मोती रत्न का महत्व – Moti Ratna Ka
Mahatva
मोती रत्न का महत्व – (moti ratna pehne ke fayde) शास्त्र हो या ज्योतिष विज्ञान इसे बहुत ही स्वर्णिम पद्धति प्रदान की गई है, जिसमें बताया गया है, कि मोती रत्न को धारण करने से हम कैसे अपने जीवन में चंद्र देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, मोती रत्न चंद्रदेव जो हमारे मन के कारक हैं, उन को निरूपित करता है।
मोती रत्न धारण करने से हमें निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो सकता है-
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मोती रत्न (moti ratna kaisa hota hai) प्रकृति द्वारा प्रदत सबसे अनमोल अद्भुत रत्न है, जो हमें चंद्र देव की कृपा प्राप्त करने में तथा उनसे संबंधित विभिन्न प्रकार की परेशानियों को दूर करने में मोती रत्न सक्षम होता हैl बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जिनकी कुंडली में चंद्र ग्रह सुप्त अवस्था में रहते हैं, या फिर पूरी तरह से निष्क्रिय अवस्था में किसी भाव में अवस्थित होते हैं, ऐसे में व्यक्ति के जीवन में चंद्रदेव का प्रभाव नहीं दिखता है, तथा उनके कृपा की कमी के वजह से उसके बहुत सारे कार्य अटके हुए रहते हैं।
उसकी स्थिति बहुत दयनीय हुई पड़ी रहती है, ऐसे में यदि मोती रत्न (moti ratna ke labh) धारण किया जाता है, तो चंद्र ग्रह सुप्त अवस्था या निष्क्रिय अवस्था से सक्रिय अवस्था में होने लगते हैं, तथा जातक की धीरे धीरे परेशानियां भी समाप्त होने लगती है, तथा उसके बहुत से रुके हुए कार्य भी बनने लगते हैं, चंद्र देव की कृपा से उसके सारे मनवांछित कार्य भी पूर्ण होने लगते हैं।
1. मोती रत्न (Moti Ratna Ka Mahatva) का औषधीय गुण भी कुछ कम नहीं है, मोती रत्न को लोग अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए भी प्रयोग में लाते हैंl इसमें बड़े आकार के मोती का प्रयोग किया जाता है, जिससे मोती उनके चेहरे को उनके मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है, एवं शीतलता प्रदान करता है, इसके साथ ही उनकी मुख्य मंडल चंद्र के समान ही चमकने लगता है, एवं चंद्र से दमक उनके चेहरे पर चमकने लगती है।
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2. जिस भी जातक के द्वारा मोती रत्न (moti ratna ka mahatva in hindi) धारण किया जाता है lउसे उसके गुस्से पर उसके क्रोध पर पूरी तरह नियंत्रण स्थापित करने में मोती रत्न बहुत मदद करता हैl बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जो तुनक मिजाज वाले होते हैं, क्षणभर में ही क्रोध की सारी सीमाएं पार कर देते हैं, तथा क्रोध में आकर कभी कभी खुद का ही नुकसान कर देते हैं, और क्रोध की वजह से उनके रिश्ते बिगड़ जाते हैं lउनके मुंह से कटु वचन निकलने लगता है।
हालांकि जब उनका क्रोध काफी देर के बाद शांत होता है, तब उन्हें अफसोस भी होता है, किंतु उन्हें अपने क्रोध पर नियंत्रण न होने की वजह से अपने जिंदगी में स्वयं ही आग लगा देते हैं, इसलिए यदि ऐसी परिस्थिति में मोती रत्न (moti ratna ke prabhav) धारण किया गया तो यह दिव्य रत्न पूरी तरह से किसी के गुस्से या क्रोध पर नियंत्रण स्थापित करने की अद्भुत कला का निर्माण उसके व्यक्तित्व में करता है, इसके साथ-साथ चंद्र देव की कृपा से उसका मन -मस्तिष्क भी शांत रहता है।
3. जिस भी जातक के द्वारा मोती रत्न (moti ratna kise pahnna chahiye) धारण किया जाता है lउसके अंदर की नकारात्मक ऊर्जा धीरे-धीरे करके नष्ट होने लगती हैl उसके व्यवहार में परिवर्तन आने लगता है lनकारात्मक ऊर्जा किसी को भी अपने प्रभाव में लेकर उसकी सोचने समझने की शक्ति छीन कर सकती है, जिससे वह इंसान पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कट जाए और अंतर मन में खुद को बहुत अकेला पाए।
भावनात्मक रूप से भी वह खुद को बहुत अकेला पाए, जिससे उस पर हर वक्त नकारात्मकता वक्त हावी रहे lवह केवल अपने दिमाग के विभिन्न उलझनों में खोया रहता है, तथा उसमें चिड़चिड़ापन ,अनिद्रा ,चिल्लाने की बीमारी या मानसिक तनाव की स्थिति भी देखने को मिल सकती है।
