नीलम रत्न की पहचान कैसे करें – Neelam Ratna Ki Pahchan Kaise Kare

नीलम रत्न की पहचान कैसे करें – Neelam Ratna Ki Pahchan Kaise Kare

 

 नीलम रत्न की पहचान कैसे करें – Neelam

 Ratna Ki Pahchan Kaise Kare

नीलम रत्न की पहचान कैसे करें – जिससे हम उसका उत्कृष्ट लाभ भी प्राप्त कर लें और हमारे पैसे का नुकसान भी ना हो, तो आइए जानते हैं-

नीलम रत्न शनि ग्रह से संबंधित रत्न होता है, जो देखने में बिल्कुल नीले रंग का होता है। चिकना, चमकदार एवं बहुत आकर्षक होता है, तथा इसकी चमक हमारे मन मस्तिष्क को बहुत सुकून देने वाला होता है, जिस किसी के द्वारा भी नीलम रत्न (neelam ratna ki pehchan kya hai) धारण किया जाता है lउसके जीवन में विभिन्न प्रकार के बदलाव आने लगते हैं, किंतु नीलम रत्न को धारण करने से पूर्व ज्योतिषीय सलाह अवश्य ले लें क्योंकि इसमें चमत्कारिक शक्तियां तो रहती ही है, साथ-साथ इसमें विध्वंसक शक्तियां भी अपना कार्य करने लगती है।

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यदि नीलम रत्न (neelam ratna ko kaise pahchane) आपके कुंडली के ग्रहों के अनुसार अनुकूल नहीं हुआ, तो इसलिए जब नीलम रत्न किसी को धारता है, तो उसके जीवन में विभिन्न अनुकूल प्रभाव पड़ने लगते हैं। उसके जीवन में सबसे पहले स्थिरता आनी शुरू हो जाती है, तथा आजीविका या नौकरी, पेशा संबंधित विभिन्न परेशानियां जो उसके जीवन में आ खड़ी हुई थी, जिसकी वजह से उसके जीवन में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव आ रहा था। वह सभी धीरे धीरे कर समाप्त होने लगता है। नीलम रत्न को धारण करने से आपको मानसिक शांति की प्राप्ति होती है, तथा अनिद्रा, डरावने सपने आना, मानसिक अवसाद जैसे चीजों से आपको छुटकारा मिलता है।

 नीलम रत्न (neelam ratna dharan karne se kya hota hai) धारण करने से व्यक्ति काफी धन्यवाद बनता है, तथा विषम से विषम परिस्थिति में भी अपने मनोबल को गिरने नहीं देता है, तथा परिस्थितियों पर नियंत्रण स्थापित करने की गजब सी क्षमता इन में विद्यमान होती हैl नीलम रत्न उनके अंदर विभिन्न प्रकार के कौशलों का निर्माण करता है, तथा कार्य करने की शैली बदलती है, जिससे उन्हें विभिन्न आयामों में सफलता प्राप्त होता है। नीलम रत्न को धारण करने से उनका जीवन दिन प्रतिदिन उत्तम होते जाता हैl नीलम रत्न पूरी तरह से आपको अपने मन, मस्तिष्क पर नियंत्रण स्थापित करने की शक्ति प्रदान करता है, जिससे आपका रूपांतरित एक अद्भुत अद्वितीय व्यक्तित्व वाले व्यक्ति के रूप में होता है, जिसकी सराहना लोग खुद करते हैं, एवं कार्यस्थल हो या घर परिवार आप हर जगह एक सही तालमेल बिठाने में सक्षम होते हैं, जिससे आपके सफलता के मार्ग प्रशस्त होते हैं।

