नीलम रत्न क्या होता है – Neelam Ratna
Kya Hota Hai
नीलम रत्न क्या होता है, नीलम रत्न एक कोरंडम परिवार से संबंधित रत्न होता है, जिस का रासायनिक सूत्र Al2O3 होता है, जिसे एलुमिनियम ऑक्साइड के नाम से भी जाना जाता है, किंतु इस रत्न का बहुत बड़ा उपयोग रत्न शास्त्र एवं ज्योतिष विज्ञान में बताया गया है। नीलम पत्थर को शनि ग्रह से संबंधित रत्न बताया गया है।
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यह एक बेशकीमती पत्थर होता है, जो विश्व के सुदूर एवं दुर्लभ इलाकों में पाया जाता है, इसका मूल्य इसकी गुणवत्ता को देखने के आधार पर ही निर्धारित किया जाता है, वैसे तो पृथ्वी पर हमारे लिए विभिन्न प्रकार की संसाधनों की भरमार है, सृष्टि में विभिन्न संसाधन हमारे इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए विद्यमान है, किंतु आवश्यकता से अधिक दोहन की वजह से बहुत से संसाधनों का क्षरण हो चुका है, या फिर पूरी तरह से वह समाप्त होने की कगार पर है, ऐसे बहुत ही संसाधन है, जो विलुप्त हो चुके हैं, जिनके बारे में दुनिया के लोगों को पता ही नहीं है।
इंसान की प्रवृत्ति होती है, कि उसकी भूख कभी खत्म नहीं होती है, चाहे वह भूख रुपए पैसों की हो या किसी संसाधन को पाने की हो या फिर किसी चीज को पाने की हो उसकी यही भूख उसके नाश का कारण बनती है, वह भूल जाता है, कि इस नश्वर संसार में कोई भी चीज हमेशा के लिए नहीं रहती है, जिसने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु तय है, फिर भी सब बात भूल कर वह केवल अपने अंध में बहता चला जाता है, तथा बिना किसी परिणाम के बारे में सोचे बिना ही विभिन्न प्रकार की विवेकहीन गतिविधियों में विलीन रहता है, इस अंध से तब निकलता है, जब उसके पास से समय की चिड़िया उसके हाथ से निकल जाती है, तब उसे एहसास आता है, कि उसने क्या कर दिया एवं वह अपने कौशलों का उपयोग करके क्या कर सकता था, किंतु तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, और कुछ भी चीज वापस से सही नहीं किया जा सकता है।
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शायद यही कारण है, कि दुनिया की सबसे अनमोल संसाधन दुर्लभ एवं सुदूर इलाकों में पाए जाते हैं, जहां से इनका दोहन या खनन करना बहुत मुश्किल का काम होता है। नीलम रत्न भी एक ऐसा रत्न है, जो बहुत ही दुर्गम जगहों पर प्राप्त होता है, भारत में नीलम रत्न उड़ीसा के गंजाम जगह के नाम से प्राप्त होता है, तथा बीच में खबरें आई थी कि हिमाचल प्रदेश में भी नीलम रत्न (neelam ratna se kya hota hai) के खान मिलने की पूरी संभावना है, ऐसी एक खबर झारखंड राज्य से भी आई थी कि वहां भी नीलम पत्थर के पहाड़ दुर्गम एवं दुर्लभ जंगलों में पाए गए हैं, तथा प्रारंभिक जांच से पता चला है, कि यह वास्तविकता में नीलम पत्थर के ही पहाड़ है, किंतु जब तक वैज्ञानिक रूप से इस को प्रमाणित नहीं कर लिया जाता है, तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है, कि यह पहाड़ किस रत्न का है।
यह किसी रत्न का है, भी या नहीं जम्मू कश्मीर के पदार पहाड़ियों में भी स्थित नीलम रत्न का खान है, किंतु यहां से नीलम रत्न (neelam pathar kaisa hota hai) प्राप्त करना बहुत मुश्किल है, तथा विश्व के सबसे उत्कृष्ट नीलम रत्न यहीं से प्राप्त होते हैं, और उनका मूल्य भी बहुत अधिक होता है, किंतु मांग होने मांग अधिक होने की वजह से इसकी पूर्ति केवल भारत के कुछ हिस्सों में से प्राप्त नीलम रत्न से नहीं हो सकती है, इसी वजह से नीलम रत्न को भारत अपने पड़ोसी राज्यों से आयात करता है, विशेषकर श्रीलंका से क्योंकि श्रीलंका के नीलम भी विश्व प्रसिद्ध होते हैं, उनकी गुणवत्ता भी उत्कृष्ट होती है।
