो सकते हैं, ऐसे में बच्चों की चहु ओर से सुरक्षा प्रदान करने के लिए स्फटिक माला का प्रयोग करना सबसे लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

विद्यार्थी वर्ग के द्वारा यदि स्फटिक माला का प्रयोग किया जाए तो उनके विद्या अध्ययन में आने वाली किसी भी परेशानी को स्फटिक रत्न (sphatki mala ka prayog kaise kare) दूर करने की क्षमता रखता है।इसके साथ-साथ मां सरस्वती की भी कृपा उन्हें प्राप्त होती है, जिससे राहु के द्वारा उत्पन्न किए जा रहे किसी भी परेशानी को भी स्फटिक रत्न दूर करने की क्षमता रखता है, ऐसे लोग जिन्हें किसी न किसी प्रकार का भय लगा रहता है, एवं छोटी-छोटी बातों पर बहुत अधिक घबरा जाते हैं, ऐसे लोगों को स्फटिक माला को अवश्य धारण करना चाहिए lइससे उनके मन को मजबूती प्राप्त होती है, तथा वे लोग तार्किक स्तर पर हर चीजों को समझने बुझने लगते हैं, एवं किसी भी परेशानी में अपना चित्त अस्थिर नहीं करते हैं। शुक्र ग्रह जब किसी पापी ग्रह से दृष्ट होता है, तो अनेक प्रकार की समस्याएं लोगों के जीवन में आने लगते हैं।

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उनके व्यवहारिक जीवन में अनेक प्रकार के रोग व्याधि उन्हें घेरने लगते हैं lइसके साथ-साथ उनका संबंध अपने जीवन साथी के साथ बहुत अधिक बिगड़ने लगता हैl जातक के जीवन में प्रेम संबंध बिगड़ने लगते हैंl लाख कोशिशों के बाद भी उसका जीवन में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिलता है। दैनिक क्रियाकलाप हो या पेशेवर चीजें सभी में वह बहुत अधिक अव्यवस्थित रहने लगता है, जिससे चीजें और अधिक बिगड़ने लगती हैl हर पहलू इधर-उधर बिखरा रहता है, जिसे समेटने की लाख चेष्टा करने के बाद भी जातक चीजों को व्यवस्थित नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति से निजात पाने के लिए तथा शुक्र ग्रह को बल प्रदान करने के लिए एवं उसके शुभ प्रभाव की प्राप्ति के लिए लोगों को स्फटिक माला (sphatki mala ki jankari) का प्रयोग करना चाहिए, इस दिव्य माला के प्रभाव से अनेक प्रकार की परेशानियां दूर होती है।

 

 

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