नीलम कितने रत्ती का पहनना चाहिए,
तथा इससे किस तरह से धारण करें कि हमें अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो-
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नीलम रत्न जिसे त्रिलोक दंडाधिकारी एवं मुख्य न्यायाधीश के रत्न के नाम से भी जाना जाता है, इस रत्न को प्रकृति द्वारा हमें वरदान के स्वरूप में दिया गया हैl प्रकृति की हर रचना अपने आप में अद्भुत है ,अद्वितीय है ,जिसकी परिकल्पना हम तुच्छ मानव नहीं कर सकते हैं।
प्यार से प्रकृति हमें विभिन्न प्रकार के संसाधनों से परिपूर्ण करती है किंतु हम मानव में एक चीज की बुरी लत है, वह है लालच जी हां !लालच जिसका कोई ना आदि है, न अंत है,यह बस बढ़ता ही जाता है समय के साथ, आपको कितनी भी चीजें मिल जाए किंतु आपके मन में हमेशा यही जिज्ञासा रहती है, कि थोड़ा और थोड़ा और पर यही थोड़ा और थोड़ा और प्रकृति के विभिन्न संसाधनों के क्षरण होने का कारण है, ऐसे बहुत से संसाधन पृथ्वी पर मौजूद नहीं है, या विलुप्त हो चुके हैं, या विलुप्त होने के कगार पर है, जिनका आवश्यकता से अधिक हम लोगों के द्वारा उपयोग कर लिया गया है, जिसकी वजह से उसकी यह दुर्दशा हुई हैl
प्रकृति का एक ही नियम है संतुलन और उसी संतुलन को इस सृष्टि में बनाए रखने के लिए प्रकृति के द्वारा रचा गया है शनि ग्रह, जो केवल पृथ्वी पर ही नहीं बल्कि तीनों लोकों में संतुलन स्थापित कर सके या हो सके, इस वजह से उन्हें निर्मित किया गया हैl
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पाप लोभ ,कामना, तृष्णा आदि चीजों में फस कर लोग विभिन्न प्रकार के अनुचित, विषमता ,नीचता की पराकाष्ठा को पार कर देते हैं, बिना यह सोचे कि आगे उनका क्या अंजाम होगा अतः पृथ्वी पर संतुलन स्थापित रहे तथा लोगों के मन में किसी चीज को लेकर भय बना रहे, ताकि वह अपने कर्मों को सही तरीके से करें एवं अपने सत्य मार्ग से विमुख न हो इसलिए प्रकृति ने दंडाधिकारी त्रिलोक न्यायधीश शनि ग्रह को अवतरित किया है, फिर भी प्रकृति की महिमा निराली है, वह हमें मां के समान हमारा पालन-पोषण सृजन करती है, उनके मन में हमें लेकर बहुत दया की भावना मातृत्व की भावना कूट-कूट कर भरी हैl शायद यही कारण है, तभी उनके द्वारा हमें नीलम रत्न प्रदान किया गया है, जो शनि ग्रह के विभिन्न प्रभाव को नष्ट करने की क्षमता रखता है।
शनि के द्वारा दिए जा रहे विभिन्न प्रकार के कष्ट जो विभिन्न प्रकार के महादशा, दशा, शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया जैसी चीजों में दी जाती है, ऐसे में यह रत्न किसी वरदान से कम नहीं है, यह रत्न नकारात्मक शक्ति को साकारात्मक बनाने की क्षमता रखता है l इसमें बहुत से गुप्त गुण मौजूद होते हैं, जिसका पता हमें समय के साथ चलता है।
यह रत्न हमें विभिन्न प्रकार के देशों से जटिल मार्गो एवं सुदूर इलाकों से प्राप्त होता है, भारत में यह रत्न लद्दाख तथा कश्मीर के बीच स्थित पाडर की पहाड़ियों में स्थित खदानों से प्राप्त होता है, किंतु यहां से नीलम रत्न प्राप्त करना इतना आसान नहीं है,दुर्गम रास्तों से होकर यहां की यात्रा थकान से भरी हुई ,बर्फ के थपेड़ों से परिपूर्ण, 0 से नीचे का पारा, सर्दी बर्फबारी आदि न खाने के लिए भोजन ,न पीने के लिए पानी उपलब्ध है, और ना कुछ और ऊपर से जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है तथा 3 दिन की यात्रा के पश्चात यहां पर पहुंचा जाता है।
