नीलम रत्न किस दिन पहनना चाहिए –
Neelam Ratna Kis Din Pahanna
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नीलम रत्न (neelam ratna ki jankari) किस दिन पहनना चाहिए इस विषय पर इस पोस्ट के माध्यम से विस्तार से चर्चा करेंगे नमस्कार मित्रों जय हो भैरव आइए जानते हैं, आखिर कौन सा शुभ दिन है, जिस दिन यह रत्न हम धारण कर सकते हैं-
शनि ग्रह जिससे बहुत से लोगों के मन में केवल नाम से ही डर बैठ जाता है। शनि ग्रह को मारक ग्रह के नाम से भी जाना जाता हैl ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे जीवन पर नवग्रहों तथा दो उपग्रहों का प्रभाव बहुत अधिक रहता है, चाहे यह प्रभाव सकारात्मक हो या नकारात्मक हो। बारी -बारी से सभी ग्रहों तथा उपग्रहों का गोचर हमारे कुंडली में होता रहता है, तथा यह सारे ग्रह हमें विभिन्न प्रकार के परिणाम अपने गोचर के समय देते रहते हैं, किंतु सबसे अधिक भय लोगों को शनि ग्रह के गोचर से ही होता है, ऐसा कहां जाता है, कि शनि ग्रह एक पापी ग्रह है, जो लोगों को दुख ,पीड़ा, कष्ट बीमारी मानहानि आदि चीजें प्रदान करता है, किंतु समाज में ऐसी फैली हुई भ्रांतियां है।
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शनि ग्रह के बारे में वास्तव में यह ग्रह सृष्टि में संतुलित स्थापित करता है, किसी को भी ऊंची दृष्टि या नीचे दृष्टि से नहीं देखता हैl इसके नजर में ना कोई अमीर है, ना कोई गरीब है, ना कोई दोस्त है, और ना कोई दुश्मन है, ना कोई अच्छा है, और ना कोई बुरा है। बस यह ग्रह हमारे कर्मों का लेखा जोखा बड़े ही कुशलतापूर्वक रखते हैं, जिसमें जब हमारे कर्मों का हिसाब करने की बारी आती है, तब हमें रत्ती भर भी छूट प्रदान नहीं करते है, चाहे आपके कर्म अच्छे हो या बुरे हो, सभी का फल वह चुन-चुन कर देते हैं।
शनि ग्रह ऐसा माना जाता है, कि यदि किसी पर प्रसन्न हो जाए तो उस व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहती हैl उसका व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली होता है, कि उसके काम स्वयं बनते चले जाते हैंl उसकी वाकपटुता तथा विभिन्न प्रकार के कौशलों में निपुणता देखकर लोग दंग रह जाते हैं, जिन लोगों का शनि ग्रह बहुत मजबूत होता है lउनका व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षण पूर्ण होता है, लोग उनकी ओर बहुत आकर्षित होते हैं, तथा उनके बातों को ध्यान से सुनते हैं, एवं ऐसे लोगों का समाज में बहुत मान सम्मान होता हैl पद प्रतिष्ठा आदि के लिए विशेषकर यह लोग जाने जाते हैं, इनमें गजब का धैर्य देखने को मिलता है। (neelam ratna ke fayde)
खराब से खराब परिस्थितियों को भी यह अनुकूल परिस्थिति में बदलने की क्षमता रखते हैं, जो चीजें बाकी लोगों को असंभव प्रतीत होती है, वैसे में यह सब चीजें इनके लिए चुटकियों में हो जाता है। शनि ग्रह की कृपा दृष्टि होने की वजह से यह लोग बहुत सी विलक्षण प्रतिभा के स्वामी होते हैं। नीलम रत्न (neelam ratna kis din dharan karna chahie) एक ऐसा रत्न है, जो त्वरित गति से परिणाम देता है lयदि यह रत्न किसी को धार गया तो उसे रंक से राजा बना देता है, तथा उसे जीवन के विभिन्न आयामों पर अप्रतिम रूप से सफलता दिलाता है, किंतु यदि नीलम रत्न किसी व्यक्ति को नहीं धारता है, तो ऐसी परिस्थिति में उसे विभिन्न विडंबनाओं का सामना करना पड़ता है, उसके कार्यों में विभिन्न प्रकार की अड़चनें आती रहती हैं।
