पुखराज किस हाथ में पहने – Pukhraj Kis Hath Me Pahne

पुखराज किस हाथ में पहने – Pukhraj Kis Hath Me Pahne

 

पुखराज किस हाथ में पहने – Pukhraj Kis

 Hath Me Pahne

पुखराज किस हाथ में पहने जिससे हमें उसका लाभ अधिकतम प्राप्त हो lलोगों के द्वारा यह वक्त खरीद तो लिया जाता है, किंतु वह हमेशा संशय में रहते हैं, कि आखिर पुखराज रत्न को किस हाथ में पहने जिससे हमारे जीवन पर इसका अनुकूल प्रभाव विस्तृत अवस्था में पड़ेl पुखराज रत्न (pukhraj ratna kis hath me pahanna chahiye) देखने में पीले रंग का होता है, तथा यह गुरु ग्रह से संबंधित रत्न होता है।

 

 

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पुखराज रत्न (pukhraj ratna kis hath me dharan karna chahiye) में जिस भी जातक के द्वारा धारण किया जाता है, उसे गुरु ग्रह की कृपा प्राप्ति होती है तथा उसका जीवन सुधारने लगता हैl उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है, जब भी कुंडली में स्थित ग्रहों की चाल या और वह किस भाव में अवस्थित है, देखा जाता है, तो सबसे पहले गुरु ग्रह किस घर या किस भाव में अवस्थित है, तथा वह भाव उच्च में है, या वह भाग निकले है lयह सब चीजें बारीकियों से जांच की जाती है, क्योंकि गुरु ग्रह एक ऐसा ग्रह है, जो पापी तथा क्रूर ग्रहों के दुष्प्रभाव को भी निष्फल करने की क्षमता रखते हैं, तथा उनके द्वारा दी जा रही प्रतिकूल परिस्थितियों को भी अनुकूल परिस्थितियों में बदलने की क्षमता रखते हैं।

यदि कभी जातक के जीवन में परेशानियां आती भी है, तब भी गुरु ग्रह की कृपा से उसे सद्बुद्धि प्राप्त होती है, और वह उन सभी परिस्थितियों पर नियंत्रण स्थापित करने की समझ रखता है lपूरे ब्रह्मांड में सबसे बड़े ग्रह की उपाधि भी गुरु ग्रह को प्राप्त है, तथा पुखराज रत्न (pukhraj ratna kis hath me dharan karna chahiye) को रत्नों का राजा कहा जाता है, इसमें गुप्त शक्तियां गुरु ग्रह बृहस्पति की निवास करती है, जिस भी जातक के द्वारा इस रत्न को धारण किया जाता है lउसके जीवन में विवाह संबंधित विभिन्न परेशानियां खत्म होने लगती हैl यदि किसी का विवाह नहीं हो रहा है, तो यह ऐसा सयोग बनाते हैं, कि उसे उसका मनचाहा वर या मनचाही वधू मिल जाती है, और वह प्रणय सूत्र में बंध जाता है, तथा वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की कलह आदि होती भी है, तो उन सभी को गुरु ग्रह दूर करते हैं, तथा पति पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाते हैं, तथा उनमें प्रगाढ़ प्रेम फिर से अवस्थित होता है।

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पुखराज रत्न को धारण करने से संतान पक्ष से संबंधित विभिन्न प्रकार के समस्याओं का भी समापन होता है। इनकी कृपा से संतान रत्न की प्राप्ति होती है, या जिनके संतान की बुद्धि किसी भी प्रकार से भ्रष्ट हो गई है तो उसमें संस्कारों का प्रवाह पुखराज रत्न (pukhraj ratna dharan karne ke fayde) बढ़ाने में बहुत मदद करता है, तथा बुरे विचारों से आपके संतानों को बचाता है, तथा उन्हें सद मार्ग पर ले जाने का कार्य करते हैंl इस रत्न को धारण करने से आप बुरी आदतों से बचने लगते हैं, तथा आपका ध्यान पूरी तरह से अध्यात्मिक चीजों की ओर केंद्रित होने लगता है, आप की सहयोगिता धार्मिक चीजों में बढ़ने लगती है, तथा दिमाग के विभिन्न उलझन का भी खात्मा होता है, एवं मन में असीम शांति का वास होता है, जिससे हर और आपको खुशियों का एवं आनंद भरा माहौल पाते हैं।

