नीलम रत्न कितने प्रकार के होते हैं – Neelam Ratna Kitne Prakar Ke Hote Hai

नीलम रत्न कितने प्रकार के होते हैं – Neelam Ratna Kitne Prakar Ke Hote Hai

 

नीलम रत्न कितने प्रकार के होते हैं – Neelam

 Ratna Kitne Prakar Ke Hote Hai

नीलम रत्न कितने प्रकार के होते हैं ??? इस विषय पर आज हम इस लेख के माध्यम से विस्तार से चर्चा करेंगे तथा इससे संबंधित बहुत पहलुओं पर भी प्रकाश डालने का प्रयास करेंगे-

 

 

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नीलम रत्न (neelam ratna ke chamatkar kya hai) एक चमत्कारी रत्न है, जिसे धारण करने से मन में असीम शांति का आभास होता है, इस रत्न को धारण करने से विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समाधान हमारे जीवन में होता है, जो लोग शनि ग्रह से पीड़ित होते तथा मानसिक अवसाद के शिकार होते हैं, तथा विभिन्न उलझन में उनका दिमाग उलझा।

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हुआ रहता है, जिंदगी में कैसे आगे बढ़ना है lउनकी समझ, सोचने की शक्ति आदि खत्म हो चुकी है, ऐसी परिस्थिति में यह नीलम रत्न (neelam ratna ke kitne prakar hai) किसी चमत्कार से कम नहीं कार्य करता हैl यदि यह आपके कुंडली के अनुसार आपके लिए उपयोगी साबित हो गयाl तो आपके दिन पलटने की शक्ति रखता है lइसमें प्राकृतिक रूप से बहुत से विभिन्न प्रकार की शक्तियां विद्यमान होती है, जो हमारे जिंदगी के विभिन्न आयामों पर अच्छा एवं सकारात्मक प्रभाव डालती है, यह रत्न विशेषकर शनि ग्रह से पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत अधिक उपयोगी होता है।

शनि ग्रह को यह रत्न निरूपित करता है, इस रत्न को धारण करने वाले व्यक्ति को कभी भी जीवन में रुपयों संबंधित परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है lउनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही मजबूत होती है, तथा ऐसे लोग धन संचित करने में भी बहुत आगे रहते हैंl जमीन जायदाद गाड़ी बंगला आदि किसी भी चीज की कमी इनके जीवन में नहीं रहता है, जब यह रत्न किसी के लिए सकारात्मक परिणाम देने लगता है, तब वह समाज में प्रतिष्ठित व्यक्तित्व वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाना लगता है। विभिन्न प्रकार के कौशलों का निर्माण उसके व्यक्तित्व में चार चांद लगाता हैl उसके व्यक्तित्व में अजीब सा आकर्षण उत्पन्न होता है, जो किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकता हैl वाकपटुता में भी उसे महारत हासिल होती है, जिसकी वजह से उसके सारे काम बहुत ही कुशलता के साथ पूर्ण होते हैं।

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विषम से विषम परिस्थिति में भी अपने धैर्य को वह नहीं खोता है, तथा जटिल से जटिल समस्याओं का सामना धैर्य पूर्वक करता है। अपने विवेक ,बुद्धि आदि का उपयोग कर उसको सुलझा कड़ ही दम लेता है। शनि ग्रह का कृपा पात्र व्यक्ति बहुत ही विस्मय शक्तियों का स्वामी होता है lउसमें अनेक प्रकार के छुपे हुए गुण होते हैं, जो उसे एक प्रबल व्यक्तित्व प्रदान करता है जिसके समक्ष कोई भी टिक नहीं पाता है lउसके मन में असीम शांति का वास होता है। किसी भी परिस्थिति में वह विचलित नहीं होता है। शारीरिक तौर पर भी काफी आकर्षित होता है। उसके चेहरे की चमक और आभा मंडल बहुत अधिक शक्तिशाली होता है।

नीलम रत्न प्रायर बहुत ही चमकदार होता है, तथा इसकी नीली रोशनी बहुत ही मनमोहक होती है, जब चंद्र की रोशनी इस पर पड़ती है, तो एक समान नीली किरने इससे उत्सर्जित होती है। नीले वर्ण का यह रत्न प्रकृति की अद्वितीय संरचना है, जिसमें असीम शक्तियां विद्यमान हैl इस रत्न का घनत्व बहुत अधिक होता है lबहुत ही गर्म प्रवृत्ति होने की वजह से जब आप इस रत्न को अपनी मुट्ठी में बंद करते हैं, तब आपको इससे गर्मी उत्सर्जित होती हुई महसूस होती हैl प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नीलम के अंदर विभिन्न प्रकार के रेखाएं, आकृतियां, बिंदु ,समानांतर रेखाएं आदि देखने को मिल जाती है।

