13 मुखी रुद्राक्ष की पहचान – 13 Mukhi Rudraksha ki Pahchan

13 मुखी रुद्राक्ष की पहचान – 13 Mukhi Rudraksha ki Pahchan

 

13 मुखी रुद्राक्ष की पहचान – 13 Mukhi

 Rudraksha ki Pahchan

1.13 मुखी रुद्राक्ष (13 mukhi rudraksha ki pahchan kya hai) पर प्राकृतिक रूप से 13 धारिया उपरी हुई रहती हैं, बिना किसी त्रुटि के वे सभी धारियां एक से दूसरी जगह तक पूरी तरह से स्पष्ट रूप से रहती हैं, तथा सभी 13 मुख की धाड़ियों में समान स्थान स्थापित होता है, जबकि यदि इस तरह से किसी रुद्राक्ष में नहीं हैl तो इसका तात्पर्य है, कि वह एक मुखी रुद्राक्ष है, ऐसे ही उसमें इस बात की भी जांच अवश्य करें कि कोई मशीनी कारीगरी के द्वारा तो नहीं उसके ऊपर इस प्रकार की रेखाएं बना दी गई है कई बार लोभ वश लोगों के द्वारा किसी भी तरह की लकड़ी के द्वारा कृत्रिम रूप से रुद्राक्ष बनाया जाता है, तथा कृत्रिम रूप से ही इस प्रकार की संरचना प्रदान की जाती है, कि वह बिल्कुल रुद्राक्ष के समतुल्य प्रतीत होता हैl अतः मशीनी चीजों से बनाई हुई रुद्राक्ष में किसी न किसी तरह के मशीनों की कटाई के निशान अवश्य रहते हैं lइसके आधार पर आप जान सकते हैं कि आपके द्वारा रुद्राक्ष खरीदा गया असली है या नकली है।

इसे भी पढ़िए:- फिरोजा रत्न के फायदे 

2. रुद्राक्ष में ऐसे गुण होते हैं, जिसके कारण उसके गुण धर्म उसे किसी भी कठिन परिस्थिति में रखने पर भी परिवर्तित नहीं होते हैं, जैसे उसका रंग यदि 13 मुखी रुद्राक्ष (13 mukhi rudraksha ki pahchan kaise kare) को खोलते हुए पानी में डाला जाए तो उसके रंग में आपको परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा चाहे आप उसे कितनी भी देर तक खोलते हुए पानी में उबाल लें किंतु रुद्राक्ष अपनी वास्तविक पहचान, महक को नहीं खोता है।

3. रुद्राक्ष को जब कड़ी धूप में रखा जाता है lतब भी उस में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिलता है। जबकि नकली रुद्राक्ष कड़ी धूप में कुछ घंटों के रखने के पश्चात जिस प्रकार लकड़ी में दरार पड़ जाती है, उसी प्रकार उसमें भी दरार आपको नजर आएगी।

4.13 मुखी रुद्राक्ष (13 mukhi rudraksha ko kaise pahchane) की एक बात और खास होती है, जब आप इसके संपर्क में आते हैं, तो आपको तनाव चीजों का अनुभव होगा जबकि यदि रुद्राक्ष जो आपके हाथों में है lयदि कृत्रिम रूप से निर्मित हुआ तो इस प्रकार की अद्वितीय अनुभूति आपको प्राप्त नहीं हो सकती है।

5. रुद्राक्ष (13 mukhi rudraksha dharan karne ke fayde) की सत्यता परखने के लिए और भी कई मापदंड है, जिन्हें अपनाए जा सकते हैं, जो कि कई प्रकार की प्रयोगों के बाद वैज्ञानिक शोधों के द्वारा भी प्रमाणित हो चुका है lइसका प्रयोग हमारे साधु-संतों हमारे देश के आदरणीय सम्माननीय तपस्वीयों के द्वारा न जाने कितने ही वर्षों से किया जाता रहा हैl भले ही हम कहने को आधुनिक मानव के रूप में खुद को अलंकृत करते हैं, किंतु जब कभी भी प्राचीन सभ्यता एवं प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन करते हैं, तब खुद को उनके समक्ष बहुत ही निम्न पाते हैं, ऐसे ही कई ऐसे शोध जो रुद्राक्ष पर हुए हैं।

इसे भी पढ़े:- रुद्राक्ष क्या है, रुद्राक्ष के प्रकार उनके शक्तिशाली फायदे और धारण करने की विधि 

