नीलम रत्न किस राशि को धारण करना चाहिए-
Neelam Ratna Kis Rashi Ko Dharan
Karna Chahiye
नीलम रत्न किस राशि को धारण करना चाहिए – आज हम इस विषय पर विस्तृत जानकारी देने का प्रयास करेंगे कि नीलम रत्न किस राशि के लिए अच्छे परिणाम देता है, तथा किस राशि को यह धारण करना चाहिए।
नीलम रत्न (neelam ratna kis rashi ko pahanna chahiye) जीसे शनि ग्रह से संबंधित रत्न माना जाता है। नीलम रत्न अपने अंदर बहुत सी अलौकिक शक्तियां समाहित किए रहता है। नीलम एक ऐसा रत्न है, जो बहुत ही तीव्र गति के साथ अपना असर जातक के ऊपर दिखाता हैl यह असर सकारात्मक बदलाव भी लेकर आ सकते हैं, तथा नकारात्मक बदलाव भी लेकर आ सकते हैं lइसे रत्नों में सबसे खतरनाक एवं परिवर्तन शील रत्न की उपाधि दी गई है, बहुत से लोगों के द्वारा बिना किसी जानकारी के इसे धारण कर लिया जाता है, जो आगे चलकर उनके लिए हितकर साबित नहीं होता है।
उन्हें विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे- स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं, किडनी, लीवर, आंखों संबंधित विभिन्न प्रकार की बीमारियां उनको घेरने लगती हैl अनिद्रा तथा रात को भयानक सपने आना रोग आदि से वह ग्रसित हो जाता है, यदि जातक को नीलम रत्न (neelam ratna kaun si rashi wale pahan sakta hai) नहीं धारा तो ऐसी परिस्थिति में उसे आर्थिक क्षति बहुत बड़े स्तर पर होती है, बिना मतलब के व्यय होने से उसे रुपयों पैसों से संबंधित परेशानियां उसके जीवन में आने लगती हैं।
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मान-सम्मान की हानि के योग उसके के जीवन में बढ़ जाते हैं, घर परिवार के लोगों का साथ ना पाकर भी उसका मन अशांत एवं उसकी जीवन कि सभी इच्छाएं समाप्त होने लगती हैंl दांपत्य जीवन भी कठिनाइयों से भड़ा रहने लगता है, लोगों से मनमुटाव झगड़े आदि होने लगते हैं lविभिन्न प्रकार की दुर्घटनाएं आकस्मिक चीजें उसके जीवन में घटने लगती हैl अतः नीलम रत्न को धारण करने से पूर्व किसी विशिष्ट गुण वाले ज्योतिषी से अपनी कुंडली की सभी गाननाओ को अच्छी तरह से जांच परख करने के पश्चात ही नीलम रत्न (neelam ratna kaun sakta hai) को धारण करें। नीलम रत्न को धारण करने से पूर्व शनि ग्रह कुंडली के किस भाव में स्थित है, तथा किस भाव से देख रहे हैं, यह जानना बहुत आवश्यक है, विभिन्न राशियों के लिए यह अलग-अलग परिणाम देंगे।
1.शनि ग्रह यदि प्रथम भाव में स्थित हो तो ऐसी परिस्थिति में जातक को कभी भी किसी भी चीज के लिए झूठ का सहारा लेना नहीं चाहिए, तथा जितना हो सके बंदरों की सेवा करनी चाहिए।
2. यदि शनि दूसरे भाव में स्थित हो तो ऐसी परिस्थिति में जातक को दूध से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए तथा दूध में केसर युक्त तिलक लगाना चाहिए एवं सर्पों को दूध पिलाएं अथवा उन्हें किसी सपेरे से लेकर आजाद करवाएं।
3. यदि शनि तीसरे भाव में स्थित हो तो ऐसी परिस्थिति में कभी भी जातक को मांसाहार नहीं लेना चाहिए, जितना हो सके साधारण भोजन करें तथा कुत्तों की सेवा अवश्य करें हो सके तो उन्हें रोटी युक्त दूध खाने को दे।
