माणिक रत्न कब धारण करें – Manik Ratna Kab Dharan Karen

माणिक रत्न कब धारण करें – Manik Ratna Kab Dharan Karen

 

 माणिक रत्न कब धारण करें – Manik Ratna

 Kab Dharan Karen

मानिक के रत्न कब धारण करें- माणिक रत्न (manik ratna kis din dharan kare) एक ऐसा रत्न है, जो सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, तथा इस ग्रह से संबंधित इसमें ऊर्जा का वास होता हैl सूर्य ग्रह पूरे नवग्रह मंडलों में से उन्हें राजा की उपाधि से अलंकृत किया गया है, तथा उनके नेतृत्व क्षमता एवं शक्तिशाली अदम्य साहस के वजह से उन्हें पूरे ब्रह्मांड का पिता तुल्य समझा जाता हैl प्राचीन काल से ही हमारे पूर्वजों के द्वारा सूर्य देव की उपासना की जाती रही है lभगवान सूर्य की आराधना लोगों के द्वारा शौर्य की प्राप्ति एवं भाग्य में वृद्धि के लिए किया जाता है, तथा ऐसा माना जाता है, कि सूर्य से संबंधित मानिक के रत्न को धारण करने से सूर्य भगवान के उपासना के समान ही माणिक रत्न हमें फल प्रदान करता है, तथा माणिक रत्न को धारण करने से सफलता हमारे कदम चूमती है।

इसे भी पढ़े:- फिरोजा रत्न के फायदे 

यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति कमजोर होती है, तो ऐसी परिस्थिति में मानिक के रत्न (manik ratna kab pahne)  धारण किया जाता है, जिससे लोगों के जीवन में बदलाव आए एवं सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव सकारात्मक प्रभाव में बदल जाएl कई बार ऐसे भी देखा गया है, जातक की लग्न कुंडली में सूर्य ग्रह किसी ऐसे भाव में स्थित होते हैं, जिसकी वजह से सूर्य ग्रहण के सकारात्मक प्रभाव से उसका जीवन वंचित रह जाता है, या फिर ऐसी भी स्थिति होती है, की जातक की लग्न कुंडली में सूर्य ग्रहण धीमी गति से विचरण करते हैं, जिसकी वजह से उसके जीवन में उनके आशीर्वाद की कमी रहती है, ऐसे में यदि माणिक रत्न धारण किया जाए तो जातक को सूर्य ग्रह से संबंधित विभिन्न प्रकार की चीजों में सफलता प्राप्त होती है।

इसके साथ साथ आजीवन उसे सूर्य देव की कृपा भी उसे प्राप्त होती है, माणिक रत्न को धारण करने से जातक को रोजी रोजगार संबंधित आजीविका संबंधित परेशानियों से माणिक रत्न (manik ratna pahanne ke fayde) जातक को निजात दिलाता है, करियर संबंधित चीजों में यह रत्न सफलता प्रदान करता है, बहुत ऐसे लोग होते हैं, जिनकी इच्छा होती है, कि प्रशासनिक विभाग में एवं राजकीय विभाग में वे एक ऊंचे पद पर प्रतिष्ठित हो तथा खूब नाम पैसा शोहरत कमाएं ऐसे में माणिक रत्न यदि उनके द्वारा धारण किया जाता है, तो माणिक रत्न के प्रभाव से उनकी मनवांछित इच्छा यह रखना पूरी करने की पूरी कोशिश करता है।

माणिक रत्न की खासियत केवल यहां तक सीमित नहीं है, बल्कि और भी इसके बहुत से गुण है, जैसे- औषधीय गुण भी माणिक रत्न (Manik Ratna Kab Dharan Karen) के कम नहीं है, जैसे- हृदय से संबंधित रोगों में यह रत्न बहुत कारगर होता हैl इसके साथ-साथ नेत्र संबंधित विकार, हड्डियों से संबंधित विकार एवं त्वचा संबंधित विभिन्न प्रकार के रोगों एवं कुष्ठ रोग जैसे शारीरिक रोग में यह रत्न बहुत अपना प्रभाव दिखाता है, तथा जातक को इन सभी बीमारियों से मुक्ति दिलाता हैl सूर्य ग्रह की दृष्टि के वजह से ही जातक को इन सभी बीमारियों के कष्ट से गुजरना पड़ता है lमाणिक रत्न धारण करने से सूर्य देवता जातक को निरोगी काया प्रदान करते हैंl माणिक रत्न शक्ति एवं पिता का कारक माना जाता है, माणिक रत्न धारण करने से हमारे मन मस्तिष्क एवं चेहरे का तेज बढ़ता है।

