तुलसी माला के फायदे:- Tulsi mala ke
fhayde
सभी घरों के घर आंगन को महक आने वाली तुलसी (tulsi ki mala pahnane ke fayde) का स्थान स्थल बहुत ही पवित्र जगह पर बनाया जाता हैl प्राचीन काल से ही हमारे पूर्वजों के द्वारा तुलसी के पौधे का प्रयोग पूजा के रूप में तथा विविध प्रकार के बीमारियों के उपचार में औषधीय रूप में भी प्रयोग में लाया जाता रहा हैl प्राचीन काल में वास्तु दोषों को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए तुलसी का पौधा प्रयोग में लाया जाता है।
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तुलसी (tulsi ki mala pahanne ke labh) के पौधे को प्रायः हमारे पूर्वजों के द्वारा ब्रह्म स्थान में स्थान दिए जाने की परंपरा रही है lऐसा माना जाता है, कि ब्रह्म स्थान किसी भी मकान का सबसे पवित्र एवं सकारात्मक ऊर्जा का संग्रह रखने वाला स्थान होता है, इसलिए जब हम गांव के घरों को देखते हैं, तो ऐसा पाते हैं, कि ब्रह्म स्थान के चारों ओर ही कमरे बने हुए होते हैं, किंतु घर का जो बीच का भाग होता हैl वह पूर्ण रुप से खाली रहता है, जहां सूर्य की किरणें आती है, तथा चंद्र जब आकाश में अपनी चांदनी बिखेरते है, तब उसकी प्रकाश में रोशनी से पूरा आंगन घर रोशनी युक्त हो जाता है।
जहां-जहां भी तुलसी (tulsi mala pahanne ke fayde) के पौधे की खुशबू पहुंचती है, मन मस्तिष्क को एक अजीब सी शांति अनुभूति प्रदान करती हैl आज हम इस लेख के माध्यम से तुलसी माला के फायदे के बारे में जानेंगे तुलसी भले ही एक छोटा सा पौधा हो किंतु हम हिंदू धर्म में उन्हें तुलसी माला कहकर अलंकृत करते हैं,तुलसी की खेती भी भारत के कई राज्यों में प्रचुर मात्रा में की जाती है, जिससे इससे कई तरह के सामान बनाए जा सके उस में से सबसे अधिक पवित्र तुलसी की माला होती हैl जो तुलसी के डाल से बनाई जाती है। तुलसी के कई प्रकार होते हैं, किंतु हम किसी और लेख में उसकी चर्चा करेंगे आज हम केवल तुलसी माला से मिलने वाले फायदे के बारे में इस लेख में जानेंगे।
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जिस तुलसी (tulsi mala dharan karne ke fayde) के पौधे से हम किसी स्थल के स्पंदन को जान सकते हैं, की जगह की शक्ति सकरात्मक है, या नकारात्मक है, कई जगहों पर वैज्ञानिक रूप से इस बात को सिद्ध भी किया गया है, कि जिस जगह पर तुलसी का पौधा होता हैl उसके इर्द-गिर्द कोई भी नकारात्मक चीज़ें वास नहीं करती हैl इसके साथ ही यह भी पाया गया है, की यदि किसी स्थल कि भूमि नकारात्मक उर्जा से भरी हुई है, तो ऐसे में तुलसी का पौधा पूर्ण रुप से सुख जाता है, चाहे आप जितना भी बार उसे लगाकर रखें वह पुण: सुख जाता हैl ऐसी विशिष्ट गुणों से युक्त यह पौधा जब इतना प्रभावशाली हो सकता है,तो इससे बने हुए माले का प्रयोग करना कैसे प्रभावित कर सकता है, किसी व्यक्ति विशेष को यह आप स्वयं समझ सकते हैं।
आज की नवीनतम पीढ़ी अनात्मवाद-संबंधी चीजों के प्रति बहुत जल्द आकृष्ट होते हैं, तथा जल्द ही इन सभी चीजों की प्राप्ति के लिए वे लोग जी जान लगाकर पर प्रयासरत होने लगते हैंl उन्हें ऐसा लगता है, जैसे जब तक उनके जीवन में पदार्थवादी चीजें नहीं मौजूद रहेंगी lतब तक उनका जीवन असफल है। एक विशिष्ट आधार के बिना ही वे लोग बस इन्हीं सभी चीजों को प्राप्त करने में अपनी उम्र का एक खास हिस्सा गवा देते हैं, किंतु वास्तविक खुशी की प्राप्ति उन्हें नहीं हो पाती है, क्योंकि धन उन्मादाक चीजें वे सभी सुख प्रदान नहीं कर सकती है, जो चीजें हमें अध्यात्म के माध्यम से प्राप्त होती है, इसलिए केवल दिखावटी जीवन जीने के फेर में आज की भावी युवा पीढ़ी अपनी बुद्धिमता को बेकार की चीजों में लगा रही है, इसके साथ ही अपने मंदिर जैसे शरीर को केवल इन सुख संसाधनों को प्राप्त करने में गवा देती है।
