नीलम रत्न कौन सी धातु में पहनना चाहिए –
Neelam Ratna Kaun Si Dhatu Me
Pahanna Chahiye
नीलम रत्न (neelam ratna kis dhatu me pahne) कौन सी धातु में पहनना चाहिए जिससे हमें इसके अत्यधिक लाभ प्राप्त हो सके। नीलम रत्न में वैसे तो बहुत सी खूबियां मौजूद रहती है, किंतु यदि यह किसी निश्चित धातु के साथ पिरोया जाए तो उसकी शक्तियां दोगुनी हो जाती हैl आज हम जानने का प्रयास करेंगे कि ऐसी कौन सी धातु है, जो नीलम रत्न के शक्तियों को और भी बड़े पैमाने पर बढ़ाने की क्षमता रखता है।
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1. नीलम रत्न जिस भी जातक के द्वारा धारण किया जाता है, उसमें अनेक बदलाव आने लगते हैं, जो उसके विचारों को एक नया आयाम प्रदान करते हैं, उसके विचारों में नवीनता आती है।
2. नीलम रत्न (neelam ratna kis dhatu me pahne jata hai) जिस भी जातक के द्वारा धारण किया जाता है, उसके जीवन में रुपयों पैसे से संबंधित विभिन्न प्रकार की परेशानियां समाप्त होने लगती हैl उसकी आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत होने लगती है, धन संजीत होने लगता है।
3. नीलम रत्न (neelam ratna kis dhatu me dharan karen) से जातक में धैर्य की वृद्धि होती है lवह एक धैर्यवान व्यक्ति के रूप में जाना जाता है, तथा विषम से विषम परिस्थितियों में भी मानसिक स्थिति को टूटने नहीं देता है, ना ही कमजोर होने देता है, तथा समस्याओं का समाधान सोच समझकर धैर्य के साथ करता है।
4. नीलम रत्न (neelam ratna kis dhatu me pahan sakte hai) जिस भी जातक के द्वारा धारण किया जाता है, उसे नए-नए रचनात्मक विचार आते हैं, जिसको वह धरातल पर उतारकर वह अपनी सफलता का एक नया कीर्तिमान रचता है।
5. नीलम रत्न को धारण करने वाला जातक शारीरिक रूप तथा मानसिक रूप से काफी मजबूत होता है।
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6. नीलम रत्न (Neelam Ratna Kaun Si Dhatu Me Pahanna Chahiye) शनि ग्रह के विभिन्न शक्तियों को अवशोषित करता है, जिसकी वजह से यह रत्न जिस भी जातक के द्वारा धारण किया जाता हैl उसके व्यक्तित्व में अद्भुत रूपांतरण देखने को मिलता है, उसका चमत्कारिक एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व की ओर लोग आकर्षित होते हैं, तथा उसके विचारों को समझते हैंl उसके द्वारा किए गए कार्यों की खूब सराहना करते हैं, उसके मान सम्मान में वृद्धि होती है, तथा समाज में उसका अपना एक औदा होता है।
7. नीलम रत्न (Neelam ratna ki jankari) के औषधीय गुण भी कुछ कम नहीं है,इस रत्न को धारण करने से विभिन्न प्रकार की बीमारियां खत्म होती है, जैसे- अनिद्रा, पागलपन, चिड़चिड़ापन मानसिक अवसाद और वायु संबंधित विभिन्न प्रकार की बीमारियां इसे धारण करने से समाप्त होती हैं।
8. नीलम रत्न (neelam ratna ke fayde aur nuksan) को धारण करने से एकाग्रता बढ़ती है, तथा दिमागी उलझन से छुटकारा मिलता है, एकाग्र होकर कार्य करने से सफलता प्राप्त होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
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9. नीलम रत्न को धारण करने से मन बहुत शांत रहता है, तथा दिमाग में खराब विचार नहीं आते हैl
10. जिस भी जातक के द्वारा नीलम रत्न (neelam ratna ki jankari in hindi) को धारण किया जाता हैl उसका अध्यात्मिक स्तर भी धीरे-धीरे बढ़ने लगता हैl विभिन्न चीजों को छोड़कर लोग अध्यात्मिक चीजों की ओर जाने लगते हैं, जिससे उन्हें परम आनंद का अनुभव होता है।