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मानसिक चिंताएं आदि बढ़ने लगती है, व्यक्ति अनिद्रा का शिकार हो जाता है। नीलम के बहुत से विभिन्न प्रकार पाए जाते हैं, जैसे -सतरंगी नीलम ,तारा नीलम ,गुलाबी नीलम, पद्परदशा नीलम आदि यह कुछ दुर्लभ किस्म के नीलम रत्न है, जो विश्व के कुछ खास जगहों पर ही पाए जाते हैं, तथा इनकी कीमत भी बहुत अधिक होती है lयह सारे रत्न बहुत ही मूल्यवान होते हैं, इनको खरीदने के लिए लोगों को भारी-भरकम मूल्य चुकाना पड़ता है। नीलम रत्न (neelam ratna kis din dharan kare) यूं तो बाजार में आसानी से उपलब्ध है, लेकिन इसको धारण करने से पहले लोगों को अच्छी तरह से जांच परख लेनी चाहिए कि उनके द्वारा लिया जा रहा नीलम अच्छा है ,सात्विक है, उत्कृष्ट है।
भारत के जम्मू- कश्मीर के खदानों से उत्कृष्ट प्रकार के नीलम रत्न (neelam ratna kis din pahne) पाए जाते हैं, किंतु यह रत्न बहुत ही दुर्लभ है, जिसकी वजह से इसका मूल्य बहुत अधिक होता है, इसलिए इस जगह की खदान का नीलम बहुत ही कम लोगों के पास उपलब्ध होता है। हालांकि बाजार में इसी के नाम से बहुत सारे नीलम रत्न बेचे जाते हैं, किंतु यहां पर इस रत्न का उत्पादन बहुत ही कम होता है, जिसकी वजह से इसका मूल्य बहुत अधिक होता हैl आम लोगों के पहुंच से यह रत्न काफी दूर होता हैl श्रीलंका के नीलम रत्न पूरे दुनिया भर में प्रसिद्ध है, तथा लोगों को यह आसानी से तथा कम रुपयों में भी उपलब्ध हो जाते हैं। इसी वजह से विश्व स्तर पर इसकी बहुत अधिक मांग है, क्योंकि हर किसी के पास इतना पैसा नहीं होता जो नीलम के विभिन्न प्रकार के नियमों को खरीद सके तथा उनका उपयोग कर सकें।
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नीलम रत्न (neelam ratna kis din pahna jata hai) को पहनने के लिए कुंडली में किन -किन लोगों का होना आवश्यक है। आइए इसको जानना बहुत आवश्यक है- यदि जातक की कुंडली में शनि अपने भाव के आठवें स्थान पर स्थित हो तो यह रत्न धारण करना चाहिएl शनि की अंतर्दशा या महादशा या वक्री दृष्टि हो या शनि की साढ़ेसाती चल रही हो, तो ऐसी परिस्थिति में नीलम रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
इससे अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैंl इस रत्न को धारण करने का सबसे उपयुक्त समय होता है, अर्ध रात्रि को शनिवार के दिन धारण करने का समय सबसे उत्तम माना गया है, तथा जो भी लोग नीलम रत्न (neelam ratna dharan karne ke fayde) धारण करने वाले हैं। उनको चांदी में पिरो कर उसकी कोई पेंडेंट बनाकर गले में या अंगूठी बनाकर बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए। इस बात का अवश्य ख्याल रखें कि नीलम रत्न धारण करने वाले दिन जितना हो सके मांस ,मदिरा आदि वर्जित चीजों से भी दूर रहें, जितना हो सके खुद में शुद्धता, सात्विकता बनाए रखें तभी इस रत्न का पूर्ण प्रभाव आपको देखने को मिलेगा।
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