पन्ना किस उंगली में पहनना चाहिए – Panna
Kis Ungali Me Pahanna Chahiye
पन्ना किस उंगली में पहनना चाहिए? बहुत से लोगों के मन में यह सवाल उठता है lज्योतिष संदर्भों के अनुसार विभिन्न प्रकार के ग्रह नक्षत्र अपना प्रभाव हमारे ऊपर समय-समय पर डालते रहते हैं, तथा हमारे हाथों में मौजूद उंगलियां इन सभी ग्रहों को निरूपित करती हैं, जब हम कोई भी रत्न अपने किसी भी उंगली में धारण करते हैं, तब उस के माध्यम से उस ग्रह को सक्रिय बनाते हैं, तथा उसके शक्तियों को जागृत करते हैं। कई बार हमें इसके नुकसान भी देखने को मिलते हैं, क्योंकि कभी-कभी हम इन रत्नों को बिना किसी सलाह मशवरा के खुद ही धारण कर लेते हैं, जिससे हमें लाभ होने की जगह हानि होने लगती है, और कभी जब हम अपनी कुंडली की विस्तृत जानकारी एवं सटीक गणना के आधार पर पन्ना रत्न (panna ratna kis ungli me pahne) को या किसी भी रत्न को धारण करते हैं, और जिस भी उंगली में धारण करते हैं, तो उसकी शक्तियां जागृत होकर हमें हर आयाम में सकारात्मक प्रभाव अपना दिखाती है।
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पन्ना रत्न (panna ratna kis ungali me dharan karen) देखने में हरे रंग का होता है। हालांकि इसके हरे रंग के विभिन्न प्रकार के ग्रैफिक्स आपको देखने को मिल जाएंगे। यह गहरे रंग से हल्के रंग तक का हो सकता हैl इसमें मौजूद वैनेडियम तथा और भी तत्वों की मौजूदगी से इसका रंग निर्धारित होता हैl यह रत्न मुख्यत बेरिल खनिज के रूपांतरण से प्राप्त होता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पूरे विश्व में भारत बेरिल खनिज का दूसरे नंबर का उत्पादक है। इस खनिज का मुख्यतः प्रयोग परमाणुविक चीजों में किया जाता है, जिसकी वजह से इसके आंकड़ों को सही से नहीं दर्शाया जाता है, क्योंकि यदि गलत हाथों में इसकी जानकारी लग गई तो उसका दुरुपयोग कर लोग मानवता के खिलाफ ही करेंगे इसलिए इसके आंकड़ों को गुप्त रखा जाता है।
विश्व के बहुत से देशों में इस रत्न के भंडार है, किंतु इतने दुर्गम इलाकों में है, जहां से इसका खनन करना अपने जान की बाजी लगाने के समान हैl विभिन्न प्रकार की जंगली जानवरों का डर तथा जहरीले सांपों जहरीले जीवों का डर भी बना रहता हैl ऊपर से बहुत से चोर ,डाकू लुटेरे आदि भी घात लगाकर बैठे रहते हैं, क्योंकि पन्ना रत्न बहुत ही महंगा रत्न है lयह किसी को मिल जाए तो वह मालामाल हो सकता है। इसकी कीमत बाजारों में बहुत अधिक होती है। पन्ना रत्न (panna ratna kis ungli me dharan karna chahiye) कोयले की खदानों से प्राप्त होता है, किंतु विभिन्न प्रकार के उपकरणों तथा निष्कर्षण के पश्चात ही हमें यह ज्ञात हो पाता है, कि पन्ना रत्न है। अन्यथा प्रारंभिक अवस्था में यह केवल एक पत्थर के समान होता है।
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देवदार तेल का इस्तेमाल कर इसे विभिन्न प्रकार के आकार दिए जाते हैं, तब जाकर हमें एक आकर्षक एवं सुंदर लोचदार पन्ना रत्न की प्राप्ति होती है lबाजार में वैसे तो आपको पन्ना रत्न के नाम पर लोगों के द्वारा नकली पन्ना रत्न (panna ratna kis ungli me pahan sakte hai) भी बेचा जा रहा है, किंतु यदि हमें इसके बारे में सटीक जानकारी प्राप्त हो जाए कि हम किन-किन मापदंडों को अपनाकर यह जान सकते हैं, कि हमारे द्वारा खरीदा जा रहा पन्ना रत्न प्राकृतिक रूप से निर्मित है, अथवा कृत्रिम रूप से निर्मित एक कांच का टुकड़ा है, वैसे तो बहुत से इसे जांचने के पैमाने हो सकते हैं, किंतु कुछ विशिष्ट मापदंड इस प्रकार से है। इसका आकार रंग, घनत्व आदि।
