मोती रत्न का प्रभाव – Moti Ratna Ka
Prabhav
मोती रत्न का प्रभाव हमारे वास्तविक जीवन पर कैसा हो सकता है, इसकी पूरी व्याख्या हमें ज्योतिष शास्त्र तथा रत्न शास्त्र में बहुत व्यापक तरीके से बताया गया हैl
मोती रत्न (moti ratna ke labh aur fayde) का निर्माण विशिष्ट जलीय जीव मोलास्क के द्वारा किया जाता है। मोती का संयोजक कैलशियम कार्बोनेट होता है, मोती रत्न की अनेक आकृतियां पाई जाती है, किंतु सबसे दुर्लभ एवं सुंदर एवं आकर्षक आकृति गोल मानी गई है, इसके और भी आकर्षक आकृतियां हो सकती है, जैसे बटन ,नाशपाती ,अंडाकार, तथा बूंद की आकृति आदि, मोती की संरचना संगठित होती है, तथा इसका रंग पूरी तरह से इसके संयोजक के साथ-साथ इसके जनक पदार्थ तथा पर्यावरण पर भी निर्भर करता है इसके बहुत से आकर्षक रंग हो सकते हैं, जैसे गुलाबी, सफेद ,सुनहरा ,मटमैला आदि।
मोती रत्न (moti ratna ka prabhav) का उपयोग प्रायः चंद्र से संबंधित किसी भी चीज के लिए किया जाता है। मोती रत्न का उपयोग प्राचीन काल से ही हमारे पूर्वजों द्वारा विभिन्न तरीकों से किया जाता रहा है, इसका व्यापक प्रयोग प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार के आभूषणों तथा साज-सज्जा की चीजों में किया जाता रहा है।
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मोती रत्न को धारण करने से निम्नलिखित प्रभाव हमारे वास्तविक जीवन पर पड़ सकता है-
1. बहुत से लोग होते हैं, जिनकी कुंडली में चंद्र ग्रह किसी ऐसे भाव में स्थित होते हैं, जहां वह पूरी तरह से निष्क्रिय होते हैं, या फिर वह पूरी तरह से शुद्ध अवस्था में होते हैं, ऐसे में जातक चंद्र ग्रह के कृपा से वंचित रह जाता है, इसलिए मोती रत्न (moti ratna pahanne ke labh) धारण करने से चंद्र ग्रह उसकी कुंडली में सुप्त अवस्था से निकलकर क्रियावान होते हैं, तथा उसे उसकी विकट परिस्थितियों से निकलने की क्षमता प्रदान करते हैंl उसकी क्षमताओं में वृद्धि करते हैं, जिससे जातक अपने जीवन में चंद्र देव की कृपा के बिना जो परेशानियां झेल रहा था, उन सभी परेशानियों का खात्मा धीरे धीरे होने लगता है।
2.मोती रत्न (moti ratna pahanne ke fayde) की औषधीय गुण भी कुछ कम नहीं होता हैl इसका उपयोग प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार की औषधियों को निर्माण करने में प्रयोग किया जाता रहा हैl भारत के प्राचीनतम आयुर्वेदिक ग्रंथों में मोती रत्न के भस्म का प्रयोग से जटिल से जटिल बीमारियों को ठीक करने की उपयोगिता तक बताई गई हैl विश्व के और भी देश जैसे जापान आदि में इसके चूर्ण से गोलियां बनाई जाती है, जिससे दावा किया जाता है, कि इसके सेवन से दांतों में छेद होने का डर नहीं रहता है, तथा किसी भी प्रकार की एलर्जी से शरीर को एक सुरक्षा कवच या भस्म प्रदान करता है।
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3. मोती रत्न (moti ratna dharan karne ke fayde) का उपयोग बहुत से लोगों के द्वारा खुद की सुंदरता में वृद्धि करने के लिए भी किया जाता है, ऐसा माना जाता है, कि इस में विद्यमान प्राकृतिक रूप से जो भौतिक संरचना होती है, यदि हम मोती से अपने पूरे चेहरे पर मसाज करें तो हमें एक आकर्षण पूर्ण सुंदर एवं चमकदार त्वचा प्राप्त हो सकती है इसलिए बहुत तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी इसका उपयोग किया जाता हैl
