टाइगर स्टोन के नुकसान – Tigar Stone Ke
Nuksan
टाइगर स्टोन के नुकसान- टाइगर स्टोन एक ऐसा रत्न है, जो देखने में बहुत ही सुंदर एवं आकर्षक होता है lइस दिव्य रत्न की कांति बिल्कुल बाघ के नेत्रों के समान होता है, तथा बाग के छालों के समान इसका रंग काला एवं पीला का मिश्रण होता हैl प्राकृतिक रूप से प्राप्त टाइगर आई रत्न इतने अधिक ऊर्जावान होते हैं, कि जब इसे चुंबक के पास ले जाया जाता है, तब इसमें गति आसानी से देखने को मिलता हैl कभी-कभी यह उसकी ओर आकर्षित होकर चिपक जाते हैं, क्योंकि इनमें प्राकृतिक रूप से चुंबकीय तत्व पाए जाते हैं, जिसकी वजह से उसमें यह गुण देखने को मिलता है, इस का और भी प्रकार होता हैं, जो काले एवं नीले रंग का मिश्रण होता है, जो की बहुत ही दुर्लभ हो होता है।
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बहुत दुर्लभ स्थितियों में टाइगर रत्न (Tigar Stone Ke Fayde Or Nuksan) पाया जाता है, जब हम इसे उलट-पुलट कर देखते हैं, तब इसकी जो धारियां होती है, वह हर ओर से एक समान दिखाई पड़ती है, एवं जब प्रकाश की किरण है, इसके ऊपर गिरती है, तब यह प्रकाश को उत्सर्जित करने के बजाय उसे अवशोषित कर लेता है, जिससे इसकी चमक और अधिक बढ़ जाती है, हर एक पत्थर में प्राकृतिक रूप से आकृतियां बिंदु आदि बनी रहती है, जो उसे विशिष्ट बनाती है, कभी भी एक समान टाइगर आई के स्टोन आपको देखने को नहीं मिलते हैं, उसमें कुछ ना कुछ विविधता आपको अवश्य देखने को मिलता है, जो उसे बाकियों से भिन्न बनाता है।
प्राकृतिक रूप से निर्मित कैट्स आई का घनत्व बहुत अधिक होता है, तथा उस का गलनांक भी घनत्व अधिक होने की वजह से अधिक होता है, इसकी ऊर्जा की तुलना पन्ना रत्न से की जाती है, जो इसे और भी बहु उपयोगी एवं खास बनाती है, यह एक ऐसा स्टोन है, जो त्वरित गति से अपने प्रभाव दिखाता हैl
इसका उपयोग मुख्यतः रूबी रत्न के उपरत्न के रूप में किया जाता है, क्योंकि बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होते हैं, तथा उन्हें रत्नों की सही पहचान नहीं होती है, ऐसे में उनके पैसे भी बेकार जाने की डर रहते हैं, जिसकी वजह से वह लोग इस उपरत्न को धारण करना अधिक पसंद करते हैं।
इसकी भी विशिष्ट शक्तियों को देखते हुए इसे विभिन्न प्रकार से अभिमंत्रित कर धारण किया जाता है, केवल कोई खास ग्रह को यह निरूपित नहीं करता है, बल्कि नौ ग्रहों एवं उपग्रहों के लिए इसे धारण किया जा सकता है, जातक जिस भी ग्रह की ऊर्जा को प्राप्त करना चाहता है, या जिस भी ग्रह को निष्क्रिय अवस्था से गतिमान बनाना चाहता है।
उसके मंत्रों से अभिमंत्रित कर टाइगर रत्न (tigar ratna ke nuksan in hindi) को विधिवत तरीके से विशेष दिन पर धारण करता है, जिससे उस विशिष्ट ग्रह से संबंधित कार्य उसके जीवन में पूर्ण हो तथा उसकी महत्वाकांक्षाओं को टाइगर रत्न पूर्ण करें, किंतु कभी-कभी ऐसा भी होता है, कि हमारे द्वारा धारण किया जाने वाला स्टोन प्रतिकूल प्रभाव देने लगता हैl वह सकारात्मक प्रभाव दिखाने की जगह हमारे ऊपर नकारात्मक प्रभाव दिखाने लगता है, जिसकी वजह से हमें बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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ऐसी स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब हमारे द्वारा बिना जानकारी के कोई भी रत्न धारण कर लिया जाता है, वैसे यह एक ऐसा रत्न है, जो बहुत ही कम लोगों पर अपना दुष्प्रभाव दिखाता है, अन्यथा यह ऐसा रत्न है, जिसे धारण करने से पूर्व कुंडली का अवलोकन कराना आवश्यक नहीं होता है, बिना किसी