पुखराज किस को पहनना चाहिए – Pukhraj Kis Ko pahanna Chahiye

पुखराज किस को पहनना चाहिए – Pukhraj Kis Ko pahanna Chahiye

 

 पुखराज किस को पहनना चाहिए – Pukhraj

Kis Ko pahanna Chahiye

पुखराज किस को पहनना चाहिए – (pukhraj ratna kis rashi ko pahnna chahiye) लोग यह जानने के लिए बहुत जिज्ञासु होते हैं lउनके मन में यह संशय बना रहता है, किस वर्ग के लोग या कौन-कौन लोग पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं, जब भी कोई पुखराज रत्न की महत्ता को जान जाता है lसमझ जाता है, तो उसके मन में भी यह प्रश्न उठता है, कि यदि पता चल जाए कि पुखराज रत्न किसके द्वारा धारण किया जाता है, तो शायद उस चीज का वह भी लाभ उठा सकें और अपने जीवन में जिन कार्यों की पूर्ति वह अब तक नहीं कर पाया है lउन सभी को संपूर्ण पुखराज रत्न के माध्यम से कर पाए तथा जिन चीजों की इच्छा उसे हमेशा से रही है lवह सारी चीजें वह पा सके इसलिए उसके मन में पुखराज रत्न को धारण करने की इच्छा जागृत होती है।

ज्योतिष विद्या में गुरु ग्रह को सबसे प्रभावी ग्रह माना गया है, तथा उनका ऐसा मानना है, कि जब भी वह किसी की कुंडली का अध्ययन करते हैं, या किसी का कुंडली बनाते हैं, तो बनाते वक्त सबसे पहला जो काम होता हैl वह यह होता है, कि गुरु ग्रह की स्थिति किसी के कुंडली में क्या है, क्योंकि यह एक ऐसा ग्रह है, जो पापी तथा निम्न ग्रहों के दुष्प्रभाव को भी कम करने या उसे पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता रखता है, इसलिए इस ग्रह का बहुत अधिक प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता हैl गुरु बृहस्पति ग्रह का राशि रत्न पुखराज रत्न (pukhraj stone kise pahnna chahiye) को माना जाता है, ऐसा माना जाता है, कि पुखराज रत्न में गुरु बृहस्पति ग्रह की सारी शक्तियां विद्यमान रहती है lउनकी सारी भौतिक ऊर्जाओं का स्रोत होता हैl पुखराज रत्न उसमें विभिन्न प्रकार की भौतिक ऊर्जा ओं का समावेशन होता है, इसलिए लोगों के द्वारा यह व्रत धारण किया जाता है, तथा गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त हो सके तथा उनके आशीर्वाद से उनके जीवन के सारे कार्य सिद्ध हो पाए।

पुखराज रत्न (pukhraj stone kise dharan karna chahiye) देखने में बिल्कुल पीला वर्ण के समान होता है, बिल्कुल स्वर्ण के आभा के सम्मानित का रंग पीला होता है, तथा पलाश के पुष्पों के रंग के समान पीला जो हमारे मन मस्तिष्क में एक अपना गहरा छवि छोड़ देता है, तथा हमारे मन मस्तिष्क में शीतलता प्रदान करता है, जब हम इसे देखते हैं, तो हमारे आंखों को ठंडक महसूस होती हैl पुखराज रत्न मुख्यतः गुरु ग्रह की कृपा सदैव बनी रहे इसके साथ-साथ ईश्वरीय कृपा भी हमें प्राप्त होती रहे इसलिए पुखराज रत्न धारण किया जाता है।

पुखराज रत्न किस दशा में किनके द्वारा धारण किया जाता है आइए जानते हैं-

1. धनु लग्न तथा मीन लग्न वाले जातकों पर गुरु बृहस्पति ग्रह की बहुत कृपा रहती है lयह दोनों राशियां गुरु बृहस्पति ग्रह के कृपा पात्र होते हैं, इसलिए यदि इन दोनों राशियों के द्वारा पुखराज रत्न धारण किया जाए तो उन्हें अच्छे एवं सुखद अनुभव प्राप्त हो सकते हैं।

