मूंगा रत्न की कीमत – Munga Ratna Ki
Kimat
मूंगा रत्न की कीमत- मूंगा एक बहु उपयोगी एवं दिव्य रत्न है, जो मंगल ग्रह से संबंधित रत्न हैl इसका निर्माण समुद्री जीवो के द्वारा किया जाता हैl मूंगा रत्न का संयोजक कैलशियम कार्बोनेट होता है, तथा अक्सर इसका रंग रक्त के वर्ण के समान लाल होता है lकभी-कभी इसका रंग केसरिया भी होता हैl मूंगा रत्न (munga ratna ki price) देखने में बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक होता है, तथा मंगल ग्रह की ऊर्जा को मूंगा रत्न निरूपित करता हैl इसे मंगल का सबसे शक्तिशाली राशि रत्न माना जाता हैl मंगल जीसे उग्र ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है, किंतु उग्र होने का अर्थात केवल विध्वंसक होना ही नहीं बल्कि यह शक्ति का परिचालक भी होता है, इसलिए मंगल ग्रह शौर्य, साहस ,निडरता का प्रतीक है।
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मंगल जो हमारे पराक्रम ,साहस, निडरता का कारक होता हैl ज्योतिष विज्ञान में मंगल ग्रह हमारी ऊर्जा, अभियांत्रिकी, युद्ध क्षेत्र, सेना, प्रशासन ,भूमि या भवन निर्माण हथियार, शक्ति ,भाई -बंधु, शौर्य ,उत्साह आदि का कारक मंगल ग्रह को माना जाता हैl मंगल ग्रह से संबंधित नक्षत्र मृगशिरा चित्रा एवं धनिष्ठा नक्षत्र होता हैl अग्नि तत्व की प्रधानता लिए मूंगा रत्न (munga ratna ki price kya hai) वास्तविकता में भी रक्त के समान ही लाल होता है। इस ग्रह को पृथ्वी का पुत्र कहकर अलंकृत किया जाता हैl इन्हें युद्ध का देवता से संबोधित किया जाता हैl भूमिपुत्र मंगल ग्रह का संबंध हनुमान जी से होता हैl यही कारण है, कि जो जातक मंगल ग्रह से पीड़ित होते हैं।
उनके द्वारा इस ग्रह की कृपा को प्राप्त करने के लिए या इस ग्रह को प्रसन्न करने के लिए या इस ग्रह से संबंधित दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए बजरंगबली की आराधना की जाती हैl ज्योतिष में मंगल ग्रह को क्रूर ग्रह की श्रेणियों में रखा जाता है, किंतु मांगलिक कार्यों को संपूर्ण करने वाले इस ग्रह का नाम मंगल है, हालांकि यह भी अपवाद है, कि कभी-कभी मंगल ग्रह दूषित होने से जातक को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जिस प्रकार ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न ग्रहों का हमारे ऊपर सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव पड़ता है उसी प्रकार धरा पुत्र मंगल ग्रह में भी सकारात्मक एवं विध्वंसक शक्तियां सामान्य रूप से विद्यमान होती है, किंतु यह जातक के ऊपर निर्भर करता है, कि वह इनकी कृपा पात्र होता है, या फिर कुदृष्टि का शिकार होता है, हमारे व्यावहारिक जीवन में जो आचरण होता हैl उस पर भी ग्रहों का बहुत प्रभाव होता हैl यदि हम अपने कर्मों में थोड़ा सा सुधार लाए तो बहुत से ऐसे ग्रह जो बिना किसी विशिष्ट कर्मकांड या पूजा-पाठ या दान -पुण्य या कोई रत्न धारण किए बगैर ही हमें शुभ एवं अनुकूल परिणाम देते हैं, जैसे- नौ ग्रहों में विभिन्न ग्रहों को अलग-अलग उपाधियों से अलंकृत किया गया है।
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ठीक उसी प्रकार उन सभी नौ ग्रहों का संबंध हमारे पारिवारिक सदस्य निरूपित करते हैं, और ऐसा हमेशा से माना जाता है, कि यदि हमारा व्यवहार हमारे परिवारिक जन एवं जिस समाज में हम रहते हैंl उन सभी से हमारा आचरण हमारा कर्म हमारा व्यवहार उत्तम होता है, तो खराब ग्रहों के द्वारा दिए जाने वाले दुष्प्रभाव स्वयं ही नष्ट हो जाते हैं, एवं खराब फलित वाले ग्रह भी जातक को सकारात्मक फल देने लगते हैं, यह हमारे कर्म निर्धारित करते हैं, कि हम कैसा फल इन ग्रहों उपग्रहों नक्षत्रों के द्वारा प्राप्त करेंगे। (munga ratna pahnane ke fayde)