प्राकृतिक रूप से उपलब्ध पन्ना रत्न (panna ratna pahanne ke fayde) को जब आप सूर्य की रोशनी या चंद्र की रोशनी या किसी प्रकार की भी रोशनी में देखेंगे, तब इससे आपको हरे रंग की रोशनी प्रदीप्त होती हुई दिखाई देगी और यदि हरे रंग की जगह इंद्रधनुषी रंग प्रदीप्त हो रहे हैं, तो इसका अर्थ है, कि वह केवल एक कांच का टुकड़ा है। पन्ना रत्न नहीं है, असली पन्ना रत्न को जब आप कच्चे हल्दी का लेप लगाएंगे तो वह लाल रंग का हो जाएगा। पन्ना रत्न की प्रवृत्ति ठंडी होती है, इसलिए जब आप इसे त्वचा पर रखेंगे तो आपको ठंडक महसूस होगा, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित पन्ना रत्न में यह गुण मौजूद नहीं रहता है।
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पन्ना रत्न (panna ratna dharan karne ke fayde) देखने में बहुत ही चमकीला एवं आकर्षक होता है, जब आपके द्वारा इसके ऊपर तरल पदार्थ डाला जाता हैं, तब वह फैलने की बजाए एक बूंद का आकार ले लेता है, जब आप इसे कांच की बॉटल में डालेंगे तब, आपको इसके नीचे की सतह से हरे रंग की रोशनी उत्सर्जित होती हुई प्रतीत होगी और यदि हरे रंग की जगह कोई और रंग उत्सर्जित हुआ तो वह एक कांच का टुकड़ा है,
ना कि पन्ना रत्न है, जब प्राकृतिक रूप से निर्मित पन्ना रत्न को किसी लकड़ी के टुकड़े के विरुद्ध रगरा जाता है, तब उसकी चमक और भी बढ़ जाती है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित पन्ना रत्न में ऐसा कुछ भी नहीं होता है।
असली पन्ना रत्न (panna ratna dharan karne se kya hota hai) को जब आप ताप पर रखेंगे तब आप पाएंगे कि वह और भी निखर गया है, किंतु यही यदि वह कृत्रिम रूप से निर्मित होगा तो वह पिघलने जैसा हो जाएगा तथा उसमें आप किसी भी चीज से विभिन्न प्रकार की आकृतियां बनाने में सक्षम होंगे, जब आप इसे किसी कपड़े के अंदर रखकर ध्यान से देखेंगे तो आपको हरी रोशनी उस से निकलती हुई दिखाई देगी किंतु यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह केवल एक कांच का टुकड़ा है। पन्ना रत्न नहीं है, पन्ना रत्न की कीमत अधिक होने की वजह से बहुत से लोगों के द्वारा इसके उपरत्न भी धारण किए जाते हैं, जिनके परिणाम भी हमें अच्छे मिलते हैं, इसलिए पन्ना रत्न के उपरत्न भी बहुत लोकप्रिय हैl पन्ना रत्न के उपरत्न है। पन्ना रत्न के उपरत्न हरा बैरज ,ओनेक्स, मरगज आदि सबसे उत्तम उपरत्न मरगज को माना जाता हैl कई बार पेरिडॉट भी लोगों के द्वारा धारण किया जाता है, इसके लॉकेट या अंगूठी या विभिन्न प्रकार के विभूषण धारण किए जाते हैं।
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इतनी अलौकिक शक्तियो तथा गुप्त पारलौकिक ऊर्जाओ का प्रतिनिधि पन्ना रत्न (panna ratna kaisa hota hai) को हमें बुधवार के दिन कनिष्ठा उंगली में धारण किया जाता हैl हमारे दाएं या बाएं हाथ की कनिष्ठा उंगली हमारे बुध ग्रह ग्रह को निरूपित करती है lअतः यह रत्न बुधवार के दिन कनिष्ठा उंगली में धारण किया जाता है।
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