नीलम रत्न क्या होता है – Neelam Ratna Kya Hota Hai

नीलम रत्न क्या होता है – Neelam Ratna Kya Hota Hai

 

नीलम रत्न क्या होता है – Neelam Ratna

 Kya Hota Hai

नीलम रत्न क्या होता है, (blue sapphire ki jankari) तथा इसके उपयोग क्या है, एवं इसे कैसे धारण करना चाहिए? इसके नकारात्मक पहलू क्या है, तथा इसके सकारात्मक पहलू क्या है ??इन सभी चीजों को हम बारीकियों से इस लेख के माध्यम से समझने का प्रयास करेंगे-

इसे भी पढ़े:- ओपल रत्न क्या है 

नीलम रत्न क्या होता है- (blue sapphire kaisa hota hai) नीलम एक प्रकृति द्वारा प्रदत महारत्न है, जिसे लोगों के द्वारा विभिन्न प्रकार के आभूषणों में प्रयोग किया जाता है, तथा इसका संयोजक एलमुनियम ऑक्साइड होता हैl यह कोरंडम परिवार से संबंधित होता है, प्राय का रंग नीला होता है, किंतु इसके और भी विभिन्न प्रकार के रंग विश्व के विभिन्न देशों में उपलब्ध है, किंतु नीलम रत्न के नीले रंग के अलावा जो रंग पाए जाते हैं, वह बहुत ही दुर्लभ है, तथा विभिन्न देशों के सुदूर एवं दुर्लभ एक लाखों में पाए जाते हैं, इनका खनन बहुत मुश्किल से हो पाता है।

 

Neelam ratna kya hota hai, neelam ratna kaisa hota hai, neelam ratna ke fayde, neelam ratna ke labh, neelam ratna ke labh aur hani, नीलम रत्न क्या होता है, नीलम रत्न पहनने से क्या होता है, नीलम रत्न के लाभ, नीलम रत्न के फायदे, नीलम रत्न के चमत्कार, नीलम पहनने से क्या होता है
Neelam ratna kya hota hai

 

 

नीलम रत्न (blue sapphire kya hai) के शुद्धता की पहचान- नीलम रत्न का रंग वैसे तो नीला वर्ण का होता है, बिल्कुल नीलकंठ पक्षी के पंखों के समान तथा अपराजिता पुष्प के पंखुड़ियों के समानl प्राकृतिक तौर पर पाए जाने वाले नीलम में इतनी क्षमता होती है, कि वह शुद्ध दूध को नीला वर्ण का कर सकता है lउत्कृष्ट नीलम की घनत्व क्षमता बहुत अधिक होती है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न की क्षेत्रफल अधिक होता है, किंतु जब उस को वजन किया जाता है, तो प्राकृतिक रूप से मिलने वाला नीलम का वजन कृत्रिम रूप से मिलने वाले नीलम से कहीं अधिक होता है।

इसे भी पढ़े:- जरकन क्या होता है ?

उत्कृष्ट नीलम की यही पहचान है, कि उसमें चुंबकीय गुण मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से आसपास के मौजूद विभिन्न प्रकार के सुक्ष्म चीजों को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है, जब इसे सूर्य अथवा चंद्र की रोशनी में देखा जाता है, तो एक समान इससे किरणे उत्सर्जित होती हुई दिखाई पड़ती है, जबकि जो कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न (Neelam Ratna Kya Hota Hai) होता है, उसमें ऐसी कोई पद्धति दिखाई नहीं पड़ती हैl सर्वोत्तम नीलम रत्न की यही पहचान होती है, कि उसकी प्रवृत्ति काफी गर्म होती है, जिसकी वजह से आप यदि कुछ देर उसे अपने हाथों में रखेंगे तो आपको ऐसा लगेगा जैसे उससे उस्मा उत्सर्जित हो रही है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न के साथ ऐसी कोई प्रवृत्ति नहीं देखने को मिलती है।

नीलम रत्न का महत्व– (Neelam ratna ka mahatva) ज्योतिष शास्त्र तथा रत्न शास्त्रों के अनुसार नीलम रत्न न्याय प्रिय शनिदेव को समर्पित है, तथा जिस प्रकार शनि देव को अनुशासन नैतिकता वाद जैसे गुण पसंद है, नीलम रत्न में भी शनि से संबंधित विभिन्न प्रकार की अद्भुत, अद्वितीय शक्तियां इसमें समाहित रहती है, नीलम रत्न का महत्व इसलिए भी अधिक है, क्योंकि जिस शनि ग्रह से लोग कुपित भयभीत होते हैं उनका नाम सुनते ही लोगों में डर दहशत फैल जाता है, ऐसे में नीलम रत्न (blue sapphire ki pehchan) शनि से द्वारा दिए जा रहे विभिन्न प्रकार के दोष जैसे -दशा ,महादशा ,शनि की ढैया, शनि की साढ़ेसाती, महादशा, बली शनि ग्रह आदि जैसी विभिन्न प्रकार की विकट परिस्थितियों में भी जातक को मानसिक रूप से हारने नहीं देता है, नीलम रत्न

