जमुनिया रत्न कैसा होता है – Jamuniya
Ratna Kaisa Hota Hai
जमुनिया रत्न कैसा होता है- (jamuniya ratna kis kaam aata hai) जमुनिया एक उपरत्न है, जो देखने में बिल्कुल जामुन के रंग के समान होता है lयही कारण है, कि इससे जमुनिया कहकर संबोधित किया जाता हैl नीलम रत्न के स्थान पर जमुनिया उपरत्न का उपयोग किया जाता हैl विश्व के विभिन्न देशों में जमुनिया रत्न के अनेक खान विद्यमान है, किंतु सबसे उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले जमुनिया उपरत्न श्रीलंका ,साइबेरिया तथा ब्राजील देश से प्राप्त होता हैl जमुनिया उपरत्न को कटेला कहकर भी संबोधित किया जाता हैl यह एक बहुत सुंदर एवं आकर्षक उपरत्न होता है, तथा यह पूरी तरह से पारदर्शी होता है, जब प्रकाश की किरने स्तर करती है, तब यह प्रकाश को पूरी तरह से परावर्तित कर देता है।
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यह एक प्रकार का स्फटिक होता है, जिसका प्रयोग प्रचुर मात्रा में विभिन्न प्रकार के आकर्षक आभूषण बनाने में किया जाता हैl जमुनिया रत्न (jamuniya ratna kya hai) का संयोजक सिलिकॉन डाइऑक्साइड होता हैl इसका रंग बैंगनी होने के पीछे इसमें मौजूद लोह तत्व की अशुद्धियां होती है। जमुनिया की यह खासियत होती है, कि जब इसे ताप पर रखा जाता है, तब उसके प्रभाव से इस के रंग में परिवर्तन होने लगता हैl यह जामुनी से पीला रंग का हो जाता हैl नीलम की तरह ही इस की कठोरता भी बहुत अधिक होती है।
जमुनिया उपरत्न (jamuniya ratna ke fayde) जब हल्के रंग का होता है, तब वह गुलाबी रंग के समान प्रतीत होता हैl इस दिव्य रत्न को ज्वालामुखी चट्टानों के भीतर बड़े जियोडों में से प्राप्त किया जाता है। भारत के भी कई हिस्सों से जमुनिया रत्न की प्राप्ति होती है।
जमुनिया शनि के रत्न के रूप में उपयोग में लाया जाता हैl नीलम रत्न के स्थान पर जमुनिया उपरत्न का भी उपयोग लोगों के द्वारा व्यापक रूप से किया जाता है lयही कारण है, कि इसकी लोकप्रियता भी नीलम रत्न से कुछ कम नहीं हैl नीलम रत्न की कीमत बहुत अधिक होती है, तथा जानकारी के अभाव में कई बार लोगों के द्वारा नीलम रत्न की जगह कांच के टुकड़े ही धारण कर लिए जाते हैं, जिसका उन्हें कोई ज्ञान नहीं होता है lअज्ञात वश लोग जमुनिया रत्न के स्थान पर कांच के टुकड़े धारण तो कर लेते हैं, किंतु नीलम रत्न (jamuniya ratna dharan karne se kya hota hai) द्वारा होने वाले लाभों से पूरी तरह से वंचित रह जाते हैं lयही कारण है, कि ठगी के शिकार होने से बचने के लिए लोगों के द्वारा जमुनिया रत्न का उपयोग किया जाता है, तथा जमुनिया रत्न की कीमत नीलम रत्न की तुलना में बहुत कम होती है, ऐसे में इसकी उपयोगिता और अधिक बढ़ जाती है।
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नीलम रत्न और जमुनिया में यह भी अंतर होता है, कि नीलम रत्न कई वर्षों तक लगातार धारण किया जा सकता हैl उसकी ऊर्जा जो भौतिक रूप से उस में विद्यमान होती हैl उसका क्षरण जल्दी नहीं होता है, जबकि लहसुनिया में विद्यमान ऊर्जा का क्षरण जल्दी ही हो जाता है, जिसकी वजह से इस उपरत्न को बार-बार बदलना पड़ता है, एवं बार-बार मंत्रों से अभिमंत्रित कर विधिवत तरीके से धारण करना पड़ता हैl जमुनिया रत्न (jamuniya ratna dharan karne ke fayde) की गुणवत्ता इसकी संरचना रंग तथा अस्पष्टता पर निर्भर करती है, जितना ज्यादा गाड़ा रंग इसका होता है, उतनी अधिक इसकी कीमत भी होती है, उतना ही इसकी गुणवत्ता में उत्कृष्ट होता है।