इसे भी पढ़े:- सुलेमानी हकीक के अदभुत फायदे

माणिक्य रत्न (manik ratna kab pahanna chahiye) देखने में बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक होता है, तथा यह पूरी तरह से पारदर्शी होता हैl हीरे के बाद सबसे अधिक कठोर तत्व मानिक रत्न को ही माना जाता है, किंतु आजकल बाजारों में उपलब्ध माणिक्य रत्न की संरचना कैसे की गई हैl यह कहना थोड़ा मुश्किल हो गया हैl लोगों के मन में यह संशय रहता है, कि कहीं बाजार से लिया गया रत्न नकली तो नहीं हैl बहुत से लोग इस डर से माणिक रत्न के उपरत्न धारण करते हैंl माणिक रत्न असली है या नकली है, इस बात को सिद्ध करने के लिए विभिन्न प्रकार के मापदंड एवं पैमाने तैयार किए गए हैं, जिसके आधार पर हम यह कह सकते हैं, कि रत्न की संरचना प्राकृतिक रूप से हुई है, या फिर कृत्रिम रूप से रसायनिक अभिक्रियाओं के द्वारा प्रयोगशाला में उसका निर्माण हुआ है।

प्राकृतिक रूप से निर्मित माणिक रत्न (manik ratna kab dharan karna chahiye)  की खासियत होती है, कि जब भी उस पर सूर्य की किरणें पड़ती है, तब वह गुलाबी रंग की रोशनी प्रदीप्त करता हैl यदि गुलाबी रंग के जगह कोई और रंग की रोशनी उससे प्रतीत होती हुई दिख रही है, तो इसका आशय है, कि वह एक कृत्रिम रूप से निर्मित रत्न हैl प्राकृतिक रूप से निर्मित माणिक रत्न को जब कांच की कटोरी में पानी में भर के रखा जाता है, और कटोरी को देखा जाता है, तो आपको साफ-साफ पानी के अंदर गुलाबी रंग की रोशनी उत्सर्जित होती हुई दिखाई देगीl हीरे के बाद सबसे अधिक कठोर पदार्थ माणिक रत्न को माना गया है, जिसकी वजह से इस का गलनांक बहुत अधिक होता है, इसलिए जब असली माणिक रत्न को आप ताप पर रखेंगे तो देखेंगे कि इसकी रंगत और अधिक निखर गई है।

इसे भी पढ़े:- नीलम रत्न पहनने के फायदे 

यह देखने में पहले की अपेक्षा और सुंदर लगने लगा है, जबकि इसके विपरीत यदि इसका रंग बदल गया दिखने में बेरंग हो गया तथा आकार में भी परिवर्तन होने लगा है, तो इसका अर्थ है, कि वह एक कृत्रिम रूप से निर्मित रत्न हैl एक कांच का टुकड़ा है, इसलिए वह अधिक ताप को बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसके रंग एवं आकार में बदलाव आने लगा।

 

manik ratna kab dharan kare, manik ratna kab dharan karna chahie, original manik ratna price, manik ratna kab pahne chahie ya nahi, manik ratna kab dharan kar sakte hai, manik ratna dharan karne ke fayde, माणिक रत्न कब धारण करें, माणिक रत्न कब धारण करना चाहिए, माणिक रत्न के लाभ, माणिक रत्न पहनने के फायदे,
manik ratna kab dharan kare

 

 

प्रत्येक रत्न को धारण करने के लिए एक उपयुक्त दिन निर्धारित किया गया है, जिस खास दिन को यदि उस ग्रह का प्रतिनिधित्व करने वाले रत्न को धारण किया जाए तो हमें बहुत लाभ प्राप्त हो सकता हैl हमें व्यापक स्तर पर वह रत्न अपना अनुकूल प्रभाव दिखा सकता है, माणिक रत्न (manik ratna kab dharan kar sakte hai) धारण करने का रवि पुष्य नक्षत्र सबसे उत्तम नक्षत्र माना जाता है, इसे धारण करने के लिए lदिनों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण दिन रविवार को माना जाता है, ऐसा माना जाता है, कि रविवार का दिन सूर्य ग्रह से संबंधित होता है, तथा इस दिन सूर्य ग्रह की ऊर्जाएं अपने चरमोत्कर्ष पर रहती है, जिसकी वजह से माणिक रत्न की सारी ऊर्जा जागृत हो जाती है।

अतः विभिन्न प्रकार की विधि विधान से माणिक रत्न (manik ratna ke fayde) को अभिमंत्रित कर प्रतिष्ठित कर धारण करने का सबसे शुभ दिन रविवार को माना जाता हैl अतः यदि किसी भी जातक को माणिक रत्न को धारण करना है, तो विधिवत तरीके से माणिक रत्न को अभिमंत्रित एवं प्रतिष्ठित करवा कर शुभ समय में रविवार के दिन धारण करें।

अभिमंत्रित माणिक रत्न कहां से प्राप्त करें-

नवदुर्गा ज्योतिष केंद्र से अभिमंत्रित किया गया माणिक्य रत्न प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे नवदुर्गा ज्योतिष केंद्र से पंडित जी द्वारा अभिमंत्रित किया हुआ माणिक्य रत्न मात्र – 300₹ और 600₹ रत्ती मिल जायेगा जिसका आपको लैब सर्टिफिकेट और गारंटी के साथ में दिया जायेगा (Delivery Charges free) Call and WhatsApp on- 7567233021, 9313241098

 

Leave a Reply