नीलम रत्न (neelam ratna ke labh) के औषधीय गुण भी कम नहीं है, अनिद्रा, चिरचिरा हट, पागलपन ,मानसिक अवसाद एकाग्रता ना होना जैसी विभिन्न समस्याओं में भी नीलम रत्न को धारण करने से अप्रतिम रूप से लाभ प्राप्त होता है।

नीलम रत्न (neelam ratna pahanne ke fayde)  जिस भी जातक के द्वारा धारण किया जाता है, और यदि यह उसके कुंडली के अनुरूप हुआ तो उस जातक के भाग्य बदल जाते हैं lउसमें अनेक बदलाव आने लगता है, उसके व्यक्तित्व की ओर लोग खींचे चले आते हैं, उसका व्यक्तित्व का पूरी तरह से रूपांतरण हो जाता है, उसके कार्य करने की क्षमता बदल जाती हैl कार्य करने की शैली बदल जाती हैl विभिन्न प्रकार के कौशलों का उद्गम स्वता ही उसके अंदर होने लगता है lदृढ़ संकल्पित तथा दृढ़ निश्चय बनने लगता है, बड़ी से बड़ी विकट से विकट परिस्थिति में भी उसको हिला नहीं सकती हैl वह अपने पथ पर अडिग रहता है, बहुत से कार्य जो लोगों को असंभव लगते हैं lयह काम उन लोगों के लिए बहुत ही आसान प्रतीत होता है, ऐसे लोगों के मन में बहुत शांति का वास होता है, तथा धैर्य क्षमता की वृद्धि होती है, जिसकी वजह से विषम से विषम परिस्थिति में भी अपना धैर्य नहीं खोते है, और सफल होते हैं।

इसे भी पढ़े:- नीलम रत्न पहनने के फायदे

नीलम रत्न के नकारात्मक प्रभाव- यदि नीलम रत्न किसी की कुंडली के अनुकूल नहीं हुआ तो उसके जीवन में उथल-पुथल मचा कर रख देता है, यह एक ऐसा तत्व है, जो त्वरित गति से काम करता है, इसी वजह से इसके प्रभाव भी तुरंत ही हमें देखने को मिलने लगते हैंl यदि नीलम रत्न (neelam ratna ke prabhav) किसी को नहीं धारता है, तो उस परिस्थिति में उसके जीवन में आप आकस्मिक दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं, मान-सम्मान की हानि होने लगती है, रुपए पैसों संबंधित परेशानियां भी बढ़ने लगती है, आर्थिक क्षति में भी वृद्धि होने लगती है, लोगों से बिना मतलब के झगड़े झंझट होने लगते हैं, जिसकी वजह से मन में हमेशा अशांति छाई रहती हैl घर परिवार के लोगों से भी सहयोग नहीं प्राप्त होता तथा वैवाहिक जीवन में अलगाव होना शुरू हो जाता है, जिसकी वजह से स्थिति और भी दयनीय हो जाती है।

चिंताएं अधिक बढ़ जाती है, जिसकी वजह से लोग मानसिक अवसाद के शिकार होने लगते हैं lविभिन्न प्रकार की शारीरिक बीमारियां भी घर कर जाती है lअतः नीलम रत्न को धारण करने से पूर्व इसकी जांच पड़ताल करना आवश्यक है, कि नीलम रत्न शुद्ध है, या नहीं है, तथा यह आपकी कुंडली के अनुकूल है, या नहीं है।

हर कार्य को जैसे शुभ मुहूर्त में करने से उस कार्य की पूर्ण होने की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे ही यदि नीलम रत्न (neelam ratna kaisa hota hai) को शुभ मुहूर्त में धारण किया जाए, तो सफलता मिलने की संभावना अप्रतिम रूप से बढ़ जाती है, इसलिए नीलम रत्न को शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार को शनि मंत्रों से अभिमंत्रित करके धारण किया जाता है, तथा प्रार्थना की जाती है, कि नीलम रत्न उसके जीवन में सुख, समृद्धि, वैभव ,उन्नति के सारे मार्ग को प्रशस्त करें।

अभिमंत्रित नीलम रत्न कहां से प्राप्त करें –

मित्रो यदि आप भी अभिमंत्रित किया हुआ नीलम रत्न प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे नवदुर्गा ज्योतिष केंद्र से पंडित जी द्वारा अभिमंत्रित किया हुआ नीलम रत्न मात्र – 300₹ और 600₹ रत्ती मिल जायेगा जिसका आपको लैब सर्टिफिकेट और गारंटी के साथ में दिया जायेगा (Delivery Charges free) Call and WhatsApp on- 7567233021, 9313241098

 

Leave a Reply