यह किसी भी जातक को अपना प्रभाव सकारात्मक देगा या नकारात्मक देगा इस बात को जातक की लग्न कुंडली के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है, क्योंकि उसे यह पता चलता है, कि मंगल के साथ कौन-कौन से ग्रह बैठे हैं, तथा कौन सा ग्रह अपनी शुभ दृष्टि लिए हुए देख रहा है।
मंगल यदि अच्छी स्थिति में रहता है, तो जातक का जीवन उत्साह एवं उमंग से भर देता हैl विभिन्न प्रकार के मांगलिक कार्यों में भी यह ग्रह बहुत सहयोग प्रदान करता है, तथा हमारे मार्ग में आने वाले विघ्न बाधा को दूर करता है, किंतु यदि यह ग्रह कुपित हो जाए तो व्यक्ति का स्वभाव परिवर्तन होने लगता है lवह स्वभाव से विरोधी एवं हिंसक के रूप में परिवर्तित होने लगता हैl उसका डर उस पर हावी होने लगता है, जिसकी वजह से पागलपन की स्थिति भी देखने को मिलती हैl आत्मविश्वास ,साहस जैसी चीजें कहीं खो सी जाती है, वह डरपोक एवं दब्बू के समान होने लगता है, खराब मंगल जातक को जेल की यात्रा तक करवा देता है। (munga ratna ke fayde)
विभिन्न प्रकार के लड़ाई झगड़े जमीन जायदाद से संबंधित विभिन्न प्रकार के पचड़े में जातक का जीवन उलझ कर रह जाता हैl संपत्ति संबंधित विवाद भी उसके कम नहीं होते हैंl भाई हो या बहन किसी से भी ऐसे जातक की बिल्कुल नहीं बनती हैl जातक को रक्त से संबंधित विभिन्न प्रकार के विकार होने लगते हैं, एवं अन्य बीमारियों से भी वह ग्रसित होने लगता हैl उसका वैवाहिक जीवन भी पूरी तरह से त्रस्त हो जाता हैl विभिन्न चीजों में एक साथ उलझे होने की वजह से उसकी आर्थिक स्थिति भी खराब होने लगती हैl वह लगातार कर्ज में डूबता चला जाता है, तथा दरिद्रता का वास उसके घर में होने लगता है। किसी भी जातक के जीवन में विवाद का कारण अशुभ मंगल होता हैl खराब मंगल होने की स्थिति में जातक के वैचारिक मतभेद बहुत अधिक होते हैंl जिससे वह विवाद में फंसता चला जाता है।
मूंगा रत्न की कीमत- Munga Ratna Ki Kimat
प्राकृतिक रूप से प्राप्त रत्नों की कीमत थोड़ी अधिक होती है, क्योंकि उसमें प्राकृतिक रूप से उत्कृष्ट भौतिक ऊर्जा का समावेशन होता है, जिसकी वजह से उनके मूल्य बहुत अधिक होते हैं lविभिन्न प्रकार के वातावरण में बदलाव के कारण इन रत्नों का निर्माण होता है lकुछ रत्न हमें धरातल पर उपलब्ध होते हैं lकुछ रत्न जलीय जीवो द्वारा भी हमें प्राप्त होता हैl मूंगा रत्न (munga ratna ki kimat) भी एक कीमती रत्न है, सामान्यता इसका मूल्य इसकी रंग के द्वारा निर्धारित किया जाता है lअच्छे एवं उत्तम गुण एवं रंग वाले मूंगा रत्न की कीमत बहुत अधिक होती है, खास करके इटालियन मूंगा बहुत कीमती होता है।
हर किसी के बस की बात नहीं होती है, कि मूंगा रत्न को वे लोग खरीद सके एवं धारण कर सके, ऐसी स्थिति में उनके द्वारा मूंगा रत्न (munga ratna ki kimat kitni hai) से संबंधित उपरत्न धारण कर लिया जाता है, या फिर कम मूल्य के भी मूंगा रत्न उनके द्वारा उपयोग में लाया जाता है, ऐसे बाजार में इसकी कीमत 600 रुपए प्रति रती से शुरू होती है, तथा अच्छी गुणवत्ता वाला मूंगा रत्न 6000 प्रति कैरेट में मिलता है, इसका मूल्य इसकी रंग, आकार आकृति ,आभा पर निर्भर करती है।
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