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यदि आप नीलम रत्न खरीदने जा रहे हैं, या आपके कुंडली के विशिष्ट गुणों के आधार पर यदि किसी विद्वान ज्योतिषी के द्वारा यदि नीलम रत्न धारण करने की सलाह दी गई है, तो आप को विभिन्न पहलुओं तथा विभिन्न मापदंडों को जो नीलम रत्न से संबंधित होते हैं, जानने के पश्चात ही नीलम रत्न को खरीद कर धारण करना चाहिए, अन्यथा आपको वह लाभ नहीं मिलेगा या जिस काम को सार्थक करने के लिए नीलम रत्न (neelam ratna ki pehchan) धारण करने की आप सोच रहे हैं lउस कार्य में शायद आपको सफलता हासिल ना हो यदि यह कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न हुआ तो आपको इसके ना सकारात्मक परिणाम मिलेंगे और ना नकारात्मक परिणाम मिलेंगे तथा आपके पैसे भी डूबेंगे सो अलग क्योंकि नीलम रत्न एक बहुत महंगा रत्न होता है। अतः इसे खरीदने से पूर्व इसके विभिन्न मापदंडों को अवश्य जांच परख लें, या इसके विभिन्न पैमानों को अवश्य जांचे परखे तभी नीलम रत्न को आप खरीदे और धारण करें तो आइए जानते हैं, क्या-क्या गुण प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नीलम रत्न में पाए जाते हैं, तथा इसकी पहचान हम कैसे करेंगे-

1. प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नीलम रत्न (neelam ratna kaisa hota hai) देखने में बहुत ही आकर्षक सुंदर एवं नीले वर्ण का होता है, जब इसे आप सूर्य की रोशनी अथवा चंद्र की रोशनी या किसी भी तरह की रोशनी में रखेंगे तो इससे नीले रंग की रोशनी प्रतीत होती हुई दिखाई देगी, यदि इसके विपरीत आपको इंद्रधनुषी रंग उत्सर्जित होते हुए प्रतीत हो रहे हैं, तो इसका अर्थ है, कि वह एक कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न है।

2. प्राकृतिक रूप से निर्मित नीलम रत्न (neelam ratna dharan karne ke fayde) को जब गाय के शुद्ध दूध में रखा जाता है, या डाला जाता है, तो कुछ घंटों के पश्चात उसका रंग नीले वर्ण का हो जाता है, जबकि आप यदि कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न को गाय के दूध में डालेंगे तो देखेंगे कि उसके रंग में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा है, वह जैसा था वैसा ही सफेद रहता है।

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3. नीलम रत्न (neelam ratna ki price) की प्रवृत्ति गर्म होती है, जिसकी वजह से आप यदि इसे अपने त्वचा पर रगड़ आएंगे तो देखेंगे कि आपको ऊष्मा उत्सर्जित होती हुई प्रतीत होगी जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न में यह विशिष्ट गुण मौजूद नहीं रहता है, आपको यह गुण देखने को उस रत्न में नहीं मिलेगा।

4. प्राकृतिक रूप से निर्मित नीलम रत्न (neelam ratna pahanne ke fayde) में समानांतर रेखाएं मौजूद रहती है, जिसमें आप को प्राकृतिक रूप से निर्मित जाले बिंदु रेखाएं या कोई आकृति बनी हुई दिखाई देगी जबकि यह विशिष्ट गुण कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न में देखने को नहीं मिलता है। शुद्ध नीलम रत्न कभी भी पूरी तरह से प्रदर्शित नहीं होता है, उसमें कुछ ना कुछ निशानियां प्राकृतिक रूप से बनी हुई रहती है।

5. असली नीलम रत्न (neelam ratna ke labh) का घनत्व बहुत अधिक होता हैl प्राकृतिक रूप से नीलम रत्न भले ही देखने में छोटा लगे लेकिन जब आप इसका वजन करेंगे तो आपको लगेगा कि इसका वजन बहुत अधिक होता है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न का वजन उसके आकार के मुकाबले बहुत कम होता है।

 

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6. शुद्ध नीलम रत्न (neelam ratna ki jankari) को जब आपका पर रखेंगे तो देखेंगे कि इसका नीला रंग और अधिक आकर्षित दिख रहा हैl यह अपनी नीली रोशनी मन को मोहने वाली बिखेर रहा है,तथा यह ताप पर रखने के बाद भी यह चटकेगा नहीं या इसमें किसी भी तरह की दरार आपको नहीं दिखाई पड़ेगी, जबकि इसके विपरीत कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न को जब आप ताप पर रखेंगे तो देखेंगे कि उसका आकार परिवर्तन होने लगा है, तथा उस में दरार पड़ जाएगा यह वह चटक जाएगा।

अभिमंत्रित नीलम रत्न कहां से प्राप्त करें –

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