हल्दी की गांठ के उपाय- Haldi ki Ganth ke Upay

हल्दी की गांठ के उपाय- Haldi ki Ganth ke Upay

 

हल्दी की गांठ के उपाय:- Haldi ki Ganth ke

 Upay

हल्दी की गांठ के उपाय- (haldi ki ganth ke totke bataye) हल्दी जिसे सबसे पवित्र चीजो में से एक माना जाता हैl कई बड़ी अनुष्ठान में इसके बिना अनुष्ठान पूर्ण नहीं माने जाते हैं, चाहे वह पूजा-पाठ हो या पवित्र मांगलिक कार्य जैसे शादी विवाह या किसी भी तरह का कोई संस्कार से संबंधित कोई पद्धति सभी चीजो में हल्दी का प्रयोग किया जाता हैl प्राचीन काल से हल्दी का प्रयोग विशिष्ट ग्रह देव गुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्त करने के लिए भी की जाती है, इसलिए गुरु ग्रह की मजबूती के लिए लोग वृस्पतिवार को हल्दी की गांठ को घीस कर अपनी तर्जनी उंगली पर लगाते हैंl कई जगह पर तो यह भी देखा जाता है, कि भगवान भोलेनाथ को चंदन के स्थान पर हल्दी का लेप भी लगाया जाता है।

 

 

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अपनी ग्रहो की चाल को स्पष्ट रुप से प्रभावित करने के लिए लोग हल्दी के लेप से मस्तिष्क पर टिका भी लगाते हैं, जिससे यह मस्तिष्क में उतशर्जित होने वाली अत्यधिक उष्मा को यहां सुख लेती हैl इसके साथ ही मन मस्तिष्क पूर्ण रुप से ठंडा रहता हैl इसके साथ ही गुरु ग्रह की कृपा भी उक्त व्यक्ति विशेष पर बनी रहती है,लक्ष्मीपति श्री हरि विष्णु जी का भी सबसे प्रिय वस्तु में से एक हल्दी को माना जाता है, इसलिए जो लोग गुरुवार का व्रत रखते हैं, उनके द्वारा विष्णु भगवान को पीले रंग की चीजों से अलंकृत किया जाता है,इसके साथ ही टीका के रूप में पीली हल्दी की गांठ (haldi ki ganth ke labh) का प्रयोग किया जाता है।

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हल्दी ना केवल केवल भारतीय संस्कृति में उपचार आत्मक गुणों के लिए जानी जाती है, बल्कि इसके विशिष्ट उपायों के माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की समस्या का समाधान पा सकता हैl इसके साथ ही वह जीवन के सफलता की सीढ़ियों को भी आसानी पूर्वक चढ़ सकता है,जिस भी व्यक्ति की यह कामना रहती है, कि वह जीवन में चलता चला जाए एवं सुख- समृद्धि उसके जीवन का अभिन्न अंग बन जाए उसके घर परिवार में शांत वातावरण रहे पारिवारिक दृष्टिकोण से वह सभी प्रकार की उन्नति को प्राप्त कर सके, इसके लिए भी लोग हल्दी की गांठ (haldi ki ganth ke fayde) का प्रयोग करते हैंl आज हम इस लेख के माध्यम से आपको हल्दी कि गांठ के कुछ ऐसे चमत्कारिक टोटके बताने जा रहे हैं, या उपाय बताने जा रहे हैं,जिसका प्रयोग कर अपने प्रारब्ध की दिशा एवं दशा दोनों बदल सकते हैं-

