4 मुखी रुद्राक्ष धारण विधि – 4 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi

4 मुखी रुद्राक्ष धारण विधि – 4 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi

 

 4 मुखी रुद्राक्ष धारण विधि –  4 Mukhi

 Rudraksha Dharan Vidhi

4 मुखी रुद्राक्ष धारण विधि – (4 mukhi rudraksha dharan karne ki vidhi) 4 मुखी रुद्राक्ष को किसी भी व्यक्ति विशेष के द्वारा धारण किया जा सकता है, ऐसे लोग जो खोजी प्रवृत्ति के होते हैं, जो हर वक्त किसी न किसी ने खोज में संलग्न रहते हैं। नई -नई चीजों पर प्रयोग करना एवं उनकी खोज करना उनकी आदतों में शामिल होती हैl ऐसे लोगों के लिए 4 मुखी रुद्राक्ष बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है lयह उनकी रचनात्मक शैली को और अधिक प्रबोध बनाता हैl चारों दिशाओं से प्रसिद्धि प्राप्त करने के लिए 4 मुखी रुद्राक्ष बहुत ही लाभदायक होता हैl केवल इसका आध्यात्मिक रूप से ही नहीं बल्कि विभिन्न रूपों में इसका लाभ कई गुना हमें प्राप्त होता हैl यह विद्यार्थी वर्ग हो या नेतागण हो या वैज्ञानिक हो या वक्ता हो या कलाकार हो या विपणन से संबंधित लोग सभी को अच्छे लाभ प्रदान करता है, या उनकी वाकपटुता शक्ति तथा वाक् सिद्धि।

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में महारत हासिल करने में मदद करता हैl 4 मुखी रुद्राक्ष (4 mukhi rudraksha kaisa hota hai) एक ऐसा रुद्राक्ष होता है, जो किसी भी व्यक्ति विशेष के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो सकता हैl चाहे वह व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन करता हो या वह व्यक्ति अपनी घर गृहस्ती को सुचारू रूप से चलाना चाहता हो या वानप्रस्थ में अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता हो या सन्यास ले कर प्रभु का वंदन करना चाहता हो, सभी में यह चमत्कारिक रूप से कारगर होता हैl इसे धारण करने से लोग अपने कार्यों के प्रति काफी समर्पित होते हैंl अपने कर्तव्य को लेकर काफी सजग होते हैंl इसमें विद्यमान गुप्त शक्तियां जातक को कभी भी निराशा जैसी स्थिति में डूबने नहीं देते हैंl यह उसके मन- मस्तिष्क में हमेशा अच्छे विचारों को उत्पन्न करने के लिए प्रेरित करते हैंl इसके साथ ही उसकी कार्य शक्ति की क्षमता बहुत अधिक रहती है lअपने कार्यों के प्रति अपने जिम्मेदारियों के प्रति अपने व्यक्तिगत जीवन हो या पेशेवर जीवन सभी के प्रति 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले लोग प्रतिबध रहते हैं।

4 मुखी रुद्राक्ष धारण विधि- 4 Mukhi Rudraksha Dharan Vidhi

1. 4 मुखी रुद्राक्ष को सोने चांदी या पंच धातु में धारण करना सर्वोत्तम माना जाता है, या आप चाहे तो इसे लाल या पीले रंग के धागे में भी धारण कर सकते हैं।

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2. यदि 4 मुखी रुद्राक्ष (4 mukhi rudraksha pahanne ki vidhi) भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए धारण किया जा रहा है, तो शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार के दिन आप स्नानादि से निवृत्त होकर 4 मुखी रुद्राक्ष को गंगा जल तथा पंचामृत से शुद्धिकरण करने के बाद उस पर चंदन का लेप तथा 108 या 21 पत्ते बेलपत्र के तथा एक पत्ता पीपल का चढ़ाएं धूप बत्ती से आरती लगाएं।

3. अपने गुरु के द्वारा कोई भी शिव मंत्र लेकर जितना अधिक हो सके उसके बाद अब जाप करते रहे आपके द्वारा किया जाने वाला जाप उपांशु होना चाहिए तथा जितनी अधिक मात्रा में आप जाप करेंगे उतनी अधिक शक्तियां रुद्राक्ष की जागृत होती है lयदि आपको किसी भी प्रकार से स्वयं मंत्रों के द्वारा अभिमंत्रित करने में कोई परेशानी है, तो आप किसी विद्वान पंडित या अपने घर के किसी सदस्य की मदद ले सकते हैं।

