माणिक रत्न का उपरत्न क्या है – Manik Ratna Ka Upratna Kya Hai

माणिक रत्न का उपरत्न क्या है – Manik Ratna Ka Upratna Kya Hai

माणिक रत्न का उपरत्न क्या है (manik ratna

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माणिक रत्न का उपरत्न क्या है(manik ratna ka upratna kya hai)  दोस्तों आज हम आपको अपनी बातों की माध्यम से यह बताएंगे कि माणिक रत्न का उपरत्न क्या है। जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि सौर्य मंडल नवग्रह और सौर्य मंडल के सभी ग्रहों का राजा सूर्य है, जिस किसी व्यक्ति की कुंडली में भी सूर्य बलवान हो हैं, तो उसके जीवन में किसी चीज की कमी नहीं होती हैं। उसे किसी चीज का डर या भय नहीं होता हैं। वह हर चीज में सफल होता है। माणिक रत्न का उपरत्न बहुत है। लेकिन इससे पहले यह जान लेते हैं, कि माणिक को और किन किन रूपों में दर्शाया गया है। तो माणिक रत्न को लाडली और सूर्यमणि भी कहा जाता है।

इसके साथ-साथ इसे मनी और लाल भी कहा जाता है। यह सब माणिक के ही रूप है। सूर्य ग्रह की पीड़ा को शांत करने के लिए या इस ग्रह से अच्छे फल पाने के लिए इस ग्रह से संबंधित कौन-कौन से रत्ना होते हैं। अक्सर लोग माणिक रत्न (manik ratna ke fayde) की सलाह देते हैं। अगर आपकी कुंडली में सूर्य दूषित है या फिर जिनकी राशि सिंह राशि है उनको माणिक पहनने की सलाह दी जाती है। तो इसीलिए हम जानेंगे कि माणिक के क्या उपरत्न है। माणिक अनार के दाने जैसे दिखने वाला एक बहुमूल्य गुलाबी आभा वाला रत्न है। इसे अंग्रेजी भाषा में रूबी भी कहा जाता है। वैसे तो माणिक के कई उपरत्न है, लेकिन उनमें से कुछ रत्न बहुत ही उत्तम है, रेड गार्नेट जिसे बोलचाल की भाषा में तामड़ा भी कहते हैं।

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रेड टर्मेलाइन कहते हैं और इससे सामान्य भाषा में लाल तुरमली भी कहते हैं, स्पाइनल इसकी सामान्य भाषा कंटकिज़ हैं, और रेड स्वरोस्की भी है माणिक का उपरत्नमाणिक का प्रमुख उपरत्न सूर्यमणि को माना जाता है। रंगभेद से सूर्यमणि 10 प्रकार की पाई जाती है। यह भेद बहुत ही सूक्ष्म होते हैं। इसीलिए आप इसे जब भी पहने तो किसी जानकार व्यक्ति से पूछ कर ही पहनें। इससे आपको काफी लाभ होगा।

माणिक रत्न का उपरत्न क्या है(manik ratna ka upratna kya hai)

उत्तर:- तामड़ा भी मानी का उपरत्न है। यह एक प्रकार का स्टोन है। सीलिंग को भी माणिक के पूरक माने जाते हैं। तामड़ा को पहनने से बहुत ही लाभ होता है। इसे बहुत से लोग पहनते हैं, अपने फायदे के लिए और किसी भी काम को करने के लिए और तामरा पहनने के बाद आपका हर काम शुभ हो जाता है। तामरा को एक शुभ हीरा कहा जाता है, जिसे आप स्टोन भी कहते हैं। माणिक को तांबे या सोने की अंगूठी में जड़वा कर पहनी जाती है। माणिक के इस अद्भुत अंगूठी को अनामिका उंगली में पहनी जाती है। माणिक के सभी रत्नों को चांदी में पहना जाता है।

अगर आप चाहे तो सिर्फ तांबे की अंगूठी में भी इस माणिक  को डालकर पहन सकते हैं। या खालिस तांबे की अंगूठी से भी सूर्य की पीड़ा को शांत किया जा सकता है। इस मानिक को नीलम और हीरा के साथ अगर आप पहनते हैं, तो यह आपको नुकसान दे सकता है, इसीलिए आप मारने को नीलम और हीरा के साथ कभी भी ना पहने वरना आपको इसके दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ेगा। माणिक के को मोती, मूंगा और पुखराज के साथ पहन सकते हैं। इससे आपको लाभ मिलेगा। इन सबके साथ साथ आप एक बात का और ध्यान रखिएगा। कि माणिक को लोहे की अंगूठी में जड़वा कर मत धारण कीजिएगा। अगर आप इसे धारण कर लेते हैं।