1.बीमारी या किसी प्रकार की आकस्मिक संकट से बचने के लिए- कई ऐसे लोग होते हैं, जो बहुत अधिक बीमार रहते हैं,उन्हें समझ नहीं आता कि, कैसे अपनी बीमारी को नियंत्रित किया जाए किस प्रकार के कार्य किया जाए की हमें स्वास्थ लाभ हो या कई लोगों की जीवन अच्छी पटरी पर चलती है, किंतु कुछ ऐसी घटना घट जाती है, कि अचानक व्यष्टि किसी ऐसी बड़ी मुसीबत में फंस जाता है, कि वहां से उसे निकलने का कोई मार्ग ही नजर नहीं आता है, ऐसे में उसे यह टोटका अवश्य अपनाना चाहिए।

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पहले जिसका स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है,उसे हल्दी की 5 गांठ (haldi ki ganth ka prayog) लेकर उसमें कुछ दाने राई के उसमें कुछ दाने लोंग के कुछ दाने गोलकी के रखने हैंl उसके साथ ही ब्रास के कुछ टुकड़े तथा एक ताजा नींबू जिसमें किसी भी तरह का दाग ना होl उसे भी रखे रात को आपको इसे बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के तकिए के नीचे रखना है,यह प्रयोग आपको शुक्रवार की रात्रि को करना है, उसके बाद सुबह शनिवार की दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर इसे किसी भी तरह के जलाशय में जो गतिमान है lउसमें रोगी के सिर से 7 बार दयसे एवं 7 बार बाय से उतारकर उसे त्वरित गति से जल में प्रवाहित करते हैं।

इस क्रिया को करते वक्त ध्यान रखें कि बीमार व्यक्ति का मुख जलाशय के विपरीत दिशा में होना चाहिए, उसके बाद आपको या उस बीमार व्यक्ति को बिना किसी से कुछ बोले l घर आकर स्नान करने के बाद हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें या फिर आप सुंदरकांड का कम से कम 5 पाठ अवश्य करें। आप देखेंगे कि आपके जीवन में ऐसी उन्नति आ रही है ,ऐसी प्रगति आ रही है, ऐसा लाभ आपके स्वास्थ्य में आ रहा है, जिसकी परिकल्पना शायद ही आपने कभी की हो स्वास्थ्य संबंधित चिंताओं में आपको अप्रतिम रूप से लाभ प्राप्त होने लगेगा,किंतु इस क्रिया को करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि जब तक यह क्रिया पूर्ण ना हो जाए या क्रिया के पूर्ण हो जाने के बाद भी इसका जिक्र आपको किसी भी व्यक्ति विशेष से नहीं करनी है।

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यह क्रिया आपको कम से कम एक ग्यारह शनिवार तक दुर्रानी है, उसके बाद आप जब बारवा शनिवार आए तो जातक को हनुमान मंदिर ले जाए एवं वहां भगवान को 11 लड्डू के साथ 11 हल्दी के गांठ भी अर्पण करें उसके बाद बिना उसको लिए हुए घर आ जाएं ,अब देखेंगे कैसे आपकी स्वास्थ्य समस्याएं निर्गमित अवस्था में जा रही हैं।

वह धीरे-धीरे निम्न स्तर तक चली जाएंगी एवं आपको अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति जल्द ही होंगी, ऐसे लोग जिनके जीवन में आकस्मिक चीजें बहुत ही जल्दी घटती है,उनके लिए भी यह प्रयोग बहुत ही लाभकारी है, के साथ गया हुआ को बिना कुछ बोले हुए घर आकर स्नान करने के बाद हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें या फिर आप सुंदरकांड का कम से कम 5 पाठ अवश्य करेंl आप देखेंगे कि आपके जीवन में ऐसी उन्नति आ रही है, ऐसी प्रगति आ रही हैl ऐसा लाभ आपके स्वास्थ्य में आ रहा है, जिसकी परिकल्पना शायद ही आपने कभी की हो स्वास्थ्य संबंधित चिंताओं में आपको अप्रतिम रूप से लाभ प्राप्त होने लगेगा,किंतु इस क्रिया को करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि जब तक यह क्रिया पूर्ण ना हो जाए या क्रिया के पूर्ण हो जाने के बाद भी इसका जिक्र आपको किसी भी व्यक्ति विशेष से नहीं करनी है।

