एक मुखी रुद्राक्ष से क्या लाभ होता है – Yek Mukhi Rudraksha Se Kya Labh Hota Hai

एक मुखी रुद्राक्ष से क्या लाभ होता है – Yek Mukhi Rudraksha Se Kya Labh Hota Hai

 

एक मुखी रुद्राक्ष से क्या लाभ होता है – Yek Mukhi

 Rudraksha Se Kya Labh Hota Hai

एक मुखी रुद्राक्ष से क्या लाभ होता है – (yek mukhi rudraksha se kya labh hota hai bataiye) भगवान भोलेनाथ के समतुल्य स्वरूप के रूप में एक मुखी रुद्राक्ष को माना जाता हैl पुराणों की माने तो रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान भोलेनाथ के अश्रु धाराओं से हुई है, वैसे तो रुद्राक्ष के कई किस्में पाई जाती है, किंतु सबसे दुर्लभ प्रजाति रुद्राक्ष एक मुखी होता है, जिसे प्राप्त करना इतना आसान कार्य नहीं है। एक मुखी रुद्राक्ष देखने में अर्ध चंद्र के समान दिखाई पड़ता है, अनेक अलौकिक ऊर्जाओ से परिपूर्ण यह एक मुखी रुद्राक्ष जिस भी व्यक्ति विशेष के द्वारा धारण किया जाता है, उसे कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं, जिनका वर्णन निम्नलिखित है:-

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1. मानसिक चेतना को जागृत करने के लिए एक मुखी रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksha se kya labh hota hai) में कई ऐसी शक्तियां विद्यमान होती है, कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो मानसिक तरंगों को ईश्वरीय एवं ब्रह्मांड के उत्तम ऊर्जाओ से जुड़ने के लिए सारे बाधाओं को तोड़ देते हैं, केवल परम ब्रह्म के ज्ञान को प्राप्त करने में बहुत अधिक सहायक होते हैं, इसीलिए आध्यात्मिक दृष्टिकोण से किसी भी तरह का रुद्राक्ष बहुत ही उत्तम माना जाता है, और यदि एक मुखी रुद्राक्ष हो तो सबसे सर्वोत्तम माना जाता है। एक मुखी रुद्राक्ष जिसका अर्थ है, एक काम की एक तत्व सभी संपूर्ण तत्वों को मिलाकर एक आत्मा की बात करना ईश्वर के किसी विशिष्ट स्वरूप को नहीं बल्कि उसके निराकार स्वरूप को भाव विभोर होकर अपने अंदर समाहित करने का प्रयास करना।

ब्रह्मांड की ऐसी ऊर्जा जो केवल विभिन्न प्रकार के भौतिक सुख हो से भी पड़े हो जो आत्मज्ञान कराने में सक्षम होl ऐसी तत्व की प्रधानता एक मुखी रुद्राक्ष (ek mukhi rudraksha ke labh) में प्रचुर मात्रा में होती हैl इसे धारण करने से जातक का आत्मबोध के सारे मार्ग खुल जाते हैं, तथा अपनी ज्ञानेंद्रियों अपनी सूक्ष्म से सूक्ष्म तरंगों का भी सटीक तरीके से विश्लेषण कर अपने भौतिक शरीर को उस युक्ति तक ले जाना, जिससे मोक्ष प्राप्ति के सारे मार्ग सारे द्वार खुल जाते हैं।

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एक मुखी रुद्राक्ष इसलिए अध्यात्मिक श्रेणी या आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत ही उत्कृष्ट गुणवत्ता रखता हैl यह प्रकाश पुंज मन के, मस्तिष्क के, शरीर के, हृदय के, सारे द्वार खोल देता है, तथा हमें अपने आसपास के वातावरण के साथ पारस्परिक क्रिया संबंध स्थापित करने में बहुत मदद करता है, चीजों को सूक्ष्म से सूक्ष्म एवं व्यापक से व्यापक स्तर तक समझने की बोध हमें कराता है, जीवन मरण के चक्र से हमारे कार्मिक चक्र से मुक्ति दिलाने में भी एक मुखी रुद्राक्ष (1 mukhi rudraksha ke labh) बहुत अधिक सहायक होता है, इसे धारण करने वाले जातकों के ऊपर सदैव भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है।

2. सूर्य देव को जीवन चक्र का उर्जा का बल का आधार माना जाता है, इनके बिना समस्त जग में अंधेरा छा जाएगा, ऊर्जा के पुण्य स्रोत के रूप में भगवान सूर्य देव को जाना जाता हैl इनके वजह से ही सृष्टि में जीवन का आधार हैl इनके किरणों में जीवनदायिनी तरंगे होती है, जो सृष्टि में जीवन का सबसे बड़ा आधार है, जिसके बिना जीवन सृष्टि में संभव नहीं है, प्रत्यक्ष रूप से देवताओं में से जिन्हें पारंपरिक रूप से पौराणिक काल से ही वंदन किया जाता रहा हैl आज भी लोग प्रातः उठकर जिन्हें जल अर्पण कर अच्छे भाग्य की कामना करते हैं, तथा भगवान भास्कर से अपने लिए उत्तम कामना करते हैं।

