तीन मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें – Tin Mukhi Rudraksha Kaise Dharan Kare

तीन मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें – Tin Mukhi Rudraksha Kaise Dharan Kare

 

 तीन मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें – Tin

 Mukhi Rudraksha Kaise Dharan Karen

तीन मुखी रुद्राक्ष (tin mukhi rudraksha benefits in hindi) को पारंपरिक एवं विधिवत तरीके से यदि धारण किया जाता है, तो इस दिव्या मनका की उपयोगिता और अधिक बढ़ जाती हैl सृष्टि के सृजन करता ब्रह्मा जी तथा विश्व के पालनहार विष्णु भगवान तथा सृष्टि में शांति, विनाश, योग, ध्यान, वैराग्य ,प्रलय के कारक भगवान भोलेनाथ की शक्तियों का प्रतिनिधित्व तीन मुखी रुद्राक्ष के द्वारा किया जाता है।

 

 

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जैसा की सर्वविदित है, कि हमारे शरीर की रचना पांच तत्वों से की गई हैl उन पांचों तत्वों में से एक तत्व है -अग्नि। जो हमारे जीवन के कई महत्वपूर्ण चीजों को घटित होने के लिए बहुत आवश्यक है, चाहे भूख हो या प्यास हो या प्रजनन शक्ति या मन, बुद्धि का कारक सभी में अग्नि तत्व की प्रधानता को बहुत अधिक महत्व दिया गया हैl भले ही हमारे शरीर में इस तत्व की कमी बहुत कम रूप में की जाती है, किंतु कई ऐसे प्राकृतिक तत्व है, जिन्हें हम यदि अपने शरीर के त्वचा से स्पर्श कर आते हैं, तो उनके द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले स्पंदन से इस ऊर्जा शक्ति का निर्माण संभव है। उस के माध्यम से अग्नि तत्व की अनुपात को हम बढ़ा सकते हैं, जो जीवन का प्रतिनिधित्व करती है, उन्ही विभिन्न प्रकार के संसाधनों में से एक दिव्य संसाधन है- तीन मुखी रुद्राक्ष
तीन मुखी रुद्राक्ष (tin mukhi rudraksha kaise pahne) अग्नि तत्व की प्रधानता को निरूपित करता है।

3 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से किसी भी व्यक्ति विशेष को निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो सकते हैं-

1. किसी भी व्यक्ति विशेष की चित्ताग्नि जो एक प्रकार का अग्नि तत्व हैl यदि ठीक तरीके से कार्य नहीं करती है lतब इसके कारण जातक के बुद्धि विवेक पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैंl बुद्धि कमजोर एवं प्रभावहीन होने लगती हैl ऐसे में तीन मुखी रुद्राक्ष बहुत ही प्रभावी रूप से कारगर होता है, यदि किसी जातक को ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे उसकी मानसिक क्षमता कम हो गई हैl उसका बुद्धि विवेक कार्य नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से दूसरे लोगों पर उसको अपने निर्णय के लिए निर्भर रहना पड़ रहा है, ऐसे में उसे 3 मुखी रुद्राक्ष (tin mukhi rudraksha kaise pahne jata hai) अवश्य धारण करना चाहिए उसके जीवन में अनेक उत्तम बदलाव आएंगेl इसके साथ ही उसकी मानसिक स्थिति भी धीरे-धीरे सुदृढ़ होगी तथा आत्मविश्वास भी बढ़ेगा जिससे किसी भी महत्वपूर्ण विषय पर वह निर्णय लेने में सफल होगा। उसकी निर्णायक क्षमता बहुत ही मजबूत होगी, इसके साथ-साथ आप विश्वास की भी वृद्धि होगी, जिससे रोजमर्रा के जीवन में आने वाले किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान वह स्वयं करने में सक्षम होगा।

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2. इसे धारण करने से हमारे शरीर के धातु तत्व मौजूद होते हैं, जिसके कारण कई प्रकार की चीजों से होने वाले हमारे मन के अंदर के भटकाव शांत होने लगते हैं lकई प्रकार की अप्राकृतिक चीजें जो हमारे मार्ग में बाधक का कार्य करती हैl हमारे जीवन में अनेक प्रकार के अवरोध उत्पन्न करती है, जिससे हम अपने मार्ग से भटक जाते हैंl अपने मार्ग से विमुख हो जाते हैं lजीवन के वास्तविक ज्ञान को प्राप्त करने में हम पिछड़ जाते हैं, ऐसी स्थिति में तीन मुखी रुद्राक्ष (tin mukhi rudraksha dharan karne se kya hota hai) हमें हमारे मार्ग से हमारे जीवन के वास्तविक उद्देश्य से कभी भी भटकने नहीं देता है lयह हमारी बुद्धि- विवेक की प्रखरता को और अधिक उत्तम बनाता है, इसे धारण करने से किसी भी व्यक्ति विशेष को विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।