यह क्रिया आपको कम से कम एक ग्यारह शनिवार तक दुर्रानी हैl उसके बाद आप जब बारवा शनिवार आए तो जातक को हनुमान मंदिर ले जाए एवं वहां भगवान को 11 लड्डू के साथ 11 हल्दी के गांठ (haldi ki ganth ka upyog) भी अर्पण करें उसके बाद बिना उसको लिए हुए घर आ जाएं अब देखेंगे कैसे आपकी स्वास्थ्य समस्याएं निर्गमित अवस्था में जा रही हैंl वह धीरे-धीरे निम्न स्तर तक चली जाएंगी एवं आपको अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति जल्द ही होंगीl ऐसे लोग जिनके जीवन में आकस्मिक चीजें बहुत ही जल्दी घटती हैl उनके लिए भी यह प्रयोग बहुत ही लाभकारी है।

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1.कार्यक्षेत्र में उन्नति के लिए- ऐसे लोग जो कार्यक्षेत्र में उन्नति चाहते हैं,चाहते हैं,कि उनके इर्द-गिर्द का माहौल सदा उनके हित में रहे लोग चाहकर भी उनके विरुद्ध कार्य करने की चेष्टा ना करें तथा धन के चक्रण में किसी भी तरह की व्याधि या निरुद्ध या इस प्रकार की किसी भी विपरीत परिस्थिति के सम्मुख जातक को उपस्थित होना ना पड़े,इस प्रकार की वस्तुएं उसे नकारात्मक रूप से क्षति पहुंचाने का कार्य ना करें, तो ऐसी स्थिति में उन्हें शुक्ल पक्ष के गुरुवार के दिन 11 हल्दी की गांठ (haldi ganth ke upay) लेनी है।

यदि रहे कि वह गांठ पूर्ण रूप से होनी चाहिए उसमें किसी भी तरह की त्रुटि नहीं होनी चाहिएl उसके बाद इनका गांठ को लेकर आप विष्णु भगवान के प्रतिकृति समक्ष बैठकर पहले श्री विघ्नहर्ता से विनती करें कि हे प्रभु मेरी हर कार्य को सिद्ध करने में मदद कीजिएl उसके बाद गंगाजल से हल्दी की गांठ को धुले धुलने के बाद पीले कपड़े पर रखें lउसके बाद लक्ष्मी मुद्रा लगाकर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप उपांशु स्वरूप में करेंl इस बात का ध्यान रखना है, कि आपके द्वारा जाप करने के समय मंत्र शुद्ध वर्तनी में होना चाहिए।

इसके साथ ही आप को कम से कम आधा घंटा या 1 घंटा इस मंत्र का जाप हल्दी को अपने समक्ष रख कर कम से कम 11 दिनों तक करना हैl उसके बाद वह पूर्ण रुप से अभिमंत्रित हो जाएगीl आप उसका प्रयोग न केवल अपने कार्य क्षेत्र में प्रगति के लिए कर सकते हैं,बल्कि उसे लेकर आप जहां भी जाएंगेl आपके कार्य स्वता ही बनने लगेंगे इसके लिए आपको पीले रुमाल में एक हल्दी की गांठ (haldi ki ganth ka upyog kaise karen) को रखना है, तथा जिस भी कार्य के लिए निकलेंगे l”घर से आप विष्णु भगवान से प्रार्थना करें कि प्रभु चलिए मेरे कार्य बनाइए आपके बिना मेरा कौन सहारा है “lऐसी विनती करते हुए आप घर से बाहर निकले आप देखेंगे सारे कार्य बनते चलेंगेl बाकी सभी अभिमंत्रित की हुई हल्दी की गांठ को आप अपनी तिजोरी में रख दें, इससे धन के आगमन में सदैव वृद्धि होती चली जाएगी।

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