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यह जगह 9 महीने तक बर्फ में ढका हुआ रहता हैl ऐसे दुर्लभ जगह से यह महारत्न हमें प्राप्त होता है किंतु इस जगह से प्राप्त नीलम रत्न पूरे विश्व में सबसे उत्कृष्ट गुणवत्ता वाला होता है, जिसकी वजह से इसका कीमत बहुत ज्यादा होता है और हर किसी के बस की बात नहीं होती कि, यहां की कीमत को वह चुका कर इस नीलम रत्न को धारण कर सकेl पूरे विश्व में नीला नीलम रत्न में सबसे अधिक नीले वर्ण का नीलम रत्न भारत में ही पाया जाता है।
इसके जैसी अद्वितीय, उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले नीलम पूरे विश्व में कहीं नहीं पाए जाते हैं, किंतु मांग अधिक है और उत्पादन कम इस स्थिति में बहुत से पड़ोसी देशों से इस रत्न को आयात किया जाता है। विश्व में श्रीलंका के नीलम भी बहुत प्रसिद्ध है ,तथा इसका उपयोग भी प्रचुर मात्रा में किया जाता है, इसकी भी गुणवत्ता श्रेष्ठतम होती है।
इस रत्न में मौजूद पारलौकिक शक्तियां इस रत्न को और भी अद्भुत बना देती है, इसकी ऊर्जा बहुत बेहतरीन होती है। बशर्ते कि आपके द्वारा धारण किया गया नीलम रत्न एकदम प्राकृतिक रूप से निर्मित हो कृत्रिम रूप से नहीं क्योंकि प्राकृतिक रूप से निर्मित नीलम रत्न में ही, यह अद्भुत शक्ति होती है।
वह विभिन्न प्रकार की हमें परेशानियों से निकाल सके तक तथा हमारे अंदर हमारे व्यक्तित्व का नवीन रूपांतरण कर सके हमारे अंदर एक दृढ़ संकल्प तथा कर्मठता के भाव को उत्पन्न कर सके, धैर्य क्षमता का विकास कर सके, इस रत्न को धारण करने से मन में असीम शांति की प्राप्ति होती है, तथा विचलित करने वाले परिस्थितियों में भी यह हमें अपना धैर्य खोने नहीं देता है।
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यह रत्न लोगों से हमें जुड़ने में बहुत मदद करता है, तथा लोगों की भावनाओं को समझने में बहुत कारगर होता है,यह रत्न हमारे अंदर छुपे हुए विभिन्न प्रकार के रचनात्मक विचारों को धरातल पर उतारने का भी काम करता है, जिससे हम कामयाबी कि सीढ़ीया चढ़ सकते हैं, यह में भावनात्मक स्तर पर भी बहुत मजबूत बनाता है, तथा मानसिक तौर पर भी हमें बहुत मजबूत बनाता है, यह रत्न की खूबियां बहुत अधिक है, इसमें बहुत सी गुप्त शक्तियां विद्यमान रहती है।
इस रत्न को यदि सही मात्रा में धारण किया जाए तो हमारे भाग्य के सभी तालों को यह खोलने की क्षमता रखता है lअतः इस रत्न को ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार 5 रत्ती, सात रत्ती ,9 रत्ती या 12 रत्ती में धारण किया जा सकता है, उससे कम धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि फिर आपको उसके अच्छे परिणाम देखने को नहीं मिलते हैं, या फिर मिलते भी हैं, तो बहुत कम।
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