विशिष्ट अवलोकन के भी बहुत से लोगों के द्वारा टाइगर रत्न आसानी से धारण किया जा सकता है, केवल उन्हें विशिष्ट मंत्रों का जाप कर उसे अभिमंत्रित एवं प्रतिष्ठित करना होता है, उसके बाद वह उसे धारण कर सकते हैं, किंतु कभी-कभी टाइगर रत्न के बहुत अधिक दुष्प्रभाव कुछ जातकों को देखने को मिलते हैं अतः अपनी लग्न कुंडली का विश्लेषण करवाए हैं, या बिना किसी विद्वान व्यक्ति की सलाह लिए ही बिना इसे धारण करने से बचना चाहिए अन्यथा ऐसी परिस्थिति में जातक को बहुत से निम्नलिखित नुकसान जातक को हो सकते हैं।
1. सोचने समझने की शक्ति क्षीण होने लगती है, तथा जातक बेकार के उलझनो में फंसकर अपनी ऊर्जा बर्बाद करता है, एवं अपने लक्ष्य से भटक जाता है।
2. किसी भी कार्य को करते वक्त उसका बुद्धि विवेक काम नहीं करता है, या उसका मन पूरी तरह से विचलित रहता है, जिसकी वजह से उसके द्वारा लिया जा रहा निर्णय भी गलत हो जाता है, उसकी निर्णायक क्षमता पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो जाती है।
3. तंत्र बाधा ऊपरी बाधाओं प्रेत बाधा या नजर दोस, टोना टोटका संबंधित चीजों का जातक के ऊपर बहुत अधिक गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है, जिसकी वजह से जातक को विचित्र चीजों का आभास होने लगता है, एवं विचित्र चीजें हर वक्त उसके साथ घटित होने लगती है।
4. वह बात बात पर घबरा जाता है, उसे घबराहट महसूस होती है, तथा डर प्रवृत्ति उस पर हावी होने लगती है, डर, कायरपन उसके व्यक्तित्व का एक अभिन्न अंग बन जाता है, जिससे वह चाहकर भी मुक्त नहीं हो पाता है।
5. बिना मतलब के झगड़े झंझट वाद-विवाद वैचारिक मतभेद जैसी स्थिति में वह फस जाता है, जिसकी वजह से उसी का आर्थिक क्षति एवं मानहानि संबंधित योग बन जाते हैं, जिसकी पीड़ा सहन करना उसके बस की बात नहीं होती हैl इसके साथ-साथ उस स्थिति पर अपना नियंत्रण स्थापित करना भी उसके बस की बात नहीं होती है, उसके क्रियाकलापों से स्थिति और भी अधिक बिगड़ जाती है।
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6. आकस्मिक दुर्घटनाएं घटने लगती है, जिससे जातक अपना होशो हवास खो बैठता हैl आकस्मिक चोट आदि उसकी स्थिति को और अधिक खराब बना देते हैंl विभिन्न प्रकार के रोगों से उसका शरीर ग्रसित होने लगता है lमानसिक स्थिति भी खराब होने लगती है, तथा अवसाद जैसी स्थिति में जातक पहुंच जाता हैl उसमें बहुत अधिक गुस्सा बढ़ जाता है, पागलपन एवं चीखने चिल्लाने जैसी स्थिति आम हो जाती है, जिसकी वजह से जातक अपने घर परिवार के लोगों से भी बहुत दूरी बना लेता है, एवं भावनात्मक स्तर पर खुद को बहुत अधिक अकेला पाता है, जिससे उसका शारीरिक स्वास्थ्य हो या मानसिक स्वास्थ्य दिनों दिन गिरता चला जाता है।
7. बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो भविष्य की चिंता में डूबे रहते हैं, एवं उन्हें रहता है, कि उनके साथ भविष्य में कुछ ना कुछ बुरा घटने वाला है। टाइगर रत्न (tigar ratna ke nuksan) धारण करने से ऐसी मानसिक प्रवृत्ति से जातक को छुटकारा मिलता है, तथा वह मानसिक रूप से मजबूत होता है, एवं अपनी पूरी ऊर्जा का प्रयोग व वर्तमान के कार्यों को पूर्ण करने में लगाता है।
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8. टाइगर रत्न विद्यार्थियों के लिए बहुत व्यापक रूप से चमत्कारिक मनी की तरह कार्य करता है, तथा उनकी एकाग्रता शक्ति में वृद्धि करता है, इसके साथ-साथ विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति भी मजबूत होती है
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