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उसके संबंध बहुत से लोगों के साथ खराब रहते हैंl अपना कहने को तो बहुत लोग होते हैं, किंतु सच में अपनत्व की भावना उसके लिए किसी के भी मन में नहीं होती है क्योंकि उसका व्यवहार दिन-प्रतिदिन रुखा एवं द्वेष से भरा हुआ रहता है, जिससे वह हर चीज से विमुख हो जाता है lवह अपने क्रियाकलापों दैनिक कार्यों से भी विमुख हो जाता है, जिससे उसके मन में घोर निराशा की भावना छा जाती है।
हर और उसे असफलता के बादल ही दिखाई देते हैं, ऐसे में यदि मोती रत्न (moti ratna ke labh aur fayde) धारण किया जाए तो उसके मन से सारी नकारात्मक शक्ति खत्म हो जाएगी तथा उसे चंद्र देव की कृपा से असीम शांति भी प्राप्त होगी एवं जिन लोगों से उसके संबंध बिगड़ गए थेl उनके संबंधों में भी सुधार आएगा।
4. यदि किसी जातक के अपनी मां या अपने सास से संबंध खराब हो गए हो तो ऐसी स्थिति में मोती रत्न धारण से उनके बिगड़े हुए रिश्ते में भी मिठास आ जाती है, तथा जो भी मतभेद उनके बीच होता हैl वह धीरे-धीरे करके समाप्त होने लगता हैl मोती रत्न (moti ratna ke pahanne ka kya mahatva hai) आपसी रिश्तो में प्रगाढ़ प्रेम स्थापित करने में बहुत मदद करता है।
यह हमें धैर्य प्रदान करता है, जिससे हम हर रिश्ते को सूझबूझ के साथ एवं उत्तम प्रयास के साथ निभाने की कोशिश करते हैंl ऐसे ही बहुत से दंपत्ति होते हैं, जिनमें लड़ाई झगड़े बहुत अधिक होते हैं, तथा बिना मतलब के क्लेश काफी ज्यादा बढ़ा हुआ रहता है, जिससे उनका दांपत्य जीवन कष्टों से भरा हुआ रहता है।
ऐसे में यदि उनके द्वारा मोती रत्न (moti ratna pahnane ke fayde) धारण किया जाता है, तो दांपत्य जीवन संबंधित जो भी परेशानीया उन्हें आ रही थी उन सभी का समापन मोती रत्न को धारण करने से संभव हो पाता है, तथा उन दोनों के बीच रिश्ता मजबूत होता है, तथा दोनों एक दूसरे को काफी अच्छे से सोचने समझने लगते हैं, और कोई भी कार्य को एकांकी होकर पूरा करते हैं, जिससे उनका प्रेम हर कार्य में झलकता हैl उनकी मजबूती उनके हर कार्य में झलकता है, उनका दांपत्य जीवन खुशियों से भर जाता है।
5. प्राचीन काल में मोती के भस्म का विभिन्न प्रकार के औषधियों में उपयोग किया जाता थाl जिससे जटिल से जटिल बीमारियां भी ठीक हो जाती थी lआज भी यह पद्धति भारत के कई जगहों पर उपयोग में लाया जाता है, तथा जापान के लोगों के द्वारा भी मोदी के भाषण से गोलियां बनाकर दांतो का इलाज किया जाता है, जिससे दांत शर्तें नहीं है एवं पेट संबंधित बीमारियों में भी इसका भस्म बहुत कारगर होता है।
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6. मोती रत्न (moti ratna ke fayde) को धारण करने से एकाग्रता शक्ति बढ़ती है, जिसकी वजह से पठन-पाठन संबंधित या विद्या अध्ययन संबंधित या किसी भी प्रकार के कौशल निर्माण संबंधित चीजों में यदि कोई सम्मिलित है, तो उसे इस रत्न को धारण करने से काफी लाभ प्राप्त होता है, तथा जो भी चीज वह करता है। वह पूरी लगन से करता है lपूरा मन मस्तिष्क एकाग्र कर वह कोई भी कार्य करता है, जिससे उसके सफलता प्राप्त करने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है, विभिन्न प्रति स्पर्धाओं में भी वह सफलता प्राप्त करता है, तथा बौद्धिक विकास में भी वृद्धि होती है।
7. मोती रत्न (moti ratna ka prabhav) हमें धैर्यवान बनाता है, जिससे हम किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं होते हैं, तथा परिस्थितियों को अपने नियंत्रण में लाने की अद्भुत कला हमारे अंदर मोती रत्न की कृपा से प्राप्त होता है।
8.मोती रत्न धारण करने से हमें कभी भी धन की कमी नहीं होती है। मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि सदा हम पर बनी रहती है।
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