2. विभिन्न प्रकार के कलात्मक कौशलों से जुड़े हुए लोगों के लिए भी पुखराज रत्न (pukhraj stone ke labh) वरदान से कम नहीं है। उनमें उत्कृष्ट कौशलों का यह निर्माण करता है, जिससे वह किसी भी कलात्मक शैली में खुद को दक्ष पाते हैं, तथा अपना जीविकोपार्जन या धन उपार्जन करने में सक्षम होते हैं।

3. विद्यार्थी वर्ग के लोगों के द्वारा पुखराज रत्न (pukhraj stone pahnne ke fayde) विद्या अध्ययन तथा पठन-पाठन संबंधित विभिन्न परेशानियों को दूर करने के लिए धारण किया जाता है, क्योंकि उससे उन्हें विद्या अर्जन या ज्ञान अर्जन करने में काफी आसानी होती है, तथा उनका समझ का दायरा बढ़ता हैl उनकी सोचने समझने की शक्ति काफी मजबूत होती है, तथा उनकी निर्णायक क्षमता भी बढ़ती है।

4. यदि मकर राशि के उत्तम स्थान पर बृहस्पति ग्रह अवस्थित है, तो ऐसे में पुखराज रत्न धारण करनाl उनके लिए बहुत अधिक लाभदायक सिद्ध होगा उनकी सभी मनोकामना जल्द पूरे होने की भी संभावना बनी रहेगी।

5. मेष, वृष, वृश्चिक ,तुला ,सिंह कुंभ या मकर आदि राशियों के कुंडली में अगर बृहस्पति ग्रह किसी अच्छे स्थान पर अवस्थित है, तो उन्हें पुखराज रत्न धारण करने से अप्रतिम लाभ प्राप्त होता है।

6. कभी कभी किसी किसी जातक की कुंडली के किसी ऐसे भाव में बृहस्पति ग्रह अवस्थित होते हैं, जिसकी वजह से उसे शादी ब्याह संबंधित विभिन्न प्रकार की परेशानियां झेलनी पड़ती है, तो ऐसे में यदि उसके द्वारा पुखराज रत्न (pukhraj stone ke fayde) धारण किया जाता है, तो उसका विवाह जल्द ही संपन्न हो जाता है, तथा वह अपना दांपत्य जीवन का आनंद उठाता है।

7. किसी जातक की कुंडली में यदि बृहस्पति ग्रह अल्प गति से विचरण कर रहे हैं, तो ऐसे में उनके अच्छे प्रभाव को पाने के लिए पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है।

8. यदि बृहस्पति अपने भाव से छठे या आठवें भाव में स्थित हो तो पुखराज रत्न (pukhraj ratna dharan karne se kya hota hai) धारण करने से आपके जीवन में चमत्कारिक रूप से बदलाव देखने को मिलेंगे आपको बहुत ही शुभ एवं सुखद समाचार प्राप्त होंगे तथा जीवन में जितनी भी कठिनाइयां आई थीl सभी समाप्त होंगी सुखी होगाl धन-धान्य से संपन्न होगा।

9. किसी जातक की कुंडली में यदि बृहस्पति ग्रह से संबंधित किसी भी प्रकार की महादशा या दशा चल रही हो तो ऐसी स्थिति में पुखराज रत्न (pukhraj ratna dharan karne ke fayde) धारण करने से प्रतिकूल परिस्थितियों से बचा जा सकता है, तथा गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

 

 

10. पुखराज रत्न (pukhraj ratna ki jankari) को धारण करने से आपका मन अध्यात्मिक चीजों की ओर अग्रसर होता है, तथा आप अध्यात्म को अपने दैनिक जीवन में उतारने का पूरा प्रयास करते हैं, जिससे आपका मन तन एवं शरीर पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है, नकारात्मक शक्तियों का विनाश हो जाता है।

11. शिक्षा से संबंधित किसी भी क्षेत्र में यदि कोई कार्यरत है तो उसे पुखराज रत्न धारण करना चाहिएl उसे उस क्षेत्र में पुखराज रत्न (pukhraj ratna pahanne ke fayde) बहुत सफलता दिलाता है, तथा उसके ज्ञान का प्रसार बढ़ाता है, जिसकी वजह से उसकी पहुंच बहुत ऊंची होती है, तथा समाज में लोगों के बीच मान सम्मान की भी प्राप्ति होती है, उसकी प्रसिद्धि बढ़ती है।

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