उन से न केवल भारतीय आम लोग आश्चर्यचकित हैं, बल्कि विश्व की कई ऐसी प्रख्यात विश्व विद्यालय भी इन सभी से प्राप्त साक्ष्यों से आश्चर्यचकित है, कि क्या किसी मनका में इतना ताकत हो सकता है, क्या कोई रुद्राक्ष इतना शक्तिशाली हो सकता है, जो इतनी प्रभावशीलता से किसी सकारात्मक एवं नकारात्मक चीज में फर्क कर दें lयदि आपको लगता है, कि आपके हाथ में पकड़ा हुआ रुद्राक्ष असली है, तो सबसे पहले दो पात्र में जल ले एक पात्र में स्वच्छ एवं सात्विक जले दूसरे पात्र में विभिन्न प्रकार के रसायनिक घोल को तैयार कर उसे दूसरे पात्र में डाल दें lउसके बाद रुद्राक्ष को आप एक लाल धागे से बांध कर पहले पहले पात्र के ऊपर रखें lपहले कुछ मुद्दों के लिए तो कुछ भी प्रतिक्रिया आपको नहीं दिखाई पड़ेगी किंतु यदि जल पूरी तरह से शुद्ध एवं सात्विक होगा तो रुद्राक्ष (13 mukhi rudraksha ki jankari) घड़ी की सही दिशा में घूमने लगेगा उसमें यह गति स्वयं ही उत्पन्न होती है।

इसके बाद जब आप इस प्रयोग से संतुष्ट हो जाए तब दूसरे पात्र में मौजूद रासायनिक गुणों से युक्त जल के पात्र को अच्छे से रख कर उसके ऊपर फिर से रुद्राक्ष को रखें आप देखेंगे कि रुद्राक्ष घड़ी की उलटी दिशा में घूम रहा है, जिसका तात्पर्य है, कि यह किसी के समय को परिवर्तित कर देने वाला पेय पदार्थ है। यदि किसी के द्वारा इसे ग्रहण किया गया तो उसके जीवन में इसी प्रकार से विपत्तियां उत्पन्न हो सकती है, या उसकी जीवन की लीला भी समाप्त हो सकती है l इसके द्वारा प्राप्त किए गए विश्लेषणात्मक नतीजा पूरी तरह से प्रमाणित करते हैं, कि रुद्राक्ष (13 mukhi rudraksha ke fayde) असली है lयदि ऐसी कोई अनुभूति आपको रुद्राक्ष के द्वारा नहीं प्राप्त हो रही है, तो उसका तात्पर्य है, कि वह एक नकली रुद्राक्ष है, उसमें प्रकृति के द्वारा दिए गए यह अलौकिक गुणों की कमी है और वह विभिन्न प्रकार के यंत्रों के माध्यम से निर्मित एक को रुद्राक्ष के समतुल्य मनका है।

इसे भी पढ़े:- 6 मुखी रुद्राक्ष के अदभुत फायदे 

6. 13 मुखी रुद्राक्ष (13 mukhi rudraksha kaisa hota hai) पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से निर्मित है, या कृत्रिम रूप से निर्मित हैl इस बात की स्पष्टता हम एक और प्रयोग के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं, सबसे पहले दो भूमि का चयन करें 1 भूमि पूरी तरह से उच्च एवं सात्विक ऊर्जा का पुंज होना चाहिएl जैसे मंदिर दूसरा स्थान ऐसी जगह का चयन करें जहां आपने सुना है कि असाधारण गतिविधियां बहुत ही अधिक होती है, जिसके कारण उसे स्थल पर कोई भी अधिक अवधि तक टिक नहीं पाता हैl ऐसे स्थान का चयन करें अब रुद्राक्ष को पहले मंदिर के स्थल पर लाल धागे से बांध कर उसे लटकाए आप देखेंगे कि मंदिर जैसे पवित्र स्थान सकारात्मक एवं सात्विक शक्तियों का निवास स्थल होता है, इसलिए वहां पर रुद्राक्ष की प्रतिक्रिया आपको आश्चर्य में डाल सकती है।

रुद्राक्ष घड़ी की सीधी दिशा की ओर घूमता हुआ प्रतीत होगा या फिर उसमें कोई भी प्रतिक्रिया दिखाई नहीं देगी, जिसका अर्थ है, कि वह भूमि बहुत ही उत्तम है, वह भूमि देवभूमि के समान है, जबकि दूसरा स्थान जो असाधारण गतिविधियों से परिपूर्ण है lउस जगह पर आप रुद्राक्ष को धागे से बांधकर लटकएंगे तो देखेंगे कि रुद्राक्ष की प्रतिक्रिया बहुत त्वरित हो रही है, तथा वह घड़ी की उल्टी दिशा में घूम रही है, जिसका अर्थ है, कि यह भूमि ऐसा है, जहां किसी का भाग्य ही विमुख हो सकता है, किसी का कर्म ही विमुख हो सकता है lउसका जीवन उसका सब कुछ पूरी तरह से छिन हो सकता है lवह भूमि रहने योग्य नहीं है, यदि आपको दोनों स्थल में से किसी भी स्थल में किसी तरह की प्रतिक्रिया दिखाई नहीं पड़ रही है, तो उसका अर्थ है, कि वह एक नकली रुद्राक्ष है, तभी उसमें उच्च स्पंदन जैसी क्रिया मौजूद नहीं है।

 

Leave a Reply