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नीलम रत्न (neelam pathar pahnane se kya hota hai) अपने अंदर बहुत सी अद्भुत ,अलौकिक शक्तियां संयोजक कर रखता है। इसकी ऊर्जाओ के स्रोत का आप अनुमान भी नहीं लगा सकते हैं। इसमें सनी ग्रह से संबंधित विभिन्न प्रकार की शक्तियों को अवशोषित करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह रत्न किसी को भी रंग से राजा बनाने की क्षमता रखता है, किंतु यदि किसी के कुंडली के अनुकूल नहीं हुआ तो ऐसी परिस्थिति में उसे राजा से रंग भी बना सकता है, एवं हाथी पर बैठे हुए भी कुत्ते से कटवा सकता है। यह वास्तव में चमत्कारी होने के साथ-साथ विध्वंसक स्वरूप भी कभी-कभी ले लेता है।
अतः लोगों के मन में विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां तथा नीलम रत्न (neelam pathar dharan karne ke fayde) के स्वामी शनि ग्रह को लेकर उनके मन में बसी हुई है, लोगों में शनि ग्रह को लेकर बहुत भय व्याप्त होता है, क्योंकि शनि ग्रह को लोग एक मारक ग्रह दुख पीड़ा कष्ट आदि के ग्रह से संबोधित करते हैं, लोगों का मानना है, कि शनि ग्रह की कुदृष्टि जिस किसी पर भी पड़ जाती है, या उनकी वक्र दृष्टि जिस किसी पर भी पड़ जाती हैl उसकी स्थिति यह दयनीय बनाकर छोड़ते हैं, किंतु यह सब हमारे कर्मों का खेल है, यहीं पर नर्क है, यहीं पर स्वर्ग है, जो जैसा करता है, वह वैसा ही पाता है।
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शनि ग्रह न्याय के देवता है, यह किसी भी परिस्थिति में किसी के साथ भी अनुचित होने नहीं देते हैं। इनका कार्य सभी को उचित न्याय दिलाना एवं उनके द्वारा किए गए विभिन्न कर्मकांड के आधार पर उन्हें फल देना है। यह फल शुभ भी हो सकता है, और अशुभ भी हो सकता है, बस सामने वाले के कर्म निर्धारित करते हैं, कि वह शनि ग्रह का कृपा पात्र है, या फिर दंड का पात्र है lयह ग्रह वास्तव में आप के भाग्य को बदलने की क्षमता रखता है, जो भी आपके भाग्य में नहीं लिखा हुआ है, किंतु यदि आप अपने कर्मों को ठीक कर कर्मठ होकर किसी चीज को पाने का प्रयास करेंगे तो उस परिस्थिति में शनि ग्रह आपको अनुकूल परिणाम देते हैं, तथा असंभव से दिखने वाले चीज को भी संभव बनाने की क्षमता कौशल आपके अंदर स्वयं ही उदित होने लगती है।
ऐसे त्रिलोक दंडाधिकारी तथा त्रिलोक न्यायधीश का महारत्न कितना प्रभावशाली होगा आप इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। यह हमारे जीवन को बदलने की असीम क्षमता अपने अंदर छुपाए हुए रहता है। नीलम रत्न प्रकृति के द्वारा मानव जाति को दिया हुआ एक वरदान है, जो उसकी विभिन्न इच्छाओं को पूर्ण करने में सक्षम होता है lयह रत्न सौभाग्य को बढ़ाता हैl नीलम रत्न (neelam ratna dharan karne ke fayde) को कुंडली के विभिन्न भाव में ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रख कर धारण किया जाता है, जिससे हम अपने जीवन में स्वर्णिम स्तर तक पहुंच सके।
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