टाइगर स्टोन की पहचान – Tigar Stone Ki Pahchan

टाइगर स्टोन की पहचान – Tigar Stone Ki Pahchan

 

 टाइगर स्टोन की पहचान – Tigar Stone Ki

 Pahchan

टाइगर स्टोन की पहचान– (tigar stone ki pehchan kaise kare) टाइगर स्टोन एक ऐसा रत्न है, जो अपने ही अद्भुत शक्तियों के कारण अद्वितीय एवं दिव्य रत्न से अलंकृत किया जाता हैl रत्न शास्त्र में टाइगर रत्न की बहुत अधिक महत्ता बताई जाती है, टाइगर एक ऐसा रत्न है, जो बाघ के नेत्रों के समान या बाघ के छाल के समान दिखाई पड़ता हैl टाइगर रत्न की इतनी अधिक गुणवत्ता होती है, कि आपको किसी भी ग्रह से संबंधित यदि कोई परेशानी है, या कोई खास ग्राहक की लग्न कुंडली में किसी भी प्रकार से दूषित है, या फिर उस विशिष्ट ग्रह के कृपा से आप वंचित हैं, या फिर वह विशिष्ट ग्रह आपकी लग्न कुंडली में सुप्त अवस्था में है, या पूरी तरह से निष्क्रिय है, ऐसी स्थिति में लोगों को टाइगर आई धारण करने की सलाह दी जाती है, जिससे उनकी विशिष्ट ग्रह की स्थिति सुधरे तथा वह ग्रह जातक को त्वरित गति से परिणाम दे जिसके लिए जातक टाइगर रत्न धारण कर रहा है, या जिसके लिए टाइगर रत्न धारण किया गया है, यह एक बहुत उपयोगी रत्न है, जिसका उपयोग जल्द अच्छे एवं अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए धारण किया जाता है।

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टाइगर (tigar stone kaisa hota hai) एक ऐसा रत्न है, जिसे धारण करने से जातक को विविध प्रकार से लाभ प्राप्त होता हैl दरिद्रता संबंधित चीजों को यह पूरी तरह से नष्ट करता है, एवं आय के नवीनतम स्रोत के मार्ग को प्रशस्त करता है जिसे जातक की आर्थिक स्थिति धीरे-धीरे सुधारने लगते हैंl इसे धारण करने से जातक के जीवन में कभी भी भौतिक सुख संसाधन की कमी नहीं होती है, तथा सांसारिक सुखों से उसका जीवन पूरी तरह से परिपूर्ण रहता हैl विभिन्न प्रकार की बाधाओं नजर दोष तंत्र मंत्र आदि चीजों को यह पूरी तरह से नष्ट कर देता है, जातक के चारों ओर एक सुरक्षा घेरा तैयार करता है, जिसमें जातक के ऊपर इन सब क्रियाओं का कोई भी असर नहीं होता है।

टाइगर स्टोन की पहचान के लिए निम्नलिखित मापदंड अपनाए जा सकते हैं-

1. टाइगर स्टोन (tigar stone ki pahchan in hindi) एक ऐसा रत्न है, जिस पर जब भी प्रकार की किरने पड़ती है, तो बिल्कुल बाघ के नेत्रों के समान इस पर छवि करती हैl इसका रंग पीला एवं काले रंग का मिश्रण होता है, इसकी अपनी ही एक अद्भुत चमक होती है, जो इसे बाकी रत्नों से भिन्न करती है।

2. यह देखने में बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक युक्त होते हैं, तथा जब भी इसके ऊपर प्रकाश की किरने गिरती है, या पड़ती है, तब यह उसे उत्सर्जित करने के बजाए उसे अवशोषित कर लेती है, जिससे इसकी आभा में और अधिक चार चांद लग जाते हैं।

3. टाइगर आई के स्टोन (tigar stone ko kaise pahchane) दो प्रकार के पाए जाते हैंl एक जो बिल्कुल देखने में बाघ के आंख के समान पीला एवं काले रंग का मिश्रण होता है, बिल्कुल देखने में बाघ के छाल के समान दिखाई पड़ता है। जबकि दूसरा प्रकार का पत्थर काले एवं नीले रंग का मिश्रण होता है किंतु फिर भी उसमें आपको बाघ के नेत्र के समान आकृति करती हुई दिखाई देगीl काले एवं नीले रंग का मिश्रण युक्त टाइगर रत्न बहुत दुर्लभ रत्न होता है, जिसे प्राप्त करना बहुत मुश्किल होता है।

