मूंगा रत्न के बारे में बताएं – Munga Ratna Ke Baare Me Batayen

मूंगा रत्न के बारे में बताएं – Munga Ratna Ke Baare Me Batayen

 

मूंगा रत्न के बारे में बताएं – Munga Ratna Ke

 Baare Me Batayen

मूंगा एक जैविक रत्न है, जिसे पादप की श्रेणी में रखा जाता है, इसका निर्माण विशिष्ट प्रकार के जंतुओं के द्वारा समुद्र की गहरे पानी में होता हैl मूंगा रत्न का संयोजक कैलशियम कार्बोनेट होता है, तथा यह देखने में रक्त के सामान लाल रंग का होता है, या नारंगी रंग का होता है

 

 

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जिस प्रकार समुद्र से बहुत से अनमोल रत्न प्राप्त होते हैं, एवं सीपीयां प्राप्त होती है, उसी प्रकार मंगल से संबंधित रत्न मूंगा (munga ratna kaisa hota hai) भी समुद्र से प्राप्त होता है, तथा जब तक यह समुद्र के पानी में रहता है, तब तक इसकी संरचना थोड़ी मुलायम होती है, किंतु जैसे ही यह हवा के संपर्क में आता है, इसकी संरचना संगठित होने लगती है, और यह कठोर होने लगता है, इसमें प्राकृतिक रूप से आपको अनेक प्रकार की आकृतियां, रेखाएं ,बिंदु देखने को मिलते हैं, जो इस बात का प्रमाण होता है, कि इसे रसायनिक अभिक्रिया ओं के द्वारा प्रयोगशाला में ना बनाकर बल्कि प्राकृतिक रूप से यह पूरी तरह से निर्मित होता है।

हालांकि समय की मांग के अनुसार इसका उत्पादन नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से बाजारों में नकली मूंगा भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है, किंतु यदि थोड़ी बहुत भी मूंगा रत्न (munga ratna ke labh) को जांचने के पैमाने या मापदंड किसी व्यक्ति को पता हो तो वह आसानी से असली मूंगा एवं नकली मूंगा में फर्क कर लेगा असली मूंगा की यह खासियत होती है, कि अपने आप में यह अलौकिक होता है, तथा कभी भी दो प्रकार के मूल्य बिल्कुल एक समान नहीं होते हैं, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित रत्नों में ऐसी कोई बात नहीं होती है, एक समान आपको अनगिनत रत्न प्राप्त हो सकते हैं।

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इटली, जापान, भारत, श्रीलंका आदि जैसे विश्व के देशों से मूंगा रत्न प्राप्त होता है। विश्व में सबसे अधिक प्रचलित मूंगा रत्न इटली तथा श्रीलंका के हैं। यहां के रत्न उत्तम गुणवत्ता वाला माना जाता है, तथा इनका रंग भी भारत में प्राप्त मूंगा (munga ratna pehne ke fayde) से काफी गहरा होता है, जिसकी वजह से उसकी कीमत भी बहुत अधिक होती है।

मूंगा (munga ratna se kya hota hai) मंगल ग्रह का राशि रत्न होता है, तथा इसमें इससे संबंधित अनेक गुण पाए जाते हैं। मंगल ग्रह को भी ज्योतिष विद्या में बाकी तीन ग्रहों जैसे- शनि ग्रह, राहु ,केतु को पापी एवं क्रूर ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है। मंगल जिसे भाई ,बंधु ,भूमि या भवन निर्माण, शारीरिक शक्ति ,साहस, पराक्रम, शौर्य, निष्ठा, युद्ध, ऊर्जा, आर्टिलरी आदि का कारक मंगल ग्रह को माना जाता हैl मंगल ग्रह अग्नि तत्व का परिचालक होता है। मंगल ग्रह देखने में लाल रंग का होता है। मंगल ग्रह का प्रभाव हमारे शरीर के ऊपर सबसे अधिक हमारे नेत्रों पर तथा हमारे रक्त पर पड़ता है, इसके साथ-साथ यह कंठ, सत्व ,पराक्रम और गुदा को भी काफी अधिक प्रभावित करता है।

मंगल यदि दूषित होकर अपने अशुभ प्रभाव देता है, तो जातक को निम्नलिखित अंगों पर बहुत अधिक प्रतिकूल प्रभाव दिखाता है, तथा उनसे संबंधित अनेक बीमारियों से भी जातक को ग्रसित करता है। रक्त ,गर्दन, गुप्तांग ,गुदा ,स्त्री अंग आदि कभी-कभी सिर के रोग, विषाक्तता ,चोट लगना ,आग से जलना, कोड़ी, खुजली होना रक्तचाप संबंधित परेशानी ,कैंसर ट्यूमर, बवासीर जैसी बीमारी चेचक आदि का कारक खराब मंगल ग्रह है। प्रायः जातक इन सभी बीमारियों से ग्रसित तभी होता है, जब मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव उसके ऊपर पड़ते हैं।