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प्रायः जो नीलम प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होता है, उसमें दो समानांतर रेखाएं एक खास प्रकार की पैटर्न पर कार्य करती है, जिसकी वजह से आपको यह बहुत ही चमकदार दिखाई पड़ता है lबहुत से लोगों का मानना है, कि यदि सर्वोत्तम नीलम रत्न (neelam ratna ki jankari) को गाय के शुद्ध दूध में डाला जाए तो दूध दूध का रंग परिवर्तित होकर नीला हो जाता है। यह इस बात का भी प्रमाण होता है, कि नीलम की शुद्धता 100% है, उसमें कोई भी मिलावट नहीं है।

यह रत्न धारण करने के बाद तीव्रता के साथ अपना कार्य दिखाना शुरू कर देता है, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक हो, इसलिए इस रत्न को धारण करने से पूर्व आपको किसी विद्वान ज्योतिष की सलाह लेना आवश्यक है, अन्यथा आप किसी बड़ी परेशानी में फंस सकते हैं, क्योंकि यदि यह आपको धारण नहीं किया तो आप विभिन्न प्रकार के दुर्घटनाओं के शिकार हो सकते हैं, तथा धन संबंधित हानि के भी योग बनने लगते हैंl विभिन्न प्रकार की शारीरिक तथा मानसिक पीड़ाए भी अचानक उत्पन्न होने लगती हैl रात को डरावने सपने आने लगते हैं lमन में हर वक्त किसी न किसी चीज को लेकर डर लगा हुआ रहता है lमन में बहुत सारी चीजें चलती रहती है, जो कि आप का केवल समय नष्ट करती है, आप को एकाग्र होकर कोई भी कार्य करने नहीं देती है।

नीलम के कुछ प्रकार निम्नलिखित है- सप्तरंगी नीलम, तारा नीलम, गुलाबी नीलम, पद्परदशा नीलम।

1. तारा नीलम- रत्न (neelam ratna ki pehchan kya hai) का संयोजन टाइटेनियम ऑक्साइड से बना हुआ होता है, तथा इसका मूल्य तारे का स्पष्ट स्वरूप पर निर्भर करता है, जब आप इसकी संरचना को अच्छे से देखेंगे तो पाएंगे कि इसमें विभिन्न प्रकार की रेखाएं मिलकर एक तारीख का निर्माण करती है, एवं जब चंद्र की रोशनी या सूर्य की रोशनी इसके ऊपर पड़ती है, तब एक समान तारे का यह निर्माण करती है, और यह देखने में बहुत अद्वितीय लगता है, यह एक बहुत ही दुर्लभ रत्न है।

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2. सतरंगी नीलम- यह रत्न (neelam ratna dharan karne ke fayde) अपने रंग बदलने के लिए जाना जाता हैl इसका संयोजक क्रोमियम और वैनेडियम है, जिसकी वजह से आप जब इसे देखेंगे तो विभिन्न प्रकार के रंगों का मिश्रण आपको इसमें दिखाई देगा, मुख्यत यह थाईलैंड ,तंजानिया आदि देशों में पाया जाता है।

3. गुलाबी नीलम -यह देखने में गुलाबी रंग का होता है, क्योंकि इसमें क्रोमियम की मात्रा अधिक होती है, जितना अधिक क्रोमियम की मात्रा ज्यादा रहती है, उतना इसका रंग गाढ़ा रहता है, तथा उतना ही इस यह महंगा बिकता है। विभिन्न प्रकार के आभूषणों को बनाने में इसका उपयोग किया जाता है।

ऐसे तो बाजार में आपको नीलम रत्न (neelam ratna ke fayde) खरीदने से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच परख कर लेनी चाहिए क्योंकि नीलम रत्न के नाम पर बहुत जगहों पर आपको कांच में तरह-तरह के ऑक्साइड भर कर दे दिए जाते हैं, जिनका आप उपयोग भी कर ले तब भी आपके जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम के कई रंग हो सकते हैं। लाल ,पीला ,नीला ,हरा बैंगनी तथा इसका उपयोग लोग साज सजावट आभूषण आदि बनाने में भी लाते हैं। नीलम रत्न भाग्य बदलने वाला रत्न होता है अतः इसे बिना सोचे समझे धारण करने की भूल ना करें।

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