सफेद गुंजा की पहचान – Safed Gunjaa ki Pehchan

सफेद गुंजा की पहचान – Safed Gunjaa ki Pehchan

 सफेद गुंजा की पहचान – Safed Gunjaa ki

 Pehchan

सफेद गुंजा की पहचान – (safed gunja ki pahchan in hindi) दोस्तों कई लोगों का यह सवाल होता है। सफेद गुंजा की पहचान कैसे करें, तो चलिए आज हम जानते है, कि सफेद गुंजा को पहचानने का सही तरीका क्या है, क्योंकि अगर हम सही गुंजा की पहचान नहीं कर पाते हैं, तो हम उसके मिलने वाले लाभ से वंचित रहते है। हम जाते हैं, असली गुंजा को लाने जाते हैं, मगर हमें असली गुंजा नहीं दिया जाता है, ना पहचानने की वजह से, जिससे कि हम उसे घर में लाते हैं, और अगर घर लाने के बाद फायदा नहीं होता है, तो परेशान रहते हैं। कि क्या समस्या है, जो इसका फायदा हमें नहीं हो रहा है।

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अगर फायदा हो रहा है, तो हमें देख क्यों नहीं रहा है, इसका फायदा न होने का क्या कारण है, क्या हम कुछ गलती किए हैं, या इसका गलत तरीके से उपयोग कर रहे हैं, जिसके कारण हमें फायदा नहीं हो रहा है। इन सभी सवालों से हम परेशान रहते हैं, तो इसके बाद बहुत से लोगों का यह सवाल होता है। कि हम सही गूंजे की पहचान कैसे करें, जिससे कि हमें फायदा हो, तो हम आपको यह बता दे कि सबसे पहले आपको यह जानना होगा, कि गुंजा क्या होता है? वह कैसा दिखता है,

 

 

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और गुंजा का उत्पादन कहां होता है, तो आइए इन सभी सवालों का जवाब क्या होगा, हम यह जानने की कोशिश करते हैं।

गुंजा क्या है? गुंजा (safed gunja ki pahchan kya hai) एक मोती है, और इसका पेड़ नहीं बल्कि लता होता है,जो इसकी लता किसी दूसरे चीज के सहारे ऊपर चढ़ती है। इसका बीज सेम के बीज जैसा होता है, इसका आकार सेम के बीज से बहुत छोटा होता है, और सारे गूंजे का आकार अलग- अलग होता है। गूंजी में आंख होती है,जो की टोपी जैसा होता है। अरे इसमें छेद भी होता है, जिससे की माला बनाया जा सके।

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इसके बीच पक जाने पर इसकी लता शुष्क हो जाती है, यानी लता में नमी आ जाता है, और यह गुंजा एक ही में 5 से 6 दाने रहते हैं। ऐसे तो गूंजे के कई प्रकार होते हैं, लेकिन सफेद गुंजा बहुत ही कम मिलता हैं।

(सफेद गुंजा की पहचान):- safed gunja ki pahchan 

यदि सफेद गुंजा को पचाने का सबसे आसान और सटीक तरीका यह है, कि आप उसे पानी में भिगो दें और कुछ देर तक उसे पानी में ही रहने दे और उसके बाद उसे पानी से निकाल ले और देखें कि वह फुला है, या नहीं, अगर वह फूल चुका है, तो वह असली गुंजा है, और अगर नहीं फूला है, तो इसका मतलब वह नकली गुंजा है, और अगर आपको उस वक्त पानी का साधन नहीं मिलता है। तो आप यह देखें कि सभी गुंजा अलग-अलग है, या नहीं, क्योंकि असली गुंजा (safed gunja ki pahchan kaise kare) की सबसे अच्छी पहचान यह है, कि वह कभी भी एक समान नहीं होता है।

