पांच मुखी रुद्राक्ष क्या है – Panch
Mukhi Rudraksha Kya Hai
पांच मुखी रुद्राक्ष क्या है – पांच मुखी रुद्राक्ष (5 mukhi rudraksha kaisa hota hai) पंच तत्वों से निर्मित होता हैl पंचमहाभूतो की उत्कृष्ट शक्तियों का समावेशन पांच मुखी रुद्राक्ष को माना जाता हैl अग्नि, वायु ,जल, धरा और अंबर जो किसी भी प्रकार के जीव की प्राथमिक संरचना का कारक होता हैl पंच मुखी अर्थात स्वयं वीर हनुमान के पांचो स्वरूपों की शक्तियों को निरूपित करने वाला मनका, स्वयं भगवान ब्रह्मा विष्णु महेश आदिशक्ति तथा माता लक्ष्मी की शक्तियों को निरूपित करने वाला रुद्राक्ष 5 मुखी रुद्राक्ष को माना जाता है,p इसमें पांच तत्व की प्रधानता होती है, इसलिए भी इसे बहुत ही प्रमुख रुद्राक्ष माना जाता है।
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भगवान भोलेनाथ का स्वरूप के रूप में रुद्राक्ष को माना जाता है, तथा उनके आंसुओं के द्वारा इनकी उत्पत्ति हुई है, ऐसा भी कह सकते हैं, कि स्वयं भोलेनाथ के शरीर के एक अंग के रूप में रुद्राक्ष है, स्वयं आदि देव महादेव रुद्र की शक्तियां रुद्राक्ष में समाहित होती हैl जो वरदान के स्वरूप में पृथ्वी पर हमें प्राप्त हुई है lस्वयं भोलेनाथ का आशीर्वाद के रूप में 5 मुखी रुद्राक्ष (5 mukhi rudraksha ke kya fayde) मानव को प्राप्त हुआ हैl प्राकृतिक रूप से रुद्राक्ष के ऊपर पांच धारिया बनी होती है, जिन्हें हम पांच मुख से अलंकृत करते हैं, उसे ही पांच मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है।
पांच मुखी रुद्राक्ष (5 mukhi rudraksha ke mahatva) एक ऐसा रुद्राक्ष माना जाता है, जो हर आयु वर्ग के लोगों के लिए उपयुक्त होता है lइसे किसी भी आयु वर्ग के लोग धारण कर सकते हैं, तथा इस दिव्य मनका का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैंl पांच मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग कितने ही वर्षों से किया जाता रहा हैl इसका उपयोग मुख्यतः अध्यात्म क्षेत्र के लोगों के द्वारा सबसे अधिक किया जाता है, जो उनके ज्ञान चक्षु को खोलने में बहुत अधिक सहायक होता हैl इसे धारण करने से विभिन्न प्रकार के सकारात्मक विचार प्राप्त होते हैंl उनके जीवन का प्रतिक्षण केवल और केवल ब्रह्मांड के संरचना रचने वाले ईश्वर के प्रति समर्पित होता है, इसके साथ ही यह एक सुरक्षा कवच के तौर पर भी उपयोग में लाया जाता है।
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ऋषि -मुनि या तपस्वी या अध्यात्म से जुड़े हुए लोग जन कल्याण के लिए मुख्यतः यात्रा पर ही रहते हैंl उनकी जीवन के दिन एवं रातें जीवन के वास्तविक लक्ष्य वास्तविक स्वरूप वास्तविक खोज में ही लगा रहता है, तथा उनके द्वारा अर्जन किए गए ज्ञान का शक्तियों का उपयोग जनकल्याण के लिए किया जाता है, जिसके कारण वह लोग एक जगह से दूसरी जगह पर मानव कल्याण के लिए यात्रा पर रहते हैं, ऐसे में कई स्थान ऐसे भी होते हैंl जहां की ऊर्जा शक्ति बहुत ही छिन्न होती है, जहां पर किसी आम व्यक्ति का टिक पाना भी संभव नहीं है, ऐसे स्थानों पर भी तपस्वीयों के द्वारा युग पुरुषों के द्वारा आसानी से जीवन के कुछ क्षण बिताए जाते हैं lऐसे में 5 मुखी रुद्राक्ष (5 mukhi rudraksha ki jankari) किसी भी प्रकार के नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को पूरी तरह से निष्फल कर देता है।
यह उनके सुरक्षा चक्र को बहुत अधिक उत्कृष्ट बना देता है, जिससे इस प्रकार की शक्तियां उस पर अपना दुष्प्रभाव नहीं दिखा पाती है, एवं उनके मोक्ष को प्राप्त करने में भी सहायक होती हैl आध्यात्मिक जीवन के कई रहस्य को ढूंढने में एवं समझने में पांच मुखी रुद्राक्ष बहुत अधिक सहायक होता है, इसके माध्यम से उत्कृष्ट तरंगों की तालबद्ध शक्ति से कई प्रकार के प्रारब्ध को उनके द्वारा बदलने की क्षमता उत्पन्न होती है।