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तो, इससे आपको काफी नुकसान होगा और आपके ऊपर विपदा ही विपदा आएगी। अगर आप ऐसा नहीं चाहते हैं, तो आप माणिक (manik ratna ka upratna ke fayde) को लोहे की अंगूठी में कभी भी जड़वा कर ना पहने। इससे अगर आप माणिक को लोहे के अंगूठे में जड़वा कर नहीं पहनते हैं, तो आपको फायदा होता है और आप नुकसान होने से बच जाता हैं। आपका एक बहुत बड़ा नुकसान होने वाला होता है। जो आपके ऊपर बहुत बड़ी विपदा आने वाली होती है, वह टल जाती है।

माणिक रत्न का उपरत्न क्या है(manik ratna ka upratna kya hai)

उत्तर:- माणिक रत्न के बहुत से उपरत्न (manik ratna ka upratna) है, जिसमें से की कुछ इस प्रकार है, पद्मराग यह हल्की पीली आभा से युक्त गहरे लाल रंग का तप्त कंचन जैसा है, और प्रकाश की करने देने वाला होता है। कुछ इसी प्रकार सौगंधिक है। या अनार के दाने के रंग जैसा होता है, यह मानिक पद्मराग से अधिक असर करता है, मतलब इसका असर पद्मराग से थोड़ा कम होता है। जामुन भी कुछ इसी प्रकार है, सूर्यकांत रत्न जामुन के रंग जैसा होता है। इसका रंग बिल्कुल जामुन के सामान्य मूल्य जैसा होता है।

माणिक (manik ratna ke upratna ki jankari) एक खनिज पत्थर है। एलुमिनियम ऑक्सीजन लव अनेक तत्वों से मिलकर बना यह माणिक्य हैं। इसमें यह सब मिला होता है, जिससे कि इसे बहुत ही उच्च ताप पर हजारों सालों की प्रक्रिया के बाद यह तैयार होता है। इसीलिए या मुख तत्व है, और धरती के प्रमुख तत्वों के साथ हे यह पाया जाता है। यह भारत चीन और बहुत से देशों में पाया जाता है। हीरे के बाद माणिक दूसरे नंबर का सबसे कठोर तत्व है। यह माणिक जितना कठोर होता है, उतना ही मूल्यवान होता है। माणिक्य रत्न अगर कोई भी व्यक्ति धारण करता है।

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तो उसे हर प्रकार की सुख सुविधा मिलती है, और हर प्रकार की बाधाओं में सफलता मिलती है। इस माणिक को बहुत ही उच्चतम तत्व माना गया है। इसे आप इसी तरह धारण नहीं कर सकते हैं। माणिक के उपरत्न को आप चांदी में धारण कर सकते हैं। माणिक (manik ratna ka upratna kya hota hai) के उपरत्न को धारण करने से आपको काफी लाभ मिलता है, आपकी हर परेशानियों का समाधान हो जाता है। अगर आप किसी बड़ी समस्या में है, तो आप उस समस्या का समाधान पाने के लिए आप मारने के लिए अंगूठी धारण कर सकते हैं, यह हर प्रकार की समस्या से छुटकारा दिलाता है।

माणिक रत्न का उपरत्न क्या है (manik ratna ka upratna kya hai)

उत्तर:- रेड स्वरोस्की यह बिल्कुल गार्नेट की तरह दिखाई देता है, लेकिन इस की चमक गार्नेट से अधिक होती है, जो लोग माणिक (manik ratna ka upratna) नहीं पहन पाते हैं, किसी वजह से उनके पास उतना पैसा नहीं होता कि माणिक खरीद ली इसीलिए वह गार्नेट को भी पहन सकते हैं। इसका भी लाभ आपको उतना ही मिलता है। यह रक्त की तरह गहरे लाल रंग का होता है। लेकिन इसमें भी आजकल बहुत सारे रंगों का प्रयोग किया जाने लगा है। हरा नीला और सफेद रंग में भी गार्नेट मार्केट में आने लगा है। इसे चांदी की अंगूठी में पहन सकते हैं।

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