तुलसी माला पहनने के फायदे -Tulsi Mala Pahanne ke Fayde

तुलसी माला पहनने के फायदे -Tulsi Mala Pahanne ke Fayde

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 तुलसी माला पहनने के फायदे :-

तुलसी माला पहनने के फायदे- Tulsi Mala Pahanne ke Fayde

तुलसी (tulsi mala pehne ke fayde) का पौधा इतना अधिक पवित्र होता है, कि भारतीय संस्कृति में इसे मां की उपाधि से अलंकृत किया जाता है, तुलसी एक ऐसा पौधा है, जिसका हर हिस्से का प्रयोग विभिन्न प्रकार की चीजो में किया जाता हैl हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार तुलसी को देवी का दर्जा प्राप्त है,आइए जानते हैं, तुलसी माला पहनने से इसी व्यक्ति विशेष को क्या-क्या लाभ प्राप्त हो सकते हैं, या क्या-क्या फायदे प्राप्त हो सकते हैं।

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1. तुलसी से बनी हुई माला (tulsi mala pehanne ke labh) जिस व्यक्ति विशेष के द्वारा धारण किया जाता है,उससे बीमारियां कोसों दूर रहती है,यह हमें विभिन्न प्रकार की गंभीर स्वास्थ समस्याओं से भी सुरक्षित रखता है,विभिन्न प्रकार के शारीरिक संरचना में ग्रन्थिरस या अंत:स्राव जटिल कार्बनिक पदार्थ हैं,जो विभिन्न प्रकार के अंगों को सुचारू रूप से चलाने में शरीर की कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न किया जाता है,इन सभी चीजों में यह अच्छे लाभ प्रदान करता हैl इन सभी चीजों को नियंत्रित करने में तथा उन्हें सुचारू रूप से गतिमान बनाने में इस माला का कोई जवाब नहीं होता है।

इस माला का प्रयोग की करने से कभी भी व्यक्ति लकवा ग्रस्त की स्थिति में नहीं पड़ता है, यह शरीर में सुन पढ़ने वाले अंगों पर अपना प्रभाव अप्रतिम रूप से दिखाता है, इसलिए आपने देखा होगा कि बहुत से लोग तुलसी माला (tulsi mala dharan karne ke fayde) को अपनी कलाइयों पर धारण करते हैं,जिससे उनकी धनिया एवं शिरा पूर्ण रूप से अपने कार्य में नियंत्रण रखें तथा किसी भी तरह की विकृति के कारण शरीर का कोई भी अंग शिथिलता जैसी स्थिति में ना रहे इससे और भी कई शारीरिक लाभ हमें प्राप्त होता है।

तुलसी की प्रवृत्ति गर्म होती है,इसलिए इसे धारण करने से मौसमी बीमारियों से भी बचाव होता है,कई प्रकार के संक्रामक रोगों में इसका उपचारात्मक गुण प्रभावी रूप से कारगर होता हैl अभी हाल ही में कोरोनावायरस जैसी खतरनाक वायरस के द्वारा होने वाले बीमारी में भी इस औषधीय युक्त पौधे का प्रयोग न केवल भारत में बल्कि विदेश के कई जाने-माने देशों में भी किया जाता रहा हैl इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक मजबूत होती है, व्यक्ति की रोग प्रणाली बहुत ही तंदुरुस्त होती है, जिससे वह विभिन्न प्रकार की मौसमी बीमारियों से विभिन्न प्रकार के संक्रामक रोग से एवं अन्य रोगों से भी सुरक्षित रहता है।

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2. अभी जो जानकारी मैं आपको देने जा रही हूं, उसका प्रयोग आप अवश्य करें एवं इसके फलों को अपनी आंखों से देखे तुलसी (tulsi mala dharan karne se kya hota hai) के पत्ते कभी भी चबाकर नहीं खाना चाहिएl सुबह उठकर यदि तुलसी के पत्ते को शहद के साथ निकला जाए तो विभिन्न प्रकार की पाचन संबंधित परेशानियां दूर होती हैl इसके साथ यादाश्त संबंधित चीजों में वृद्धि होती है,ऐसा व्यक्ति विशेष जो मानसिक चेतन आया मानसिक स्मृति में निम्न है, तो उसे यह प्रयोग प्रतिदिन करना चाहिए,केवल गुरुवार को छोड़कर क्योंकि गुरुवार के दिन तुलसी के पत्ते का प्रयोग नहीं किया जाता है lउस दिन शास्त्रों के अनुसार तुलसी को स्पर्श करना वर्जित माना जाता है।