शनि ग्रह की कृपा को प्राप्त करने के लिए जमुनिया रत्न (jamuniya ratna ke baare me bataye) को शुक्ल पक्ष के शनिवार को धारण किया जाता है, इसे अपने वजन के दसवें हिस्से के बराबर ही धारण किया जाना चाहिए तथा रत्न खरीदने से पूर्व इस बात का भी ध्यान अवश्य रखें, कि आपके द्वारा खरीदा जा रहा रत्न पूरी तरह से अच्छी अवस्था में हो, कहीं से भी वह टूटा टूटा ना हो तथा उसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि ना हो।
इस रत्न को धारण करने वाले जातकों को निम्नलिखित दुर्लभ लाभ प्राप्त हो सकते हैं –
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1. शनि की दशा ,शनि ग्रह की महादशा, शनि ग्रह की अंतर्दशा हो या शनि की ढैया हो या शनि की साढ़ेसाती इन सभी चीजों के गलत प्रभाव से बचने के लिए जमुनिया रत्न को अभिमंत्रित एवं सिद्ध कर धारण किया जाता है।
2. जमुनिया रत्न को धारण करने से जातक को विभिन्न प्रकार से शारीरिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता हैl जमुनिया रत्न (jamuniya ratna pahanne ke fayde) को धारण करने से जातक की मानसिक स्थिति भी उत्तम होती हैl जमुनिया रत्न का उसे उत्कृष्ट लाभ प्राप्त होता है।
3. किसी भी प्रकार के गलत आदत को छोड़ने के लिए तथा नशा हो या गलत लत इन सभी चीजों से पूरी तरह से छुटकारा पाने के लिए जमुनिया रत्न (jamuniya ratna ke labh) का उपयोग किया जाता हैl जमुनिया रत्न के प्रभाव से जातक की आलस्य सुस्ती जैसे चीजें समाप्त होती है, तथा जातक में सकारात्मक ऊर्जा का संचार को यह बढ़ा देता है, इसके साथ-साथ यह उसे ऊर्जावान बनाता है, जितने जातक विभिन्न प्रकार के कार्यों को पूर्ण करने की क्षमता रखता है।
4. जमुनिया रत्न (jamuniya ratna ka upyog kaise kare) का उपयोग ध्यान तथा एकाग्रता में अप्रत्याशित रूप से लाभ प्राप्त करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता हैl ध्यान तथा एकाग्रता शक्ति की वृद्धि में बाधक बनने वाले चीजों को यह पूरी तरह से नष्ट कर देता है, तथा एकाग्रता शक्ति को यह जागृत कर देता है, इसके साथ-साथ जातक की स्मरण शक्ति को भी बढ़ाता है।
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5. धन उपार्जन में भी जमुनिया रत्न जातक के प्रगति के मार्ग को प्रशस्त कर देता है। रोजी -रोजगार संबंधित चीजों में जातक को अप्रत्याशित सफलता प्रदान करता है।
6. जमुनिया रत्न (jamuniya ratna ka prabhav) का उपयोग उपचारात्मक रूप में भी किया जाता है, जिससे किसी भी अवसाद से ग्रसित व्यक्ति का इलाज किया जाता है, एवं चिरचिरा हट, पागलपन जैसी स्थिति को भी दूर करने की क्षमता जमुनिया रत्न में विद्यमान होती है। जमुनिया रत्न के प्रभाव से जातक अनिद्रा जैसी समस्या से भी निजात प्राप्त करता है।
7.जमुनिया रत्न को धारण करने से जातक का चित पूरी तरह से जागृत होता है, इससे उसके व्यवहारिक जीवन में बहुत ही अच्छे एवं अनुकूल परिणाम देखने को मिलते हैं।
8. जमुनिया रत्न (jamuniya ratna ki jankari) एक संरक्षक के रूप में जातक को दुश्मनों से सुरक्षा प्रदान करता है, तथा शत्रु बाधा संबंधित चीजों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। जमुनिया रत्न को धारण करने से मन प्रफुल्लित रहता है, तथा मानसिक शांति की भी प्राप्ति होती है।
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