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4. टाइगर रत्न (tigar stone ki jankari) की एक खासियत यह भी होती है, कि जब आप इसे उलट-पुलट कर देखेंगे तब इसकी जो धारियां होती है, वह हर ओर से आपको दिखाई पड़ती है, चारों ओर से इसके ऊपर प्रकाश डालने पर आपको इसके अंदर में मौजूद धारियां साफ तौर पर नजर आती है।

5. हर पत्थर अपने आप में विशिष्ट गुणवत्ता वाला होगा तथा उसके अंदर की आकृति भी कभी भी एक दूसरे से मिलती-जुलती नहीं होगी क्योंकि प्राकृतिक रूप से निर्मित सभी चीजों में कुछ ना कुछ भिन्नता रहती है, जबकि कृतिम रूप से चीजों के हम एक से अधिक नमूने विभिन्न प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाओं के द्वारा प्रयोगशाला में बना सकते हैं।

6. भले ही यह एक उपरत्न है, फिर भी इस का घनत्व अधिक होता है, तथा इसका गलनांक भी अधिक होता है, क्योंकि यह पत्थर भी प्राकृतिक रूप से विभिन्न प्रकार के चरणों से गुजरने के पश्चात इसका निर्माण होता है, जिसकी वजह से इसकी संरचना बहुत ही संगठित एवं कठोर होती है।

7. टाइगर स्टोन की भौतिक ऊर्जा की शक्ति को पन्ना रत्न की शक्ति से तुलना की जाती है, तथा ऐसा माना जाता है, कि इसमें बहुत सी भौतिक ऊर्जाओ का वास होता है।

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8. टाइगर आई (tigar stone ke labh) की प्रवृत्ति गर्म होती है, जिसकी वजह से यदि आप अपनी त्वचा के विपरीत इसे रगरेगे तो आपको वहां से ऊष्मा उर्जा उत्पन्न होती हुई प्रतीत होगीl वहां आपको गर्मी का एहसास होगा जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित रत्न में यह खास गुण देखने को नहीं मिलता है।

एम मात्रा में स्थित हो, असली टाइगर आई चुंबकीय तत्व के पास आने पर टाइगर रत्न अपने आप गतिमान हो जाता है।

9. प्राकृतिक रूप से निर्मित टाइगर आई क्या खासियत होती है, कि जब इसके करीब चुंबक को हम लेकर जाते हैं, तब यह चुंबक की ओर खिंचा चला आता हैl इसमें प्राकृतिक रूप से चुंबकीय तत्व मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से यह चुंबक की ओर आकर्षित होता है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित टाइगर आई में आपको यह खूबी देखने को नहीं मिलती हैl हालांकि चुंबकीय तत्व वाले गुण बहुत अधिक ऊर्जा वाले टाइगर आई (tigar stone kaisa dikhta hai) में देखने के लिए मिलते हैं, ऐसी भी स्थिति हो सकती है, कि कोई रत्न असली टाइगर स्टोन हो किंतु उसमें चुंबकीय तत्व के गुण निम्न मात्रा में स्थित हो, असली टाइगर आई चुंबकीय तत्व के पास आने पर टाइगर रत्न अपने आप गतिमान हो जाता है।

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10. इसमें मौजूद किसी भी प्रकार की रेखा या बिंदु सममित नहीं होती है, क्योंकि हर पत्थर अपने आप में एक विशिष्ट रूपांतरण रखता है, उसकी एक विशिष्ट कांति होती है।

11. अच्छी गुणवत्ता वाले टाइगर आई स्टोन (tigar stone ke fayde) प्राप्त करने के लिए उसकी कीमत भी अधिक चुकानी पड़ती है, बाजार में यदि कहीं आपको सस्ते दामों पर टाइगर स्टोन उपलब्ध है, तो भूलकर भी ना खरीदें क्योंकि वह एक रत्न नहीं बल्कि कांच का टुकड़ा हो सकता है, जिससे आपको कभी भी लाभ प्राप्त नहीं होगा इसके साथ-साथ आपके पैसे की भी क्षति होगी।

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