सफेद गुंजा के तांत्रिक प्रयोग – Safed Gunja Ke Tantrik Prayog

सफेद गुंजा के तांत्रिक प्रयोग – Safed Gunja Ke Tantrik Prayog

 

 

सफेद गुंजा के तांत्रिक प्रयोग ? Safed Gunja

 Ke Tantrik Prayog

सफेद गुंजा के तांत्रिक प्रयोग- (safed gunja ke tantrik prayog kya hai) आज इस लेख के माध्यम से आप तो सफेद गुंजा के तांत्रिक प्रयोग के बारे में जानेंगे lकई ऐसी चीजें होती है, जो हमें बहुत ही मुश्किल से प्राप्त होती है lकई बार हम अपने बौद्धिक ज्ञान को या अपने शारीरिक क्षमता को मंत्रों की सहायता से उसमें अप्रतिम निखार ला सकते हैं, इसके लिए हमें कुछ मंत्रों का जाप विशिष्ट माला या विशिष्ट प्रकार के मनके की माला से करना चाहिए। दुनिया में कई ऐसी चीजें हैं, जो हमें सांसारिक सुखों को प्राप्त करने के लिए अप्रतिम रूप से सहायक सिद्ध हो सकती हैं lउन्हीं सभी चीजों में से एक है, सफेद गुंजा प्रकृति की यह अद्भुत देन है, जिसका उपयोग तंत्र के क्षेत्र में हो या औषधि के क्षेत्र में व्यापक रूप से किया जाता है।

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safed gunja ke tantrik prayog

 

 

हमारे पूर्वजों के द्वारा सफेद गुंजा (safed gunja ke tantrik upay) का तांत्रिक प्रयोग न जाने कितने ही प्राचीन काल से किया जाता रहा है, और गुंजा एक ऐसा फली हैl जिसके द्वारा किया जाने वाला किसी भी तरह का तंत्र या किसी भी तरह का कोई बंधन हो या कोई भी कार्य वह कभी भी विफल नहीं होता है lवह कभी भी खाली नहीं जाता हैl विभिन्न प्रकार के रंगों वाले गुंजा के फलियों का प्रयोग विभिन्न प्रकार के कार्य सिद्धि के लिए किया जाता है lभौतिक उन्मुख दुनिया में रूपए पैसे की मांग बहुत अधिक बढ़ती चली जा रही है, लोग भौतिक सुख संसाधनों को प्राप्त करने के लिए अपने स्वास्थ्य तक को दांव पर लगा दे रहे हैं, रिश्ते नाते सभी टूटते चले जा रहे हैं।

गांव छूटता चला जा रहा है, लोग बस पैसे के पीछे भाग रहे हैं, कारण है, कि इस दुनिया में उसका वर्चस्व चल सकता है, जिसके पास धन हो ,जिसके पास बुद्धि हो, जिसके पास बल हो, ऐसे में कोई व्यक्ति के लिए यह तीनों चीजें बहुत अधिक जीवन में प्राथमिकता रखती है,कई बार यह चीजें प्राकृतिक रूप से व्यक्ति विशेष को प्राप्त हो जाती है, किंतु कुछ लोग उनमें लाख प्रतिभा होती है, किंतु फिर भी इन सभी चीजों को प्राप्त करने में असफल रह जाते हैं lकोई ना कोई कारण से पिछड़ जाते हैं, स्थिति कभी-कभी इतनी गंभीर हो जाती है, कि उनके गुण भी फीके पड़ जाते हैं, जिसके कारण व्यक्ति कई प्रकार की परेशानियों से गिरने लगता है, उसका आत्मविश्वास डगमगा जाता है, उसे समझ ही नहीं आता कि किस और पढ़ना चाहिए, किस ओर अपना पग बढ़ाएं जिससे उसे भी सफलता का स्वाद चखने का अवसर प्राप्त हो सके।

