सूर्य का उपरत्न कौन सा है – Sury Ka Upratna Koun Sa Hai

सूर्य का उपरत्न कौन सा है – Sury Ka Upratna Koun Sa Hai

सूर्य का उपरत्न कौन सा है(sury ka upratna

 koun sa hai)

 

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Sury ka upratna koun sa hai

 

 

 

सूर्य का उपरत्न कौन सा है(sury ka upratna koun sa hai) आज हम यह जानेंगे कि सूर्य का उपरत्न ना कौन सा है सूर्य का उपरत्न माणिक को माना जाता है। मानक के को स्वर्ण की अंगूठी में धारण किया जाता है। सूर्य का प्रार्थना ना सिर्फ आपको फायदा दिलाता है बल्कि आपकी मान सम्मान प्रतिष्ठा को भी दिलाता है। माणिक आपको काफी लाभ दिलाता है आपके उत्तम स्वास्थ्य के लिए मानक किया बहुत ही उपयोगी और अहम तत्व है। जिसे आप धारण करते हैं तो आपको हर प्रकार की लाभ मिलते हैं माणिक धारण करने से आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

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आपके आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। आपका घर गृहस्ती बहुत ही अच्छा चलता है। माणिक्य आपको हर कार्य में सफलता दिलाती हैं माणिक (suryakant mani ke fayde) को स्वर्ण की अंगूठी में धारण किया जाता है लेकिन इसकी कीमत बहुत अधिक होती है। एक तो माणिक पुरख रत्नों में से एक है। इसीलिए इसकी कीमत अधिक होती है और दूसरा इसे स्वर्ण में पहना जाता है इसीलिए इसकी किमत और भी अधिक बढ़ जाती है।

ऐसे में से कई लोग धारण नहीं कर सकते लेकिन उन लोगों को बिल्कुल भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। (manik ratna ke upratna ke fayde) इसके प्रमुख नवरत्न भी बताए गए हैं, इसकी शक्ति की गति थोड़ी धीमी ही सही पर यह भी बिल्कुल वैसा ही काम करते हैं, और आपको इसका लाभ भी उतना ही मिलता है। हम यह जाने लेते हैं, की सूर्य रत्ना माणिक्य क्या है? तो आइए जानते हैं, सूर्य के रत्ना माणिक्य के बारे में किया क्या है।

सूर्य का उपरत्न कौन सा है (sury ka upratna koun sa hai)

उत्तर:- मानिक सूर्य देव का प्रार्थना है और सूर्य देव ग्रहों के राजा है साथ ही साथ माणिक रत्न अमोनियम ऑक्साइड का एक योगिक है, जो कि लाल रंग के चुकंदर के रंग के पाए जाते हैं, और इसे अंग्रेजी भाषा में रूबी भी कहते हैं। यदि आप माणिक रत्न (suryakant mani kya hai) धारण कर लेते हैं, तो आपके अंदर एक राजा जैसा भाव आएगा। आपके अंदर आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा। आपके अंदर ऊर्जा की कमी कभी भी नहीं होगी। जो आपके अंदर संकोच वाला रवैया था रहता था।

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इससे आपका वो रवैया दूर हो जाएगा। माणिक रत्न (suryakant mani se kya labh hota hai)  से साथ ही साथ सूर्य सभी ग्रहों के राजा है, यह तो आप जानते ही हैं, क्योंकि यह मैं पहले ही बता चुकी हूं, और जब आप राजा का स्टोन धारण करेंगे तो राजा जैसे गुणों की आत्मा वृद्धि होगी साथ ही साथ आपके शानो शौकत भी बढ़ जाएगी। माणिक रत्न धारण करने से आपके अंदर एक लीडरशिप की भावना जागृत हो जाएगा। आपके अधिकार क्षेत्र का दायरा भी बढ़ जाएगा। माणिक रत्न धारण करने से पहले आप अपनी कुंडली एक बार अवश्य ही देख लीजिए और अगर आप की राशि सिंह राशि है।

तो आप माणिक रत्न (suryakant mani kaisa hota hai) धारण कर सकते हैं, वो भी बिना अपनी कुंडली मिलाएं। इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा। आपको फायदा ही होगा। माणिक रत्न धारण करने से आपके जीवन की हर एक परेशानी खत्म हो जाएगी और साथ ही साथ आप हर काम को बहुत ही अच्छे से करोगे। ऐसा लगेगा जैसे कि आपको उस काम का बहुत ही अधिक एक्सपीरियंस है।