4. मंत्र को अधिक मात्रा में जपने के पश्चात आप उस रुद्राक्ष को लेकर शिव मंदिर चले जाएं वहां भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग के पास स्पर्श कराकर उसे कुछ देर के लिए छोड़ दे तथा स्वयं वहीं बैठकर उपांशु जापक भगवान भोलेनाथ के मंत्रों का करें lउसके बाद आप अपनी मर्जी क्षेत्र कार्य को बोलते हुए तथा पंडित जी का आशीर्वाद लेकर एवं उन्हें उत्तम दान दक्षिणा प्रदान कर उनका भी आशीर्वाद लें तथा भोलेनाथ का भी आशीर्वाद लें और रुद्राक्ष को वहीं पर धारण कर ले।

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5. रुद्राक्ष को धारण करके कभी भी मांस मदिरा आदि का भक्षण नहीं करना चाहिए तथा खुद को किसी भी प्रकार के अनैतिक कार्यों में लिप्त होने से भी बचना चाहिए lरुद्राक्ष को धारण कर कभी भी झूठ फरेब जैसी चीजों को अपने व्यक्तित्व में शामिल होने नहीं देना चाहिएl अन्यथा इसके परिणाम बहुत विध्वंसक हो सकते हैं।

6. कई लोग या कई बच्चे ऐसे होते हैं, जो बुध ग्रह से पीड़ित होते हैंl बुध ग्रह का नकारात्मक प्रभाव उनके जीवन के कई पहलुओं पर बहुत सी खराब चीजों को उनके जीवन का अभिन्न अंग बना देता हैl जिससे उनको कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है lऐसे में बुध ग्रह के द्वारा दिए जा रही किसी भी तरह की नकारात्मक प्रभाव को दूर करने में 4 मुखी रुद्राक्ष (4 mukhi rudraksha ki jankari) बहुत अधिक सहायक होता हैl अतः ऐसे जातक जो किसी भी प्रकार से बुध ग्रह के दुष्प्रभाव को पूरी तरह से नष्ट करना चाहते हैं, तथा ऐसे लोग जो अपने बुध ग्रह को और अधिक मजबूत बनाना चाहते हैंl उनके लिए भी 4 मुखी रुद्राक्ष बहुत ही प्रभावशाली तरीके से कार्य करता है।

7. ऐसे में सर्वप्रथम शुक्ल पक्ष के बुधवार के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर रुद्राक्ष को गंगाजल तथा पंचामृत से शुद्धिकरण करने के पश्चात बुध ग्रह के मंत्रों से इसे अभिमंत्रित करना चाहिए, जितना अधिक हो सके उतना ज्यादा बुध ग्रह के बीज मंत्रों का जाप करना चाहिए तथा जॉब करने के पश्चात इसे किसी गणेश भगवान की मंदिर या माता भवानी के मंदिर में ले जाकरl उनकी प्रतिमा से स्पर्श कराकर उसके बाद वहां के पंडित जी का भी आशीर्वाद लेने के पश्चात अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए बोल कर 4 मुखी रुद्राक्ष (4 mukhi rudraksha pahanne ke fayde) को धारण करना चाहिए।

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8. जिस भी बुधवार को आपके द्वारा चार मुखी रुद्राक्ष (4 mukhi rudraksha dharan karne ke fayde) धारण किया गया है, उस दिन भूलकर भी किसी भी महिला वर्ग से किसी भी तरह का वाद विवाद या बाहर या उनका अपमान नहीं करना है, या किसी भी परिस्थिति में स्वयं पर इतना नियंत्रण रखें कि कभी भी महिला वर्ग को अपशब्द शब्दों से उन्हें संबोधित ना करें, अन्यथा आपका बुध ग्रह और अधिक खराब हो जाएगा तथा उसके दुष्परिणाम आपके जीवन में और अधिक घातक परिस्थितियां उत्पन्न कर सकते हैं।

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