4. मोती रत्न (moti ratna pehne ke fayde) जिस भी जातक के द्वारा धारण किया जाता है lयह रत्न उसके गुस्से में नियंत्रण करता है, जो लोग बहुत अधिक क्रोधित होते हैं lउनके लिए मोती रत्न बहुत अधिक लाभदाई होता है, कई लोग ऐसे होते हैं, जो कि क्रोध में कुछ भी कर सकते हैं, स्वयं खुद का भी नुकसान कर सकते हैं, ऐसे लोगों के लिए मोती धारण करने की विशेष सलाह दी जाती है, क्योंकि मोती रत्न उनमें एक आत्म संयम क्षमता का निर्माण करता है, जिससे उनमें धैर्य क्षमता प्रबल रूप से जागृत होती है, एवं वह तुनक मिजाजी तथा क्रोध जैसी चीजों से खुद को मुक्त करने में सक्षम होते हैं, और यदि क्रोध आ भी जाता है, तो वह उस पर नियंत्रण स्थापित करना सीख जाते हैं।
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5. मोती रत्न धारण करने से हमारे मन मस्तिष्क में असीम शांति एवं चंद्र के समान असीम शीतलता का भाव प्राप्त होता है, यह हमारे मन मस्तिष्क के तेज को बढ़ाता है।
6. ऐसा माना जाता है, कि जो व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण स्थापित कर लेता है, वह विश्व विजेता बन जाता है। मोती रत्न (moti ratna ka mahatva) हमें मन पर नियंत्रण स्थापित करने की अद्भुत कला प्रदान करता है,जिससे हम किसी भी विकट परिस्थिति में या किसी भी विषम परिस्थिति में खुद को विचलित नहीं होने देते हैंl चीजों को खुद पर से नियंत्रण हटाने नहीं देते हैंl बाहरी दुनिया में कितनी ही उथल पुथल क्यों ना मची हुई हो फिर भी हमारे मन मस्तिष्क तथा बाहरी आवरण पर थोड़ा सा भी विचलन का भाव आने नहीं देते हैं, मोती रत्न हमें और भी अद्भुत शक्तियां निर्माण करने की क्षमता प्रदान करता हैl यह रत्न हमारे बौद्धिक गुणों को बढ़ाता है।
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7. मोती रत्न (moti ratna prabhav ke fayde in hindi) आपको आपकी माता के साथ मधुर संबंध स्थापित करने में बहुत मदद करता हैl कई घर ऐसे होते हैं, जहां बिल्कुल भी सास और बहू में नहीं बनती है, हमेशा किसी ना किसी वजह से झगड़े लड़ाई बढ़ते रहते हैं ऐसे में यदि मोती रत्न धारण किया जाए तो सास -बहू के रिश्ते में या मां- बेटा या मां -बेटी के रिश्ते में मधुरता का भाव उत्पन्न होता है, तथा झगड़े झंझट संबंधित परेशानियां स्वयं ही नष्ट हो जाती है।
8. चंद्र हमारे मन का कारक होता है, ऐसे में बहुत से लोग होते हैं, जिनके दांपत्य जीवन में खुशियां कोसों दूर चली जाती है lउनका दांपत्य जीवन दुखों से भरा रहता है lचिंताओं से भरा रहता हैl वह दिन प्रतिदिन केवल क्लेश से भर जाता है, ऐसे में ऐसा लगता है, जैसे पूरा दांपत्य जीवन ही निरस्त हो गया हो, यदि किसी जातक के द्वारा ऐसी परिस्थिति में मोती रत्न (moti ratna prabhav ke fayde) धारण किया जाता है, तो उसके संबंध धीरे-धीरे अपने जीवन साथी के साथ मधुर होने लगते हैं, तथा जो भी समस्या है, उसके दांपत्य जीवन में आ रही थी।
उन सभी का समाधान होने लगता है, एवं दोनों के बीच प्रगाढ़ प्रेम फिर से स्थापित होने लगता हैl उन दोनों का जीवन फिर से जीवंत होने लगता हैl खुशियां फिर से उनके दांपत्य जीवन में दस्तक देने लगती हैl यह एक चमत्कारिक रत्न है, जो पति-पत्नी के रिश्ते को और अधिक मजबूत बनाने का कार्य करता है, तथा दोनों को एक दूसरे को समझने में व्यापक रूप से कार्य करता है, उनके बीच प्रगाढ़ प्रेम स्थापित करता है।
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