सुलेमानी हकीक की पहचान – Sulemani Hakik Ki Pahchan

सुलेमानी हकीक की पहचान – Sulemani Hakik Ki Pahchan

 सुलेमानी हकीक की पहचान – Sulemani

 Hakik Ki Pahchan

सुलेमानी हकीक (asli sulemani hakik ki pehchan) की पहचान कर उसे धारण करना सबसे उपयुक्त रहता है, क्योंकि आजकल बाजार में उपलब्ध हकीक के नाम पर विभिन्न प्रकार के मनका आपको देखने के लिए मिलते हैं, जो वास्तव में प्लास्टिक या कृत्रिम रूप से निर्मित किसी और पदार्थ से बने हुए होते हैं, जिसकी वजह से उसमें वह गुण वह संरचना आदि मौजूद नहीं रहता है, जो प्राकृतिक रूप से निर्मित सुलेमानी मनका में होता है, इसलिए सुलेमानी हकीक को पहचानने के विभिन्न मापदंड तथा पैमाने हमें पता होना चाहिए तभी जाकर हम बाजार से या किसी और माध्यम से यह शुद्ध पत्थर प्राप्त कर सकते हैं।

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सुलेमानी हकीक (Original sulemani hakik ki pehchan) मुख्यता अग्नेय चट्टानों के गुहो में भूजल से सिलिका के जमाव के द्वारा यह खनिज रूपांतरित होकर सुलेमानी हकीक का रूप ले लेता है lयह मुख्यता आग्नेय चट्टानों के दीवारों के आसपास तथा उसके नीचे एक मोटी परत के रूप में जमा रहता है, जो समय के साथ विभिन्न मौसमी बदलाव के कारण धीरे-धीरे सुलेमानी हकीक के रूप में रूपांतरित होने लगता है।

इसके संयोजक इसके रंग को निर्धारित करते हैं, इसलिए सुलेमानी हकीक (Sulemani hakik ki pehchan kaise kare) विभिन्न रंगों में पाए जाते हैं, जैसे- लाल, पीला ,हरा ,नीला ,सफेद, काला आदि, जैसे रंग आपको इस पत्थर के देखने को मिल सकते हैंl विभिन्न रंगों के हकीक के पत्थर विभिन्न ग्रह दोषों को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए धारण किया जाता है, तथा सभी को एक विशिष्ट पद्धति के द्वारा धारण करते हैं, जिससे हमें बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता हैl

यह एक ऐसा पत्थर है, जिसे हर एक समुदाय के लोग धारण करते हैं, इसकी गुणवत्ता इतनी अधिक होती है, कि हर कोई इससे जाने के पश्चात इसे धारण करना चाहता है, तथा इसका लाभ प्रत्यक्ष रूप से अपने वास्तविक जीवन पर देखना चाहता है, महसूस करना चाहता है, आइए जानते हैं, क्या होता है, सुलेमानी रत्न को धारण करने से-

1. सुलेमानी हकीक (Sulemani Hakik Ki Pahchan) पत्थर को धारण करने से जो लोग अनिद्रा, घबराहट ,डरावने सपने आना या मानसिक अवसाद आदि जैसी जानलेवा बीमारी के शिकार है, तो ऐसे में यदि इस पत्थर को धारण किया गया है, तो यह पत्थर आपको इन सभी चीजों से निजात दिलाता है, तथा आपको वास्तविक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।

2. सुलेमानी हकीक (Sulemani hakik ko pehchane) सकारात्मक ऊर्जाओं से परिपूर्ण होता है lअतः जो भी व्यक्ति इसे धारण करता है, तो उसके मन मस्तिष्क में स्थित नकारात्मक ऊर्जा जो उसे दूषित कर रही थी lअंदर अंदर उसे खोखला कर रही थी lउसके विचारों को मार रही थी तथा उसके शरीर पर धीरे-धीरे काबू पा रही थी एवं उस व्यक्ति को समाज से अपनों से अलग कर रही थी।

उस नकारात्मक उर्जा को यह हकीक पत्थर पूरी तरह से क्षत-विक्षत करने की क्षमता रखता है, यह उसे पूरी तरह से नष्ट कर देता है, तथा हमारे अंदर सकारात्मक शक्तियों का संचार बढ़ा देता है, जिससे हमारा आभामंडल मजबूत होता है, जिसको चाह कर भी कोई नकारात्मक सकती भेदन नहीं कर सकती हैl जिससे हमारा मन मस्तिष्क आचरण शरीर सब मजबूत होता है।

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3. इस पत्थर में हमारे भाग्य को उदित करने की क्षमता मौजूद रहती है, जिससे हमारा भाग्य विभिन्न मौकों पर हमारा साथ देता है, और हमारे कार्य बनने लगते हैं।