पुखराज रत्न (pukhraj ratna pahanne ke fayde) आपको विभिन्न प्रकार के रचनात्मक तथा कलात्मक कौशल प्रदान करता हैl पुखराज रत्न को धारण करने से रुपयों पैसों संबंधित विभिन्न प्रकार की परेशानियां दूर होती है, तथा स्थिति सुधरने लगती हैl पुखराज रत्न को धारण करने से आपके ज्ञान का प्रसार बढ़ता है, तथा लोग आपके गुढ ज्ञान को देखकर चकित रह जाते हैंl इनकी कृपा से हमें वैभव सुख संपदा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है lइनकी कृपा से ही हमारे जीवन में संपन्न का छाई रहती है।

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पुखराज रत्न को धारण करने के लिए सबसे उपयुक्त समय माना गया है, शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को पुखराज रत्न (pukhraj ratna pahanne se kaisa hota hai) धारण किया जाता हैl इसे धारण करने से पूर्व पुखराज रत्न को अच्छे से अभिमंत्रित किया जाता है lगुरु मंत्रों का अच्छे से उच्चारण कर इसकी शक्तियों को जागृत किया जाता हैl धारण करने की सही विधि क्या है, तथा किस हाथ में इसे धारण करना चाहिए इसकी व्यापक स्तर पर हम चर्चा करते हैं-

सर्वप्रथम स्नानादि से निवृत्त होकर शुक्ल पक्ष के गुरूवार को सूर्य उदय होने के समय आप इसे गंगाजल तथा पंचामृत से धूल कर धूप दीप बत्ती कपूर गूगल आदि दिखाएंl उसके पश्चात अपने मंदिर में रखकर गुरु ग्रह के बीज मंत्रों का जप करेंl जितना हो सके उतना अधिक इनके मंत्रों का उच्चारण करें या किसी विद्वान पंडित के द्वारा भी आप इनके मंत्रों को उच्चारित करवा सकते हैं, तथा इसकी शक्तियों को जागृत करवा सकते हैं lउसके पश्चात मंदिर में ले जाकर पुखराज रत्न (pukhraj ratna ki jankari) को भगवान के चरणों में रखने वहां से भगवान के साथ-साथ पंडित जी का भी आशीर्वाद प्राप्त करें तथा उन्हें उत्तम दान दक्षिणा प्रदान करें।

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उसके पश्चात आपकी जो भी मनोकामना हो वह मन में बोलते हुए यदि आप किसी भी तरह से धन अर्जन करने के कार्य में लगे हैं, या किसी विशिष्ट कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसे दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करें चाहे आप स्त्री हो या पुरुष उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, किंतु यदि आप केवल अपने समस्याओं का समाधान के लिए धारण करना चाहते हैं, तो आप इसे बाएं हाथ की तर्जनी उंगली में भी धारण कर सकते हैं, पुखराज रत्न (pukhraj pathar ke fayde) को आप चाहे तो सोने के साथ या ब्रोंज के साथ पीरोकर पहन सकते हैं।

इस बात का ख्याल रखें कि इस दिन भूलकर भी किसी बड़े बुजुर्ग से बहस ना करें और वर्जित चीजों का सेवन करने से बचे जितना हो सके मांस मदिरा जैसे चीजों का सेवन करने से बचें lयदि संभव हो तो किसी गरीब को भोजन अवश्य कराएं या उन्हें वस्त्र अवश्य प्रदान करें घर के बड़े बुजुर्गों के लिए भी आप कोई उम्मीद पीला मिष्ठान ला सकते हैं, या उनके लिए कोई उपहार अवश्य लेकर आएं तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त करें lइन सभी छोटी छोटी चीजों को करने से आपके जीवन में बहुत सी अपार खुशियां आने लगती हैं, तथा आपके द्वारा धारण किया गया रत्न तो अपना कार्य करता ही है lइसके साथ-साथ लोगों के द्वारा जो आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है lवह भी अपना असर दिखाते हैं, तथा आपके कार्य बहुत आसानी से बनने लगते हैं, एवं आपका जीवन सफल हो जाता है गुरु ग्रह की कृपा आप पर हमेशा यूं ही बनी रहती हैं।

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