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उसे भी सफलता का फल प्राप्त हो सके, उसके द्वारा किए जा रहे कठिन परिश्रम का फल उसे प्राप्त हो सके किंतु उसका दुर्भाग्य उसका साथ नहीं छोड़ता है, जिसके कारण वह कितनी भी कोशिश कर ले, ऐसी परेशानियों में गिरा ही रहता है किंतु प्रकृति हमारी माता है, उनसे हमारा कष्ट देखा नहीं जाता है। हमारी करुण पुकार उनके ह्रदय को छलित कर देती हैं, मां तो मां होती है, बालक कितना भी परेशान कर ले या कितनी भी गलतियां कर ले, लेकिन उनका हृदय इतना विशाल होता है, कि वह सभी गलतियों को भूल कर उससे माफ कर देती हैं। प्रकृति भी ऐसी ही है, हम उन्हें लगातार अपने क्रियाकलापों से उनके स्वास्थ्य में क्षरण कर रहे हैं, किंतु फिर भी प्रकृति मां हमें कभी भी किसी भी चीज से वंचित नहीं होने देती है, जब भी हम किसी चीज की कामना करते हैं, तो हमारे द्वारा उत्पन्न की गई स्पंदन शक्ति वातावरण के माध्यम से परलौकिक शक्तियों को आकर्षित करती है।

कभी कभी आपने देखा होगा कि आपके मन में कुछ विचार परलौकिक शक्तियों को आकर्षित करती है। कभी कभी आपने देखा होगा कि आपके मन में कुछ विचार चल रहा हो, जैसे मुझे कुछ पैसे चाहिए, या कुछ कार्य की सिद्धि के लिए आप मन से विनती करते हैं, तो देखेंगे कि वह कार्य अपने निर्धारित समय पर पूर्ण हो जाता है, किंतु कुछ अभागे लोग जिनका भाग्य साथ नहीं देता हैl दुर्भाग्य की युति जीवन की कड़ि परिस्थिति में लाकर खड़ी कर देती है, जहां जातक को समझ ही नहीं आता है, कि क्या करना है ?कहां जाना है? किस छोड़ पर जाए ?किस इस पर यकीन करें किस पर क्रोध करें? किस पर क्या करें ?उसे समझ नहीं आता है, ऐसे में प्रकृति हमें कई ऐसे संसाधन प्रदान की हुई है, जिससे हम अपने जीवन का उत्थान कर सके जीवन में आगे बढ़ सके दुर्भाग्य की सूची को सौभाग्य की सूची में बदल सके ऐसा ही एक फल है, जिसे हम सफेद गुंजा (safed gunja ke totke) के नाम से जानते हैं, इसका प्रयोग यदि विधिवत रुप से किया जाए तो कभी भी किसी की भी झोली खाली नहीं रह जाती है-

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सफेद गुंजा (safed gunja ke tantrik upyog) के कुछ दाने को लेकर उसको मुट्ठी में बंद कर उस पर मां मातंगी के मंत्र का रात्रि में 10:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक जप करें। यह परयोग आप मंगलवार या बुधवार के दिन कर सकते हैं, या फिर कोई भी शुभ तिथि में भी इस प्रयोग को किया जा सकता है, जो भी बालक या बालिका जो किसी भी गुड़ ध्यान को, गुढ ज्ञान को प्राप्त करना चाहता है, या शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ना चाहता है, कई प्रकार के बौद्धिक एवं रचनात्मक कौशल प्राप्त करना चाहता हैl उसे चांदी के ताबीज में भरकर सुबह सूर्य उदय के बाद असनान करने के बाद उसे धारण करवाएं तथा उस दिन उसे सात्विक भोजन खाने के लिए दे एवं सुबह शाम मां मातंगी के मंत्र का जाप 108 कि संख्या में करवाएं।

यदि बच्चा छोटा है, तो उसके बदले में उसकी मा या उसकी पिताजी कर सकते हैं, उस के बाद प्रतिदिन संध्या बेला में उसे कम से कम 21 बार मंत्र का जाप कर पढ़ने या फिर पाठन संबंधित चीजो को शुरु करने से पूर्व मंत्र का जाप करने के लिए बोले, आप यकीन मानिए यह प्रयोग जिस भी बच्चे के लिए किया जाए, उसकी बुद्धि विवेक में अप्रतिम चमत्कारिक बदलाव देखने को मिलते हैं, बच्चा सकारात्मक चीजो से भावि रूप से प्रभावित रहता हैl उसके इर्द-गिर्द एक सकरात्मक सुरक्षा कवच बना रहता है, उसके जीवन में इसे धारन करने के बाद जितनी भी समस्या आएंगी, वह बच्चा या वह व्यक्ति कभी भी विचलित नहीं होगा, अपनी बुद्धि का प्रयोग कर वह सभी प्रकार की चीजो से बाहर आने में सफल रहेगाl उसकी प्रतिभा में गजब का निखार देखने को मिलेगा।

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