माणिक रत्न की पहचान कैसे करें – Manik Ratna Ki Pahchan Kaise Kare

माणिक रत्न की पहचान कैसे करें – Manik Ratna Ki Pahchan Kaise Kare

 

 माणिक रत्न की पहचान कैसे करें – Manik

 Ratna Ki Pahchan Kaise Kare

मानिक के रत्न की पहचान कैसे करें – जिससे हम किसी भी प्रकार की ठगी से खुद को बचा सके माणिक रत्न (manik ratna ki jankari) सूर्य ग्रह से संबंधित एक रत्न होता है, जो देखने में लाल या गुलाबी हो सकता हैl इसका रंग गुलाबी होने के पीछे क्रोमियम जो कि इसका संयोजक है, उस पर निर्भर करता है, यदि क्रोमियम की मात्रा अधिक होती है, तो यह देखने में और अधिक गाढ़े रंग का लगता है, जबकि उसकी मात्रा कम होती है, तो यह फीका रंग का दिखता है, किंतु किसी भी रंग में रहे या देखने में बहुत आकर्षक होता है।

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माणिक रत्न (manik ratna ki pehchan) में सूर्य ग्रह से संबंधित विभिन्न प्रकार की ऊर्जाओं का समावेशन होता है। सूर्य ग्रहण अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है, जिसकी वजह से पूरी सृष्टि चल रही हैl यदि सूर्य ग्रह ना हो तो पूरी सृष्टि थम सी जाएगी। सृष्टि में जीवन का आधार खत्म हो जाएगा। पूरे ब्रह्मांड के पिता सूर्य ग्रह से संबंधित माणिक रत्न जिस भी जातक के द्वारा धारण किया जाता है। उसके जीवन में बहुत अधिक बदलाव देखने को मिलते हैं। यह उसे साहसी ,निर्भीक, निडर एवं कृतिमान बनाने में माणिक रत्न बहुत भूमिका निभाता है। इसके साथ-साथ जिस भी जातक के द्वारा यह रत्न धारण किया जाता हैl उसे धन ,ऐश्वर्य ,यश किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।

माणिक रत्न की पहचान करने के लिए निन्नलिखित मापदंडो को अपनाना चाहिए

1.माणिक रत्न (manik ratna ki pehchan kya hai) को जब सूर्य की किरणों में कुछ देर के लिए रखा जाता है, तब आपको इससे गुलाबी रोशनी निकलती हुई प्रतीत होगी, जबकि इसके विपरीत यदि इससे इंद्रधनुषी रंगो की रोशनी निकलती हुई दिखाई दे रही है, तो इसका तात्पर्य है, कि वह माणिक रत्न प्रयोगशाला में विभिन्न प्रकार के रासायनिक प्रक्रियाओं से बना हुआ एक कृतिम रत्न है।

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2.माणिक रत्न (manik ratna ko kaise pahchane) को जब आप किसी साफ कपड़े से रगड़एंगे तो देखेंगे कि उसकी चमक और अधिक बढ़ गई है, वह देखने में पहले की अपेक्षा बहुत ही सुंदर लग रहा है, तथा उसका रंग और अधिक आकर्षण पूर्ण दिख रहा है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित रत्न को जब आप किसी साफ कपड़े से रंगरेगे तो पाएंगे कि उसकी चमक पहले की अपेक्षा कम हो गई है।

3.माणिक रत्न को सफेद कपड़े के अंदर रखकर आप इसे हल की रोशनी में देखेंगे तो ऐसा प्रतीत होगा, जैसे इससे गुलाबी रोशनी प्रदीप्त होती हुई दिखाई दे रही है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित माणिक रत्न (manik ratna kaisa hota hai) में यह विशिष्ट गुण आपको देखने को नहीं मिलते हैं।

4. असली माणिक के रत्न (manik ratna pahanne se kya hota hai)  को जब आप लकड़ी के टुकड़े के विपरीत घर्षण करेंगे तो देखेंगे कि इस की चमक और अधिक बढ़ गई है lयह देखने में और अधिक पारदर्शी एवं सुंदर दिखाई पड़ रहा है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित रत्न को किसी लकड़ी के टुकड़े के विपरीत घर्षण किया जाएगा तो उसका चमक चला जाएगा इसके साथ-साथ वह अपनी रंगत को भी खो देगा।