हर गूंजे का आकार अलग – अलग होता है, और अगर आपको आपको सभी गुंजा एक समान दिखती हैं। तो इसका मतलब यह है, कि वह असली गुंजा नहीं है, और अगर आपको यह समझ में ना आए की यह कैसा है, तो इसका एक आसान तरीका और है। आप गुंजा (safed gunja kya hai) का एक दाने को हाथ में लिजिए। और उसे दीवार पर या कहीं भी घिसिए अगर घिसने पर इसका रंग में बदलाव आता है। इसका मतलब की वह असली गुंजा नहीं है। और अगर इसका रंग में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है इसका मतलब यह असली गुंजा है, क्योंकि असली गूंजे का रंग में कभी भी बदलाव नहीं होता है। मुझे यकीन है, की आप अब इसे पहचानने में कोई गलती नहीं करेंगे। और अगर आप इसे पहचानने में कोई नहीं करेंगे तो इसका फायदा आपको होगा ही होगा।

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(सफेद गुंजा की पहचान):-

सफेद गुंजा (safed gunja ko kaise pahchane) की पहचान यह भी है, की इसकी ऊपर की जो परतें होती है, वह काफी कठोर होती है, तो आप यह गुंजा खरीदते समय यह अवश्य देख लें, कि उसकी जो परतें हैं, वह कठोर है, या नहीं है, यह सबसे आसान और सटीक सा तरीका है, गूंजे को पहचानने की। इसे कोई भी पहचान सकता है। इसी पहचानने में कोई समस्या नहीं है। बहुत ही आसानी से पहचाना जा सकता है, और अगर आप इसका सही पहचान करते हैं, तो आपका बहुत फायदा होगा क्योंकि गूंजे का बहुत फायदा है।

पर सबसे अहमदाबाद आपको यह याद रखनी है, कि इसे गलती से भी अपने मुंह में नहीं ले, हां इसकी खाने के बहुत फायदे हैं, लेकिन यह उनके लिए जिनकी इसकी आवश्यकता है,जिनको इसकी आवश्यकता नहीं है। वह नहीं खा सकते हैं, क्योंकि यह एक दवा है, तो यह जहर भी है। खाने के बहुत फायदे हैं, अगर गलत इंसान खा ले तो इसका नुकसान भी हो सकता है, और खाने के बाद आप को बहुत नुकसान होगा। इसका बुरा असर बहुत जल्द दिखने लगेगा अगर आप इसे तब खा लिए जब आपको इसे खाने की जरूरत नहीं है।

(सफेद गुंजा की पहचान):- Safed Gunjaa ki Pehchan

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सफेद गुंजा (safed gunja ke fayde) का उत्पादन गांव में होता है, और जंगली क्षेत्र में होता है, और इसका बीज रोपण सावन में होता है, और इसकी कटाई चैत और फागुन के माह में होता है, और इसकी कटाई पूरे 8 महीने मैं पूरा होने पर काटी जाती हैं। इसके पत्ते छोटे-छोटे होते हैं, इसे ऊंचे स्थान पर लगाया जाता है। गांव के लोग इसे चोटली भी बोलते हैं। सफेद गुंजा काफी फायदेमंद है, इसकी माला भी बनाई जाती है। गूंजी का स्वाद कड़वा होता है। गुंजा को खाने से कफ और वात दोष को ठीक करने में काफी मददगार बताया गया है।

और इसे इन बीमारियों को ठीक करने के लिए चमत्कारी दवा भी बताया गया तो आप इनका सही पहचान करें, और इसका लाभ उठाएं। इससे आपको अनगिनत फायदे हो सकते हैं। बस आप इनका सही पहचान करने में कोई गलत ही ना करें। गुंजा का आपके जीवन में बहुत ही फायदा है, और चुकी इससे कई तरह की बीमारियां ठीक होती है, और अगर आप गुंजा खरीदते समय इन चीजों का ध्यान रखेंगे तो मेरे ख्याल से आप को यह पहचानने में कोई गलती नहीं होगी और गलत गुंजा आपको नहीं मिलेगा आपको सही गुंजा (safed gunja ke upay) ही मिलेगा मुझे आशा है, की आपके सवालों का जवाब मिल गया होगा।

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