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अशुभ मंगल जातक को और भी विविध क्षेत्रों में तरह-तरह की कठिनाइयां देता है, जिससे जातक बहुत बड़े अवसाद जैसी स्थिति में रहता है, एवं वह भयंकर क्रोधी होता है, वह स्वभाव से निर्दई होने लगता है, तथा उसकी वचन वाणी भी बहुत अधिक कठोर होने लगती है, लोगों के साथ बहुत ही बुरे बर्ताव के साथ पेश आता है, जिस वजह से उसकी छवि धूमिल होती जाती है, एवं सामाजिक तौर पर उसे मान सम्मान की क्षति होती हैl कभी-कभी कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में जातक का स्वभाव बहुत डरपोक एवं पंगु के समान हो जाता है, जिससे उसका डर उसके ऊपर बहुत अधिक हावी होने लगता है एवं पागलपन की जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती है।

मंगल ग्रह को मजबूत बनाने के लिए एवं उससे संबंधित दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए सबसे कारगर एवं असरदार तरीका हैl मंगल से संबंधित रत्न मूंगा (munga ratna dharan karne ke fayde) को धारण करना जिसे विधिवत तरीके से धारण कर जातक को अनेक लाभ प्राप्त हो सकते हैंl मजबूत मंगल जीवन के स्वर्णिम ऊंचाइयों तक जातक को ले जाने में बिल्कुल सक्षम होता है। मूंगा रत्न को धारण करने से जातक के जन्म पत्रिका में मंगल ग्रह की स्थिति सुधरने लगती है।

मंगल ग्रह यदि मजबूत होता है, तो जातक बहुत अधिक साहसी एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व वाला व्यक्ति होता है। अपने निडरता एवं साहसी जैसे स्वभाव के लिए बहुत प्रचलित होता हैl किसी भी युद्ध में या कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय प्राप्त करने के लिए मंगल का शुभ होना बहुत आवश्यक हैl यह ग्रह जूझने की कला में जातक को बहुत माहिर बनाता है। मंगल ग्रह यदि किसी जातक की कुंडली में शुभ होता है, तो उसे अनेक प्रकार से लाभ पहुंचाता है, तथा उसके नेतृत्व क्षमता में वृद्धि करता है। मूंगा रत्न (munga ratna pahanne ke fayde) धारण करने से जातक के संबंध भी सुधरने लगते हैं, भाई बंधुओं से जितने भी विवाद रहते हैं।

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सभी को मूंगा रत्न (munga ratna dharan karne se kya hota hai) पूरी तरह से नष्ट कर देता है, तथा उनमें प्रगाढ़ प्रेम फिर से स्थापित करता है। मूंगा रत्न शरीर को बहुत बलिष्ट बनाता है, तथा शारीरिक शक्ति में भी वृद्धि करता है। जातक खुद को बहुत ऊर्जावान महसूस करता है। जातक बहुत ही पराक्रमी एवं गर्व शील होता है, जिसकी वजह से किसी के नीचे कार्य करना पसंद नहीं करता है। इसके साथ साथ वह किसी भी प्रकार के दबाव में कार्य करना पसंद नहीं करता है। अपने स्वतंत्र निर्णय तथा स्वतंत्र विचारों को पूरी तरह से अपने जीवन में समाहित रखता है, तथा अपने कर्मों के प्रति बहुत अधिक निष्ठावान भी रहता है।

व्यक्ति बहुत अधिक अपने मान सम्मान एवं प्रतिष्ठा के प्रति सजग रहता है, तथा किसी भी परिस्थिति में किसी के आगे भी वह घुटने नहीं देखता है। विषम परिस्थितियों में भी अपने विचारों को अपने आदर्शों का परित्याग वह नहीं करता हैl मंगल मजबूत होने से जातक प्रशासनिक विभाग हो या यांत्रिकी संबंधित क्षेत्र पुलिस विभाग हो या सेना हो इन सभी में जातक को अप्रतिम रूप से सफलता प्राप्त होती है। मूंगा रत्न (munga ratna ki jankari) जातक के कार्य क्षमता में वृद्धि करता है, तथा चुनौतियों को स्वीकार करना जातकों के व्यक्तित्व का हिस्सा होता है, तथा चुनौतियों को पूरी तरह से परिपूर्ण करना उनके व्यक्तित्व का एक अभिन्न अंग होता है, जो उनके कृति मान छवि में चार चांद लगाता है।

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