और आपको ऐसा काम करता देख हर कोई आपके जैसा काम करना चाहेगा और आपके जैसा बनना चाहेगा। माणिक रत्न (manik ratna ke upratna ke fayde in hindi) धारण करने से आपको इसका लाभ तो मिलेगा ही मिलेगा लेकिन इसके साथ साथ आपके साथ रहने वाले उन लोगों को भी मिलेगा एक्सपीरियंस मिलेगा और आपसे उनको प्रेरणा मिलेगी।

सूर्य का उपरत्न कौन सा है(sury ka upratna koun sa hai)

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उत्तर:- टर्मेलाइन सूर्य के उपरत्न माणिक के उपरत्न के दूसरे नंबर पर टर्मेलाइन आता है। ऐसे तो लोग इसे रेड गार्नेट के बाद दूसरे नंबर पर ही इसे पसंद करते हैं। यह भी गार्नेट की तरह लाल रंग का ही होता है, लेकिन इसका रंग गार्नेट (manik ratna ke upratna ke chamatkari fayde)  के रंग से थोड़ा हल्का होता है। इसे चांदी, सोने या अष्टधातु की अंगूठी या ब्रेसलेट के रूप में धारण किया जाता है। अगर आप चाहे तो इसे अष्ट धातु में से कोई एक धातु में भी इसका धारण कर सकते हैं। लेकिन याद रखें कि इन सबके शक्तियां एक जैसी ही होती है। तो आपको चिंता करने की कोई बात नहीं बस इसमें थोड़ा सा कुछ ऐसा होता है।

जो इसमें कुछ बदलाब ला देता है। माणिक रत्न के उपरत्न को धारण करने से आपका आत्मविश्वास में काफी वृद्धि होती है। यह आपके कार्यों में आ रही बाधाओं को समाप्त कर देती है, और यह हर व्यक्ति में ऊर्जा के संचार का कार्य करती है। माणिक रत्न (suryakant mani pahanne se kya hota hai) को धारण करने से आपका हर काम सफलतापूर्वक पूर्ण हो जाता है। आपके जीवन में खुशियां ही खुशियां होते हैं। स्पिनिल भी कुछ इसी प्रकार के हैं। यह भी आप धारण कर सकते हैं। यह भी सूर्य के उपरत्न माणिक्य और माणिक्य का उपरत्न स्पिनिल है यह गुलाबी, लाल, ऑरेंज, नीला, ब्राउन और काले रंग में भी पाया जाता है।

लेकिन सबसे ज्यादा माणिक और सफायर की तरह के रंगों में आने वाला अधिक पहना जाता है। इससे आपकी आंतरिक उर्जा में वृद्धि होगी इससे आपकी एकाग्रता बढ़ेगी और एकाग्रता बढ़ाने में माणिक रत्न (suryakant mani ke fayde or nuksan) का तो कोई जवाब ही नहीं है, और साथ ही साथ इसे धारण करने से व्यक्ति के आकर्षक प्रभाव में वृद्धि होती है, और उसे शहद की उन्नति प्राप्त होती है। इसे आपको और भी बहुत फायदे मिलते हैं। माणिक रत्न को बहुत ही शुभ माना जाता है, क्योंकि यह सूर्यदेव का रत्न है, इसे पहनने वाला व्यक्ति में राजा जैसा बहुत सारे गुण आ जाते हैं, और राजा जैसे बहुत सारे नहीं राजा के हर प्रकार का गुण उस व्यक्ति में आ जाता है, और वह व्यक्ति हर काम को एक राजा की तरह करता है।

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और वाह व्यक्ति बिल्कुल राजा की तरह ही अपनी जिंदगी जीता है। रेड स्वरोस्की भी कुछ इसी प्रकार के हैं। रेड स्वरोस्की बिल्कुल गार्नेट की तरह ही दिखाई देती हैं, इसमें और उसमें देखने में कोई भी परिवर्तन नहीं नजर आता है, लेकिन इस की चमक गार्नेट से अधिक होती है। इसीलिए माणिक रत्न का ज्यादातर उपयोग स्टाइलिश ज्वेलरी बनाने में किया जाता है। माणिक रत्न (Suryakant mani ke labh) को डायमंड के साथ मिक्स करके एक बहुत ही खूबसूरत ज्वेलरी बनाई जाती है।

जो लोगों को अधिक पसंद आती है, पर महंगी होती है। इसे कई लोग मार्णिक (Suryakant mani ke fayde kya hai) के ना पहनने पर इसे पहनते हैं। माणिक रत्न को धारण करने वाले व्यक्ति में चुंबकीय व्यक्तित्व का निर्माण होता है। एक अच्छा सौंदर्य प्राप्त करने के लिए इसे पहना जाता है। इसे पहनने के बाद आपके चेहरे पर अधिक चमक आ जाती हैं। आप काफी अच्छे दिखने लगते हैं।

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