3. आध्यात्मिक क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष (tin mukhi rudraksha dharan karne ke fayde) साक्षात भगवान भोलेनाथ का स्वरूप माना जाता है, क्योंकि अध्यात्म के विभिन्न चरणों में सफलता प्राप्त करने के लिए इसमें विशिष्ट ऊर्जा विद्यमान होती है, जो उन्हें किसी भी प्रकार से उनके पथ से विमुख नहीं होने देती है, इसमें विद्यमान उत्तम तत्वों के स्पंदन के कारण व्यक्ति के मन में मस्तिष्क में हृदय में तथा शरीर में बहुत ही उत्तम ठहराव देखने को मिलता है, जिसके कारण उसके लिए शारीरिक या मानसिक चीजों की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं पड़ती है।

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उनके लिए कुछ भी सांसारिक या कोई भी भौतिक वस्तु कोई मायने नहीं रखता हैl वह बिल्कुल ही ऐसे उच्च लोगों के लिए तुच्छ होता है। लाख हीरे जवाहरात ,सोने -चांदी, प्लैटिनम की चीजें क्यों ना हो घर, गाड़ी बंगला इन सभी चीजों की महत्ता उसके लिए बिल्कुल शून्य होती है, वे लोग जीवन के सच्चे यथार्थ को प्राप्त करने के लिए सदैव प्रयासरत रहते हैं lइसे धारण करने से उनके मन में किसी भी प्रकार की अनियंत्रण स्थिति उत्पन्न नहीं होती है, तथा जीवन की विशिष्ट प्रक्रिया में वे लोग महारत हासिल करते हैं, उनका मन ,उनका चित बहुत ही मजबूत होता है, उनकी जरूरतें बहुत ही सीमित एवं स्पष्ट होती है।

तीन मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें-

1. सर्वप्रथम स्नानादि से निवृत्त होकर रुद्राक्ष को गंगा जल तथा पंचामृत (दूध ,दही, शहद , गाय का घी, गंगाजल )के मिश्रण से शुद्ध करने के बाद उसे अपने पूजा गृह में एक स्वच्छ कपड़े के ऊपर रख दे।

2. उसके बाद रुद्राक्ष के ऊपर पुष्प अर्पण करें 21 या 51 या 108 पत्ते बेलपत्र के चढ़ाएं तथा गाय का शुद्ध घी का दीपक जलाएं एवं गूगल और कपूर से आरती उतारे। तीन मुखी रुद्राक्ष के ऊपर चंदन का लेप लगाएं।

3. उसके बाद भगवान भोलेनाथ का कोई भी मंत्र या अपने गुरु के द्वारा दिए गए किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैंl आपके द्वारा जाप किया जाने वाला मंत्र का वर्तनी पूरी तरह से शुद्ध होना चाहिए तथा मंत्र का जाप हमेशा उपांशु होना चाहिए, जितनी ज्यादा हो सके उतनी अधिक संख्या में उस मंत्र का जाप करें आप चाहे तो llॐ क्लीम नमः ll मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। माला को सिद्ध करने की प्रक्रिया किसी शिव मंदिर में भी की जा सकती है।

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4. उसके बाद शिव मंदिर में ले जाकर उस माला को भगवान भोलेनाथ के चरणों में रख दें या शिवलिंग से स्पर्श करवा कर वहीं कुछ देर के लिए रहने देl उसके बाद भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करें तथा मंदिर के पुजारी का आशीर्वाद ले एवं उन्हें उत्तम दान दक्षिणा प्रदान करें एवं अनिश्चित कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण करने के लिए बोलते हुए आप रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं।

5. शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार या मंगलवार के दिन इस माला को धारण किया जा सकता हैl यदि महाशिवरात्रि हो या पूर्णिमा कि पूनम तिथि हो lतो उस दिन भी इस दिव्य माला को धारण किया जा सकता है।

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