गुंजा का प्रयोग कैसे करें – Gunja Ka Prayog
Kaise Karen
1. ऐसे बच्चे जो मानसिक रूप से काफी कमजोर है, जिन्हें अध्ययन संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, या व्यवहारिक ज्ञान की समझ उनमें उनके आयु अनुसार देखने को नहीं मिलती है, या विविध विषयों के अध्ययन संबंधित चीजों में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, या याद किया हुआ कोई भी पाठ स्मृति से उतर जाता है, तो ऐसी स्थिति में उक्त बच्चों के माता-पिता में से किसी एक के द्वारा या स्वयं बच्चे के द्वारा भी यदि गुंजा की माला (gunja ka prayog kaise kare) लेकर माता मातंगी के मंत्रों का जाप किया जाए, तो उसे अनेक अनुपम लाभ प्राप्त हो सकते हैं। अनेक अतुलनीय परिणामों से उसका जीवन न केवल विद्या अध्ययन के क्षेत्र में बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में अविश्वसनीय परिणामों से युक्त होने लगेगा।
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स्मृति संबंधित दोष हो या एकाग्रता संबंधित सभी चीजों को यह पूर्ण रूप से विनष्ट कर देता है। बच्चे का सर्वांगीण विकास में यह निरुपम रूप से सहायक होता है, ऐसे विद्यार्थी जो किसी तरह के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, या किसी तरह की प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए प्रयासरत हैंl उनके द्वारा भी यदि गुंजा के माला (gunja ka prayog kaise kiya jata hai) का प्रयोग मां मातंगी एवं श्री हनुमान जी के मंत्रों का जाप करने के लिए किया जाए, तो बहुत ही अद्वितीय परिणाम मिलते हैंl इसके साथ ही उनके सफल होने की संभावनाओं में भी प्रचंड रूप से वृद्धि होती है, उन्हें उनके कथित मार्ग से पथभ्रष्ट की स्थिति से होकर गुजरना नहीं पड़ता हैl व्यक्ति विशेष अपने लक्ष्य पर सदा केंद्रित रहता है, तथा उसे प्राप्त करने के लिए उसके द्वारा सही दिशा में उद्दीपन किया जाता है।
2. औषधीय गुणों से परिपूर्ण इस सजीवन बूटी का प्रयोग विश निवारक औषधि के रूप में भी इसे प्राचीन काल से ही प्रयोग में लाया जाता रहा है।
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3. ऐसे लोग जो सदा किसी न किसी तरह के भय से ग्रसित रहते हैं, एक अनजाना सा भय ऐसे व्यष्टि के जीवन को गतिरोध की स्थिति में ला देता है lजहां व्यक्ति दैनिक क्रियाकलाप से भी खुद ही विमुख होने लगता हैl ऐसा प्रतीत होता है, जैसे उसके जीवन में ही केवल कई परेशानियां है, जिसका निवारण नहीं हो पा रहा है lउसे हर वक्त यह भय सताता रहता है, कि उसे कुछ हो जाएगा या किसी प्रिय जन को किसी तरह का खतरा हो सकता है, या भविष्य में वह किसी भी चीज को लेकर असफल हो सकता है, उसे भय रहता है, कि आगामी भविष्य में वह हतभाग्य जैसी परिस्थिति में पड़ सकता है, जिसके कारण वाह वाह वर्तमान के भी अपने दायित्व के निर्वाहन से स्वयं को विमुख कर ले रहा है, या भविष्य को लेकर चिंताए बहुत अधिक उसे भ्रमित कर रही है।