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4. शनि ग्रह यदि चौथे घर में अवस्थित हो तो ऐसी परिस्थिति में जातक को गरीब मजदूर वर्ग के लोगों को अवश्य नमक युक्त भोजन कराना चाहिए, साथ में उन से अच्छा व्यवहार करना चाहिए, हो सके तो उनसे आशीर्वाद भी प्राप्त करें, कौवा को भोजन देंl अपने नाम से जमीन जायदाद कभी ना ले।
5. शनि ग्रह यदि पांचवें भाव में स्थित हो तो ऐसे में जातक को फिटकरी से दांत साफ करना चाहिए तथा लोहे का छल्ला धारण करना चाहिए।
6. शनि ग्रह यदि छठे भाव में स्थित हो तो उन्हें चमड़े से बनी हुई चीजों को दान करना चाहिए तथा लोहे एवं चमड़े का कारोबार उनके लिए अच्छा रहता है।
7. शनि ग्रह यदि सप्तम भाव में हो तो जातक को कभी भी अपना घर स्वयं नहीं बनाना चाहिए, बल्कि हो सके तो बना बनाया घर ले इससे आपके प्रगति के मार्ग प्रशस्त होंगे तथा शहद से भरा हुआ घड़ा कहीं सुनसान जगह पर दबा दें।
8. शनि यदि अष्टम भाव में हो तो ऐसी परिस्थिति में अपने पास चांदी का चौकोर टुकड़ा अवश्य रखें तथा अपने नाम से कभी भी भवन का निर्माण नहीं करें।
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9. शनि यदि नव्वे घर में हो तो ऐसी परिस्थिति में घर में कभी भी कबाड़ जमा होने ना दें, अपने घर में स्टोररूम ना बनाएं पीपल के पेड़ में जल दें एवं धूपबत्ती आदि दिखाएं।
10. यदि शनि ग्रह दसवें घर में हो तो ऐसी परिस्थिति में कभी भी भूल कर भी मांसाहार का सेवन ना करें तथा काले चने को शनिवार के दिन मंदिर में दान करें या किसी जरूरतमंद को अवश्य देंl
11. शनि ग्रह यदि ग्यारहवें भाव में स्थित हो तो ऐसी परिस्थिति में कभी भी दक्षिण मुखी मकान में जातक को वास नहीं करना चाहिए तथा भवन का निर्माण 55 वर्ष की आयु के बाद करना चाहिए, हो सके तो चांदी की छोटी चकोर टुकरा अपने पास रखें।
12. यदि शनि बारहवें घर में स्थित हो तो ऐसी परिस्थिति में कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए एवं कभी भी भूल कर किसी भी वर्ग के लोगों को अपमानित नहीं करना चाहिए, अन्यथा इसके परिणाम बहुत भयंकर हो सकते हैं।
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार मिथुन राशि, कन्या राशि ,तुला राशि, मकर राशि, कुंभ राशि वाले लोगों को नीलम रत्न (neelam ratna dharan karne se kya hota hai) धारण करना चाहिएl इन राशियों के स्वामी के साथ शनि ग्रह मित्रता का भाव रखते हैं, तथा उनसे कभी भी नहीं करते इस परिस्थिति में लोगों के द्वारा अपन धारण करने पर उन्हें अप्रतिम रूप से लाभ प्राप्त होता है।
13.मकर एवं कुंभ लग्न के व्यक्ति को नीलम रत्न धारण करना चाहिए, इससे उन्हें बहुत सी चीजों में लाभ प्राप्त होता है।
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14. यदि शनि ग्रह वक्री या दुर्बल हो अथवा शुभ स्थानों का प्रतिनिधित्व कर रहा हो कुंडली में तो ऐसी परिस्थिति में जातक को किसी विद्वान पंडित की सलाह पर नीलम रत्न (neelam ratna dharan karne ke fayde) को अवश्य धारण करना चाहिए।
15.कुंडली के कुछ विशेष स्थानों पर यदि शनि ग्रह अवस्थित है, तो उसकी अवस्था में नीलम रत्न धारण करने से अप्रतिम रूप से लाभ प्राप्त होता है।
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