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सूर्य जिन्हें नौ ग्रहों में राजा के रूप में निरूपित किया जाता है, जिनके प्रकाश से हमारे मन मस्तिष्क का अंधकार नष्ट होता हैl ऐसे सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति विशेष के द्वारा एक मुखी रुद्राक्ष को विशिष्ट मंत्रों से अभिमंत्रित कर धारण किया जा सकता है, ऐसे जातक जिनका मूलांक 1 हो, वे लोग भी एक मुखी रुद्राक्ष (1 mukhi rudraksha dharan karne ke laba) धारण कर सकते हैं, तथा अपने सूर्य ग्रह को और अधिक बल प्रदान कर बलिष्ट बना सकते हैं lकई जातक ऐसे होते हैं, जिनकी जन्म पत्रिका या जिनके लग्न पत्रिका में सूर्य ग्रह किसी ऐसे दृष्ट भाव में स्थित होते हैं, जिसकी वजह से उसके जीवन में सूर्य ग्रह से संबंधित अनेक समस्याएं उत्पन्न होती रहती है, या सूर्य ग्रहण पूरी तरह से निष्क्रिय या सुप्त अवस्था में होते हैं, जिसकी वजह से वे लोग विभिन्न प्रकार के कार्य के सफल होने के इंतजार में ही रह जाते हैं, किंतु सूर्य की कृपा प्राप्त हुए बिना कुछ विशिष्ट कार्य की पूर्ति नहीं हो सकती है।

ऐसे में यदि उन लोगों के द्वारा एक मुखी रुद्राक्ष (1 mukhi rudraksha Pahanne ke labh) को सूर्य ग्रह के विशिष्ट मंत्रों के द्वारा अभिमंत्रित कर यदि धारण किया जाता है, तो यह उनके जीवन को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से बदलने में सक्षम होता है, अनेक प्रकार के चमत्कारिक रूप से उनके जीवन में परिवर्तन देखने को मिलता है lइसे धारण करने से उनके शौर्य बल में वृद्धि होती हैl उनके साहसिक प्रवृत्ति में वृद्धि होती है।

उनमें आत्मविश्वास की झलक देखने को मिलती है, बिल्कुल शेर के समान निर्भर एवं उत्तम व्यक्तित्व की संरचना उन्हें प्राप्त होती हैl उनके चेहरे का तेज बढ़ता हैl उनकी कांति बहुत ही आकर्षण युक्त बनती हैl एक मुखी रुद्राक्ष (1 mukhi rudraksha pahanne ke labh kya hai) ना केवल भोलेनाथ की कृपा को प्राप्त करने में किसी भी व्यक्ति विशेष की मदद करता है, बल्कि सूर्य ग्रह की स्थिति को भी वह बल प्रदान करता है lयदि किसी भी प्रकार से सूर्य ग्रह दूषित होकर खराब प्रभाव दे रहे हो तो ऐसी स्थिति में भी लोगों के द्वारा एक मुखी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है, तथा इनके आशीर्वाद को प्राप्त किया जा सकता है।

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3. अब तो वैज्ञानिक रूप से भी इस बात की पुष्टि हो गई है, कि एक मुखी रुद्राक्ष (Yek Mukhi Rudraksha Se Kya Labh Hota Hai) केवल आध्यात्मिक रूप से ही उन्नत नहीं है, बल्कि इसका उपचारात्मक कौशल भी बहुत ही उम्दा है, इसमें कई ऐसे औषधीय गुण प्राप्त हो पाए जाते हैं, जो किसी भी व्यक्ति विशेष के विभिन्न प्रकार के बीमारियों को पूरी तरह से निराकरण करने में सक्षम हैl इसमें कई ऐसे तत्व मौजूद हैं, जिनका तो और किसी भी और औषधि में मौजूद नहीं रहता हैl कई ऐसे व्यक्ति विशेष होते हैं, जिन पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बहुत अधिक व्यापक रूप से कारगर होता है, तथा अधिक संवेदनशीलता के वजह से मानसिक संताप की स्थिति में वे लोग पहुंच जाते हैं।

ऐसे लोगों के लिए एक मुखी रुद्राक्ष (1 mukhi rudraksha ke fayde)  किसी वरदान से कम नहीं है। इसे धारण करने से हमारे ऊर्जा चक्र को यह पूरी तरह से शुद्ध कर देता है, जिसकी वजह से किसी भी तरह की नश बंधन आदि से संबंधित किसी भी तरह की बीमारी का निराकरण या निवारण बहुत जल्द होने लगता है, यह प्रकृति के द्वारा प्रदान किया गया सबसे उत्तम संसाधन है।

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