ऐसे में काली गुंजा या लाल गुंजा (gunja ka prayog kaise karte hain) को लेकर यदि या उससे निर्मित माला को लेकर बजरंगबली के मंत्रों का जाप किया जाए, तो व्यक्ति को इससे अप्रतिम शांति की प्राप्ति होती है, किसी भी तरह का असमंजस या अशांति की परिस्थिति पूर्ण रूप से निर्गमन करती है, या इस प्रकार के माला को बाबा काल भैरव या मां काली के मंत्रों से जाप किया जाए तब भी व्यक्ति भ्रम जाम की स्थिति से स्वयं को बाहर निकालने में सक्षम होता हैl मानसिक तौर पर वह पूर्ण रुप से व्यवस्थित स्वयं को पाता है। गुंजा की माला (gunja ki mala ke fayde) उसके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर भी अच्छे परिणाम को प्राप्त करने में सहायता करता है। इसके कई ऐसे दिव्य गुण कई चीजों में निपुणता प्राप्त करने में भी उसे पृष्ठपोषण प्राप्त करने में मदद करता हैl इसके चमत्कारिक गुण उसे समय के साथ और भी अच्छे लाभ प्रदान करते है।
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4. किसी गर्भवती महिला जिनका गर्भ काल पूर्ण हो चुका है, तथा बच्चे के जन्म की तिथि बहुत नजदीक हैl ऐसे में उनके मन में किसी तरह की घबराहट उत्पल होना शुभ भाविक सी बात है, किसी तरह की संतान को लेकर चिंता करना स्वभाविक सी बात हैl ऐसे में गर्भवती महिला के बच्चे को जन्म देने के समय यदि उसके कपड़े में गुंजा के माता काली के मंत्र से सिद्ध किए हुए गुंजा को यदि उक्त महिला के पास रख दिया जाए तो उसकी पीरा कम जाती है lइसके साथ ही जन्म लेने वाली संतान पूर्ण रुप से सुरक्षित रहती है। अविभक्त रूप से भूत प्रेत जैसी बाधाओं से सुरक्षित रहती है, ऐसा माना जाता है, कि प्रसव गृह में कई अतृप्त शक्तियों का वास होता है, कई ऐसी महिलाएं होती है, जो संतान के जन्म के समय अपना दम तोड़ देती है, जिसकी कारण उनका ही नहीं हो पाती है।
कई शक्तियां सकरात्मक सोच वाली होती है, तो कई नकारात्मक सोच वाली होती है, इसलिए उस विशेष समय पर किसी भी महिला का आभा मंडल बहुत कमजोर रहता है, जिसके कारण नकारात्मक शक्तियां बहुत प्रभावी रुप से उसे क्षति पहुंचा सकती है, या उसके संतान को भी हानि पहुंचा सकती है, ऐसी स्थिति से बचने के लिए माता काली के मंत्र से अभीमंत्रित की हुई गुंजा रखने से महिला तथा उसकी संतान पूरी तरह से सुरक्षित रहती है।
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ऐसे भी कोई भी व्यक्ति यदि नजर दोष से ग्रसित है, या चाहता है, कि उस पर कभी भी बुरी नजर वाले लोगों का प्रभाव ना पड़े या किसी भी तरह की शैतानी शक्ति उसे अपने प्रभाव में ना ले इसलिए उसे अभिमंत्रित की हुई गुंजा के दाने को ताबीज में डालकर अवश्य धारण करना चाहिए या फिर सिद्ध की हुई गुंजा की माला धारण करना चाहिए या व्यक्ति विशेष गुंजा के माला (gunja ki mala se kya hota hai) से बाबा काल भैरव के मंत्रों का जाप करें या माता काली की शरण में जाए एवं उनके विशिष्ट मंत्रों का जाप या बीज मंत्र का जाप गुंजा की माला से करेंl तो उसके ऊपर कभी भी नकारात्मक चीजों से युक्त शक्तियां प्रभावित नहीं करती है। यह हर प्रकार से एक संरक्षक के रूप में उसकी सुरक्षा करता है। उसे विशिष्ट चीजों में सफलता प्राप्त करने में भी मदद करता है।
5. जो लोग माता लक्ष्मी का स्थाई स्वरुप को प्राप्त करना चाहते हैं। उन्हें महालक्ष्मी के एकाक्षरी मंत्र का जाप गुंजा के माला (gunja ki mala ka prayog) से करना चाहिएl इससे उन्हें प्रबल आकर्षण प्राप्त होता है, इसके साथ ही धन की कमी नहीं होती है, वित्त विषयक चीजों में जातक सदैव एक सुदृढ़ स्थिति में रहता है।
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