5.माणिक रत्न (manik ratna pahanne ke fayde) का गलनांक बहुत अधिक होता है, क्योंकि इस रत्न का निर्माण विभिन्न प्रकार की जटिल परिस्थितियों तथा उच्च तापमान एवं उच्च दाब में इन सभी का निर्माण होता हैl इसमें पृथ्वी के आंतरिक तथा बाह्य बलों के पारस्परिक प्रभाव बहुत अधिक पड़ता है, जिसकी वजह से इन का गलनांक बहुत अधिक होता हैl अतः जब माणिक रत्न को ताप पर रखा जाता है, तो ऐसे में इसकी रंगत और भी खूबसूरत हो जाती है। यह देखने में और अधिक पारदर्शी एवं चमकीला दिखने लगता है, जबकि इसके विपरीत कृतिम रूप से निर्मित माणिक रत्न में यह विशिष्ट गुण आपको देखने के लिए नहीं मिलेगा।

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कृत्रिम रूप से निर्मित माणिक रत्न (manik ratna dharan karne ke fayde) को जब ताप पर रखा जाता है, तब उसके आकार में बदलाव देखने को मिलता है, क्योंकि प्रयोगशाला में निर्मित माणिक रत्न के जो संयोजक होते हैं lवह ताप बर्दाश्त करने की क्षमता प्राकृतिक रूप से उन में उपलब्ध नहीं होती हैl जिसकी वजह से उनका आकार बदलने लगता है, एवं आप किसी भी नुकीली चीज की मदद से उसमें चाहे तो विभिन्न प्रकार के आकृति भी उस वक्त बना सकते हैं।

6. प्राकृतिक रूप से निर्मित माणिक को ऐसा माना जाता है, कि यदि गाय के शुद्ध दूध में कुछ घंटों के लिए रख कर छोड़ दिया जाए तो गाय का शुद्ध दूध का रंग परिवर्तित होकर गुलाबी होने लगेगा, जो कि उसके सात्विक होने का प्रमाण होता है lइसके साथ ही आप जब इसे उस दूध से निकालेंगे तो देखेंगे कि इस की चमक और अधिक बढ़ गई है lयह और अधिक देखने में आकर्षण पूर्ण लग रहा है, जबकि इसके विपरीत जब आप कृत्रिम रूप से निर्मित माणिक रत्न (manik ratna kise dharan karna chahiye) को दूध में डालेंगे तो दूध के रंग में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगाl इसके उलट कृत्रिम रूप से निर्मित माणिक्य रत्न की रंग में आपको काफी बदलाव देखने को मिल सकता हैl वह पहले की अपेक्षा हल्के रंग का होने लगता है, जिसकी वजह से वह बदरंग सा दिखता है, उसकी चमक भी पहले की अपेक्षा कम हो जाती है।

7. प्राकृतिक रूप से निर्मित मानिक के रत्न को जब कमल की कलियों के पास रखा जाता है, तो कमल की कलियां स्वत: ही खिल जाती हैं, एवं वह फूल में परिवर्तित हो जाती हैं, जबकि इस प्रकार के चमत्कारिक चीज आप को कृत्रिम रूप से निर्मित मानिक के रत्न के साथ देखने को नहीं मिलता हैl उसे आप कितने ही कमल की कलियों के बीच रख दें, उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कोई भी कली फूल नहीं बनेगी।

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8. प्राकृतिक रूप से निर्मित माणिक के रत्न (manik ratna ke labh) को जब पानी के अंदर रखा जाता है, तब इसके चारों ओर एक समान गुलाबी रंग की रोशनी प्रदीप्त होती हुई या उससे गुलाबी रंग की रोशनी उत्सर्जित होती हुई दिखाई देती है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित माणिक के रत्न जो कि विभिन्न प्रकार की क्रियाकलापों एवं रासायनिक अभिक्रियाओं से बना हुआ एक कृतिम रत्न होता हैl उसमें यह विशिष्ट गुण देखने को नहीं मिलता है, उससे केवल आपको इंद्रधनुषी रंग उत्सर्जित होते हुए दिखाई देंगे।

9. प्राकृतिक रूप से निर्मित माणिक के रत्न की परत पतली होती है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित माणिक रत्न (manik ratna pahanne ke labh) की परत अर्ध वलयाकार होती है।

10. जब आप किसी कांच की कटोरी में इसे रखेंगे तो देखेंगे कि इससे गुलाबी रंग की रोशनी प्रदीप्त होती हुई दिखाई दे रही है। यदि गुलाबी रंग के अलावा कोई और रंग आपको प्रदीप्त होता हुआ दिखाई दे रहा है तो इसका अर्थ है, कि वह असली रत्न नहीं है, बल्कि वह एक नकली रत्न है।

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