आप इस माला को भी धारण करें तथा यह प्रयोग भी करें, छोटे बच्चों के लिए तो यह और अधिक लाभकारी माना जाता है, क्योंकि छोटे बच्चे बहुत अधिक उदंड होते हैं, तथा राहु की स्थिति जब चलती है,तो उनमें कई नकारात्मक चीजें उनके आचरण में शामिल हो जाते हैं, जिसके कारण बच्चे बुरी चीजों की ओर जल्दी आकृष्ट होने लगते हैंl ऐसे में राहु के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए छोटे बच्चों को यह प्रयोग अवश्य कराएंl इसके साथ ही उन्हें तुलसी माला (tulsi ki mala kaise dharan karen) धारण करने के लिए अवश्य दें, इससे उनकी बुद्धि में आप बहुत ही उत्तम परिवर्तन देखेंगे उनके आचरण में अच्छी आदतों की प्रविष्टता बढ़ेगी।

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3. तुलसी माला (tulsi ki mala ke fayde) केवल औषधिय गुणों से परिपूर्ण ही नहीं होता बल्कि ज्योतिषी रुप से भी इसके कई ऐसे प्रयोग है,जो आपकी सांसारिक चिंताओं को पूर्ण रुप से निराकरण प्रदान कर सकती हैl तुलसी माला धारण करने से विचारों में शुद्धता आती है lव्यष्टि विशेष के लग्न पत्रिका में यदि गुरु ग्रह तथा बुद्ध ग्रह की स्थिति दृष्ट हो तो उस अवस्था में यह इन दोनो ग्रहो को बल प्रदान करता है, और यदि यह दोनों ग्रह अच्छी अवस्था में स्थित रहते हैं,तब इन्हें और अधिक बलिष्ठ बनाता है,जिससे व्यष्टि की बुद्धि का कारक बुद्ध उसे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में विजय प्रधान करता हैl तथा गुरु उनके ज्ञान में वृद्धि कहता है, गुरु ग्रह उनके भाग्य को प्रबल बनाता है,जिस के कारण व्यष्टि के कर्मों का फल त्वरित गति से प्राप्त होता हैl उस का सौभाग्य बढ़ता है।

4. मानसिक शांति के लिए एवं आत्मा की पवित्रता के लिए तुलसी माला (tulsi ki mala ke labh) धारण करना सबसे उपयुक्त माना जाता हैl विभिन्न प्रकार के मानसिक रोगों में इस माला का प्रभाव बहुत ही चमत्कारी माना जाता हैl इसे धारण करने से व्यक्ति विशेष को यदि विषम परिस्थितियों में भी मानसिक दबाव जैसी स्थिति में भी जातक को विचलित होने नहीं देता है,यह उसके ह्रदय को उसके मन मस्तिष्क के लकीरों को पूर्ण रूप से केंद्रित कर देता है,जिसके कारण बाहरी चीजें जो जातक के इर्द-गिर्द घटती रहती है,जो नकारात्मक श्रेणी में आती है।

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इस प्रकार की चीजें उसके ऊपर पूर्ण रूप से प्रभावहीन हो जाती है तथा जातक का आभामंडल इतना अधिक मजबूत होता है, कि इस प्रकार की चीजें यदि अपना प्रभाव दिखाने का भी प्रयास करती है,तो इसकी सुरक्षात्मक चक्र के कारण जातक पूर्ण रूप से सुरक्षित रहता है इसलिए यदि कोई व्यक्ति विशेष किसी भी तरह की मानसिक दबाव या मानसिक संताप या मानसिक अवसाद जैसी स्थिति में हो या व्यवहारिक जीवन में चल रही परेशानियों को लेकर कुछ कारणों से उसकी स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई हैl

मानसिक दबाव बहुत अधिक बढ़ गया है, तो ऐसी स्थिति में उसे इस माला का प्रयोग अवश्य करना चाहिए,जो लोग कार्य क्षेत्र में अपने कार्य का निर्वाहन शांति पूर्ण रुप से करना चाहते हैं, तथा वे चाहते हैं, कि काम के बोझ के कारण उनका मन चिड़चिड़ा ना हो या पढ़ाई के क्षेत्र से जुड़े हुए बच्चे जो चाहते हैं, कि विभिन्न विषयों के अध्ययन के समय उनके दिमाग की रेखाएं स्पष्ट रुप से चलें तथा पर ही हुई बातों को वह अच्छे से संग्रह कर पाए या अच्छे से ग्रहण कर पाएl तो ऐसे अच्छे परिणामों को प्राप्त करने के लिए उन्हें तुलसी की माला (tulsi ki mala ka mahatva) अवश्य धारण करना चाहिएl इसके लाभ इतने चमत्कारी होते हैं,कि आप स्वयं इसे एक बार धारण कर जांच सकते हैं,बशर्ते कि आपके द्वारा धारण किया जाने वाला माला पूर्ण रूप से तुलसी के तने से ही निर्मित होl

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