11. नीलम रत्न (neelam ratna dharan ke labh aur hani) को धारण करने से रोजी रोजगार संबंधित विभिन्न प्रकार की परेशानियों का खात्मा होता है, तथा हम एक अच्छे रोजगार को सृजित करने अथवा प्राप्त करने में सफल हो पाते हैं, किंतु यदि यह रत्न किसी के कुंडली के अनुकूल नहीं हुआ तो उस परिस्थिति में इस रत्न के बहुत से नुकसान हो सकते हैं-
12. यदि सूर्य और शनि की युक्ति जब बनती है, तो ऐसी परिस्थिति में यदि जातक के द्वारा यह रत्न धारण कर लिया जाता है, तो ऐसी परिस्थिति में उसे बहुत सी खराब परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें उसे बहुत क्षति होती है, यह क्षति शारीरिक मानसिक या आर्थिक या सामाजिक पद प्रतिष्ठा की भी हो सकती है।
13. जब शनि का राहु के साथ किसी की कुंडली में कोई योग बन रहा है, और उसके द्वारा नीलम रत्न धारण कर लिया जाता है, तो ऐसी परिस्थिति में उसे विभिन्न प्रकार की बीमारियां घेरने लगती हैl गुप्तांगों से संबंधित तथा गर्भाशय, किडनी से संबंधित विभिन्न बीमारियों में वह उलझ कर रह जाता है, उसे कोई दवाइयों का भी अच्छा परिणाम देखने को नहीं मिलता है।
14. यदि किसी की कुंडली में शनि ग्रह प्रथम भाव में नीच का है, और ऐसी परिस्थिति में किसी के द्वारा नीलम रत्न (Neelam ratna pahanne ke labh) धारण कर लिया जाता है, तो उसे किसी के बिच्छोह को सहना पड़ता है, जिसकी वजह से वह भावनात्मक स्तर पर पूरी तरह से टूट जाता है, एवं मानसिक अवसाद जैसी बीमारियों का शिकार हो जाता हैl उसमें पागलपन, चिरचिरापन, अनिद्रा, डरावने सपने आना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं, कभी-कभी यह बड़े स्तर पर बढ़कर बड़ी घातक साबित होते हैं, ऐसी परिस्थिति में जातक के द्वारा आत्महत्या जैसी बड़ी घटनाओं को अंजाम भी दे दिया जाता है।
15. किसी के कुंडली के अनुकूल नीलम रत्न (neelam ratna kis dhatu dharan kiya jata hai) नहीं हुआ ऐसी परिस्थिति में उसके जीवन में बहुत से अनावश्यक चीज घटने लगेगी lविभिन्न प्रकार की तनाव से वाह गुजरने लगेगा lआकस्मिक दुर्घटनाओं से वह आहत रहने लगेगा lदिन प्रतिदिन उसे आर्थिक क्षति , मानसिक क्षति तथा पद प्रतिष्ठा एवं मान सम्मान से संबंधित चीजों में भी छति होने लगती है, घर परिवार में भी कलह का माहौल बना रहता है। कार्यस्थल हो या घर परिवार के लोग कहीं भी उसे किसी से भी सहयोग प्राप्त नहीं होता हैl शारीरिक स्वास्थ्य भी धीरे-धीरे गिरने लगता है, उसे बहुत सी बीमारियां अपनी चपेट में लेने लगती है।
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नीलम रत्न (neelam ratna kis dhatu me dharan karna chahiye) को पहचानने के विभिन्न पैमाने हैं, जो उसे खरीदते वक्त हमें अवश्य अपनाना चाहिए जिससे हम प्राकृतिक रूप से निर्मित नीलम रत्न खरीद सकें-
16. प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नीलम रत्न गाय के शुद्ध दूध को नीला रंग में परिवर्तित करने की क्षमता रखता है।
17. इसका घनत्व कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न (neelam ratna pahanne ke fayde) से कहीं अधिक होता है, जिसकी वजह से यदि आप कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न और प्राकृतिक रूप से निर्मित नीलम रत्न का वजन जब आप करेंगे, तो पाएंगे कि प्राकृतिक रूप से निर्मित नीलम रत्न का वजन अधिक है, जबकि कृत्रिम रूप से निर्मित नीलम रत्न का वजन काफी कम है, भले ही वह देखने में बड़ा लगे।
18. यह देखने में बहुत ही आकर्षित सुंदर मनभावन एवं अद्वितीय रुप से चमकने वाला रत्न होता है।
नीलम रत्न को प्रायः चांदी, पंचधातुओं तथा सोने में धारण किया जा सकता है, यदि प्लैटिनम हुआ तो सोने पर सुहागा यह रत्न साबित होता है।