पांच मुखी रुद्राक्ष (5 mukhi rudraksha dharan karne ke fayde) का प्रयोग कई प्रकार के मंत्र को सिद्ध करने में किया जाता हैl रुद्राक्ष की शक्तियां प्रायः जागृत अवस्था में रहती है, इसलिए जब किसी मंत्र का जाप इन के माध्यम से किया जाता हैl तब दोनों की ऊर्जा एकांकी होकर उत्तम लाभ प्रदान करती हैl यह उनके आंतरिक विकास में वृद्धि करता है।
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ऐसा व्यक्ति विशेष जिसके जीवन में निरंतर परिवार में असंतुष्टि, कलह ,मतभेद ,अपमानजनक स्थिति ,अशांति ,असंगत वातावरण रहता है lतो उक्त व्यक्ति के द्वारा पांच मुखी रुद्राक्ष (5 mukhi rudraksha se kya hota hai) अवश्य धारण किया जाना चाहिएl इससे उसके व्यक्तिगत जीवन में होने वाले किसी भी प्रकार के असंगत चीजों का जल्द ही निराकरण होने लगता है, एवं उसके जीवन के विभिन्न पक्षों पर यह सकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे उसे सुख शांति की प्राप्ति होती है, ऐसे लोग जो किसी भी आयु वर्ग के हैं, जिनके दैहिक ,मानसिक, परिवारिक, व्यापारीक या भौतिक संतुलन अकारण ही असंतुलित अवस्था में जाने लगते हैं, तो ऐसी परिस्थिति में भी 5 मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण किया जाना चाहिएl
इससे किसी भी प्रकार के कारण होने वाले समस्याओं का निर्गमन होता है, इसके साथ साथ आपके आसपास के वातावरण में सकारात्मक विचारों का सकारात्मक चीजों का प्रवाह किसके माध्यम से भर जाता है, जिससे आपको अच्छी अनुभूतियों की प्राप्ति होती हैl आकस्मिक घटित होने वाली किसी भी प्रकार की अप्रिय घटनाओं में कमी आती हैl ऐसे लोग जिनके जन्मपत्रिका में अल्प आयु योग हो या विष योग हो या दरिद्र योग हो ऐसी चीजों से उनका जीवन बाधा से ग्रसित है, या श्रापित हो चुका है, तो भी 5 मुखी रुद्राक्ष (5 mukhi rudraksha ke labh) उत्तम रूप से अभिमंत्रित करवा कर यदि धारण किया जाता है, तो उसे बहुत ही अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं, तथा उक्त वर्णित चीजों में अप्रतिम रूप से लाभ की प्राप्ति होती है।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी 5 मुखी रुद्राक्ष (5 mukhi rudraksha ka upyog) धारण करना कई प्रकार के रोग बीमारियों से निजात प्राप्त होता है lइसमें मौजूद औषधीय गुण कई प्रकार की बीमारियों को पूरी तरह से खत्म करने की क्षमता रखते हैंl इसके उपचारात्मक गुण न केवल शारीरिक बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं, बल्कि मानसिक बीमारियों में भी अप्रतिम रूप से सहायक होते हैंl ऐसे लोग जो मोटापे या मधुमेह रक्तचाप जैसी समस्याओं या कर्ण से संबंधित विकार से ग्रसित है, या थायराइड जैसी समस्या से परेशान है, तो ऐसे लोगों के द्वारा पांच मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
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इससे विभिन्न प्रकार के ग्रंथि रस को भी नियंत्रित करते हैं, जिससे हार्मोन से संबंधित रोगों में यह बहुत ही अनुकूल रूप से हमारी शारीरिक क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे हमें उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है, इसके साथ ही मानसिक स्थिति को भी उत्तम बनाता है, मन शांत रहता है, तथा किसी भी प्रकार के कारण होने वाले तनाव को भी यह दूर रखता हैl इसे धारण करने से किसी भी व्यक्ति विशेष के जीवन से तनाव ग्रस्त स्थिति से निजात मिलता है, तथा उसके मन मस्तिष्क में हर्ष उल्लास की भावना उत्पन्न होती है, इससे जुड़े हुए लोगों के लिए भी यह बहुत ही चमत्कारिक रूप से प्रभाव दिखाता हैl
5 मुखी रुद्राक्ष (panch mukhi rudraksha ke fayde in hindi) धारण करने से ज्ञान के गुरु गुरु बृहस्पति देव का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है, यह रुद्राक्ष किसी भी वर्ग के व्यक्ति विशेष के द्वारा धारण किया जा सकता है, तथा इनके आशीर्वाद स्वरुप को प्राप्त किया जा सकता हैl
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