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कभी कभी तो स्वास्थ्य को दांव पर लगाकर इस प्रकार की चीज हैl उनके द्वारा हासिल की जाती है, तथा जब उनकी स्थिति उच्च स्तर तक नहीं पहुंचती है lतो ऐसी स्थिति में वे लोग मानसिक अवसाद का शिकार होने लगते हैं, हालांकि केवल भौतिक सुखों को प्राप्त करने के पीछे प्रयासरत में लोगो को ही यह अवसाद जैसी बीमारी शिकार नहीं बनाती है, बल्कि इसमें बच्चे बुजुर्ग महिलाएं पुरुष किसी भी आयु वर्ग के लोग हो सकते हैं।
बदलती दुनिया के परिपेक्ष में इस प्रकार के दुष्प्रभाव देखना संभावित हैl आजकल कोई ना कोई यह बीमारी का शिकार हो रहा हैl लगभग विश्व के आधे से अधिक जनसंख्या में इस प्रकार के रोग देखने को मिल रहे हैं, क्योंकि लोग अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूर्ण नहीं कर पाते हैं, तब वह किसी तरह के संताप से ग्रसित हो जाते हैं, जो आगे चलकर मानसिक वेदना का कारण हो जाता है, कई बार लोगों को विकट परिस्थितियां देखनी पड़ती है, जिसके कारण भी ऐसी वेदना उन्हें देखनी पड़ती है,हो सकता है, कि वे लोग धन की स्थिति से चिंतित हो या अपनी सामाजिक स्थिति से चिंतित हो या मानसिक दबाव उन पर किसी चीज को लेकर बहुत अधिक दिया जा रहा हो या पढ़ाई का दबाव हो या फिर किसी व्यक्ति विशेष से प्रेम विषय में विफलता के कारण भी हो सकते हैं, ऐसे किन्हीं भी कारणों से यदि कोई भी व्यक्ति विशेष गुजर रहा है, तो ऐसी स्थिति में उसे तुलसी (tulsi ki mala dharan karne ke fayde) के पौधे से निर्मित की हुई माला अवश्य धारण करना चाहिएl ऐसा सुकून इसके माध्यम से प्राप्त होता है।
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जिसकी चाह में लोग न जाने कहां-कहां भटकते हैं, जिस भी व्यक्ति के द्वारा तुलसी माला (tulsi mala pehne ke fayde) को धारण किया जाता है, उसे आत्मीय सुख की प्राप्ति होती है, उसे आत्मबोध का ज्ञान प्राप्त होता हैl उसका चित, मन, मस्तिष्क ,हृदय असीम शांति को प्राप्त करते हैं, जिससे उसके जीवन में एक अच्छा ठहराव देखने को मिलता है, एवं इस प्रकार की मानसिक प्रताड़ना प्रदान करने वाली बीमारी मानसिक अवसाद धीरे-धीरे ठीक होने लगता है, यह लोगों में सकारात्मक शक्ति का सृजन करने में सक्षम होता है, जिससे व्यक्ति विशेष स्वयं में इतनी अच्छी अनुभूतियों को प्राप्त करता है कि उस पर नकारात्मक पक्ष हावी नहीं होते हैं, चाहे उसके जीवन में किसी भी तरह की घटना क्यों न घटित हो रही हो किंतु वह सभी तरह के नकारात्मक पहलुओं से अनछुआ रहता है, बिल्कुल सुरक्षित रहता है।
जिसके कारण उसका मन प्रफुल्लित रहता हैl उसका मन विभोर आनंद में डूबा रहता हैl अतः तुलसी की माला (tulsi ki mala pehne ke fayde) का प्रयोग किसी भी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं, बिना किसी भी तरह के दुष्प्रभाव को प्राप्त किए उन्हें अप्रतिम मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
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