4. असली हकीक (Sulemani pathar ki pahchan) पत्थर धारण करने से हमारी आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत होती है।

5. इस पत्थर को धारण करने से राहु-केतु तथा शनि ग्रह द्वारा दिए जा रहे विभिन्न प्रतिकूल प्रभाव को नष्ट कर देता है, तथा आपके अंदर एक अद्वितीय शक्ति का निर्माण करता है, जिससे यदि परेशानियां आती भी है, तो आप उस पर नियंत्रण स्थापित करने में पूरी तरह से सक्षम होते हैं।

असली सुलेमानी हकीक (Sulemani hakik ki pahchan kya hai) पत्थर को पहचानने के कुछ निम्नलिखित मापदंड है, जिन्हें अपना कर जान सकते हैं, कि आपके द्वारा खरीदा जा रहा पत्थर असली है, या नकली है-

6. प्राकृतिक रुप से निर्मित किसी भी पत्थर का घनत्व बहुत अधिक होता है, जिसकी वजह से जब आप इसे तरल पदार्थ में डालते हैं, तो यह सीधे उसके निचली सतह पर चला जाता है, इसलिए जब आप प्राकृतिक रुप से निर्मित हकीक पत्थर को किसी भी तरल पदार्थ में डालते हैं, तो अपने घनत्व की वजह से वह रत्न सीधे तल में बैठ जाएगा तथा जब आप इसे कृतिम रुप से निर्मित पत्थर से इसकी वजन की तुलना करेंगे तो आपको ऐसा लगेगा जैसे भले ही यह देखने में छोटा हो किंतु वजन में अच्छा खासा प्रतीत होगा जबकि इसके विपरीत कृतिम रुप से निर्मित हकीक पत्थर का वजन उसके बनावट के तुलना में काफी कम होगा।

7. असली सुलेमानी हकीक (Sulemani hakik ki pahchan kaise karen) पत्थर की यह विशेषता होती है, कि वह किसी भी तरह के प्रकाश उर्जा के स्रोत को अवशोषित करता है, कभी भी उससे प्रकाश ऊर्जा उत्सरजीत होती हुई नहीं प्रतीत होगी, जबकि इसके विपरीत यदि कोई कृतिम रुप से निर्मित हकीक पत्थर हुआ तो उससे प्रकाश उर्जा जब उस पर आप बिखेरेंगे तो आप देखेंगे कि वह प्रकाश ऊर्जा को उत्सरजीत कर रहा है, ना कि वह अवशोषित कर रहा है।

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8. प्राकृतिक रूप से निर्मित सुलेमानी हकीक (Sulemani hakik stone ki pahchan) पत्थर कभी भी एक समान आपको देखने के लिए नहीं मिलेंगे, उसकी संरचना में जरूर कोई ना कोई विविधता आपको दिखाई देगी, जबकि जो चीजें लैब में कृत्रिम रूप से बनाई जाती हैl उसके एक ही तरह के पैटर्न देखने को मिलेंगे एक ही आकार के बहुत सारे सुलेमानी हकीक पत्थर आपको प्राप्त हो सकते हैं, जब की प्रकृति कभी भी किसी को भी एक समान नहीं बनाती है, उसमें कुछ ना कुछ ऐसी गुण या उसके स्वभाव या उसके आकार या उसके रंग में परिवर्तन ला देती है, जिसकी वजह से कोई भी चीज पूरी तरह से एक दूसरे का पूरक नहीं होता है।

 

 

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9. प्राकृतिक रूप से निर्मित सुलेमानी हकीक पत्थर में आपको विभिन्न प्रकार की आकृतियां, बिंदु, रेखाएं आदि दिखाई देंगी, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित सुलेमानी पत्थर में यह सारी खूबियां मौजूद नहीं रहेंगे।

10. हकीक रत्न (Sulemani hakik stone benefits in hindi) महंगा होता है, अतः यदि आपको कहीं से भी कम कीमत पर प्राप्त हो रहा है, तो इसे बिल्कुल ना खरीदें क्योंकि इससे तो आपके पैसे बर्बाद होंगे ही और साथ में आपको कोई फायदा भी नजर नहीं आएगा lकभी भी कम पैसों में उपलब्ध रत्न सही नहीं होता हैl उसकी गुणवत्ता सही नहीं होती है, उसे धारण करने से आपके जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है, न सकारात्मक और ना नकारात्मक ऐसे में आप इस सुलेमानी पत्थर को खरीदने से पूर्व किसकी कीमत को अच्छे से जांच परख लें तब इसे खरीदें।

 

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